Hindi Sexy Daravani Kahaniya
कुछ महीने पहले की बात है, जब मेरी दोस्ती ऑफिस के गार्ड रमेश से हुई। शुरू में तो बस हल्की-फुल्की बातें होती थीं, लेकिन धीरे-धीरे हम दोनों इतने खुल गए कि अब हर बात बिंदास होकर करते। मैं, राकेश, अभी कुंवारा हूँ, लेकिन चुदाई का शौक पुराना है। अब तक सौ से ज्यादा रंडियों की चूत चोद चुका हूँ। मेरा लंड 8 इंच लंबा और इतना मोटा है कि औरतें देखते ही सिहर उठती हैं। Hindi Sexy Daravani Kahaniya
रमेश शादीशुदा है, उसकी बीवी और दो बच्चे गाँव में रहते हैं। हम दोनों की बातें अक्सर औरतों की चूत, गांड और चुदाई के इर्द-गिर्द घूमती थीं। धीरे-धीरे हम साथ में रंडियों के पास भी जाने लगे। रमेश ने एक दिन बताया कि उसने अपने गाँव की 5-6 भाभियों को चोद रखा है। उसने बड़े गर्व से कहा, “राकेश, अगर तू मेरे साथ गाँव चलेगा, तो 3-4 भाभियाँ तेरे लंड के नीचे आने को तैयार हो जाएँगी।”
एक दिन बातों-बातों में रमेश ने जिक्र किया एक औरत का, जिसका नाम था सोना। वो उसकी बीवी रोमा की सहेली थी। सुनने में सुंदर, लेकिन रमेश के सारे जतन उसको पटाने में नाकाम रहे। उसने बताया, “सोना को चोदना आसान नहीं, साली बड़ी चालाक है।” बस फिर क्या था, मेरे और रमेश के दिमाग में एकदम चिंगारी सी कौंधी। हमने सोना को चोदने की पूरी प्लानिंग कर डाली। तय हुआ कि 15 तारीख को हम गाँव जाएँगे। उस दिन दोपहर 12 बजे हम रमेश के गाँव पहुँच गए।
गाँव में रमेश का घर छोटा-सा लेकिन ठीक-ठाक था। उसकी बीवी रोमा और दो बच्चे वहाँ थे। रोमा ने साड़ी का घूंघट निकाला हुआ था, जैसे गाँव की औरतें करती हैं। रमेश ने मेरा परिचय करवाया, “रोमा, ये राकेश भाईसाहब हैं। मेरे दोस्त भी और साहब भी। इनके सामने घूंघट की जरूरत नहीं।” रोमा ने तुरंत घूंघट हटाया और हल्की मुस्कान के साथ बोली, “नमस्ते, भाईसाहब!”
मैंने रोमा को गौर से देखा। वो थोड़ी सांवली थी, लेकिन उसका बदन ऐसा कि लंड अपने आप खड़ा हो जाए। उसकी चूचियाँ इतनी बड़ी और तनी हुई थीं कि ब्लाउज में कैद होने को तैयार ही नहीं थीं। ब्लाउज के नीचे उसने कुछ नहीं पहना था, जिससे उसके निप्पल्स का उभार साफ दिख रहा था। चूचियों का कुछ हिस्सा ब्लाउज से बाहर झाँक रहा था, जैसे कोई जेल से भागने को बेताब हो। उसका फिगर गदराया हुआ था, चोदने में मजा देने वाला। मैंने मन ही मन सोच लिया कि इसकी चूत तो मैं जरूर मारूंगा।
रोमा चाय बनाने चली गई। जब वो झुककर चाय देने आई, तो उसकी चूचियाँ ब्लाउज के गले से बाहर आने को बेताब हो गईं। मैं उसकी चूचियों में झाँक रहा था, और वो ये बात भाँप गई। उसने मुझे एक चालाक, जहरीली-सी मुस्कान दी, जैसे कह रही हो, “देख लो, लेकिन छूने की हिम्मत है?” मेरे लंड ने तुरंत टनक कर सलामी दे दी। उसकी वो मुस्कान देखकर मुझे यकीन हो गया कि इसकी चूत चोदी जा सकती है। मैंने मन में ठान लिया कि रोमा भाभी को चोदकर ही रहूंगा।
हम तीनों चाय पीते हुए बातें करने लगे। रोमा बड़ी बातूनी थी, और मुझे उसमें थोड़ी चालू-सी अदा भी दिखी। रमेश ने बातों-बातों में रोमा को बताया कि मैं भूत-प्रेत भगाने में उस्ताद हूँ। हम चाय पी ही रहे थे कि तभी गाँव की एक औरत, बसंती, वहाँ आ धमकी। रोमा ने उसे बुलाया, “आओ बसंती, बैठो! रमेश आए हैं, और ये उनके दोस्त राकेश भाईसाहब।” बसंती ने हल्की-सी मुस्कान दी और बैठ गई। थोड़ी देर बाद रोमा किसी काम से अंदर चली गई। मौका देखकर रमेश ने बसंती की चूचियाँ मेरे सामने ही मसल दीं और बोला, “बसंती, तुझे चोदने का बड़ा मन कर रहा है!”
