Friend Ki Badi Sister Ka Skirt Utha Kar Chut Dekha 1
Hindi Sex Story Didi Ki Chudai मेरा नाम वैभव है और में 24 साल का भोला भाला लड़का हूँ और आज में आपको एक बहुत ही गरम और मस्त घटना सुनाने जा रहा हूँ जो कि मेरे हुई है. दोस्तों में पहली बार अपनी कहानी लिख रहा हूँ तो मेरे लिखने में कोई गड़बड़ी हुई तो मुझे माफ़ कर देना, लेकिन मुझे विश्वास है कि आपको मेरी यह स्टोरी जरुर पसंद आएगी. Friend Ki Badi Sister Ka Skirt Utha Kar Chut Dekha 1.
दोस्तों यह घटना तब की है, जब में 18 साल का था और मेरा कज़िन अरुण भी 18 का ही था, लेकिन उसकी बड़ी बहन प्रियंका हमसे एक साल बड़ी थी. शायद वो तब 19 साल की थी, लेकिन हम सब एक दूसरे को अपने नाम से ही बुलाते थे, जैसे कि हम सब एक ही उम्र के दोस्त है. में और अरुण एक दूसरे के बहुत ही करीब थे, बचपन में हम एक साथ बहुत खेलते थे.
प्रियंका भी मुझे अपनी दीदी जैसे लगती थी और जब हम बड़े होने लगे, हमे धीरे धीरे सेक्स के बारे में पता लगने लगा, हम लड़कियों को देखने लगे. में और अरुण तो बहुत सीधे साधे थे, लेकिन हमारी क्लास के कुछ दोस्त बहुत हरामी थे, वो हमे बहुत कुछ सिखाते थे.
अब प्रियंका भी बड़ी होने लगी थी और अब उसके शरीर का विकास भी साफ साफ दिखने लगा था, उसका चेहरा कोई हिरोइन की तरह बहुत सुंदर तो नहीं था, लेकिन उसके होंठ, गाल, आंखे देखकर तो किसी का भी मन उसको चूमने और एक बार चोदने का करे और उसका एकदम गोरा सफेद बदन और उभरती हुई जवानी जो भी उसे एक बार देखे तो उसका दीवाना हो जाए और उसकी सबसे खास बात यह थी कि उसके बूब्स कुछ ठीक आकार से बहुत बड़े थे और हमारे कुछ दोस्त भी उसके दूध के बारे में बहुत कुछ कहते थे, लेकिन में और अरुण प्रियंका के बारे में एक दूसरे से ऐसी बातें कभी नहीं करते थे.
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दोस्तों हम कंप्यूटर गेम्स बहुत खेलते थे तो एक बार क्या हुआ कि अरुण के पापा और मम्मी बाहर घूमने चले गये, यही कोई 10-12 दिन के लिए और उस समय गर्मी की छुट्टी चल रही थी. तो अरुण और प्रियंका घर पर ही थी और फिर में वहाँ पर कभी गेम्स खेलने और कभी फिल्म देखने चला जाता था. फिर एक दो दिन तो ऐसे ही गेम्स और फिल्म में चले गए और फिर अगले दिन प्रियंका बाज़ार सब्जी लेने जाने लगी, उसने नरम कपड़े वाली स्कर्ट पहनी हुई थी जो कि उसके घुटने तक आ रही थी और हम रूम में बैठकर फिल्म देख रहे थे. प्रियंका दरवाजे तक गयी और कहा कि में सब्जी लेने बाज़ार जा रही हूँ और थोड़ी देर में आ जाउंगी हम लोग उसकी तरफ मुड़े और सर हिलाते हुए हाँ कहा.
