Friend Ke Badi Sister Ka Skirt Utha Kar Chut Dekha 2
Hindi Sex Story हेल्लो फ्रेंड्स मैं वैभव. आपने मेरी कहानी Friend Ki Badi Sister Ka Skirt Utha Kar Chut Dekha पढ़ी मुझे उम्मीद है आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी. तो दोस्तों जैसा आप सबने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा की कैसे मैंने अपने दोस्त की दीदी के जिस्म का मजा अपने दोस्त के साथ लिए दीदी के सोते हुए, अब मैं आगे बताता हूँ की कैसे हमने दीदी को गरम करके उनके साथ चुदाई किया. Friend Ke Badi Sister Ka Skirt Utha Kar Chut Dekha 2.
में : अरुण अब आज का प्लान सुनेगा? आज हम बहुत कुछ करेंगे.
अरुण : अब आगे क्या करना बाकी है? कल से ज़्यादा कुछ कर तो नहीं सकते ना, वर्ना उससे पता चल जाएगा.
में : मुझे पता था तू यही कहेगा, तू ज़रा सोच कि अगर कल में ना होता तो क्या तू वो सब कर सकता था? नहीं ना, मेरी बात मान और में जो कहता हूँ तू वही कर और देख कैसे प्रियंका को पता चले बिना वो हमें सब कुछ करने देगी, अरुण का अंडरवियर का भाग पूरा फूल चुका था, उसका लंड मेरी बातें सुनकर और भी तन गया.
अरुण : क्या करना है?
में : आज हम प्रियंका को देखेंगे, उसके बूब्स, उसकी गांड, उसकी चूत का हिस्सा चारों से तरफ देखेंगे. वो भी उसके सामने उसे भी पता चलना चाहिए कि हम उसे ऐसी नज़र से देख रहे है, लेकिन हमे ऐसा दिखना है कि हमे नहीं पता वो हमारी बुरी नज़र के बारे में जानती है और उसे शुरू में थोड़ा अलग लगेगा कि उसके भाई उसे ऐसे देख रहे है, लेकिन यह कोई नयी बात नहीं है. हम उसे पहले भी थोड़े थोड़े देखते थे, लेकिन उसे वो सब एक घटना जैसा दिखता था और हर लड़का ऐसा ही होता है यह बात उसे भी मालूम है. उसे बस अलग लगेगा कि आज हम बिना डर के उसे देख रहे है.
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अरुण : ठीक है में यह कर सकता हूँ, लेकिन इसके आगे क्या?
में : इसके आगे का काम तू मुझ पर छोड़ दे.
तो बस यहीं से हमारा प्लान शुरू हुआ..
दोस्तों हम प्रियंका को बुरी नज़र से देख रहे थे, जब वो खाना बनती, इधर से उधर जाती, हर समय हम उसे घूर रहे थे और उसे यह सब मालूम था, क्योंकि पहले तो वो बहुत चकित दिख रही थी, लेकिन कुछ देर के बाद में धीरे धीरे ठीक होती गई और में उससे बहुत बातें कर रहा था, कभी उसे हंसाता, कभी चिढ़ता और उसे सब्जी काटने के बहाने से छूता और फिर मैंने अरुण को भी इसमें शामिल किया और आज दिनभर हम उसे बहुत इज्जत दे रहे थे, जैसे कि वो कोई रानी है और हम उसकी सुन्दरता की भी बहुत तारीफ करने लगे. जिससे वो एकदम शरमा जाती, हमने उससे ऐसी पहले कभी बात नहीं की थी, लेकिन अब सब ठीक हो रहा था और शाम के चार बज चुके थे.
हम अपने कमरे में गेम खेल रहे थे और तभी हमारे प्लान को आगे बड़ाने का वक़्त आया, मैंने दरवाजा को थोड़ा सा खोल रखा था और उस समय प्रियंका किचन में थी और में इंतज़ार कर रहा था कि कब वो हमारे कमरे से होती हुई बाथरूम की तरफ जाए और उसके आने का एहसास होते ही में अरुण से बातें करने लगा. वैसे मैंने अरुण को पहले ही बताकर रखा था कि उसे क्या बोलना है? और इतनी ज़ोर से बोलना है कि जब प्रियंका दरवाजे के करीब आए तो उसे बाहर से सब सुनाई दे.
