मेरा नाम दिशा अग्रवाल है। मैं 26 वर्ष की खूबसूरत विवाहित महिला हूँ। जीवन में मुझे हर सुख मिला, मगर एक वो सुख नहीं मिल पाया, जो एक औरत चाहती है, शारीरिक सुख।मेरे पति एक बड़े बिज़नसमैन हैं, और बिज़नस के चलते वो हमेशा घर से बाहर ही रहते हैं। मेरे पास सुख साधन संपत्ति सब है, मगर जिस चीज़ को हमेशा अपने साथ चाहती हूँ, वो मेरे पास नहीं है, वो है मेरे पति… और उनका प्यार और सुख।
Naukar Ne Meri Sex Ki Tadap Dekh Kar Chod Diya .
पिछले साल की बात है, मेरे पति जब घर आये थे, एक दिन रुके और पूरे दिन फोन पर लगे रहे और रात में मुझे बोले कि वो एक महीने के लिए लन्दन जा रहे हैं बिज़नस के सिलसिले में !उस रात मैं फूट फूट कर रोई थी कि यह भी कोई रिश्ता है।उनके घर से जाने के बाद मैंने खूब शराब पी, कि मेरी तबियत खराब हो गई।मेरे नौकर मोनू ने मुझे अस्पताल भर्ती कराया, इलाज़ के बाद मुझे घर ले आया और बहुत सेवा की। तबियत ठीक होने के बाद मैंने एक दिन उसे बुलाकर उसे धन्यवाद दिया।मोनू बोला- मेमसाब हम तो आपके मुलाजिम हैं, आपकी खातिरदारी हमारा धर्म है।
हम अपनी गरीबी के चलते बीवी बच्चो से दूर हियाँ कमाई के लिए पड़े है और आप सब कुछ होते हुए भी अपने पति से दूर हैं। माफ करना मेमसाब ज्यादा बोल दिया, दू साल से आपन घरवाली से नहीं मिले हैं, बहुत याद आती है उसकी। मगर कमाएंगे नहीं तो घर नहीं चल पायी हमार।मैंने उसे दो हज़ार रुपये दिए और कहा, जाओ अपने घर हो आओ.. तो वो बोला- नहीं मेमसाब, हम ई पैसा घर भेजूंगा कि हमरा घर चलता रहे। हम आपकी सेवा में यहीं रहेंगे। आपका बहुत धन्यवाद।मोनू की बातें मेरे दिल को छू गई, कि यह गरीब इंसान अपनी पत्नी को इतना प्यार करता है और एक मेरे पति हैं कि उन्हें मेरी याद भी नहीं आती। कितना तड़पता होगा वो यहाँ पर अपनी बीवी के बिना, ठीक वैसे ही जैसे मैं अपने पति के बगैर। “Naukar Ne Meri Sex”
मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी : Boyfriend Ne Bina Condom Ke Ki Pahli Chudai
तभी मुझे एक बुरा ख़याल आया कि हम दोनों एक दूसरे की तड़प भी तो शांत कर सकते हैं!तब से मेरी नजरें उसके लिए बदल गई।एक दिन वो घर में सफाई कर रहा था, उस समय वो उघारे बदन था, सिर्फ नीचे एक हाफ-पेंट पहन रखी थी। उसकी मांसल भुजायें और बदन को देख मुझे कुछ कुछ होने लगा।मैंने ठान लिया मोनू के साथ उसकी और अपनी दोनों की तड़प मिटा लूंगी।उस रात मोनू मेरे कमरे में आया और बोला – मेमसाब खाना लगा दें?मैंने कहा- मोनू मेरा एक काम करोगे?मोनू- बिलकुल करेंगे मेमसाब..मैंने कहा- मोनू, मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही, थोडा तेल गर्म कर लाओ, मेरे हाथ पैर दबा दोगे?
