Makan Malkin Ki Chut Ki Malish Kar Chudai
मैं ग्वालियर शहर में भाड़े पर कमरा लेकर रहता था, मैं वहां लगभग 6 साल तक रहा. इस बीच उस बिल्डिंग में कई किराएदार आए और गए. कुछ लोग तो मुझे मकान का चौकीदार या मालिक समझने लगे थे। Makan Malkin Ki Chut Ki Malish Kar Chudai.
जो भी नए लोग आते, मैं उन्हें कमरे दिखाता और उनसे किराया लेकर मकान मालकिन को दे आता. अब तो ये मेरा हर दिन का काम हो गया था कि किसी की कोई भी प्रॉब्लम हो मुझे आवाज लगा देते थे. इससे मुझे थोड़ी प्रॉब्लम होने लगी थी क्योंकि मैं वहां पढ़ने के लिए रहता था और मेरी पढ़ाई बिल्कुल भी नहीं हो पा रही थी।
मकान मालकिन के परिवार में वो और उसके दो बच्चे थे. वो मुझसे हमेसा खुश रहती थी क्योंकि मैं उसकी बिल्डिंग का लगभग पूरा काम करवाता था।
मकान मालकिन एक नम्बर की पटाखा माल थी, वो देखने में ज्यादा उम्र की तो नहीं थी, शायद 38-40 की होगी. अमीर खानदान होने के कारण खूब खाती पीती और ऐशो आराम से रहती थी तो उम्र का पता नहीं चलता था। उसके बूब्स ऐसे कसे व बड़े-बड़े थे कि जैसे किसी ने एक एक किलो के दो पपीते ब्लाउज में छुपा रखें हों लेकिन उसकी बाहर को उभरी हुई गांड भी कुछ कम नहीं लगती थी. मैं तो हमेशा यही सोचता था कि काश इसका ये ब्लाउज फट जाए और मुझे मजा आ जाए… लेकिन ऐसा हो नहीं सकता था.
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मैं जब भी उसके घर जाता तो वो मुझे पानी व चाय ऑफर करती, पानी देने के लिए जब वो कुर्सी के पास झुकती तो मुझे हल्की सी झलक मिल जाती उसके पपीतों की…
एक दिन उसने मुझे अपने पपीतों को घूरते हुए देख लिया और बोली- क्या हुआ? कहाँ खोए हो?
तो मैं बोला- कुछ नहीं!
और वहां से अपना काम खत्म करके वापिस आ गया.
चूँकि उसके पति की डेथ हो चुकी थी जिससे कई सालों से सेक्स की भूखी थी जिस भूख को मेरे हल्के से खड़े लंड और घूरती नजरों ने और भी बढ़ा दिया।
उस दिन के बाद से वो कुछ ज्यादा ही फ्रैंक होने लगी, सालों के बाद हमारी किराएदार वाली बिल्डिंग में आने लगी, मुझसे कुछ ज्यादा बात करने लगी और अपने पपीतों को ज्यादा दिखाने लगी।
एक दिन वो बीमार हो गई, उस समय उसके बच्चे भी कहीं ट्रिप पर गए थे. मैं उसके घर गया तो दरवाजा खुला था तथा अंदर वो जमीन पर बेहोश पड़ी थी, उसकी साड़ी उसकी जांघों से ऊपर उठी थी जिससे उसकी लाल रंग की पेंटी साफ़ दिख रही थी.
मैं करने को तो बहुत कुछ कर सकता था लेकिन मैंने कुछ नहीं किया, उसे कैसे भी करके उसके बिस्तर पर उठा ले गया और उसे होश में लाने की कोशिश करने लगा. थोड़ी देर बाद वो होश में आई. “Makan Malkin Ki Chut Ki Malish”
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उसे बहुत तेज बुखार आ रहा था, उसने मेरा हाथ पकड़ा और पास पड़ी एक डायरी की ओर इशारा किया. मैंने उस डायरी को खोला, उसमें कुछ नंबर नोट थे तो उनमें से मैंने डॉक्टर का नंबर देख कर डॉक्टर को बुला लिया और डायरी को और खोलने लगा.
वो मुझे डायरी खोलने से रोक रही थी, उसमें ताकत तो बची नहीं थी लेकिन फिर भी!
मैंने डायरी रख दी.
तब तक डॉक्टर आ गया, उसने उसे चेक करके कुछ ब्लड सेम्पल लिए और कुछ दवाइयाँ लिखकर चला गया.
मैंने भी सोचा कि कुछ देर यहीं रुक जाता हूँ. “Makan Malkin Ki Chut Ki Malish”
मैं उसके साथ टीवी देखने लगा तथा उसकी सेवा करने लगा. थोड़ी देर में डॉक्टर का फ़ोन आया जिससे हमें पता चला कि उसे एडवांस स्टेज पे मलेरिया है जिसका ट्रीटमेंट लंबा चल सकता है तथा मुझे उनके साथ रूकने को कहा.
तो मैं उसके कहने पर रुक गया, मेरा काम उसे दवाई देना, टॉयलेट ले जाना, खाना खिलाना तथा देख रेख करना था.
इस बीच मैंने उसे कई बार बिना कपड़ों के देखा, एक बार तो वो बाथरूम में बेहोश हो गई जहाँ से मुझे उसे कपड़े पहना कर लाना पड़ा. इससे मेरा भी थोड़ा बहुत मजेदार टाइम पास हो जाता.
पहले तो वो थोड़ा शर्माती रही, फिर नॉटी बातें करती… कभी कभी तो मुझे शर्म आने लगती.
ये लगभग तीन दिनों तक चला. जब वो बिल्कुल ठीक हुई तो मेरी भी उसके काम से छुट्टी हो गई. मैं एक बार उसके हालचाल पूछने गया तो वो अपनी कमर पर आयोडेक्स लगा रही थी जिससे उसे दिक्कत हो रही थी.
उसने कहा- बीमारी में लेटे रहने के कारण बदन में दर्द होने लगा है. “Makan Malkin Ki Chut Ki Malish”
और मुझसे मालिश करने को पूछा.
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मैंने भी हाँ कर दी और उसकी कमर पर मालिश करने लगा. मैं कमर के साथ कभी कभी हल्के से उनकी गांड भी सहला देता. उनके इशारे पर मैं कमर से थोड़ा ऊपर उनकी पीठ पर आ गया. मैंने उनको तेल डालने को कहा तो उन्होंने मुझे तेल लाकर दे दिया, मैंने तेल को धीरे धीरे उनकी पीठ पर फैलाना शुरू किया. मैं उनकी पीठ को मस्ती के साथ सहला रहा था तथा मालिश भी कर रहा था.
तेल से शायद उनकी साड़ी ख़राब हो रही थी जिसे उसने उतार दी, अब पेटीकोट से उभरी हुई गांड को मैं देख सकता था. “Makan Malkin Ki Chut Ki Malish”
उन्होंने पीठ से और ऊपर आने को कहा ब्लाउज होने के कारण मैं बिना तेल के दबाने लगा तो उन्होंने कहा- एक मिनट रुक!
और पीछे घूमकर अपना ब्लाउज और ब्रा भी उतार दी और मेरी ओऱ पीठ करके लेट गईं, मैं तेल लगाने लगा. मुझे पीछे से बिस्तर के साथ दबे हुए उनके बूब्स दिखाई दे रहे थे जिन्हें मैं बीच बीच मैं मालिश के बहाने छू रहा था, वो भी मजे से आँखें बंद करके लेटी हुई थी.
अब उन्होंने पैरों पर जाने को कहा तो मैं उनके पेटीकोट को घुटनों तक उठाकर पैरों की मालिश करने लगा. मैं पेटीकोट से अंदर देखने की कोशिश भी कर रहा था, उन्होंने पेंटी नहीं पहनी थी जिससे मुझे उनकी चूत के बाल नजर आ रहे थे जिससे मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था जिस पर मेरा ध्यान नहीं था. मैं उनके कहने पर धीरे धीरे ऊपर बढ़ रहा था, मैंने पेटीकोट को जांघों तक कर दिया और उनकी जांघों को दबाने सहलाने लगा.
उलटे लेटे होने के कारण मैं उनकी चूत नहीं देख सकता था फिर भी कभी थोड़ा ऊपर बढ़कर उनकी चूत को छू लेता था जिससे उनकी उत्तेजना भी बढ़ रही थी. “Makan Malkin Ki Chut Ki Malish”
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थोड़ी देर बाद उनके मुंह से हल्की हल्की आवाज आने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उन्होंने धीरे से पैरों को खोल दिया. अब मैं भी मालिश न करके उनकी चूत के साथ खेलने लग गया लेकिन मैं ऐसे कर रहा था जैसे उन्हें लगे कि मुझे कुछ पता ही नहीं है कि मेरे हाथ मालिश के साथ साथ क्या कर रहे हैं।
हम दोनों कुछ देर तक यों हीं मजे लेते रहे, थोड़ी देर बाद शायद उनका पानी निकलने वाला था तो वो बाथरूम में चली गईं लेकिन मैंने उनकी चूत के सिवाय और कुछ नहीं देखा था।
थोड़ी देर बाद वो मेरे और अपने लिए चाय बनाकर लाई, हमने मिलकर चाय पी, उन्होंने कहा- बड़ी अच्छी मालिश कर लेते हो तुम!
