Meri Maa Ki Chudai
मैं एक साधारण सा लड़का हूँ, जिसका नाम अरुण है। मेरी उम्र अभी 22 साल है, और मैं एक छोटे से शहर में अपनी मम्मी के साथ रहता हूँ। मेरे परिवार में सिर्फ मैं और मेरी मम्मी ही हैं, क्योंकि मेरे डैडी जॉब की वजह से ज्यादातर समय बाहर रहते हैं। मेरी मम्मी, जिनका नाम राधा है, 40 साल की हैं, लेकिन उनकी खूबसूरती ऐसी है कि कोई भी उन्हें देखकर बस ठगा सा रह जाता है। Meri Maa Ki Chudai
उनका रंग गोरा है, चेहरा इतना सुंदर कि जैसे चाँद सा चमकता हो, और उनकी फिगर इतनी आकर्षक है कि कोई भी मर्द उनके सामने बेकाबू हो जाए। उनकी चूचियाँ भरी हुई, गोल और टाइट हैं, और उनकी गांड इतनी उभरी हुई कि हर कदम पर लचकती है। मैंने कई बार देखा है कि जब वो बाजार जाती हैं, तो लोग उनकी तरफ ऐसे घूरते हैं जैसे कोई हसीना चल रही हो।
हमारे घर में ज्यादातर समय सिर्फ मैं और मम्मी ही रहते हैं। मेरे डैडी साल में एक-दो बार ही घर आते हैं। हमारी आर्थिक हालत थोड़ी तंग थी, और कई बार छोटी-मोटी परेशानियाँ आती थीं। एक दिन की बात है, मैं अपनी क्लास में गया, और टीचर ने मुझे फीस जमा करने के लिए कहा।
मैंने घर आकर मम्मी से इस बारे में बात की। मम्मी ने उदास चेहरा बनाते हुए कहा, “बेटा, अभी पैसे का इंतजाम करने में थोड़ा वक्त लगेगा।” उनकी बात सुनकर मैं चुप हो गया, लेकिन मन में बेचैनी थी। उसी समय हमारे दूर के रिश्तेदार, जिनका नाम भी अरुण है (हाँ, संयोग से हम दोनों का नाम एक ही है), हमारे घर आए हुए थे। वो विदेश में रहते हैं और कभी-कभार ही भारत आते हैं। वो हमारी बातें चुपके से सुन रहे थे।
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अरुण अंकल, जिनकी उम्र करीब 45 साल थी, एक हट्टे-कट्टे मर्द थे। उनका शरीर गठीला था, और चेहरा ऐसा कि देखकर लगता था कि वो अपनी जिंदगी में कुछ भी हासिल कर सकते हैं। उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जो मुझे हमेशा थोड़ा असहज करती थी। उस रात, जब हमने खाना खाया, मैं अपने कमरे में चला गया।
मेरा कमरा मम्मी के कमरे के बगल में ही था। रात के सन्नाटे में मुझे कुछ बातचीत की आवाजें सुनाई दीं। मैंने ध्यान से सुना तो पाया कि अरुण अंकल मम्मी से बात कर रहे थे। उनकी आवाज में एक अजीब सा लहजा था। वो कह रहे थे, “राधा, अगर तुम्हें पैसे की जरूरत है, तो गेस्ट रूम में आ जाओ। कपड़े उतारकर।” यह सुनकर मेरे होश उड़ गए।
मैं समझ गया कि कुछ गलत होने वाला है। अरुण अंकल इतना कहकर मम्मी के कमरे से निकलकर गेस्ट रूम में चले गए। मैंने चुपके से अपने कमरे की खिड़की से झाँका। मम्मी अपने कमरे में थीं, और मैंने देखा कि वो धीरे-धीरे अपने कपड़े उतार रही थीं। उनकी हरकतों में एक अजीब सी बेचैनी थी, जैसे वो मजबूरी में यह सब कर रही हों।
मम्मी ने अपनी साड़ी उतारी, फिर ब्लाउज, और फिर पेटीकोट। अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं। उनकी गोरी त्वचा चाँदनी रात में चमक रही थी। फिर उन्होंने ब्रा और पैंटी भी उतार दी। उनका नंगा बदन देखकर मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई। मम्मी की चूचियाँ गोल और भारी थीं, और उनकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे, जो उनकी खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे।
वो गेस्ट रूम की तरफ बढ़ीं, और मैं चुपके से उनके पीछे-पीछे गया, यह देखने के लिए कि आगे क्या होता है। जब मम्मी गेस्ट रूम में पहुँचीं, अरुण अंकल बाथरूम में थे। मम्मी रूम के बीचों-बीच खड़ी हो गईं, पूरी तरह नंगी। तभी अरुण अंकल बाथरूम से निकले, और वो भी पूरी तरह नंगे थे।
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मैंने उनके लंड को देखा, और मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। उनका लंड करीब साढ़े सात इंच लंबा और मोटा था, पूरी तरह तना हुआ। उसकी नसें उभरी हुई थीं, और लाल सुपाड़ा चमक रहा था। मम्मी की नजर उनके लंड पर पड़ी, और उनके चेहरे पर एक अजीब सी घबराहट दिखी। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
अरुण अंकल धीरे-धीरे मम्मी के पीछे आए और उनकी गांड पर अपना एक हाथ रखा। उनकी उंगलियाँ मम्मी की नरम, गोल गांड को सहलाने लगीं। फिर उन्होंने अपना लंड मम्मी की गांड की दरार में सटाया और एक जोरदार झटका मारा। मम्मी के मुँह से तेज चीख निकली, “आआह्ह!” जो मेरे कानों तक साफ पहुँची।
अरुण अंकल ने मम्मी की कमर को एक हाथ से जकड़ लिया और अपनी कमर को आगे-पीछे करने लगे। उनकी हरकतें तेज थीं, जैसे वो कोई भूखा शेर हों। मम्मी की साँसें तेज हो रही थीं, और वो कराह रही थीं, “आआह्ह… धीरे… आआह्ह!” अरुण अंकल ने मम्मी से पूछा, “कितने दिन हो गए तुझे चुदे हुए?”
