Kitchen Mein Chut Chudwaya Staff Ne Impress Hokar
मेरा नाम उमेश है मैं गोरखपुर का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 30 वर्ष है। मेरी अब तक शादी नहीं हुई है और मेरे परिवार वाले मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। मैं ऑफिस में क्लर्क हूं। घर में मैं एकलौता हूं। मेरे पिता एक दिन मुझे कहने लगे बेटा हमने तुम्हारे लिए लड़की देखी है यदि तुम्हें वह पसंद आ जाती है तो हम तुम्हारे रिश्ते की बात आगे बढ़ाते हैं। मैंने अपने पिताजी से कहा कि आप मुझे उसकी तस्वीर दिखा दीजिए यदि मुझे वह समझ आ जाएगी तो मैं आपको बता दूंगा। मेरे पिताजी कहने लगे कि कल मैं उसकी तस्वीर तुम्हें दिखा देता हूं। अगले दिन उन्होंने मुझे उसकी तस्वीर दिखा दी लड़की तो मुझे पसंद आ गई। मैंने अपने पिताजी से कहा कि आप आगे की बात बढ़ाना शुरू कीजिए। उन्होंने आगे बात बढ़ानी शुरू की और मेरी सगाई उससे हो गई। जब मेरी सगाई हुई तो उस दिन मुझे अपने ऑफिस में पार्टी देनी पड़ी। मेरे दफ्तर में जितने भी मेरे साथ काम करते हैं वह सब बहुत ज्यादा शराब पीते हैं। मैंने उनके लिए अपने एक दोस्त के होटल में पार्टी रखी। वहां पर उन्होंने जमकर मस्ती की और जमकर शराब पी। Kitchen Mein Chut Chudwaya Staff Ne Impress Hokar.
जब अगले दिन मैं ऑफिस में गया तो वह लोग कहने लगे कल तुमने बहुत ही बढ़िया अरेंजमेंट किया था। हम सब लोग बहुत खुश हुए। मैंने उन्हें कहा कि आप लोग तो शराब पीकर कल ऐसे नाच रहे थे जैसे कि आप लोगों से ज्यादा खुश इस दुनिया में कोई ना हो। जब मैंने उनसे यह बात कही तो वह लोग बड़े जोर जोर से ठहाके लगाने लगे। मैं भी अब अपने काम पर लगा हुआ था। कुछ ही दिनों बाद हमारे दफ्तर में एक नई महिला आई। वह ज्यादा किसी के साथ बात नहीं करती थी क्योंकि वह नई थी और मेरे ऑफिस में जितने भी लोग हैं। वह सब उन्हें बड़े ही गंदी नजरों से देखा करते थे इसीलिए शायद वह महिला मुझसे भी बात नहीं करती थी। मैंने एक दिन उन्हें कहा कि आप हमारे साथ बात क्यों नहीं करती? वह कहने लगी कि आप लोगों से क्या बात करूं। आप लोगों की नियत में मुझे खोट लगता है और इसी वजह से मैं आप लोगो से बात नहीं करती। मैंने उसे कहा कि आप सब को एक ही तराजू में ना तोलिए। मैं बिल्कुल भी वैसा नहीं हूं जैसा आप समझ रहे हैं। वह कहने लगे हमारे ऑफिस में तो आपको पता ही है सब लोग कैसे हैं। सब लोग मुझे ऐसे देखते हैं जैसे कि मैं किसी अन्य ग्रह से आई हुई हूं।
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उनका नाम मालिनी है और वह बहुत ही गुस्से में मुझसे बात कर रही थी इसलिए मैंने भी उनसे ज्यादा बात नहीं की। धीरे-धीरे उन्हें भी पता चलने लगा कि मैं और लोगों की तरह नहीं हूं तो वह मुझसे बात करने लगी। जब वह मुझसे बात करती तो मेरे दफ्तर में जितने भी मेरे स्टाफ के लोग हैं वह सब मुझे ऐसे देखते जैसे की पता नहीं क्या हो गया हो। एक दिन तो मेरे स्टाफ के एक व्यक्ति ने कह दिया कि अरे भैया तुम तो दोनों हाथों में लड्डू लेकर घूम रहे हो। पहले मुझे उनकी बात समझ में नहीं आई लेकिन जब मुझे उनकी बात समझ में आई तो मैंने उन्हें कहा कि आप मेरे बारे में ऐसा ना कहे तो अच्छा रहेगा। मुझे भी उनकी बात उस दिन बहुत ज्यादा बुरी लगी क्योंकि मैं मालिनी के बारे में ऐसा बिल्कुल भी नहीं सोचता था। मैंने मालिनी को बता दिया था कि मेरी शादी होने वाली है और मेरी सगाई हो चुकी है। मुझे भी उसने बता दिया था कि उसका डिवोर्स हो चुका है और अब वह अलग रहती है लेकिन मेरे और उसके बीच में ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे कि और लोग हम दोनों की बातों का बतंगड़ बना पाए लेकिन मुझे अब और लोगों का फर्क नहीं पड़ता था। “Kitchen Mein Chut Chudwaya”
मैं मालिनी के साथ बात करता था। वह सिर्फ मुझसे ही बात करती थी। एक दिन तो बहुत ही गजब हो गया। हम दोनों अपने ऑफिस की कैंटीन में बैठे हुए थे। हम लोग वहां पर समोसे खा रहे थे तभी हमारे स्टाफ के एक व्यक्ति आये और वह मुझे ऐसे घूर रहे थे जैसे कि मैंने पता नहीं क्या कर दिया हो। मैंने उनसे पूछा शर्मा जी आप हमें ऐसे क्यों देख रहे हैं? वह कहने लगे मैं आपको कहां देख रहा हूं। आपको ही कुछ ऐसा लग रहा है तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं। जब से मालिनी हमारे स्टाफ में काम करने आई तब से तो मेरी जैसे सब लोगों से दुश्मनी होने लगी थी। उसके बाद मुझसे कोई भी अच्छे से बात नही करता था लेकिन मैं कहीं भी गलत नहीं था इसलिए मुझे किसी से डरने की भी आवश्यकता नहीं थी। “Kitchen Mein Chut Chudwaya”
