Horny Mom Bathroom Sex
मेरा नाम अर्चना है मेरे पति नहीं हैं इसलिए मैं घर में अपने बच्चों के साथ हर समय असीमित बार ओपन खुल कर प्यार मस्ती मजा सबसे अच्छा दोस्त बनना चाहती थी खुल कर ओपन रह कर हर समय असीमित बार पुरी नंगी रहना सेक्स करना चाहती थी। Horny Mom Bathroom Sex
समझ में नहीं आ रहा था कि क्या क्या करूँ कैसे कैसे करूँ कैसे तैयार करूँ अपने प्यारे बच्चों को? फिर मेरी एक खास सहेली पूनम ने बताया। फिर मैं उसके अनुसार करने लगी। तब मुझे लगने लगा कि यह तो बहुत ही आसान है। अगर माँ चाहे तो कुछ भी कर सकती है।
सबसे पहले मैनें ओपेन नहाना शुरू कर दिया यानी बाथरूम में बिना दरवाजा बंद किये या बाहर आंगन में खुले में मात्र एक छोटा सा गमछा पहन कर नहाने लगी। कमर से उपर एकदम खुला रखने लगी यानि मेरी चुची, पेट सब खुले हो और कमर में मात्र एक छोटा सा गमछा लपेट लेती और बैठ कर नहाती ऐसा कि दो मिनट बाद ही पानी डालते ही गमछा सरक कर नीचे चला आए.
और मेरे नितंबों से निचे चले आये और मैं बिल्कुल एकदम नंगी हो जाऊँ। लेकिन गमछे को अलग नहीं करती। उसे अपने शरीर से सटाये रखती और उसी समय अपने बच्चे या बेटे को बुलाकर पीठ में साबुन लगा देने को कहती। निश्चित है कि साबुन लगाते लगाते उसका हाथ मेरे नितंबों तक भी जाता।
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शुरू में थोड़ा संकोच होता लेकिन एक दो बार करने पर सामान्य हो गया। पीठ पर साबुन लगा देने के बाद उसे हाथ पकड़कर अपने आगे ले आ आती, जाहिर है उस समय मेरी बुर भी एकदम खुली और फिर उसके बैठाकर उसके सर को अपनी बुर में सटा लेती और उसके मुंह में अपनी बुर दे देती और उसके सर को अपनी बुर में दबाकर उसके बालों और पीठ में थोड़ा थोड़ा साबुन लगाने लगती।
अपनी बुर में उसका सर इतना दबाती कि उसकी जीभ और होठ मेरी बुर के अंदर घुस जाता। लेकिन उसके पहले मैं अपनी बुर तो एकदम चिकना और साफ सुथरा कर लेती ताकि उसको भी धिन ना आये और मजा आये। शुरू शुरू में उसे भी थोड़ा संकोच हुआ थोड़ा शरमाया.
लेकिन फिर वो भी सामान्य हो गया और पूरा अंदर जीभ डालकर मेरी बुर चुसने लगा और मैं सिसकारी भर भर कर मजे लेने लगी। उसे भी अब बहुत मजा आने लगा क्योकिं मैं ऐसा रोज करती। कुछ देर तक ऐसा रखने के बाद उसे खड़ा कर के उसके लंड में साबुन लगाकर, चमड़ी को हटा हटा कर, लंड को मसल मसल कर साफ करती.
और इसी तरह मैं अपनी बेटी को भी उसकी बुर में अंगुली डाल डाल कर साफ करती और अगर वह शरमाती तो मैं उसे डांटती कि कभी साफ नहीं करती है। ये सब एकदम साफ रखना चाहिए नहीं तो बहुत सारी बीमारी हो जाती है। फिर उसे अच्छे से पूरा नहला देती।
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उसके बाद मैं अपने बेटा बेटी के सामने ही उसी तरह देर तक अपनी बुर को रगड़कर साफ करते हुए देर तक साफ करती और नहाती और उसका सर अपने दोनों चुचियों में दबाती और इतना दबाती कि वह मेरे दोनों चूचक अपने मुंह में ले ले और चूसने लगे। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
तीन चार बार ऐसा करने के बाद जब ये सब मेरे बेटे और बेटियों लिए भी सामान्य हो गया तो, उसको नहलाने के बाद जब मैं अपने बेटे के लंड को साफ कर लेंती तो बोलती देखो कितना साफ हो गया। कहकर उसके लंड को, अपने मुंह में लेकर थोड़ी देर तक चूसने लगती धीरे धीरे उसे इसकी भी आदत हो गयी।
रोज मैं घर में अपने बच्चे के पूरे कपड़े खोलकर तेल लगाकर पूरे शरीर की मालिश करती और मैं खुद भी पूरी तरह निवस्त्र होकर केवल कमर में एक छोटा गमछा पहनकर उसकी मालिश करती ऐसा कि एक मिनट में मेरा गमछा खुलकर गिर जाता और मैं पूरी नंगी हो जाती लेकिन मैं इस पर ध्यान मत देती।
मालिश इस प्रकार करती कि मालिश करते करते ज्यादा से ज्यादा उसका मेरा बदन उसके बदन से रगड़ खाये। फिर उसके लंड की मालिश करते समय उसके लंड को मुंह में लेकर देर तक चुसने लगती। उसे कपड़े मत पहनने देती यानी वैसे ही नंगा रखती।
मैं बेटा और दोनों बेटियों को पूरी तरह नंगी करके और खुद भी नंगी होकर मालिश करती। ताकि दोनों एक दूसरे को नग्न होकर एक दूसरे यौन अंगों और सभी अंगों को देख सके। फिर उसे थोड़ा डांटकर थोड़ा प्यार से अपने शरीर की मालिश कर देने को कहती।
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फिर गमछा उठाकर पहले की तरह पहन लेती। फिर मैं बिस्तर पर लेट जाती और बच्चों को मालिश करने को कहती और अपने पैरों को इस तरह मोड़ लेती कि मेरी बुर उसके चेहरे के सामने हो जाती और वे तुम्हारी बुर देखता रहते गमछा को इस तरह ढिला कर देती कि वह तुरंत खुल जाए और मैं पूरी नंगी हो जाती।
अब जाँघों को फैलाकर मैं अपनी बुर को, पूरी तरह खोल देती और उसे दोनों पैरों के बीच में आने को कहती और एकदम बुर के पास बैठाकर अपनी बुर के आसपास भीतरी जांघों की देर तक मालिश करवाती। ताकि मालिश करते करते बार बार उसका हाथ मेरी बुर में जाए।
कुछ दिनों बाद मैं देखने लगी कि वह मेरी बुर में भी अंगुली घुसा कर मालिश कर देने लगा। मैं नग्नता की परवाह नहीं करती और अपने हाथ, बाँह, चुचिंयां, छाती सब जगह मालिश कराना। पीठ पर मालिश करते समय बोलती कमर के उपर चढ़कर अच्छे से मालिश करो फिर बोलती कि पीछे घुमकर मेरी जाँघ की भी मालिश कर दो, जाहिर है कि वह मेरे जाँघों के साथ साथ मेरे नितंबों की भी मालिश कर देता।
फिर मैं पलट कर चित हो जाती और उसे उसी तरह अपने पैरों को फैलाकर जांघों और बुर की कटिंगस की मालिश करने को कहती। बीच बीच में उसकी तारीफ करना कि बहुत अच्छा मालिश करता है और उसे खिंच कर अपने उपर ले लेती और अपने अपने बाहों में भरकर कसकर अपने शरीर से कुछ देर तक दबाए रखती और उसके मुंह में अपना मुंह डालकर उसे कुछ देर चुमते रहती.
उसकी खुब तारीफ करती और उसका उत्साह खूब बढ़ाती कि वह खूब अच्छा मालिश करता है। बहन को भाई की और भाई को बहन की मालिश कर देने को कहती। बेटे को बहन और मां दोनों को ही निवस्त्र होकर मालिश करने को कहती।
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घर में ज्यादातर सभी को निवस्त्र ही रहने को प्रेरित करती ताकि मालिश अच्छे से हो और मालिश करने के बाद अपने बेटे का लंड जरूर चूसती और बहन को भी भाई का लंड चूसने के लिए कहती। कहती कि बेचारा इतना मेहनत किया है थोड़ा चूस दी।’
फिर भाई को भी बहन की बुर को चूस देने को कहती बोलती “अच्छा क्या हुआ, तुम भी थोड़ा चूस दो चाट दो।” कहकर कैसे चाटा चूसा चाटा है, यह उसकी बहन की बुर को चाटकर और चूस कर सिखलाती। फिर वह खुद भी चाटने लगता फिर मैं अपनी बुर भी जरूर चटवाती।
यानी एक दूसरे की मालिश करना और लंड चूसना और बुर चाटना यह रोज नियमित रूप से जरूर होता। इससे क्या क्या फायदे है यह उन सबको प्यार से समझाती। घर में सबको नाम मात्र के कपड़े पहनने के लिए प्रोत्साहित करती और खुद तो एकदम नाम मात्र के कपड़े पहनकर घर में रहती जिसका पहनना ना पहनना बराबर हो।
दोपहर को तो अपने सारे कपड़े खोलकर मात्र एक छोटा सा गमछा इस प्रकार लपेट कर सोती कि दो मिनट बाद मेरा गमछा खुल जाए और मैं बिल्कुल निवस्त्र हो जाती। कमरे में इतना रोशनी जरूर होती, कि मेरा सब कुछ दिखाई पड़े। बुर तो पूरी तरह दिखती। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
मैं अपने आपको चदर आदि से भी नहीं ढकती, वैसे ही सोये रहना, कभी कभी सोये से सीधे उठकर वैसे पूरी नंगी ही घर का कोई काम या किचन का काम करने लग जाती। कभी कभी उठकर गमछा लपेट लेती तो सब कुछ धीरे धीरे सबको सामान्य लगने लगता। “Horny Mom Bathroom Sex”
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फिर मालिश करते कराते ही अपने बेटे का कड़क लंड अपनी बुर में डाल लेती और धीरे धीरे चोदने को कहती। फिर जब कई बार ये सब करते करते सामान्य हो गया तो मैं इस तरह अपनी चुदाई अपनी बेटी को बगल में लिटाकर मालिश कराते समय करती।
फिर मेरी दोनों बेटी भी लंड लेने के लिए राजी हो और मचलने लगी तो फिर मैने उन दोनों की भी चुदाई अपने बेटे से करवा दी। इस सब में सबको असीम आंनद आने लगा और हम लोग खुब मजे करने लगे। साथ ही मैने सबको समझा देना कि ये घर की बात भूलकर भी किसी को नहीं बतानी है। नहीं तो लोग उल्टी सीधी बातें करेंगे।
Rohit says
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