मोनू- ठीक मेमसाब, हम तेल गर्म कर लाते हैं..मैं उस समय गाउन पहने थी, मैं बिस्तर पर लेट गई।मोनू 5 मिनट में तेल गरमा कर कमरे में आ गया और वहीं खड़ा हो गया।मैंने अपना गाउन जाँघों तक उठा दिया और कहा- मोनू, मेरे पैर तेल लगा कर मालिश कर दो।मोनू ‘जी! मेमसाब’ कह कर मेरे पैर पर तेल की मालिश करने लगा।मैंने जानबूझकर अपना गाउन कमर तक उठा दिया था, ताकि मोनू को अपने जलवे दिखा सकूं।मोनू मेरे पैरों की मालिश करते हुए मेरी जाँघों के जोड़ को घूर रहा था, जहां मेरी पैंटी ने मेरी दौलत को छिपा रखा था।मोनू की उँगलियों की पकड़ मेरी जाँघों पर पहले से तेज हो गई। “Naukar Ne Meri Sex”
फिर मैं पलट गई और बोली- मोनू! अब मेरा गाउन उठा दो, और मेरी पीठ की मालिश कर दो, बहुत दर्द हो रहा है।
मोनू ने मेरा गाउन पीठ से उठा कर पीठ की मालिश चालू कर दी। मैंने दीवार पर लगे शीशे में देख लिया कि अब वो मेरी पैंटी से ढके मेरे चूतड़ों की उठान और पीठ से चपके मेरी ब्रा के स्ट्रेप को घूर रहा था।मैंने जानबूझ कर फेंसी ब्रा और पैंटी अंदर पहन रखी थी, कि उसकी मर्दानगी को जगी सकूं…मैंने कहा- मोनू! मेरी ब्रा का हुक खोल दे, फिर पीठ पर ठीक से मसाज कर…कांपते हाथों से उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और पीठ को सहलाने लगा।उसके हाथ काँप रहे थे।थोड़ी देर बाद मैं पलट के सीधी हो गई, मैंने खुद ही अपना गाउन निकाल दिया और चित लेट गई और बोली- मोनू! अब मेरी चूचियों की मालिश करो…मोनू- मेमसाब! क्या कह रही हैं?मैंने कहा- मेरी चूचियों की मालिश कर दो… “Naukar Ne Meri Sex”
चुदाई की गरम देसी कहानी : Pyar Pane Ke Liye Pahle Chut Deni Padi
मोनू काँप रहा था और हिचकिचा रहा था। मैंने उसके दोनों हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख दिए और बोला- मोनू! डरो मत! इनकी मालिश करके देखो, कैसा लगता है तुम्हे? बोलो अच्छा लग रहा है ना?मोनू कांपते हुए हाथो से मेरे स्तन दबाने लगा। वो हिचकिचा रहा था, मगर उसकी हाफपेंट में उसके लिंग की उठान देख के मैं उसके मन की इच्छा जान गई थी।मैंने मोनू से कहा- मोनू, मैं अपने पति से सुख नहीं पा रही और तुम अपनी पत्नी का सुख नहीं पा रहे। तो क्यों न हम दोनों एक दूसरे को वो सुख दे दें, जिसके लिए हम दोनों तड़प रहे हैं। मना मत करना मोनू, वरना मैं जी नहीं पाऊँगी।
यूं समझ लो आज की रात मैं ही तुम्हारी घरवाली हूँ और तुम्हारा मुझ पर पूरा अधिकार है..इतना कहकर मैंने उसके उत्तेजित लिंग को हाफपेंट से बाहर निकाल के पकड़ लिया और तुरंत मुख में ले लिया। मोनू का लिंग मेरे मुंह में जाते ही फूल गया, कि उसका सुपारा लाल हो गया।मैंने धीरे से उसकी पैंट की बटन खोल के उतार दिया। अब मैं उसके पूरे लिंग को चूस रही थी।मोनू का लिंग इतना बड़ा था कि एक बार में बस एक तिहाई लिंग ही मैं मुंह में ले पा रही थी।मैंने उसके अंडकोष को सहलाया फिर उन्हें भी चूमते हुए खूब चूसा।मोनू जब उत्तेजित हो गया तो उसने मेरा सर पकड़ लिया और वो मेरे मुंह में ही झटके लगाने लगा। “Naukar Ne Meri Sex”
मुझे खांसी आने लगी तो मैंने उसका लिंग अपने मुंह से बाहर निकाल दिया और कहा- धीरे धीरे करो! उसने हामी में सर हिलाया तो मैंने फिर से मोनू का लिंग मुंह में ले लिया। पहले तो उसने धीरे धीरे लिंग को मेरे मुंह में अंदर बाहर करते हुए लिंग चुसवाने का मजा लिया, फिर दुबारा वो पहले की तरह मेरा सर पकड़ के मेरे मुंह में जोर जोर से अपना लिंग घुसाने लगा तो मैंने उसके हाथ पकड़ लिए।वो लिंग मेरे मुंह से नहीं निकाल रहा था, मैंने जोर लगा कर अपना सर पीछे किया और किसी तरह उसका लिंग मुंह से निकाल कर जोर की सांस ली। “Naukar Ne Meri Sex”
मस्तराम की गन्दी चुदाई की कहानी : Dost Ki Maa Se Jabardasti Chudai Ka Maza Liya
जी में उस पार गुस्सा बहुत आया, मगर कुछ कहा नहीं, क्योकि अभी अपनी गरज थी।मैंने कहा- तुम तो जालिम हो जाते हो, दम घुट जाता मेरा तो?मोनू बोला- माफ कर देना मेमसाब! हमसे रुका नहीं गया।मैंने कहा- वो दूसरी जगह है, जहाँ रुका नहीं जाता ! मोनू बोला- मेमसाब हम समझे नाही!मैंने कहा- तू भी न! देखेगा?मोनू बोला- जी मेमसाब!मैंने धीरे से अपनी फैंसी पैंटी उतार के अपनी टाँगे फैला कर उसे बोला- लो जी भर के देखो!मोनू मेरी योनि को आँखे फाड़ फाड़ के देख रहा था। उसकी शकल देख के ऐसा लगा जैसे वो आश्चर्यचकित हो गया। मैंने पूछा- क्या हुआ? मोनू बोला- मैडम आपकी चूत इतनी गोरी कैसे है?