तभी हमने देखा कि जैसे ही वो सेंडिल लगाने के लिए नीचे झुकी उसकी स्कर्ट का पीछे वाला भाग ऊपर होने लगा और उसकी जांघ के ऊपर का हिस्सा भी थोड़ा थोड़ा दिखने लगा और हम तो बस देखते ही रहे गए, वो कितना मोटा था और कितना सिल्की, नरम और गोरा था, लेकिन घुटने से जितना ऊपर नज़र बड़ाओ उतना गोरा होता जाता था. फिर उसने सेंडिल लगाया और दरवाजा बंद करके चली गयी, लेकिन हमारे लंड को एक अजीब सा दर्द दे गई और हम फिर से टीवी देखने लगे, लेकिन मुझसे अब रहा नहीं गया और में बोला क्यों अच्छा नज़ारा था? तुझे कैसा लगा?
अरुण ने कुछ सेकेंड्स तक कुछ नहीं बोला और फिर सर हिलाते हुए धीरे से बोला कि अच्छा ही था. दोस्तों अरुण बाहर से भोला था, लेकिन अंदर से हम दोनों एक ही थे क्योंकि हम इंटरनेट पर सेक्स फिल्म भी देखते थे और बातें भी करते थे, लेकिन प्रियंका की नहीं. तो मैंने फिर से कहा कि मेरा तो लंड एकदम खड़ा हो गया, क्यों तेरा कुछ नहीं हुआ क्या? तो उसने कहा कि हाँ खड़ा तो मेरा भी हो गया और हमारी नज़र अभी भी टीवी पर ही थी और में अब समझ चुका था कि हम अब प्रियंका के बारें में कुछ भी बातें कर सकते है और बस एक बार स्टार्ट होने की देरी थी.
में : क्यों तूने कभी मुठ मारी है उसको देखकर या याद करके?
अरुण : हाँ एक बार हालात की वजह से कंट्रोल नहीं कर सका और मारी थी, लेकिन बाद में अच्छा नहीं लगा.
में : वो ऐसे कैसे हालात थे जो तू कंट्रोल नहीं कर सका?
फिर मेरा लंड धीरे धीरे और भी मोटा हो रहा था और अरुण का चेहरा देखकर मुझे लग रहा था कि उसे यह बातें करने में रूचि है.
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अरुण : बस एक दिन हम टीवी देख रहे थे और मुझे पता ही नहीं चला कि कब हम दोनों सो गये थे और जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मेरा एक हाथ उसकी गांड के ऊपर था और उसने पतले कपड़े वाली सलवार कमीज़ पहनी हुई थी जिसकी वजह से मुझे उसकी पेंटी भी महसूस हो रही थी और पता नहीं क्यों में उसकी गांड के ऊपर थोड़ा सहलाते हुए उसे धीरे से मसलने लगा. तभी वो थोड़ी हिली और मैंने डर के मारे हाथ हटा दिया और फिर में बाथरूम में जाकर लंड को हिलाने लगा और उसके नाम की मुठ मारने लगा और में जल्दी ही झड़ गया, लेकिन बहुत ही मज़ा आया, लेकिन थोड़ी देर बार कुछ अच्छा नहीं लगा इसलिए मैंने उसके बारे में कभी भी फिर से कुछ नहीं सोचा.
दोस्तों में तो बस हैरान हो गया, मेरा दिल ज़ोर से धड़क रहा था और अरुण भी थोड़ी लंबी लंबी साँसे ले रहा था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि यह कैसा अहसास है? वो हमारी दीदी थी, लेकिन ऐसा सोचने से हमे इतना सेक्स चढ़ रहा था जितना कभी पॉर्नफिल्म देखने पर भी नहीं होता था. तो मेरे दिमाग़ में कुछ शैतानी सुझाव आ रहे थे और में पढ़ने में ज़्यादा अच्छा नहीं था, लेकिन में औरतों के दिल को अच्छी तरह से जानता था कि कैसे किसको कब क्या कहना है? और मौके का फ़ायदा उठना, किसी से कुछ भी करवाना मुझे अच्छी तरह से आता था. फिर मैंने अपने आईडिया को हक़ीक़त बनाने के पहला कदम बड़ाया.
में : अरुण मुझे तो मुठ मारनी है पहले तू बाथरूम जाएगा या में जाऊँ?
