XXX Niece First Sex
दोस्तो चुदाई का मज़ा रिश्तों में ही आता है। जितना करीबी रिश्ता उतना ही सेफ और प्यार भरा सैक्स। कितनी ही भाभीयों की चूत लंड लेने को तरस रही होती हैं और और उनके जवान देवर दूसरे कमरे में बैठ कर मुट्ठ मार रहे होते हैं। XXX Niece First Sex
कितने ही भाई फुद्दी के लिए तड़प रहे होते हैं और और उनकी बहनें लोगों के चक्कर मे पड़कर अपनी कुंवारी चूत की ऐसी तैसी करवा रही होती हैं। बहुत से लड़के तो प्यार के भूखे होने की खातिर नशाखोरी में पड़ जाते हैं और उन्हीं के घरों में प्यासी चूतें बैंगन,मूली और कुत्तों से अपनी अपनी प्यास बुझा रही होती हैं।
शर्म आनी चाहिए ऐसे लोगों को जो गंदा सैक्स तो कर लेते हैं पर अपने साफ़ सुथरे परिवार और अपने करीबी रिश्तों में सैक्स करने से शरमाते हैं। मैं तो जब जवान हुई थी और फिर जब मेरी कुंवारी फुद्दी सैक्स करने के लिए तड़पने लगी मैं तब से आज तक अपने करीबी रिश्तों में चुदवा रही हूं और जिंदगी का पूरा मज़ा ले रही हूं।
अब मैं आपको बताती हूं कि मैंने सैक्स का सफर कैसे शुरू किया और मैं अब किस मुकाम पर पहुंच गई हूं। मेरा नाम आशा है यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट हूं और हर बार अच्छे अंक प्राप्त करती हूं। मेरे घर वाले मुझ से बहुत खुश हैं। क्योंकि उन्हें कभी भी मेरी तरफ से कोई शिक़ायत नहीं मिली।
अब मैं अपनी कहानी पर आती हूं। मैं एक छोटे से पहाड़ी जिले से बिलांग करती हूं। मेरे घर में मेरे मम्मी पापा,दादी दादा मेरा छोटा भाई और मेरे चाचा जिनका नाम शक्ति है, सब मिलजुल कर रहते हैं। मेरे चाचा उम्र में मुझसे छे साल बड़े हैं और जिनको मैं चाचू कह कर बुलाती हूं।
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उन्होंने बचपन में मुझे बहुत खेलाया है और मुझसे बहुत प्यार करते हैं। जब मैं ग्यारहवीं कक्षा में दाखिल हुई तब मुझ पर नई नई जवानी आ रही थी। मेरी कुंवारी फुद्दी पर भूरे बाल काफ़ी घने हो गए थे, दोनों स्तन बढ़ कर बड़ी मौसम्मी जितने हो गए थे और हर समय तने रहते थे,कमर पतली थी पर मेरे नितम्बों के उभार काफी बड़े हो गए थे।
मेरी फुद्दी के नीचे मेरी जांघें थोड़ी मोटी हो गई थीं और चलते समय आपस में रगड़ खाती थीं। हायर सैकंडरी स्कूल में मेरी बहुत सी सहेलियां बन गईं जिनमें से कईयों ने चुदवाना शुरू कर दिया था और बड़े मज़े से अपनी चुदाई की बातें सुनाती थीं। जिनकी बातें सुनकर मेरी कुंवारी फुद्दी भी गीली हो जाती थी। मेरा मन भी चुदवाने को करने लगा पर मैं किससे चुदवाती।
कुछ दिनों बाद उन में से कुछ चुदक्कड़ लड़कियों की बदनामी, होने लगी, किसी का गैंगरेप हुआ, कोई प्रेगनेंट हो गई, तो किसी को लड़के ब्लैकमेल करने लगे। तब मैं चुदाई से बहुत डरने लगी। पर फिर भी कई बार जब मैं नंगी हो कर अपने आप को आईने में देखती तो खुद को देख कर ही गर्म हो जाती और चुदवाने को दिल करता।