में : लेकिन अरुण अब क्या करे वो बहुत सुंदर है और में तो अपने आपको कंट्रोल ही नहीं कर सकता, में जब उसे देखता हूँ तो वो एसी लगती है जैसे कि वो कोई अप्सरा है और अभी तक बाथरूम का दरवाजा नहीं खुला था. तो मुझे पक्का विश्वास था कि प्रियंका दरवाजे के बाहर से यह सब सुन रही है.
अरुण : लेकिन वो तो दीदी है ना और हम उसके बारे में ऐसा कैसे सोच सकते है?
में : दीदी है तो क्या हुआ? प्यार तो किसी से भी हो सकता है और प्रियंका को देखकर किसको प्यार ना आए? तूने कल देखा था ना जब वो सोफे पर सोई थी, कितनी मस्त सेक्सी लग रही थी, में तो वो नज़ारा अपनी आखों के सामने से हटा ही नहीं पा रहा हूँ.
अरुण : हाँ वो तो है मैंने उसे पहले कभी ऐसे नहीं देखा, लेकिन कल तो जैसे इस दुनिया में उसके बराबर कोई और लड़की ही नहीं, लेकिन तू जो कह रहा है वो नहीं हो सकता, वो हमारी दीदी है.
में : कुछ नहीं होगा, यह इस उम्र में सभी लड़को को होता है, ऐसे वक़्त में अपने आस पास की सुंदर लड़की से प्यार हो जाता है, चाहे वो अपनी दीदी ही क्यों ना हो? और कुछ सप्ताह के बाद यह सब पता चला जाएगा और आज जब वो सोएगी तो बस उसको यहाँ वहां छूना है और अगर मौका मिले तो थोड़ा देखना है और हम उसके बाद मुठ मारेंगे, उसे पता भी नहीं चलेगा और फिर कभी नहीं करेंगे और कुछ दिनों बाद हम दोनों को याद भी नहीं होगा.
तो अरुण मेरे कहने के मुताबिक थोड़ी देर चुप रहा और वो सोचने का नाटक कर रहा था, प्रियंका भी यह सब बातें हमसे छुपा रही होगी और मुझे पक्का विश्वास था कि वो हमारी बात को समझ रही है.
अरुण : मुझे पता नहीं और अगर वो उठ गयी और उसे बुरा लगा तो वो मुझसे नाराज हो जाएगी और अगर ऐसा हुआ तो में अपने आपको ज़िंदगी भर माफ़ नहीं कर सकता क्योंकि वो मेरी दीदी है और में उसको बहुत प्यार करता हूँ, उसकी आवाज़ में थोड़ी सच्चाई थी और थोड़ा भारी पन और मुझे पता था कि अब तक यह सब सुनकर प्रियंका की आखें गीली हो चुकी होगी.
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में : हाँ मुझे अच्छी तरह से पता है कि अरुण और में भी यह सब नहीं चाहता, लेकिन अगर हमने यह आज नहीं किया तो हम ज़िंदगी भर उसके लिए तड़पते रहेंगे और इसलिए हमें इस किस्से को आज ही खत्म करना है. अगर प्रियंका को पता होता तो वो भी यही चाहती, आख़िर हम उसके भाई है और वो भी हमे इस वक़्त में थोड़ी मदद करना तो ज़रूर चाहती होगी, आख़िर इसमे उसका जाता ही क्या है थोड़ा देखना और छूना, मेरी बात मान अरुण आज हम उसके सोने के बाद कर लेते है, उसको पता भी नहीं चलेगा और कल से सब एकदम ठीक हो जाएगा. दोस्तों इतना सब कुछ सुनने के बाद तो शायद ही कोई होगा जिसे मेरी बात ठीक ना लगे और फिर अरुण ने थोड़ा सोचने का नाटक किया और बोला.
अरुण : ठीक है, लेकिन स्टार्ट तू करना में नहीं करूँगा.
में : अच्छा आज बहुत गर्मी है हम बनियान भी उतार देते है और सिर्फ अंडरवियर ही पहनते है और वैसे भी हम लड़के है प्रियंका कुछ नहीं कहेगी, चल अब थोड़ी देर खेलते है, प्रियंका किचन में होगी, उसका किचन का काम होने से पहले काम खत्म करते है.