अरुण : नहीं, पहले तू ही जा.
तो में उठा और कहा कि में तो प्रियंका की गांड के बारे में सोचते हुए अपने लंड को सहलाऊँगा, तू भी उसके बारे में ही सोचना अगर बाद में अच्छा नहीं लगे तो मुझे कहना यह कहकर में मुठ मारने चला गया, लेकिन वो कुछ नहीं बोला में अंदर चला गया और मैंने मुठ मारना शुरू कर दिया और जब मैंने आखें बंद की तो मुझे बस प्रियंका ही नज़र आ रही थी. उसकी गोरी गोरी जांघे उसकी बड़ी सी गांड, में अपनी सोच में उसकी स्कर्ट को उठाकर उसकी पेंटी को नीचे करके उसकी गांड को धीरे धीरे मसल रहा था और मेरा दिल तो इतना ज़ोर से धड़क रहा था कि जैसे में अभी दौड़कर आया हूँ और मुझे झड़ने में ज्यादा देर नहीं लगी.
फिर में बाहर गया तो मैंने देखा कि अरुण दरवाजे के ठीक सामने ही खड़ा हुआ था और मेरे निकलते ही वो अंदर चला गया और हम मुठ मारने के बाद फिर से टीवी के सामने बैठे थे. हम दोनों ने थोड़ी देर तक कुछ नहीं कहा और मुझे पता था कि मेरे प्रियंका के बारे में कहने से मुठ मारने के वक़्त उसने सिर्फ़ प्रियंका के बारे में ही सोचा होगा और में प्लान को आगे बड़ाते हुए उससे बातें करने लगा.
में : तो क्या इस बार भी कुछ बुरा लग रहा है? (तो थोड़ी देर बाद वो बोला)
अरुण : नहीं इस बार तो ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा.
में : अरुण प्रियंका बहुत सुंदर और मस्त लड़की है, दीदी हुई तो क्या हुआ? उसकी भी गांड और बूब्स है, उसके गोरे और नरम बदन को देखकर कोई भी मुठ मार लेगा और मुझे तो जलन हो रही है कि तूने उसकी गांड को छुआ है, कितना मज़ा आया होगा?
अरुण : हाँ मज़ा तो बहुत आया था और में अभी भी मुठ मारते वक़्त वही सोच रहा था.
में : अरुण क्यों ना एक बार प्रियंका की गांड को फिर से छुआ जाए? जब वो सो रही होगी.
तो अरुण मेरी तरफ देखते हुए उसके चहरे पर थोड़ा दर्र और थोड़ी कामुकता दोनों नज़र आ रहे थे और फिर वो बोला, लेकीन अगर उसको पता चल गया तो?
में : थोड़े से छूने से कुछ पता नहीं चलेगा, तुझे तो पता ही है कि वो कितने मज़े से सोती है. उसको उठाने के लिए कितना चिल्लाना पढ़ता है और तब भी वो नहीं उठती है.
अरुण : हाँ तेरी यह बात तो एकदम सही है, लेकिन मुझे ऐसा करने में बहुत डर लग रहा है.
में : तू डर मत कुछ नहीं होगा, बस एक बार उसकी गांड पर हाथ रख दे, फिर तू ऐसी सब बातें भूल जाएगा. “Friend Ki Badi Sister”
तो बस अब प्रियंका के आने की ही देरी थी और हम टीवी देखने लगे, करीब आधे घंटे बाद प्रियंका सब्जी लेकर वापस आ गई. तो में बाहर चला गया और रोमेंटिक और हिन्दी पुरानी फिल्म ले आया और रात के 8 बजे हमने खाना खा लिया और टीवी देखने लगे. प्रियंका घर का सारा काम करती थी और मुझे पता था कि वो बहुत थकी हुई होगी, मैंने उससे कहा कि प्रियंका तुम बहुत थकी हुई लग रही हो, तुम्हे मेरी बात माननी है तो पहले आराम से गरम पानी से नहा लो और फिर उसके बाद हम टीवी देखेंगे, उसे मेरा आइडिया अच्छा लगा और वो नहाने चली गयी. तो अरुण मुझे तिरछी नज़र से देख रहा था और में सिर्फ़ मुस्कुराया और नहाने के बाद वो बाहर आ गयी मैंने प्रियंका को सोफे पर लेटकर आराम से फिल्म देखने को कहा और में, अरुण सोफे के थोड़े पास में बैठकर देखने लगे.