फिर एक दिन मैंने रात को जब चाचू के कमरे में झांका तो हैरान रह गयी। चाचू अपने कमरे की लाइट बंद कर के लेटे हुए थे,पर उन्होंनेने अपने एक हाथ में मोबाइल फोन पकड़ा हुआ था और उसमें कुछ देख रहे थे और कुछ हिल भी रहे थे। तभी उन्होंने फ़ोन की लाइट थोड़ी नीचे की तरफ़ करी तो नीचे का मंज़र देख कर मेरे होश उड़ गए।
चाचू ने अपनी बनियान ऊपर की तरफ़ करी थी और अपना अंडरवियर निकाला हुआ था और अपने मोटे और लम्बे तने हुए लंड को अपने एक हाथ से पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मसल रहे थे और अपना हाथ तेजी से आगे पीछे कर रहे थे तभी चाचू के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं और लंड ने एक पिचकारी छोड़ दी जो चाचू के पेट पर आ गिरी।
चाचू आहें भरते हुए अपने लंड को तब तक मसलते रहे जब तक लंड में से आखिरी बूंद तक निकल गई। फिर चाचू ने एक लम्बी सांस ली और अपना फ़ोन आफ़ करके सो गए। फिर मैं भी अपने कमरे में चली गई और चाचू के सुंदर और बड़े लंड के बारे में सोचने लगी कि क्या इतना बड़ा लंड किसी कुंवारी लड़की की फुद्दी में समा पाएगा।
फिर मैं अपनी फुद्दी के बारे में सोचने लगी कि अगर इतना बड़ा लंड मुझे मेरी फुद्दी में घुसाना पड़े तो मैं उसे कैसे घुसा पाऊंगी। और अगर घुसाने की कोशिश की भी तो मेरी फुद्दी भी फट जायेगी और फिर अगर इतना बड़ा लंड मेरी फुद्दी में घुस भी गया तो क्या मैं उसे झेल पाऊंगी।
यही सोचते हुए मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा और मेरा एक हाथ मेरी सलवार का नाड़ा खोलने लगा।उस दिन मैंने पैंटी भी नहीं पहनी थी। चाचू का लंड याद करते हुए मैं अपनी फुद्दी को सहलाने लगी तो मेरी धड़कनें और तेज़ चलने लगीं और मेरी फुद्दी गर्म होने लगी।
मैंने अपनी सलवार को एक पैर से निकाल दिया और अपनी दोनों जांघें फैला कर अपनी फुद्दी के सुराख पर अपनी उंगलियां फिराने लगी। मेरी फुद्दी में से चिपचिपा सा पदार्थ निकल रहा था और वह पूरी तरह गीली हो चुकी थी।
तभी मैंने अपनी घुटनों को खड़ा कर लिया और टांगें चौड़ी करके अपनी फुद्दी के मुंह में एक उंगली घुसा कर आगे पीछे करने लगी तो मुझे कुछ मज़ा आने लगा फिर मैंने बड़ी मुश्किल से दूसरी उंगली भी घुसा दी और उन्हें आगे पीछे करने लगी पर मेरी उंगलियां थोड़ी सी ही घुस रही थीं।
फिर जब मुझे ज्यादा मज़ा आने लगा तो मैंने अपनी एक उंगली जोर से पूरी अंदर घुसाने की कोशिश की तो मुझे बड़ा दर्द होने लगा। पर मैंने दर्द को झेलते हुए अपनी एक पूरी उंगली अपनी फुद्दी में घुसा दी। मुझे बहुत पसीना आ गया फिर मैं अपनी उस उंगली को आगे पीछे करने लगी तो पहले मुझे बहुत दर्द हुआ और फिर आहिस्ता आहिस्ता मज़ा भी आने लगा.