मम्मी ने कराहते हुए जवाब दिया, “तीन साल… आआह्ह!” यह सुनकर अरुण अंकल ने और जोर से झटका मारा, और मम्मी जैसे उछल पड़ीं। उनकी चूचियाँ हिल रही थीं, और उनका चेहरा दर्द और मजा दोनों से भर गया था। मम्मी ने फिर कहा, “अरुण, धीरे करो… आआह्ह… बहुत दर्द हो रहा है!”
लेकिन अरुण अंकल पर उनकी बात का कोई असर नहीं हुआ। वो और तेजी से अपनी कमर हिलाने लगे। मम्मी की गांड में उनका लंड पूरा अंदर-बाहर हो रहा था, और हर झटके के साथ मम्मी की चीखें और तेज हो रही थीं, “आआह्ह… ऊऊऊ… न्हीई!” कुछ देर बाद अरुण अंकल ने मम्मी को ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा कर दिया।
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मम्मी की चूत अब साफ दिख रही थी। अरुण अंकल ने एक हाथ से मम्मी की चूत को सहलाया, और फिर अपना लंड उनकी गांड में फिर से घुसा दिया। मम्मी की साँसें और तेज हो गईं, और वो कराह रही थीं, “आआह्ह… अरुण… धीरे… आआऊऊ!” अरुण अंकल ने उनकी चूचियों को जोर-जोर से मसलना शुरू किया, और उनकी गांड में अपने लंड को और तेजी से अंदर-बाहर करने लगे।
मम्मी की चूत गीली हो चुकी थी, और उनकी कराहें अब मजा लेने वाली थीं, “आआह्ह… हाँ… ऊऊऊ!” अरुण अंकल की स्पीड बढ़ती जा रही थी, और मैं समझ गया कि वो अब अपने चरम पर थे। कुछ देर बाद वो मम्मी के कंधे पर सिर रखकर शांत हो गए। उनका लंड अभी भी मम्मी की गांड में था।
थोड़ी देर बाद अरुण अंकल ने अपना लंड बाहर निकाला, और मम्मी बाथरूम की तरफ चली गईं। अरुण अंकल भी उनके पीछे गए। जब वो दोनों बाहर आए, तो मैंने देखा कि मम्मी ने अरुण अंकल के लंड को अपने हाथ में पकड़ रखा था। वो दोनों अब बेडरूम में आ गए।
अरुण अंकल बेड पर बैठ गए और मम्मी को इशारा किया कि उनके लंड को चाटें। मम्मी फर्श पर बैठ गईं और उनके लंड को अपने मुँह में ले लिया। वो धीरे-धीरे उसे चूसने लगीं, जैसे कोई लॉलीपॉप चूस रहा हो। अरुण अंकल ने मम्मी की चूचियों को अपने हाथों में लिया और धीरे-धीरे दबाने लगे।
मम्मी की साँसें फिर से तेज हो गईं, और वो “म्म्म… म्म्म…” की आवाजें निकाल रही थीं। पांच मिनट बाद अरुण अंकल ने मम्मी को लंड छोड़ने के लिए कहा। मम्मी ने जब उनका लंड मुँह से निकाला, तो वो फिर से पूरी तरह तन चुका था। अब अरुण अंकल ने मम्मी को बेड पर लेटने के लिए कहा।
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मम्मी बेड पर लेट गईं, और उनकी टाँगें फैली हुई थीं। अरुण अंकल ने उनकी चूत के बालों को सहलाना शुरू किया। मम्मी ने अपनी आँखें बंद कर लीं और जोर-जोर से साँसें लेने लगीं, “आआह्ह… ऊऊऊ…” अरुण अंकल ने पास की अलमारी से सरसों का तेल निकाला और मम्मी की चूत पर लगाने लगे।
फिर उन्होंने अपने लंड पर भी तेल लगाया। मम्मी की चूत अब चमक रही थी, और वो पूरी तरह गीली थी। अरुण अंकल अब मम्मी की जाँघों पर बैठ गए। उन्होंने अपना लंड मम्मी की चूत के छेद पर रखा और धीरे से रगड़ना शुरू किया। मम्मी की साँसें और तेज हो गईं, “आआह्ह… अरुण… डाल दो… आआह्ह!”