तो उसके थोड़ी ही देर बाद बाथरूम का दरवाजा खुला, लेकिन थोड़ा ज़्यादा ही देर के बाद खुला और शायद मेरी कहानी सुनकर प्रियंका को ज़रूर कुछ हुआ होगा. तो शाम को खाने से पहले में बाहर जाकर कुछ प्रेग्नेंट ना होने वाली दवाईयां ले आया क्योंकि मुझे पता था कि अब मेरा प्लान काम करेगा. तो शाम को खाने के समय में और अरुण सिर्फ़ अंडरवियर में थे, लेकिन प्रियंका ने कुछ नहीं कहा, उसके चहरे पर शर्म दिख रही थी, लेकिन वो नॉर्मल दिखने का प्रयास कर रही थी और अब जबकि मुझे पता था कि प्रियंका ने हमारी सब बात सुन ली है और समझ भी ली है तो में आग में तेल छिड़कने लगा. में प्रियंका को खाना खिलाने में मदद करने लगा और अब में पहले से कुछ ज़्यादा छू रहा था और अगर उसने हमारी बात ना सुनी होती तो शायद माहोल कुछ और ही होता, लेकिन उसके चहरे पर बिल्कुल भी गुस्सा नहीं था..
अब मेरा लंड पूरा तना हुआ था और अंडरवियर के बाहर से साफ साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन मैंने उससे वैसे ही व्यहवार रखा और खाना खाने के बाद हम आज भी फिल्म देखने लगे ज़्यादा देर भी नहीं हुई करीब 8 बजे होंगे और मैंने अपना प्लान आगे बढ़ाया और प्रियंका से कहा कि प्रियंका तुम आज टीवी के सामने ही एक बिस्तर लगा लो, टीवी देखते हुए तुम आराम से सोना और अगर तुम सो भी जाओगी तो हम तुम्हे नहीं उठाएगे और बस टीवी बंद करके अपने रूम में चले जाएँगे और तुम यहीं पर आराम से सो जाना.
दोस्तों मेरी बात तो एकदम ठीक थी, लेकिन प्रियंका समझ चुकी थी कि आज उसके साथ क्या होने वाला है और उसके भाई आज उसके बदन को छुयेगें, चूमेंगे और देखेंगे. मेरे प्लान में यह पहले से ही था कि उसको भी मालूम हो कि क्या हो रहा है और अब वो राज़ी हो गई, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि उसकी आज पूरी रात भर हर जगह चुदाई होगी. “Friend Ke Badi Sister”
प्रियंका : ठीक है में भी थकी हुई हूँ, में आज आराम से सो जाउंगी, लेकिन मुझे बीच में जगाना मत.
तो बिस्तर मिलने के बाद प्रियंका टीवी के ठीक आगे ज़मीन पर पड़े हुए बिस्तर पर लेटकर पेट के बल होकर टीवी देखने लगी, में और अरुण भी बिस्तर पर ही उसके दोनों साईड में बैठे थे और करीब आधे घंटे के बाद प्रियंका ने पहली बार आंखे बंद की और उसने सर नीचे किया. मुझे पता था कि वो बस आखों को आराम करा रही है और उसे नींद इतनी जल्दी तो किसी भी हालत में नहीं आएगी, लेकिन मेरा प्लान तो यही था कि उसे भी मालूम हो कि उसके साथ क्या हो रहा है, लेकिन फिर भी उसे लगे कि हमे नहीं मालूम कि हमें सब कुछ पता है और मैंने झट से बोल दिया.
में : अरुण वो सो गयी है देख तो कितनी थकी हुई थी कि इतनी जल्दी सो गई, ऐसे थकी हुई हालत में तो आदमी बहुत आराम से सोता है. अब तू कुछ भी कर, उसकी नींद नहीं खुलेगी.
तो मैंने कोने से छिपकर देखा कि प्रियंका ने एक बार आखें झट से खोली. मेरी यह बात सुनकर फिर जल्दी से बंद कर लिया और सोने का नाटक करने लगी और बस में मुस्कुरा दिया और अब अरुण भी बहुत खुश था कि हमारा प्लान सही मोड़ पर जा रहा था.
अरुण : हाँ लग तो रहा है कि मस्त गहरी नींद में सोई है अब क्या करें?
में : चल अपना अंडरवियर उतार देते है और अगर उसे थोड़ा छूना है तो मज़े आराम से ही करें.
तो हमने अपना अपना अंडरवियर उतार दिया और साईड में रख दिया.
अरुण : लेकिन अब शुरू कहाँ से करें?
में : वैसे हमने आज तक किसी को किस भी नहीं किया, तो अब हम स्टार्ट वहीं से करते है, तू उस साईड होकर लेटम, में इस साईड लेट जाता हूँ.
तो पहले मैंने प्रियंका को ऊपर की तरफ पलटा दिया और अब हो पीठ के बल लेटी हुई थी और उसके आगे का हिस्सा हमारे सामने था और फिर हम उसके साथ ही उसके साईड पर लेट गये, मेरा एक पैर उसके सीधे पैर पर था और एक हाथ उसके पेट पर था और दूसरी साईड पर अरुण का एक पैर उसके उल्टे पैर पर था और उसका एक हाथ मेरे हाथ से थोड़ा ठीक ऊपर उसके पेट पर था और हम दोनों का लंड प्रियंका की कमर के साईड पर सटा हुआ था, वो क्या मस्त अहसास था? हमारा आधा बदन उसे दोनों साईड पर सटा हुआ था और मैंने एक बार अरुण की तरफ देखा और इशारा किया. फिर मैंने सीधे प्रियंका के होंठ पर अपना होंठ रखा और अपनी जीभ और होंठो दोनों से उसके होंठो को चूसने, चाटने लगा. तो अरुण भी प्रियंका के दूसरी साईड के गालो, आखों, गर्दन हर जगह किस कर रहा था. “Friend Ke Badi Sister”
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फिर में भी उसे हर जगह किस करने लगा और जीभ से चाटने लगा. कभी अरुण उसके होंठो को पकड़ता तो कभी में और यह सब थोड़ी देर चलता रहा और हम रुक गये और साँस लेने के लिए नीचे देखा तो प्रियंका लंबी लंबी सांसे ले रही थी और मुझे पता था कि वो भी अब गरम हो जाएगी और अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पाएगी.
तो अब उसके होंठ थोड़े खुले हुए थे और गर्दन से लेकर माथे तक पूरा बदन एकदम गीला था, लेकिन आखें बंद थी और यह देखकर मुझे विश्वास हो गया कि आज हम जो भी इसके साथ करेंगे यह आँख नहीं खोलेगी और कल किसी को पता भी नहीं चलने देगी कि रात को इसके साथ कुछ हुआ था.
मैंने अरुण की तरफ इशारा किया और हमने उसको फिर से पेट के बल किया. अब उसकी गांड ठीक हमारे सामने थी और उसे पलटने की वजह से स्कर्ट बहुत ऊपर हो चुकी थी. मैंने थोड़ा और ज़ोर से ऊपर कर दिया, जिसकी वजह से उसकी पूरी पेंटी दिख रही थी और उसकी टी-शर्ट को भी ऊपर गर्दन तक कर दिया. वाह! क्या नज़ारा था? गोरी पीठ, गोरी जांघ और गांड में पेंटी में उसके नज़दीक लेटकर अपने बदन को उसके साईड पर चिपका दिया और एक हाथ से नीचे से उसके बूब्स को दबाने लगा और दूसरी हाथ से उसके गांड को पेंटी के ऊपर से ही मसलने लगा.
दूसरी साईड पर अरुण भी मेरी नकल कर रहा था और अब में खड़ा हो गया. तो प्रियंका को एक बार ऊपर से नीचे की और देखा और उसके ठीक ऊपर लेट गया कि मेरा लंड उसकी गांड के बीचो बीच था. मेरा पेट उसकी पीठ पर. फिर अरुण उसके सर की तरफ चला गया और वहीं बैठकर हम दोनों हाथों को नीचे ले जाकर उसके बूब्स को मसलने लगा और में उसकी पेंटी पर गांड पर ज़ोर ज़ोर से लंड को रगड़ने लगा और धक्का भी देने लगा जैसे कि उसको पीछे से चोद रहा हूँ, अरुण भी आखें बंद करके प्रियंका के बूब्स को मसल रहा था और उसका लंड प्रियंका के सर के बालों पर सटा हुआ था और थोड़ी ही देर बाद अरुण प्रियंका के सर पर झड़ गया और उसके काले बालों में अरुण का सफेद पानी दिख रहा था और कुछ देर बाद में भी झड़ गया. “Friend Ke Badi Sister”
हम दोनों रुक गये और सांसे लेने लगे करीब 4-5 मिनट के बाद हमारा लंड फिर से खड़ा हो चुका था और प्रियंका को देखकर हमारा दिल भरा नहीं था. फिर मैंने अपने दोनों हाथों को प्रियंका की गांड के ऊपर से होकर साईड पर ले गया और उसकी पेंटी पर उंगली घुसाकर ज़ोर से एक झटके में उसके पेंटी को पूरा नीचे कर दिया और बाहर फेंक दिया, वाह क्या मस्त माल था, पूरा गोल गोल? तो मैंने दोनों हाथों से उसकी गांड को पकड़ा और उसकी गांड को फैलाया तो उसकी गांड के छेद पर नज़र गई और अरुण भी देखने के लिए आ गया प्रियंका की गांड का छेद.
मुझसे रहा नहीं गया, हम दोनों सर झुकाकर उसकी गांड को चाटने लगे, कभी यहाँ तो कभी वहां और उसके दोनों पैरों को मैंने फैला दिया था और उसकी चूत भी नज़र आ रही थी और उसकी चूत पर बाल थे, लेकिन ज़्यादा नहीं, बस ढकने के लिए बहुत थे. प्रियंका की चूत के बाल पूरी तरह भीग गए थे वो भी पूरा तरह गरम हो गई थी और अब अरुण अपनी जीभ से प्रियंका की गांड के छेद को कभी चाट रहा था. तो कभी छेद के अंदर जीभ को घुसाने की कोशिश कर रहा था.
में एक उंगली प्रियंका की चूत के अंदर पूरी अंदर बाहर कर रहा था और जीभ से चाट भी रहा था और थोड़ी देर चाटने और चूसने के बाद अब प्रियंका हमारे लिए तैयार हो गयी थी, उसे हमने फिर से पलटाया और पेट के बल लेटा दिया. तो अरुण ने देरी ना करके उसकी टी-शर्ट को भी उतार दिया. में प्रियंका की चूत के नज़दीक लंड को ले जाकर अंदर लाने की तैयारी करने लगा तभी अरुण ने मेरे प्लान के मुताबिक अपने होंठ को प्रियंका के कान के नज़दीक ले जाकर पूछा.
अरुण : अरे यह क्या? अगर हमने प्रियंका को चोदा तो वो कहीं प्रेग्नेंट ना हो जाये?
में : डर मत में प्रेग्नेंट ना होने वाली गोली ख़रीदकर लाया हूँ, हम आज रात भर चोदेंगे और सुबह उसे चाय में एक गोली मिलाकर दे देंगे. उसे कुछ पता भी नहीं चलेगा. दोस्तों यह सब तो नाटक था कि प्रियंका को पता चले कि सब ठीक है. “Friend Ke Badi Sister”
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फिर में अपने लंड का टोपा मतलब कि लंड का सर उसकी चूत पर ले गया और एक ही झटके से अंदर किया, प्रियंका के मुहं से ज़ोर से आअहह की आवाज़ आई, लेकिन उसने होंठ बंद करके आवाज़ को दबा लिया और मैंने नीचे देखा तो उसकी चूत लाल हो गई थी. खून आने लगा था, इसका मतलब है कि वो अब तक वर्जिन थी यह तो पक्का ही था. में लंड को बिना बाहर निकाले धीरे धीरे उसे चोदने लगा. उधर अरुण यह सब देखकर बहुत गरम हो गया और प्रियंका के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा, क्योंकि इस बार प्रियंका पीठ के बल थी, अरुण का लंड उसकी नाक पर था और अब में ज़ोर ज़ोर से प्रियंका को चोदने लगा, जन्नत की सैर भी इतनी मजेदार नहीं होगी और मुझे ऐसा लग रहा था कि प्रियंका की चूत और मेरा लंड एक ही थे, लेकिन जुदा हो गये थे और अब वो फिर से एक हो गये और में चुदाई में इतना मस्त था कि मेरी आंख बंद थी और में चोद रहा था.