तो मैंने अपनी दूसरी उंगली भी घुसानी चाही पर घुसा न पाई और एक उंगली को ही आगे पीछे करते हुए मैं झड़ गई और अपनी सलवार से अपनी उंगलियों और अपनी फुद्दी को साफ किया और वही सलवार पहन कर सो गई। सुवह जब मैं नहाने लगी तो देखा कि मेरी सलवार में बहुत सा खून लगा हुआ था तो मैं समझ गई कि यह मेरी फुद्दी फटने की वजह से निकला होगा।
उस दिन जब मैं अपनी एक चुदक्कड़ क्लासमेट से मिली तो वह मेरा उतरा हुआ चेहरा देखकर मुझसे से पूछने लगी , “क्या बात है लगता है कि आज तू किसी से पहली बार चुदवा कर आई है।” तो मैंने कहा,” मैंने किसी से भी नहीं चुदवाया, पर कल मैंने किसी का लंड देख लिया था जो बहुत मोटा और लम्बा था। तभी से यह सोच कर परेशान हूं कि क्या कोई लड़की उसे झेल सकेगी। अगर किसी लड़की ने उसे अपनी फुद्दी में लेने की कोशिश की तो वह मर जाएगी”.
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तो उसने कहा,” हाय बता तो सही वह लंड किसका है मैं तो कब से ऐसा बड़ा लंड अपनी फुद्दी में लेने की सोच रही थी। काश बह लंड मुझे मिल जाए तो चुदवाने का मज़ा ही आ जाए।” तो मैंने कहा,” अरे पागल तो नहीं हो गई, तेरी फुद्दी का सुराख क्या इतना बड़ा है जो इतना मोटा लंड ले सके?”
तो वह हंस के बोली ,” जिस फुद्दी में से एक बच्चा बाहर निकाल सकता है तो क्या उस में बड़े से बड़ा लंड नहीं जा सकता, कोई भी लंड एक बच्चे से बड़ा और मोटा तो नहीं हो सकता,पर एक बात जरूर बता देती हूं कि बड़ा लंड किसी किस्मत वाली लड़की की फुद्दी के नसीब में होता है क्योंकि जितना बड़ा लंड फुद्दी में जाएगा पहली बार उतनी ही तकलीफ़ होगी पर उतना ही ज्यादा मज़ा भी आएगा” ।
उसकी यह बातें सुनकर मैं अपने चाचू के लंड को अपनी फुद्दी में लेने के लिए सोचने लगी। और आखिर में मैंने फ़ैसला कर लिया कि मैं अपने चाचू से ही चुदवाऊंगी। उस दिन जब मैं घर पहुंची तो पता चला कि मेरे पापा मेरी मम्मी और मेरे छोटे भाई को लेकर कुछ दिनों के लिए शिमला जा रहे हैं। और मुझे दादी की मदद के लिए घर पर छोड़ रहे हैं।
मैं बहुत खुश थी क्योंकि घर में मुझे अपने चाचू और दादा दादी के साथ रहना था। उसी दिन शाम को बह तीनों घर से चले गए। पर रात को दादी मेरे पास सो गयी इसलिए उस रात मेरे और चाचू के बीच कुछ भी न हो सका। दूसरे दिन दादी के छोटे भाई दादी और दादा के लेने आ गये क्योंकि उनके बेटे की रिंग सेरेमनी थी और दादा दादी से उन्हें कुछ सलाह मशविरा भी करना था।
इसलिए मेरे दादा दादी मुझे और चाचू को घर सौंप कर कर एक हफ्ते के लिए चले गए क्योंकि उसी दिन से मेरी गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो रही थीं। मैं दिल ही दिल में बहुत खुश थी कि मुझे चाचू के साथ अकेले में रहने का मौका मिल गया था।
वैसे तो मेरी चाचू के साथ बनती भी बहुत थी। पर मैं चाचू से डरती भी बहुत थी क्योंकि मुझसे उम्र में बड़े हैं और मेरी गलतियों पर मुझे डांटते भी बहुत थे। फिर मैंने फ़ैसला कर ही लिया कि चाहे चाचू से मुझे मार भी खानी पड़े फिर भी मैं चाचू से चुनवाने की पूरी कोशिश करूंगी।
शाम को मैं और चाचू साथ में बैठकर चाय पीने लगे तो मैं नज़रें झुका कर यही सोच रही थी कि कि चाचू को कैसे पटाऊं। अगर मैंने पहल करने की कोशिश की तो चाचू क्या रिएक्ट करेंगे। कहीं मैं चाचू की नजरों में गिर न जाऊं। मैं चाचू के सामने नंगी हो कर अपनी फुद्दी कैसे दिखाऊंगी।
चाचू पता नहीं कब से मुझे देख रहे थे, फिर चाचू ने अचानक मुझसे पूछा,” आशु आज किन ख्यालों में खोयी हो,और कुछ परेशान भी लग रही हो। मेरा वेटा मुझे बताओ, क्या बात है ?” तो मैंने कहा,” ऐसी कोई बात नहीं है बस यूं ही” तो चाचू बोले,” कुछ तो है जो तुम मुझसे छुपा रही हो, तुम्हें कोई लड़का परेशान तो नहीं कर रहा?”