अरुण अंकल ने अपने लंड को उनकी चूत में धीरे से घुसाया। मम्मी के मुँह से एक हल्की सी सिसकी निकली, “आआह्ह… ऊऊऊ!” उनका लंड धीरे-धीरे मम्मी की चूत में जा रहा था। मम्मी की चूत टाइट थी, जैसे सालों से किसी ने उसे छुआ न हो। अरुण अंकल ने मम्मी की टाँगें और फैलाईं और अपने लंड को और गहराई तक घुसाने लगे। “Meri Maa Ki Chudai”
मम्मी अब जोर-जोर से कराह रही थीं, “आआह्ह… धीरे… आआऊऊ… बहुत बड़ा है… ऊऊऊ!” अरुण अंकल ने अब अपनी स्पीड बढ़ा दी। वो मम्मी की चूत में जोर-जोर से झटके मार रहे थे। हर झटके के साथ मम्मी की चूचियाँ हिल रही थीं, और उनकी चीखें पूरे कमरे में गूंज रही थीं, “आआह्ह… ऊऊऊ… अरुण… आआऊऊ… न्हीई… धीरे… आआह्ह!”
अरुण अंकल ने मम्मी की दोनों कलाइयों को पकड़ लिया और एक जोरदार झटका मारा। मम्मी का पूरा शरीर काँप उठा, और वो चीख पड़ीं, “आआऊऊ… न्हीई… आआह्ह!” अरुण अंकल ने अब मम्मी की चूचियों को अपने मुँह में लिया और धीरे-धीरे चूसने लगे। उनकी जीभ मम्मी के निप्पलों को चाट रही थी, और मम्मी अब पूरी तरह मस्ती में थीं, “आआह्ह… हाँ… ऊऊऊ… ऐसे ही… आआह्ह!”
अरुण अंकल ने मम्मी से पूछा, “मजा आ रहा है?” मम्मी ने कराहते हुए जवाब दिया, “हाँ… आआह्ह… बहुत मजा… ऊऊऊ!” अरुण अंकल ने अब अपनी स्पीड और बढ़ा दी। उनका लंड मम्मी की चूत में पूरा अंदर-बाहर हो रहा था। मम्मी की चूत अब पूरी तरह गीली थी, और हर झटके के साथ “चप… चप…” की आवाज आ रही थी। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
मम्मी की कराहें अब और तेज हो गई थीं, “आआह्ह… ऊऊऊ… अरुण… आआऊऊ… और जोर से… आआह्ह!” अरुण अंकल ने मम्मी के होंठों को अपने होंठों से जकड़ लिया और जोर-जोर से झटके मारने लगे। मम्मी भी अब उनकी कमर के साथ ताल मिलाने लगी थीं। “Meri Maa Ki Chudai”
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कुछ देर बाद अरुण अंकल ने महसूस किया कि उनका माल निकलने वाला है। उन्होंने मम्मी की चूचियों को जोर-जोर से मसलना शुरू किया और उनके होंठों को चूसने लगे। मम्मी भी अब पूरी तरह उनके साथ थीं। वो अपनी कमर को ऊपर-नीचे कर रही थीं, और उनकी चीखें अब मजे की थीं, “आआह्ह… ऊऊऊ… अरुण… आआऊऊ… डाल दो… आआह्ह!”
अरुण अंकल ने एक जोरदार झटका मारा, और उनका माल मम्मी की चूत में निकल गया। मम्मी चीख पड़ीं, “आआह्ह… ऊऊऊ… लव यू… आआऊऊ!” वो अरुण अंकल की पीठ को अपने नाखूनों से रगड़ने लगीं और पूरी तरह उनके आगोश में समा गईं। कुछ देर तक दोनों वैसे ही लेटे रहे।
फिर अरुण अंकल ने अपना लंड बाहर निकाला। मैंने देखा कि उनके लंड पर खून लगा हुआ था। मम्मी की चूत फूल चुकी थी, और वो थोड़ी लाल हो गई थी। मम्मी कुछ देर तक चुपचाप लेटी रहीं। फिर वो उठीं और अपने कपड़े पहनकर बाथरूम चली गईं। बाथरूम में पेशाब करने के बाद जब वो बाहर आईं, तो उनके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान थी। वो अरुण अंकल की तरफ देख रही थीं, और उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी।