Kamuk Maa Ki Chuchiyon Ke Ubhar Ne Pyas Jagai
Hindi Sex Story मेरा तबादला 6 महीनों के लिए हरियाणा में हुआ था। फिर में वहाँ अपने एक हरियाणी दोस्त के गाँव में रूका। मेरे दोस्त के घर में उसकी 42 वर्षीय माँ रहती थी, वो विधवा थी और एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थी, इतनी उम्र में भी उसका शरीर मोटा था, हमेशा उसके चेहरे पर कामुकता झलकती रहती थी। मैंने कई बार उन्हें छुप- छुपकर अपनी चूत में उंगली डालकर चोदते हुए देखा था। Kamuk Maa Ki Chuchiyon Ke Ubhar Ne Pyas Jagai.
अब में समझ गया था कि वो काफ़ी सेक्सी महिला है, लेकिन संकोच के कारण मेरी कुछ करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। में अक्सर खाली समय में टी.वी देखकर या नॉवेल पढ़कर टाईम पास करता था, शनिवार और रविवार को मेरे दफ़्तर की छुट्टी होती थी, में मेरे दोस्त की माँ को माँ कहकर ही पुकारता था। उस दिन शनिवार था और में अपने कमरे में बैठकर किताब पढ़ रहा था कि तभी अचानक से कुछ गिरने की आवाज आई। तो तब मैंने जाकर देखा कि माँ के हाथ से तेल का डिब्बा गिर पड़ा था। तो तब मैंने पूछा कि क्या हुआ माँ? तो तब वो बोली कि कुछ नहीं जतिन तेल का डिब्बा उतार रही थी कि हाथ से फिसल गया। अब थोड़ा तेल उनके सीने और जमीन पर गिरा था और फिर जब वो बैठकर जमीन पर गिरा तेल साफ करने लगी। तो तब मैंने कहा कि लाओ में कर देता हूँ। तब वो बोली कि नहीं में कर लूँगी।
फिर जब वो बैठकर तेल साफ करने लगी, तब मैंने देखा कि उनके बड़े गले वाले ओपन ब्लाउज में से उनकी चूचीयों का उभार दिख रहा था और उनकी चूचीयाँ घुटनों से दबकर बाहर आने की कोशिश कर रही थी। अब में उनकी मोटी-मोटी चूचीयों को देखकर पागल सा हो गया था। माँ की हाईट 5 फुट 6 इंच थी, उनके बूब्स का साईज तो 38 था और उनके चूतड़ का साईज तो आप अपने आप सोच सकते है, माँ एकदम हेल्थी थी। उस दिन से में माँ को अजीब निगाहों से उनकी चूचीयों को देखता था और सोचता था कभी मौका मिला तो जमकर उनकी चूचीयों को मसलूँगा, माँ भी हमेंशा हंस-हंसकर बातें करती थी। फिर थोड़ी देर के बाद माँ बाथरूम में कपड़े धोने लगी तो तब इतने में माँ ने आवाज़ लगाई।
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फिर तब में उठकर गया। तब वो बोली कि जाकर सर्फ़ का पैकेट बाज़ार से ला दो और फिर में बाज़ार जाने लगा। तब बीच रास्ते में मुझे ध्यान आया कि में मेरे पर्स को घर में ही भूल गया हूँ तो तब में घर के लिए वापस मुड़ा और घर पहुँचकर डोरबेल बजाई, लेकिन कुछ रेस्पॉन्स नहीं मिला। तो तब मैंने सोचा कि शायद माँ बिज़ी होगी तो तब मैंने अपनी चाबी से दरवाजा खोला। फिर जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, तो तब मैंने देखा कि माँ बाथरूम में नहा रही है।
फिर मैंने आवाज देकर पूछा कि माँ मेरा पर्स कहाँ रखा है? तो तब वो बोली कि अलमारी से ले लो। तब मैंने कहा कि ठीक है और बाथरूम के पास गया और फिर जो मैंने देखा देखता ही रह गया था। अब माँ के शरीर पर केवल ब्लाउज और ब्रा ही थी और साड़ी और पेटीकोट एक तरफ उतरे पड़े थे। अब माँ अपनी चूत पर मालिश कर रही थी, क्योंकि उन्होंने अभी-अभी अपने बाल साफ किए थे। यह देखकर मेरा मोटा और लम्बा लंड टाईट होने लगा था और मेरी पेंट से बाहर आने की कोशिश करने लगा था। तब में वहाँ से चला गया, क्योंकि अब मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था।
फिर जब में सर्फ़ का पैकेट लेकर घर पहुँचा तो तब में तुरंत बाथरूम में पेशाब करने चला गया। अब जब में पेशाब कर रहा था तो तब मुझे रह-रहकर वो सीन याद आ रहे थे और में पागल हो रहा था। फिर जब में पेशाब करके बाहर आकर उनके कमरे में गया। तब माँ बोली कि क्या बात है? तुम बहुत परेशान नजर आ रहे हो। तब मैंने कहा कि कुछ नहीं बस सिर में हल्का दर्द हो रहा है, वैसे में माँ को कैसे बताता कि क्या बात है? तो तब माँ बोली कि चल तेरे सिर में तेल लगा देती हूँ। तो तब मैंने कहा कि ठीक है और फिर में जाकर उनके पास में बैठ गया और वो मेरे सिर में तेल लगाकर मालिश करने लगी थी। फिर मालिश करते-करते वो बोली कि जतिन बेटा आज मेरा पैर भी काफ़ी दुख रहा है। तब मैंने कहा कि ठीक है माँ, में आपके पैरों पर सरसों के तेल से मालिश कर दूँगा। तब वो बोली कि नहीं में खुद ही लगा लूंगी।
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अब उनका हाथ मेरे सिर की बड़े प्यार से मालिश कर रहा था कि तभी अचानक से वो कुछ लेने के लिए झुकी तो तब उनकी चूचीयाँ मेरे मुँह से टच हो गयी थी। अब माँ को महसूस हो चुका था कि उनकी चूचीयाँ मेरे मुँह पर टच हुई थी, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और केवल मुझे देखकर मुस्कुरा दी थी। फिर हम लोग टी.वी पर पिक्चर देखने लगे। अब टीवी पर इंग्लिश में सेक्सी पिक्चर लगी थी। अब सेक्सी सीन देखकर माँ भी गर्म हो गयी थी, क्योंकि उन्होने अभी-अभी अपने झांटे साफ की थी। तभी वो बोली कि जतिन क्या तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड है? जिसे तुम बहुत चाहते हो या प्यार करते हो। तो तब में शर्माकर बोला कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और मुझे तो तुम सबसे सुंदर लगती हो, में चाहता हूँ कि मेरी होने वाली बीवी भी आप जैसी ही सुंदर दिखने वाली महिला हो। तब माँ बोली कि धत पागल जैसी बात क्यों करता है? तो तब मैंने कहा कि नहीं माँ में सच कह रहा हूँ।
अब मुझे माँ के चहरे पर वासना नजर आने लगी थी। अब में समझ गया था कि वो गर्म होने लगी है और बोली कि तुझे मुझमें क्या अच्छा लगता है? तो तब मैंने कहा कि आपकी आँखे और हंसने का अंदाज मुझे काफ़ी आकर्षित करता है। तब वो बोली कि सही बता झूठ क्यों बोलता है? तो तब मैंने कहा कि आप इस उम्र में भी काफ़ी आकर्षित लगती हो और साफ सफाई का भी खूब ख्याल रखती हो। तब माँ बोली कि आँखें और हंसने का अंदाज तो मेरी समझ में आया, लेकिन साफ सफाई की बात समझ में नहीं आ रही है। “Kamuk Maa Ki Chuchiyon”
तब मैंने कहा कि आप ना तो ज़्यादा मेकअप करती है फिर भी साफ सफाई का इतना ध्यान रखती हो, जो मुझे बहुत अच्छा लगता है। तो तब माँ हंसते हुए बोली कि इसका मतलब तू मुझे हमेशा देखता रहता है कि में क्या कर रही हूँ? तो तब मैंने देखा कि उसकी आँखे वासना से भर चुकी थी और चेहरा सुर्ख हो चुका था। फिर तब मैंने कहा कि माँ जब मैंने आपको देख ही लिया तो अब किस बात की शर्म? फिर वो चुप हो गयी।
फिर तब मैंने कहा कि आप अपने बालों का खूब ध्यान रखती हो? आज जब में अपना पर्स भूल गया था तो तब मैंने आपको चोरी छुपे बाथरूम में देखा था, लेकिन आपने कमर के ऊपर कपड़े पहने थे इसलिए मुझे आपका ऊपर का भाग नहीं दिखा। तब वो थोड़ी शर्माते हुए उठने लगी। तब मैंने उनका हाथ पकड़ते हुए बिस्तर पर लेटा दिया और उनके पास बैठ गया। तब वो बोली कि तुझे पता है कि तू क्या कर रहा है? तो तब मैंने कहा कि मुझे बस आप अपना शरीर एक बार फिर से दिखा दो, फिर कभी कुछ नहीं करूँगा। तो तब वो नाराजगी दिखाने लगी और फिर कुछ देर चुप रहकर बोली कि देखो जतिन में जैसा कहूँगी वैसा ही तू करेगा। तो तब में बोला कि ठीक है। फिर उन्होंने कहा कि जब तक में ना कहूँ तू मुझे कहीं हाथ नहीं लगाएगा। तब में बोला कि ठीक है।
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तू अब मेरा पेटीकोट उतार दे। तभी मैंने सोचा कि शायद आज सारा काम मुझे ही करना पड़ेगा और फिर मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खींचकर उनका पेटीकोट उतार दिया। फिर उसके बाद मैंने जैसे ही उनका ब्लाउज उतारा तो उनके बूब्स बाहर आने के लिए तड़प रहे थे। तब माँ बोली कि चल अब मेरी ब्रा भी उतार दे। तब मैंने जैसी ही उनकी ब्रा उतारी तो उनकी चूचीयाँ उनकी सांसो के साथ ऊपर नीचे हो रही थी। यह देखकर में तो पागल हो गया और अब में उनकी चूचीयों को अपनी हथेली से दबाने लगा था। “Kamuk Maa Ki Chuchiyon”
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तभी माँ नाराज हो गयी और उठने लगी, लेकिन मेरे वजन और दबाने के एहसास से वो उठ नहीं पाई और दुबारा बिस्तर पर गिर गयी थी। अब उन्हें मज़ा आने लगा था, तो पहले तो में दबाता ही रहा और फिर थोड़ी देर के बाद मेरी हिम्मत बढ़ी तो तब मैंने उनकी चूचीयों के निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा था। अब उन्हें मज़ा आने लगा था। अब में भी जोश में आकर अपने एक हाथ से उनकी चूत को रगड़ने और सहलाने लगा था। अब वो ज़ोर-ज़ोर से आहें भरने लगी थी, अब उनकी आँखे बंद थी।
फिर तब मैंने कहा कि मुझे कुछ और चाहिए। तब वो बोली कि अब तो सब दे दिया है, अब क्या चाहिए? शायद वो सब कुछ मेरे मुँह से कहलवाना चाहती थी। तब मैंने कहा कि जिसके आपने बाल साफ किए है। तब वो बोली कि अब सब तेरा है जो चाहिए वो ले ले, सब तो तुने देख लिया और छू लिया है। अब में समझ गया था कि वो भी सेक्स के लिए तैयार होकर आई थी। तब पहले तो में उनकी चूत में काफ़ी देर तक अपनी जीभ डालकर काफ़ी देर तक चूसता रहा। अब वो भी मेरे कपड़े उतारकर खड़ी होकर अपने घुटनों के बल बैठ गयी थी और मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर चूसने लगी थी। अब में उनका सिर पकड़कर उनकी मुख चुदाई करने लगा था और साथ ही साथ उनकी चूचीयों से खेलने लगा था। अब उनको भी मस्ती चढ़ने लगी थी। फिर वो बोली कि जतिन तेरा लंड तो काफ़ी मोटा और लंबा है इस लंड से चुदाने में मुझे और मेरी चूत को काफ़ी मज़ा आएगा। अब वो मेरे लंड को चूस भी रही थी और बैठकर अपनी चूत के दाने को सहला भी रही थी।
अब वो इतनी गर्म हो गयी थी कि तभी वो आहें भरते हुए बोली कि जतिन अब आ भी जा, अब मुझे और मेरी चूत तो मत तड़पा, जल्दी से मेरे ऊपर आजा। फिर मैंने माँ को लेटाकर उनकी दोनों टाँगों को फैलाते हुए उनकी जांघो को अपनी कमर की तरफ किया और उनकी दोनों टाँगों को अपने कंधो पर रख दिया और फिर अपना लंड उनकी चूत के पास ले गया और पूरी ताकत से एक जोर का धक्का दिया। तब मेरा आधा लंड उनकी चूत में समा गया। अब मुझे मेरे लंड पर उनकी कसी-कसी गर्म चूत की दीवारों का स्पर्श होने लगा था। तब वो बोली कि उफ़फ्फ जतिन कई सालों के बाद इस चूत ने लंड खाया है वो भी लम्बा और मोटा तो थोड़ा दर्द हो रहा है, जरा धीरे-धीरे डालो राजा। तब मैंने एक और ज़ोरदार धक्का लगाया तो तब मेरा पूरा लंड अंदर चला गया था।
फिर मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया। अब माँ तो पूरी मस्ती में आ चुकी थी और मज़ा ले रही थी। तब माँ बोली कि जतिन जरा ज़ोर-ज़ोर से अपनी गांड उठा-उठाकर चोदो मुझे, मेरे चूतड़ पर ज़ोर-जोर से मार बहुत मज़ा आता है, उसकी आवाज मुझे अच्छी लगती है। अब पूरे कमरे में पच-पच की आवाज़े गूंजने लगी थी और इस आवाज को सुनकर में भी ज़ोर-जोर से अपने लंड को उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा था। “Kamuk Maa Ki Chuchiyon”
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तब वो भी जोश में आकर बोली कि जतिन मज़ा आ गया, आज बहुत दिनों के बाद जवानी का मज़ा पाया है, कसम से आज तुने मुझे अपनी जवानी के दिन याद दिला दिए, हाईईईईई, हाईईईईईई, इसस्स्स्स्सस्स। तब में भी बहुत जोश के साथ चुदाई करते हुए बोला कि आज तेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दूँगा, अब तू हर वक़्त मेरा ही लंड अपनी चूत में डलवाने के लिए तड़पा करेगी। तब माँ बोली कि आआआआआहह, हाईईईईईईई, क्या मज़ा आ रहा है? खूब ज़ोर ज़ोर-जोर से चोदो मुझे। अब इसी दरमियाँ माँ 2 बार झड़ चुकी थी, लेकिन में माँ को सूपर फास्ट एक्सप्रेस की तरह चोद रहा था।
अब वो आहें भरते हुए बोल रही थी अया गुड जतिन मजा आ गया, मममममममम, आआअहह, आहह, उहह, ममममम और फिर करीब 20-25 मिनट के बाद मेरे लंड का पूरा वीर्य उनकी चूत की गहराई में गिर गया और अब में एकदम से सुस्त हो गया था और अब मेरा लंड भी शांत हो गया था। फिर माँ और में एक दूसरे के ऊपर लेट गये। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपना लंड उनकी चूत में से बाहर निकाला। तो तब उनकी चूत के किनारे से मेरा वीर्य बह-बहकर उनकी गांड की तरफ जा रहा था। तब उनकी चूत से बहती वीर्य की धारा और गांड देखकर मेरा मन उनकी गांड मारने को हुआ, लेकिन एक बार झड़ने से मेरा लंड पूरी तरह से गांड मारने के मूड में नहीं था।
तब मैंने उनकी चूत और अपने लंड को कपड़े से साफ करके अपना लंड फिर से उनके मुँह में दे दिया और फिर जब मेरा लंड पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया तो तब में माँ से बोला कि माँ आपके मोटे मोटे चूतड़ देखकर मेरी बड़ी इच्छा हो रही है कि एक बार आपकी गांड मारूं अगर तुमको बुरा ना लगे तो क्या में आपकी गांड मार लूँ? तो तब माँ बोली कि जतिन सारा काम क्या एक ही दिन में पूरा करोगे? रात के लिए कुछ भी नहीं रखोगे, फिर भी तेरी बड़ी ही इच्छा है तो चल मार ले गांड, लेकिन आराम से मारना और फिर माँ उल्टी होकर लेट गयी और अब उनके बड़े बड़े चूतडों के बीच में उनकी गांड काफ़ी सुंदर लग रही थी। “Kamuk Maa Ki Chuchiyon”
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फिर उन्होंने अपने चुत्तडो को अपने दोनों हाथों से फैला लिया। फिर में ढेर सारा थूक उनकी गांड के छेद पर लगाकर अपना लंड उनकी गांड में डालकर करीब आधे घंटे तक उनकी गांड मारता रहा। फिर जब हमारी चुदाई लीला समाप्त हुई, तो तब वो बड़ी खुश हुई। फिर मैंने पूछा कि माँ मैंने अपना ढेर सारा वीर्य आपकी चूत में डाल दिया है कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं होगी ना? तो तब वो बोली कि अरे पगले जब से तेरा दोस्त पैदा हुआ उसके तुरंत बाद मैंने ऑपरेशन करवा लिया था इसलिए कोई चिंता की बात नहीं है। फिर में जितने दिन वहाँ रहा उनको जमकर चोदता रहा और फिर हम दोनों ने खूब इन्जॉय किया ।
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