तो मैंने कहा,” नहीं ,किसी लड़के में इतनी हिम्मत नहीं जो मेरे चाचू के होते हुए मेरी तरफ़ आंख उठाकर भी देख सके” तो चाचू ने मुझे प्यार से गले लगाते हुए कहा, ” अगर किसी चीज की जरूरत हो या कोई परेशानी हो तो अपने चाचू से कभी मत छुपाना और अगर कोई लड़का पसंद आ गया हो तो पहले मुझे बता देना और बह लड़का यदि सुंदर और अच्छा होगा तो मैं घर बालों को मना लूंगा.”
तो मेरे मेरे मुख से निकल गया,” कैसी बात करते हो चाचू, अभी तक मुझे अपने चाचू से सुंदर और अच्छा कोई नहीं लगता और फिलहाल मैं अपने चाचू से ही प्यार करती हूं और चाचू से कुछ भी नहीं छुपाती” चाचू ने मेरे माथे को चूमते हुए कहा,” यू आर ए गुड गर्ल” और हम दोनों हंसने लगे। “XXX Niece First Sex”
रात को जब हम खाना खा रहे थे तभी मौसम ख़राब हो गया और बादल जोर शोर से गरजने लगे। हम दोनों ने खाना खाया और घर को अंदर से बंद करके दूसरे छत पर अपने अपने कमरे में सोने के लिए चल पड़े। गर्मी ज्यादा होने के कारण चाचू ने अंडरवियर और बनियान पहनी हुई थी।
और अपने कमरे में पंखा आन करके अपना कमरा बंद करके सोने लगे। मेरे कमरे में ए सी लगा हुआ था और मैं भी अपना कमरा बंद करके सोने की कोशिश करने लगी। तभी ज़ोर ज़ोर से तुफ़ान चलने लगा तो लाइट बंद हो गई और मेरा ए सी बंद हो गया और कमरे में बहुत गर्मी लगने लगी।
मैंने भी अपने सलवार सूट को उतार फैका और एक लंबी सी बनियान पहन कर सोने की कोशिश करने लगी। मैंने अंदर से ब्रा और पैंटी भी उतार फेंकी थी और एक चादर ओढ़ कर लेट गई। पर गर्मी की वजह से नींद नहीं आ रही थी। तभी चाचू ने मेरा दरवाजा खटखटाया और बोले,” आशु वेटा आज लगता है लाइट बंद ही रहेगी, तुम मेरे कमरे में आ कर सो जाओ क्योंकि मेरे कमरे का पंखा तो इन्वर्टर पर चलता है वहां तुम आराम से सो सकोगी”.
चाचू की बात सुनकर मैं बहुत खुश हुई और चाचू के कमरे में चाचू के दिवानबैड पर चाचू के एक साइड में चादर ओढ़ कर लेट गई। चाचू ने अपने कमरे की खिड़कियां भी खोल रखी थी इसलिए हवा भी आ रही थी।और तभी ज़ोर ज़ोर से बिजली कड़कने लगी और बारिश भी शुरू हो गई। “XXX Niece First Sex”
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चमकती हुई बिजली में मैंने चाचु की तरफ आंख खोल कर देखा तो चाचू चादर ओढ़ कर पीठ के बल लेटे हुए थे और उनकी चादर उनके पेट के नीचे से तम्बू की तरह उठी हुई थी। तो मैंने अंदाजा लगा लिया कि चाचू का लंड खड़ा हो गया है और पूरी तरह तना हुआ है। मेरा दिल चाचू के लंड को छूने के लिए कर रहा था पर मैं कैसे छू पाती।
फिर बारिश की फुहारें कमरे के अन्दर तक आने लगीं और हम दोनों थोड़ा थोड़ा भीगने लगे और मुझे ठंड भी लगने लगी। तो मैंने चाचु से कहा,” चाचू मैं तो बारिश से भीग रही हूं और मुझे ठंड भी लग रही है क्या करूं” तो चाचू ने कहा,” तुम थोड़ा मेरी तरफ सरक जाओ और थोड़ी मेरी चादर भी ओढ़ लो.”