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प्रियंका अभी नहाकर आई थी इसलिए उसको बहुत आराम मिलने लगा और उसे धीरे धीरे नींद आ रही थी और वो सोने लगी, करीब एक घंटे के बाद में थोड़ी ऊँची आवाज़ में बोला, प्रियंका फिल्म कैसी लग रही है? अरुण ने मेरी तरफ देखा और फिर प्रियंका की तरफ, लेकिन प्रियंका तो मस्त से सो रही थी, वो कुछ नहीं बोली और मैंने एक दो बार फिर पूछा और हर बार आवाज़ थोड़ा तेज करके बोला, लेकिन फिर भी प्रियंका कुछ नहीं बोली और में समझ गया कि अब वो मस्त से गहरी नींद में सो रही है और गरम गरम पानी से नहाने की वजह से उसकी सारी थकान उतर गई है.
फिर में प्रियंका की तरफ पूरा मुढ़ गया और उसे देखने लगा. अरुण भी मेरी तरफ देख रहा था, प्रियंका पेट के बल सो रही थी और उसका सर टीवी की तरफ था और उसके बाल अभी भी गीले थे और शेम्पू की खुश्बू बहुत अच्छी आ रही थी. उसने एक ढीली ढाली टी-शर्ट पहनी हुई थी और वो गले की तरफ ज़्यादा खुली हुई थी, स्कर्ट अभी भी वही थी.
में उसके बहुत नज़दीक गया और उसे ऊपर से नीचे तक सूंघने लगा और अरुण आखें बड़ी बड़ी करके मुझे देख रहा था कि कैसे मेरा मुहं प्रियंका के सर से होते हुए उसकी छाती, उसकी गांड, जांघ और उसके पैर तक गया. फिर उसके बाद में मैंने सर को ऊपर किया और एक लंबी साँस ली और में धीरे से बोला कि अरुण अब तेरी बारी, लेकिन अरुण कुछ नहीं बोला और उसने वही किया और अब मेरे सामने कुछ अजीब सा नज़ारा था, एक भाई अपनी दीदी को ऊपर से नीचे तक सूंघ रहा था और में बहुत ही गरम हो रहा था. फिर अरुण के सूंघने के बाद वो सर उठाकर बस प्रियंका को देख रहा था, क्योंकि उसे आगे क्या करना है? कुछ पता नहीं था, लेकिन मुझे पता था कि अब क्या करना है?
तो मैंने अपनी पेंट की चैन को खोला और अपने लंड को बाहर निकाल दिया, अरुण ने जब यह देखा तो वो एकदम से घबरा गया और टीवी की तरफ मुड़कर बोला कि यह तू क्या कर रहा है? अगर वो उठ गयी तो साफ साफ दिख जाएगा. “Friend Ki Badi Sister”
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मैंने कहा कि अरे डर मत, अगर वो उठ गयी तो हम टीवी की तरफ मुड़ जाएँगे और कम्बल से अपना आधा शरीर ढक देंगे. अरुण ने थोड़ी देर सोचा और मेरी तरह प्रियंका की तरफ मुड़कर उसने अपना भी लंड बाहर निकाल दिया. हमने एक दूसरे के लंड को सिर्फ़ पेशाब करते हुए या नहाते हुए ही देखा था, लेकिन यह पहली बार खुल्लम खुल्ला था, दोनों का लंड बाहर और बहुत तना हुआ था और अब में एक हाथ से लंड को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से प्रियंका की पेंटी को धीरे धीरे ऊपर करने लगा और ऊपर करते हुए मुझे उसकी पेंटी का नीचे का भाग नज़र आया और फिर उसकी गांड जो पेंटी में लिपटी हुई थी और थोड़ी ऊपर करके मैंने उसकी स्कर्ट को छोड़ दिया, क्योंकि वो इससे ऊपर नहीं जा रही थी और में ज्यादा ज़ोर नहीं लगाना चाहता था.