फिर आखें खोलकर अरुण की और देखा तो प्रियंका का मुहं पूरा खुला हुआ था, लेकिन आवाज़ नहीं निकल रही थी. अरुण को भी सब्र नहीं हुआ और वो अपने लंड को प्रियंका के मुहं में घुसाने लगा. तो प्रियंका का हाथ थोड़ा उठने लगा था, लेकिन वो वापस लेट गयी फिर अरुण अब प्रियंका को दीदी ना मानकर उसके मुहं को बस एक मुलायम छेद मानकर ज़ोर से धक्का देने लगा. उसका पूरा लंड प्रियंका के मुहं पर जाता और फिर बाहर आता और इधर में भी चोद रहा था और प्रियंका की चूत ने मेरे लंड को ज़ोर से पकड़ रखा था और कमरे में छप छप की आवाजें आ रही थी.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और अपने लंड को पूरा प्रियंका की चूत में घुसाकर झड़ने लगा और उधर अरुण का लंड भी प्रियंका के मुहं के पूरा अंदर घुस गया था और प्रियंका के होंठ अरुण के लंड के बालों पर थे और वो भी झड़ रहा था. तो प्रियंका को पूरा बदन जैसे छटपटा रहा था, शायद वो भी अब झड़ रही थी. मेरे लंड पर उसका पानी होकर पूरा बाहर निकल रहा था और मुझे मालूम हो गया कि प्रियंका को भी सेक्स पसंद है. “Friend Ke Badi Sister”
फिर हमने झड़ने के बाद प्रियंका के अंदर से लंड को बाहर निकालकर साईड में लेटकर सांसे लेने लगे और प्रियंका भी ज़ोर ज़ोर से सांसे ले रही थी, लेकिन उसकी आंखे अभी भी बंद ही थी. दोस्तों एक बात में सच कहता हूँ कि वो सेक्स मेरी ज़िंदगी का सबसे रंगीन मजेदार सेक्स था. मैंने फिर बहुत सेक्स किया और कुवारीं लड़कियों के साथ भी, लेकिन वो प्रियंका के साथ किया हुआ अरुण और मेरा सबसे अच्छा सेक्स था.
फिर उस रात अरुण और मैंने प्रियंका को 5 बार चोदा. सुबह 4 बजे तक एक बार तो हमने प्रियंका को उठाकर पूरा खड़ा कर दिया. फिर अरुण ने खड़े होते हुए ही प्रियंका के दोनों पैरों को अपनी कमर की साईड में लेकर लंड उसकी चूत में घुसा दिया, मैंने प्रियंका के पीछे होकर उसकी गांड में लंड घुसा दिया और हम दोनों प्रियंका को आगे और पीछे की तरफ से एक ही बार में चोदने लगे और ज़्यादा झड़ने की वजह से उस बार हमें झड़ने में दो घंटे लगे, प्रियंका ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी, लेकिन आखें अभी भी बंद ही थी. “Friend Ke Badi Sister”
फिर अगली बार हमने जगह बदल दी. इस बार में प्रियंका की चूत पर गया और अरुण उसकी गांड पर, वो रात सिर्फ़ चुदाई की रात थी. प्रियंका भी बहुत मज़े से हम दोनों के लंड अंदर ले रही थी. फिर दूसरे दिन सुबह जैसे कि सब ठीक था. प्रियंका ने कुछ ऐसा एहसास होने नहीं दिया कि रात को कुछ हुआ था, लेकिन बस एक बात अलग थी कि अब हम कुछ भी कर सकते थे. जब प्रियंका चाय बना रही थी.
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तो में उसके नज़दीक गया और पीछे से नीचे होकर मैंने उसकी स्कर्ट को ऊपर किया और उसकी पेंटी को उतार दिया और उसकी गांड और चूत को चूमने लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और चाय बनाती रही जैसे कि कुछ नहीं हो रहा और बाद में वो पेशाब करने टॉयलेट में गयी और कोमोड पर बैठ गयी तो अरुण भी उसके साथ ही अंदर गया और जैसे ही वो कोमोड पर बैठकर पेशाब करने लगी तो अरुण ठीक उसके सामने खड़े होकर अपना लंड उसके मुहं के पास लाया और प्रियंका ने अरुण को देखे बिना ही मुहं खोलकर लंड को चूसने लगी और अरुण भी ज़ोर ज़ोर से प्रियंका के मुहं को चोदने लगा और बस हमारा गर्मी का छुट्टी का सफर ऐसे ही चलता गया.