तो मैं चाचू की तरफ़ सरक गई और चाचू की तरफ़ पीठ करके चाचू से सट कर लेट गई पर मैं सर्दी से कांप रही थी । थोड़ी देर बाद चाचू ने करवट बदली और मेरी तरफ़ मुंह करके सोने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे अपनी गांड़ पर कुछ गर्म सा महसूस होने लगा तो मैं समझ गई कि यह चाचू का लंड ही हो सकता है।
मैंने आहिस्ता से अपनी भीगी हुई बनियान को थोड़ा ऊपर उठाया और अपनी गांड़ को नंगा कर दिया । मैं अपनी नंगी गांड़ को चाचू के लंड से छूने की कोशिश कर रही थी पर चाचू थोड़ा पीछे हट रहे थे। काफी देर मैं ऐसे ही लेटी रही । तभी मैंने चाचू को आहिस्ता से पुकारा तो चाचू ने कोई जवाब नहीं दिया तो मैं समझ गई कि चाचू सो रहे हैं।
मैंने आहिस्ता आहिस्ता अपना हाथ पीछे ले जाकर चाचू के अंडरवियर के ऊपर से चाचू के लंड पर रख कर चैक किया तो चाचू का लंड तना हुआ था। पर चाचू फिर करवट बदल कर पीठ के बल सोने लगे तो मेरे भी करवट बदली और चाचू से अपने मम्मे लगा कर अपना एक हाथ चाचू के पेट पर रख दिया। “XXX Niece First Sex”
फिर मैं अपना हाथ पेट से सरकाते हुए चाचू के अंडरवियर तक पहुंच गई। जब मेरी हिम्मत और बढ़ गई तो मैंने चाचु के अंडरवियर में से चाचू के लंड को बाहर निकाल लिया और उसे आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगी। पर जब चाचू ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई तो मैं उठकर बैठ गई और चाचू के लंड को आहिस्ता आहिस्ता चूमने लगी।
चाचू का लंड लोहे की तरह सख्त हो गया था। मेरे मुंह से आहें निकल रही थी और मेरी फुद्दी पूरी तरह गीली हो चुकी थी। पर फिर मैंने चाचू के लंड को छोड़ दिया और चाचू के चेहरे को किस करके फिर चाचू की तरफ़ अपनी नंगी गांड़ करके सोने की कोशिश करने लगी।
थोड़ी देर बाद बारिश और तेज हो गई और बारिश की फुहारें हम दोनों को गीला करने लगी तो चाचू ने करवट बदली और मेरी पीठ को अपने सीने से लगा कर सोने लगे पर उनका नंगा तना हुआ लंड मेरी गान्ड को चुभने लगा।
मैंने आगे को झुक कर अपनी गांड़ को चाचू के लंड से सटा लिया और चाचू के लंड को अपनी गीली फुद्दी के सुराख पर सैट कर के अपनी गांड़ को आगे पीछे करने लगी त कि लंड का मज़ा ले सकूं। पर लंड अंदर नहीं गया और चाचू ऐसे ही लेटे रहे । मैं पूरे जोश में आ चुकी थी और मेरी फुद्दी में से चिपचिपा सा पदार्थ निकल रहा था. “XXX Niece First Sex”
तभी मैंने अपनी चादर साइड में फैंक दी और चाचू से लिफट कर चाचू के होंठों को जोर जोर से चूसने लगी। तो चाचू उठ कर बैठ गए और बोले,” आशु तुम्हें यह क्या हो गया है।” तो मैंने कहा,” चाचू आई लव यू, मुझे चोदो प्लीज, मैं आपसे चुदवाया चाहती हूं”.