अरुण यह सब चुपचाप देख रहा था और अपने हाथ को लंड पर तेज़ी से ऊपर नीचे कर रहा था, थोड़ी देर तक में भी प्रियंका की गांड को देखते हुए ज़ोर से लंड को दबा दबाकर सहलाने लगा और उसकी पेंटी की लाईट भूरे कलर की थी. में अपनी नाक को सीधा उसकी गांड के बीच (जहाँ पर उसकी गांड का छेद होता है) मैंने अपनी नाक को चिपका दिया और सूँघने लगा.
फिर मेरे बाद अरुण ने भी धीरे से यही किया, अरुण अब पहली बार नहीं डर रहा था और अब की बार मैंने अपने हाथ को प्रियंका की गांड पर रखा और उसकी गांड के ऊपर घूमने लगा, में अपनी आखों को बंद करके उसकी गांड के पूरे आकार को महसूस करने लगा और मेरा दूसरा हाथ अभी भी मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था. “Friend Ki Badi Sister”
तभी मुझे मेरे प्रियंका के ऊपर रखे हाथ पर कुछ महसूस हुआ और जब मैंने आखें खोलकर देखा कि अरुण भी प्रियंका की गांड को छूना चाहता था. तो में मुस्कुराया और मैंने अपना हाथ प्रियंका की गांड की एक तरफ ले लिया और अरुण दूसरी तरफ और अब हम दोनों एक हाथ प्रियंका की गांड पर और दूसरा अपने लंड पर रख कर मज़े ले रहे थे और अब झड़ने का वक़्त हो गया.
दोस्तों मैंने देखा कि अरुण बहुत चिंतित हो रहा था कि वीर्य कहाँ निकालें? में झट से उठा और प्रियंका की गांड से अरुण का हाथ हटा दिया और अपने लंड को गांड के नज़दीक ले जाकर एकदम से हिलाया और धीरे से लंड को प्रियंका की गांड पर सटाकर झड़ने लगा और उसकी गांड पर मेरा वीर्य निकल गया और मैंने अरुण की तरफ देखकर उसको भी वही करने को कहा. तो अरुण की आंखे आश्चर्य चकित होने से बड़ी हो गई थी, लेकिन वो डरा नहीं और फिर अरुण ने भी वही किया और झड़ने के बाद वीर्य को प्रियंका के गांड पर फैला दिया.
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मैंने प्रियंका की स्कर्ट को नीचे कर दिया और हम दोनों साफ होकर फिर से टीवी देखने लगे और करीब एक घंटे बाद प्रियंका थोड़ा जागने लगी और मैंने इसी मौका का फ़ायदा उठाकर उसके सर को हिलाते हुए उससे कहा कि प्रियंका अब उठ जाओ बहुत रात हो गई है और अब बिस्तर पर जाकर सो जाओ, तो प्रियंका उठी और थोड़ी थोड़ी नींद में अपने कमरे के अंदर जाकर उसने दरवाजा बंद कर दिया. तो अरुण मेरी तरफ देख रहा था और उसके चहरे पर एक शैतान वाली मुस्कान थी और हम भी अपने कमरे में चले गये और फिर सो गये. तो जब सुबह हुई मेरी आंख खुली और में बिस्तर पर लेटते हुए आगे का प्लान बनाने लगा कि अब कैसे प्रियंका को तैयार करके चोदना है? दोस्तों में ऐसे काम में बहुत माहिर था और मैंने झट से आगे का सारा प्लान मेरे दिमाग़ में बना लिया. दोस्तों आगे की कहानी मैं कल इसके अगले भाग में बताऊंगा… तब तक के लिए धन्यवाद….. “Friend Ki Badi Sister”