तो मेरे भी मुंह से निकल गया- करने को तो और भी अच्छी कर सकता हूँ!
वो मेरी बात काटते हुए बोली- क्या बोले?
तो मैंने कहा- कुछ नहीं, चाय अच्छी बनी है। “Makan Malkin Ki Chut Ki Malish”
उन्होंने पूछा- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं है!
वो बोलीं- एक भी नहीं?
मैंने कहा- मैंने कभी बनाने की कोशिश ही नहीं की!
उस समय मैं कुर्सी पर बैठा था तो वो मेरी जाँघों पर आकर बैठ गईं और मेरे गाल पर बड़े सेक्सी अंदाज में उंगली घुमाते हुए बोली- क्या मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाना पसंद करोगे?
तब वो मेरी जांघों पर बैठी थी और मेरा लंड ठीक उनकी चूत के सामने था जो खड़ा होकर एकदम कड़क हो चुका था.
मैंने कहा- जरूर, क्यों नहीं!
तो उन्होंने मेरे गले के आसपास अपने हाथ डाले और मेरे होंटों अपने होंठ रख दिए और किस करने लगी. “Makan Malkin Ki Chut Ki Malish”
इस समय मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी शायद क्योंकि इतना भारी पीस मेरे जाँघों पर चढ़ा था लेकिन सेक्स और किस के नशे में कुछ पता नहीं चल रहा था, हम बेतहाशा चूमे जा रहे थे. तभी उनका एक हाथ मेरे पैन्ट के ऊपर से मेरे लंड पर गया और मेरे दोनों हाथ उनके दोनों पपीतों पर…
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हम दोनों अत्यन्त नशे में खोए हुए थे.
थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने पैन्ट में ही पानी छोड़ दिया और हमारी किस ख़त्म हुई. हमारे होंठ एकदम लाल हो गए थे, वो मेरे ऊपर से उठी, जिससे मुझे थोड़ी राहत मिली.
अब उन्होंने मेरी पैन्ट की जिप खोली और बिना साफ़ किए ही उस गंदे लंड को चूसने लगीं.
थोड़ी देर में मैं फिर से जोश में आ गया और उन्हें बेड पर ले गया और उनके कपड़े उतारने लगा. थोड़ी देर में वो केवल पेंटी में थीं… शायद वो बाथरूम से पहन आई हों।
मैंने उनके बूब्स चूसने और मसलने शुरू किए तथा एक हाथ से उनकी चूत में उंगली कर रहा था और उनके चूत के दाने को खींच व मसल रहा था. वो अपने मुंह से बड़ी मादक आवाजें निकाल रहीं थी। “Makan Malkin Ki Chut Ki Malish”
लगभग 5 मिनट के बाद मैं उनकी चूत चाटने लगा, वो मेरा सर अपने हाथों से अपनी चूत पर दबाने लगी जिससे मुझे लगा कि अब ये तैयार हैं, तो मैंने उनसे अपना लंड थोड़ा चुसवाया और उनके चूत के छेद से लगाकर एक ही धक्के में आधा अंदर घुसा दिया.
वो बहुत सालों से नहीं चुदी थी तो वो चिल्लाने लगी. चूत थोड़ी टाइट होने से मेरे लंड में भी दर्द होने लगा लेकिन मैंने उन्हें चिल्लाते रहने दिया और दूसरे धक्के में पूरा लंड जड़ तक अंदर घुसा दिया.
वो और जोर से चीखीं लेकिन मैंने धक्के देना शुरू किया, पहले कुछ 15-20 धक्कों में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन इसके बाद मेरे साथ उन्हें भी मजा आने लगा. मैं धक्के देते रहा.
थोड़ी देर में मैं थक गया और बेड पर आ गया और वो मेरे ऊपर उछलने लगीं. इस पोजीशन में हम धक्कों के साथ किस भी करते रहे. इसी तरह हम पोजीशन बदल बदलकर लगे रहे. “Makan Malkin Ki Chut Ki Malish”
बहुत देर बाद हम दोनों ने पानी छोड़ा जिसमें उनका पानी मुझसे दो मिनट पहले छूट गया।
फिर क्या था… हमें जब भी टाइम मिलता था और जब भी मूड होता… हम शुरू हो जाते थे.
कुछ दिनों के बाद उनके बच्चे आ गए.
उन्होंने मुझे हमारी बिल्डिंग से अपनी बिल्डिंग में शिफ्ट करवाया. जब उनके बच्चे स्कूल में होते थे हम मजे करते थे.