मेरी बात सुनकर चाचू ने मेरे गाल पर जोर का एक थप्पड़ मारा और बोले,” तेरा दिमाग ख़राब तो नहीं हो गया,मैं तेरा चाचू हूं तुझे ऐसा कहते हुए शर्म नहीं आती,चल सो जा चुप करके बेशर्म कही की। तू अभी बच्ची है और बेसमझ है ।तेरे अभी पढ़ने लिखने के दिन हैं और तू यह गंदा काम अपने चाचू से करना चाहती है”.
चाचू से थप्पड़ खा कर मैं अपनी चादर उठाकर रोती हुई अपने कमरे में आने लगी तो चाचू ने फिर गुस्से से कहा,” अब कहां जा रही है इधर ही सो जा चुप करके और अगर यहां नहीं सोई तो एक थप्पड़ और मारूंगा” फिर मैं मजबूर हो कर वहीं चाचू से हट कर सुबक सुबक कर रोती हुई सोने की कोशिश करने लगी पर नींद मेरी आंखों से दूर जा चुकी थी।
थोड़ी देर बाद जब चाचू का ग़ुस्सा ठंडा हुआ तो चाचू ने मुझे अपने गले से लगा लिया और मेरे माथे को चूमते हुए पूछने लगे,” आशु मेरा प्यारा बेटा, मुझे सच सच बता कि यह गंदा काम तू कब से कर रही है और क्यों कर रही है, तुझे अपने घर की इज्ज़त का ख्याल रखना चाहिए और हमने तो तुझे पढ़ा लिखा कर बड़ा आफिसर बनाने के सपने देखे थे। तू समझदार है ऐसे काम छोड़ कर फिर से अच्छा वेटा बन जा मेरा बच्चा”. “XXX Niece First Sex”
मेने चाचू की बात का कोई जवाब नहीं दिया और दूसरी तरफ़ मुंह करके सिसकती रही। फिर चाचू मेरे सिर को अपनी गोदी में लेकर मेरे आंसू पोंछते हुए मुझे प्यार से बोले,” मुझे माफ़ कर दे मेरे बच्चे,पर तुझे मेरी कसम है मुझ से कुछ मत छुपाना, मुझे सच सच बता तूने ऐसा क्यों करना चाहा था, बता मेरा बच्चा तूने ऐसा कहां से सीखा.”
तो मैंने चाचू की तरफ़ देख कर कहना शुरू किया, “चाचू मुझे आपकी कसम है मैंने आज तक कभी भी ऐसा काम नहीं किया और नहीं मैं किसी लड़के को पसंद करती हूं। बस मेरी क्लास की बहुत सी लड़कियां ऐसा करती हैं । पर कुछ बदनाम हो गई हैं, किसी के साथ गैंगरेप हुआ है तो कोई ब्लैकमेल हो रही है।
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उनकी कहानियां सुन कर मेरे भी दिल में कुछ कुछ होने लगा था पर मेने अपने मन को कहीं वहकने नहीं दिया और मुझे आप से प्यारा और अच्छा कोई भी नहीं लगता और एक दिन मैंने आपको अपने हाथ से करते हुए देखा तो मैंने यह फैसला कर लिया कि अगर मैं सैक्स करूंगी तो सिर्फ आपसे। “XXX Niece First Sex”
ताकि हम दोनों को कहीं बाहर न भटकना पड़े और न ही हमारे घर की इज्ज़त ख़राब हो,अब अगर मेरी सोच ग़लत है तो मुझे माफ़ कर देना पर मैं यह बता देती हूं कि मैं अपने मन को मारती रहूंगी पर बाहर किसी की तरफ़ आंख उठाकर भी नहीं देखूंगी।