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मालिनी भी मुझे कहने लगी कि तुम बेकार में मेरी वजह से और लोगों से भी दुश्मनी मोल ले रहे हो। मैंने मालिनी से कहा कि हम दोनों के बीच में ऐसा कुछ भी नहीं है फिर भी वह लोग मेरे बारे में गलत कह रहे हैं। यह कहां तक उचित है। मालिनी कहने लगी यह तो तुम बिल्कुल सही कह रहे हो। वह लोग हम दोनों के बारे में कुछ ज्यादा ही गलत समझते हैं और मैं भी उन लोगों को समझा कर थक चुकी हूं लेकिन वह लोग बिलकुल भी हमारी बातों पर यकीन नहीं करते। मेरी मालिनी के साथ अच्छी दोस्ती हो चुकी थी क्योंकि उसकी उम्र भी लगभग मेरे जितने ही थी। एक बार मैंने उसे अपनी होने वाली पत्नी से भी मिलवाया था। वह मेरी पत्नी से मिलकर बहुत खुश थी और जब भी वह मुझसे बात करती तो हमेशा इस बात का जिक्र करना नहीं भूलती कि तुम्हारी पत्नी बड़ी अच्छी हैं और वह तुम्हें बहुत खुश रखेगी। एक दिन मैंने मालिनी से पूछा तुम्हें अकेला रहना कैसा लगता है। वह कहने लगी अकेले तो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता लेकिन जबसे मेरे पति और मेरे बीच में झगड़े शुरू हो गए उसके बाद हम दोनों ने डिवोर्स ले लिया और हम दोनों अलग रहने लगे। मुझे अब आदत होने गई है। एक दिन मालिनी के साथ मैं उसके घर पर चला गया। मैं उस दिन पहली बार ही उसके घर पर गया था। “Kitchen Mein Chut Chudwaya”
मैं जब उसके घर पर गया तो मालिनी मेरे साथ बैठी हुई थी। वह थोड़ी देर तक तो मुझसे बात करती रही लेकिन जब वह खड़ी उठी तो कहने लगी मैं तुम्हारे लिए कुछ बना लेती हूं। वह अपने किचन में गई तो काफी देर तक वह किचन में ही थी मै अकेला बैठ कर बोर हो रहा था। मैने सोचा किचन में मालिनी की मदद कर लू। मैं मालिनी की मदद करने के लिए किचन मे गया तो हम दोनों वहां पर खड़े होकर बात करने लगे। मालिनी के गाल पर कुछ लगा हुआ था। मैंने जैसे ही उसके गाल को साफ किया तो वह मुझे घूर कर देखने लगी। उसके बाद तो जैसे हम दोनों एक दूसरे के लिए पागल हो गए। मेरे दिमाग मे भी मालिनी को लेकर कभी भी गलत खयालात पैदा नहीं हुए थे लेकिन उस दिन उसे देखकर मेरा पूरा मूड खराब हो गया। मैंने मालिनी को कसकर पकड़ लिया। जब वह मेरी बाहों में थी तो मैंने उसके कपड़े उतार दिए और उसके स्तनों को रसपान करने लगा। मैंने उसके स्तनों का रसपान बहुत देर तक किया। मैंने उसके स्तनों को इतने अच्छे से चूसा की उसके स्तनों का भी दूध मैने बाहर निकाल कर रख दिया। “Kitchen Mein Chut Chudwaya”
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जब मैंने उसकी पैंट को उतारा तो उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ को निकल रहा था। मैंने उसे वही किचन में घोड़ी बना दिया और उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाते हुए झटके देने शुरू किए। जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो उसके अंदर गर्मी पैदा होने लगी। वह कहने लगी मुझे मजा आ रहा है। वह अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाती और मैं भी उससे उतनी ही तेजी से चोदता। मैं उसके यौवन का जाम 5 मिनट तक पी पाया। जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को सकिंग करो। उसने मेरे लंड को कुछ देर तक सकिंग किया। जब मेरा लंड दोबारा से उसकी चूत में जाने के लिए उतारू हो गया तो मैंने उसे दोबारा से घोडी बनाते हुए चोदना शुरू कर दिया। मैं जैसे जैसे उसे धक्के देता तो उसके मुंह से तेज सिसकियां निकल जाती। वह अपने मुंह से मादक आवाज निकाल रही थी। वह मेरी ओर आकर्षित होने लगी और मुझे उसे चोदने में उतना ही मजा आने लगा। मुझे उस दिन उसके साथ सेक्स करके ऐसा लगा। जैसे उसने मुझे अपना ही मान लिया हो। हम दोनों एक साथ काफी देर तक सेक्स करते रहे। जैसे ही मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को मालिनी की बड़ी चूतडो के ऊपर गिरा दिया। “Kitchen Mein Chut Chudwaya”