‘चूत’ सुनकर मुझे अजीब लगा, खैर! मैंने पूछा- क्यों! अच्छी नहीं है? मोनू बोला- नहीं मेमसाब, बहुत प्यारी है। हम आज तक किसी की इतनी गोरी चूत नहीं देखे। बहुत सुन्दर है। मैंने उसे और उत्तेजित करने के लिए उसका लिंग पकड़ के कहा- ख़ाक सुन्दर है! हम तुम्हारे ‘इसके’ लिए इसे इतना सजा संवार के रखे और ये है कि दूर दूर भाग रहा। साला देहाती खुशी के मारे बौरा गया, उसकी आँखों और मुंह से लार टपकने लगी और बोला- मेमसाब! आप हमरे लंड खातिर आपन चूत संवार के रखी थी? मैं बिस्तर पर चित लेट गई और मैंने उसे और उत्तेजित करने के लिए अपने ऊपर लिटा लिया, फिर अपनी टांग फैलाते हुए कहा- और क्या? “Naukar Ne Meri Sex”
एक तुम हो कि देर कर रहे हो, क्यों नहीं मिलवा देते इन्हें? डालो न इसे? इतना कह कर मैंने उसके लिंग मुंड अपनी योनि मुंख से सटा दिया। उस देहाती ने इतनी जोर का थाप मारा कि एक बार में ही आधा लिंग मेरी योनि के अंदर घुस गया। मुझे बहुत दर्द हुआ कि मैं कराह उठी। वो साला सोचा कि मुझे मजा आ रहा है, और देखते ही देखते वो मेरी योनि पर पिल पड़ा। मैंने अपनी टांगों से उसकी कमर को जकड़ लिया ताकि वो और झटके न मार पाए। लेकिन वो झटका मारना चालू रखे रहा। उसका लिंग बहुत बड़ा था, जैसे अंगरेजी ब्लू फिल्मो में होते हैं, पहले ही झटके में जैसे उसका लिंग मेरी बच्चेदानी पर टकरा रहा था। “Naukar Ne Meri Sex”
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मैंने कराहते हुए कहा- मोनू! धीरे धीरे कर, मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मोनू बोला- माफ कर देना, मेमसाब! हम धीरे धीरे करते हैं। वो मेरे ऊपर चित लेट कर धीरे धीरे लिंग को मेरी योनि में अंदर बाहर करने लगा। मुझमे अब उत्तेजना संचार होने लगी। मेरी योनि की दीवारें रस छोड़ने लगी, जिसमे भीग कर मोनू का लिंग आराम से अंदर बाहर जा रहा था। मोनू बीच बीच में अपना लिंग बाहर निकाल कर फिर से योनि में डाल देता, तब मैं उत्तेजना से सराबोर हो जाती थी, क्योंकि हर बार उसका मोटा लिंग मुंड मेरी योनि के संकरे द्वार को फैलाकर कर भगशिश्न को रगड़ते हुए अंदर जाता था।
कसम से, वो मंजर बहुत ही उत्तेजक लगता था। मैंने अपने होठों को मोनू के होठों से चिपका के पहले खूब किस किया, फिर अपनी जीभ उसके मुंह में दे दी। मोनू ने भी मेरे होठों का खूब रसपान किया। फिर मोनू मेरी गर्दन को, कानों को और गर्दन को चूमते हुए मेरे स्तनों तक आ गया। मैंने खुद अपने बांया निप्पल उसके मुंह में दे दिया। पहले मोनू ने मेरे निप्पल को हलके हलके काटा, फिर जोर जोर से चूसने लगा। उसकी हरकत से मेरे बदन में आग गई, उत्तेजना अधिक होने पर मैं अपना निप्पल उसके मुंह से छुड़ाने लगी, तो मोनू ने निप्पल को छोड़कर दूसरे निप्पल को मुंह में भर लिया। “Naukar Ne Meri Sex”
मैंने उसका सर पकड़ कर इस निप्पल को भी छुड़ाने की चेष्टा की, तो मोनू ने निप्पल को छोड़कर अपने दोनों हाथों से मेरे स्तनों को कसकर पकड़ लिया और भींचने लगा। मुझे उसका मेरे स्तनों से खेलना आनंददायी लगा। स्तनों में अजब सी सुरसुरी मच रही थी। वो जितनी जोर से उन्हें दबाता, मुझे उतना सुख मिलता। मोनू ने झटकों की गति बढ़ा दी। मेरी साँसें तेज होने लगीं और मेरा जिस्म भी गरम होने लगा। “Naukar Ne Meri Sex”
मेरी योनि इतनी गीली और उत्तेजित हो चुकी थी कि अब वो मोनू का पूरा लिंग अंदर ले पाने में समर्थ थी। मोनू के लिंग के हर झटके के साथ योनिमुख छल्ले के तरह अकड़ जाता था, फिर उसका लिंग योनि की दीवारों को रगड़ते हुए अंदर दाखिल होता था। मेरी योनि अब और झटके नहीं झेल पाई, देखते ही देखते मेरे अंदर रिसाव होने लगा। मैं स्खलित हो रही थी, सच में यह पल मेरी जिंदगी का पहला चरम आनंद का पल था। वो अजीब सा मीठा दर्द था। मेरी सिसकारियों से कमरा गूंज उठा। कुछ ही पलों में मैं निढाल हो गई। मोनू अभी भी मेरी योनि में जोर जोर सी लिंग को घुसा रहा था। वो भी अब काफी तेज तेज सांस ले रहा था, मैं स्खलित होते हुए भी उसे साथ दे रही थी ताकि वो भी चरम आनंद पा जाए।
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मैंने उसके होठों को अपने होठों से चिपका लिया और अपनी टांगों को फैला दिया। तभी उसका जिस्म कांपने लगा और दो तीन जोरदार झटके मारने के बाद उसने अपना लिंग कसके मेरी योनि में डाल दिया और रुक गया। उसके लिंग से निकले गरम गरम स्राव को मैं अपनी योनि में महसूस कर रही थी। यह भी अत्यंत सुखदायी अनुभव था। मोनू मेरे ऊपर ही थका हुआ निढाल हो गया। मैंने प्यार से उसके सिर को अपने सीने से लगा लिया और उसके बालो में उंगलियां फिराने लगी। वो पसीने में लथपथ गहरी साँसें लेते हुए सुस्ता रहा था। मैंने धीरे से उसे चूमा और पूछा- मोनू! कैसा लगा। मोनू- मेमसाब, बहुत प्यारा था। आपको कैसा लगा? मैंने कहा- तुमने दिल जीत लिया मुझे संतुष्ट करके। थोड़ी देर बाद मैंने मोनू से कहा- मोनू, बाथरूम से तौलिया ला दो। “Naukar Ne Meri Sex”
मोनू ‘जी, मेमसाब’ कहकर मेरे ऊपर से उठा, जब उसका लिंग मेरी योनि से निकला तो वो वीर्य में सना था, लिंग के निकलते ही उसका वीर्य और मेरी योनि का स्राव रिसकर मेरी गुदा की घाटी से होता हुआ बिस्तर पर गिर गया। मोनू दौड़ कर तौलिया उठा लाया। मैंने पहले अपनी योनि को पोंछा और फिर तौलिये को योनि मुख पर दबा लिया। मैं अभी भी उसके लिंग को देख रही थी। मैंने उसके लिंग को मुंह में लेकर चूसा और उस पर लगे वीर्य को साफ़ कर दिया। फिर मैं मोनू को अपने बगल में लिटाकर उसके सीने पर सिर रखकर सो गई। अब अगले दिन सुबह फिर से प्यार का वही सिलसिला जारी हो जाता है…. उसकी कहानी फिर आपको प्रेषित करूंगी। “Naukar Ne Meri Sex”