आप तो अपने हाथ से अपने आप को संतुष्ट कर लेते हो पर मैं कभी भी कोई गंदा काम नहीं करूंगी क्योंकि मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं। आपकी और अपने घर की इज्ज़त के लिए जान दे दूंगी पर शादी भी उसी से करूंगी जिसे आप पसंद करोगे।
मुझे और कुछ नहीं कहना है हो सके तो मुझे माफ़ कर देना चाचू , आज के बाद मैं कभी आपको परेशान नहीं करूंगी और यह वादा करती हूं कि जब कभी आप का दिल करे तो मैं कभी आपको न नहीं करूंगी,अब आप आराम से सो जाइए चाचू” और फिर मैंने एक लम्बी सांस ली और चाचू से अलग हो कर सोने लगी।
तो चाचू ने खींच कर मुझे अपने सीने से लगा लिया और मेरे चेहरे को चूमने लगे और बोले,मेरा बच्चा बहुत समझदार हो गया है और आज मैं तुम्हारे सारे अरमान पूरे कर देता पर तुम अभी नाजुक हो और मेरा झेल नहीं पाओगी फिर भी मैं तुम्हें पूरा प्यार देने की कोशिश करूंगा”. “XXX Niece First Sex”
यह कहकर चाचू ने मेरी बनियान को भी उतार दिया और मुझे पूरा नंगा कर के मेरे होंठों, गालों और गर्दन को चूमते हुए मेरे मम्मों को चूसने लगे और फिर मेरी नाभि को चूमते हुए मेरी फुद्दी के सुराख पर मुंह रख दिया और मेरी टांगें फैला कर मेरी फुद्दी को चाटने लगे।
बाहर जोर जोर से बादल गरज रहे थे और अन्दर मेरी सांसें गूंज रही थीं। जब मुझ से रहा नहीं गया तो मैंने चाचू का मुंह अपनी फुद्दी से हटा दिया और चाचू की बनियान और अंडरवियर उतार फैका और चाचू को पीठ के बल लिटा कर बैठ गई और चाचू के होंठों को चूसने के बाद चाचू की छातीयों को चूसने लगी और फिर चाचू का तना हुआ मोटा और लम्बा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे चूमने लगी।
फिर मैंने चमड़ी को नीचे खींचा और लंड के सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी। उधर चाचू अपने एक हाथ से मेरे नितम्बों को सहलाते हुए मेरी फुद्दी को सहलाने लगे और उस में एक उंगली घुसाने लगे। अब मुझ से रहा नहीं गया और मैंने चाचू को अपने ऊपर खींच लिया और खुद अपनी टांगें फैला कर पीठ के बल लेट गई और बोली ,”चाचू अब रहा नहीं जाता अब जल्द से अपना लंड मेरी फुद्दी में घुसाने की कोशिश करो प्लीज”. “XXX Niece First Sex”
तो जैसे ही मैंने अपनी घुटने खड़े कर के टांगों को और फैलाया तो चाचू मेरी जांघों पर हाथ फेरते हुए मेरे ऊपर लेट गये और उनका गर्म लंड मेरी फुद्दी को टच करने लगा। चाचू मुझे चूमते हुए बोले,”आशु मेरा लंड बहुत मोटा है,अगर मेने घुसाने की कोशिश की तो तेरी नाज़ुक फुद्दी फट जायेगी और तुझे बहुत दर्द होगा.”
तो मैंने कहा कि फुद्दी एक न एक दिन फटनी है आप तो इसे प्यार से फाड़ना पर जल्दी करो” तो चाचू ने मेरी फुद्दी पर ढेर सारा थूक लगाया और अपने लंड का सुपाड़ा मेरी फुद्दी पर रगड़ने लगा । मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं बहुत गर्म हो गई, मेरी फुद्दी में से बहुत सारा पानी निकलने लगा।
मैं चिल्लाई,” चाचू थोड़ा तो डालो तो चाचू ने ज़ोर का धक्का लगाया तो मुझे लगा कि मेरे अंदर कोई खंजर घुस गया है और मैं चिल्ला पड़ी, हाय मर गई तो चाचू बोले,”अभी तो सुपाड़ा ही अन्दर गया है। मैं बेहोश होने लगी और चाचू लंड अंदर घुसाते रहे। काफ़ी देर के बाद जब मुझे होश आया तो देखा कि चाचू बहुत घबराए हुए थे और मेरे मुंह पर पानी के छींटें मारे रहे थे।
जब मैंने चाचू से पूछा कि क्या हो गया था तो बह बोले कि लंड फुद्दी में जाते ही तुम बेहोश हो गई थी। तो मैंने पूछा, तो क्या लंड अंदर चला गया था?” तो चाचू ने कहा कि अभी आधा ही गया था और तुम बेहोश हो गई और फिर मैंने बाहर निकाल लिया मुझे लगता है कि फुद्दी की सील तो टूट गई है और खून भी निकला है”. “XXX Niece First Sex”
तब मैंने कहा कि अपने फोन की लाइट जला कर देखो तो सही क्या हाल हुआ है” फिर जब चाचू ने लाइट जला कर देखा तो फुद्दी खून से लथपथ थी फिर चाचू ने तौलिए से फुद्दी और अपने लंड को अच्छी तरह साफ़ किया पर डर के मारे चाचू का लंड मुरझा गया था।
फिर मैं उठी और बाथरूम में जाकर अपनी फुद्दी को अच्छी तरह पानी से साफ किया और फिर चाचू ने भी अपने लंड को साबुन से धोया और फिर हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेट गए। मैं चाचू के लंड को सहलाने लगी तो लंड फिर से खड़ा हो गया तो चाचू फिर मेरे मम्मों को चूसने लगे और मेरी फुद्दी को सहलाने लगे।
मुझे कुछ दर्द तो हो रहा था पर मैं फिर गर्म हो गई तो मैंने चाचू से दोबारा चोदने को कहा। चाचू ने अपना लंड मेरे मुंह से लगाया और मैंने उसे चाट चाट कर पूरा गीला कर दिया फिर चाचू ने मेरी फुद्दी और अपने लंड पर ढेर सारी पांडस कोल्ड क्रीम लगाई और फिर मेरी टांगें फैला कर लंड मेरी फुद्दी में घुसाने लगे।
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मुझे दर्द तो हो रहा था पर लंड आहिस्ता आहिस्ता अंदर जा रहा था। फिर चाचू ने बताया कि आधे से ज्यादा लंड अंदर जा चुका है तो मैंने कहा कि अब और नहीं सहा जाता तो चाचू ने उसे थोड़ा बाहर खींचा और फिर आगे पीछे करने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा तो मैं भी अपनी कमर उठा उठा कर साथ देने लगी। “XXX Niece First Sex”
यह देख चाचू की हिम्मत और बढ़ गई और बह अब जोर जोर से धक्के लगाने लगे। तभी चाचू ने जोश में आकर एक जोर का धक्का लगा दिया। मैं तड़प उठी और मुझे लगा कि मेरे पेट के अंदर कुछ चुभ गया है तो चाचू ने कहा कि पूरा लंड अंदर चला गया है।
मेरी सांस फूलने लगी और मैं पसीने से लथपथ हो गई पर थोड़ी ही देर में मुझे मजा भी बहुत आने लगा। मेरे मुंह में से निकलने लगा,” हाय हाय मेरे चाचू जल्दी जल्दी धक्के लगाओ बहुत मज़ा आ रहा है हाय चाचू फाड़ दो आज मेरी फुद्दी और मसल दो मेरे मम्मों को, हाय चोदो मुझे,और जोर से।
इतने में मैं झड़ गई पर चाचू मेरे ऊपर चढ़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते रहे और थोड़ी देर बाद झट से लंड बाहर निकाल लिया और अपने हाथ में लंड को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगे और तभी लंड की पिचकारी मेरी छाती पर आ गिरी। फिर हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर सो गए। और रात हम ने तीन बार सैक्स किया पर चाचू ने अपना माल मेरी फुद्दी में न गिरने दिया।
दूसरे दिन चाचू निरोध के चार पैकेट ले आए और फिर हम चाचू और भतीजी मज़े से चुदाई करते रहे। और अभी तक कर रहे हैं। धन्यवाद.
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