बसंती ने शरारती हंसी हंसते हुए कहा, “चल ना, खेत में घूमकर आते हैं। गन्ने बड़े-बड़े हो रहे हैं, वहाँ चुदवाने में मजा आएगा। तेरा केला खाए हुए भी तो बरसों हो गए!” रमेश ने हंसकर मेरी तरफ देखा और बोला, “राकेश भाईसाहब का केला भी बड़ा मस्त है, इसे भी आजमा ले!” बसंती ने आँख मारते हुए कहा, “दोनों आना, दोनों के केले खा लूँगी!” और हंसते हुए अंदर चली गई।
बसंती ठीक-ठाक थी, लेकिन रोमा के सामने फीकी पड़ती थी। मैंने रमेश से कहा, “यार, तू दो महीने बाद गाँव आया है, जा अपनी बीवी के पास थोड़ा लेट!” रमेश खी-खी करके हंसा और बोला, “भाई, बीवी की चूत तो रात में भी लेंगे। अभी चल, बसंती की चूत बजाते हैं। साली बड़ी मस्त होकर चुदवाती है, और लंड भी लपलपाकर चूसती है।” घड़ी में एक बज रहा था। रमेश ने कहा, “दो बजे खेत में चलकर बसंती को चोदते हैं, फिर पाँच बजे सोना आएगी, तब उसे फंसाएंगे।” हमने खाना खाया, और मैं आराम करने के लिए कमरे में चला गया।
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दो बजे रमेश ने मुझे झकझोरा, “चल, बसंती को चोदकर आते हैं!” लेकिन मेरा दिमाग तो रोमा भाभी को चोदने के प्लान में उलझा था। मैंने कहा, “यार, मुझे बड़ी थकान हो रही है। तू जा, मैं थोड़ा आराम कर लूँ। फिर तुझे सोना भाभी की चूत भी दिलवानी है। अगर ज्यादा थक गया, तो वो प्लान खराब हो जाएगा।” रमेश ने ठीक है कहा और अकेले खेत की ओर निकल गया। उसके बच्चे बाहर खेल रहे थे, और घर में सिर्फ मैं और रोमा भाभी रह गए।
थोड़ी देर बाद रोमा मेरे कमरे में आई। उसने साड़ी का पल्लू थोड़ा सँभाला हुआ था, लेकिन उसकी चूचियाँ फिर भी ब्लाउज से बाहर झाँक रही थीं। वो बोली, “भाईसाहब, मुझे एक दिक्कत है। अगर आप किसी को नहीं बताएँगे, तो मैं आपको बताऊँ?” मैंने कहा, “हाँ, भाभी, बताओ।” रोमा ने थोड़ा झिझकते हुए कहा, “रात को मुझे नींद नहीं आती। ऐसा लगता है जैसे कोई मेरी साड़ी उठा रहा हो। एक-दो बार मैंने सोचा कि नंगी सो जाऊँ, तो भूत साड़ी कैसे उठाएगा? लेकिन फिर भी ऐसा लगता है जैसे कोई मेरी टाँगें चौड़ी कर रहा हो और मेरी चूत चोदना चाहता हो। भाईसाहब, मुझे लगता है कोई भूत मुझे तंग कर रहा है। आप चेक करके बता दो कि कोई भूत तो मेरे ऊपर नहीं चढ़ा?”
उसकी बात सुनकर मेरा लंड उछलने लगा। मैंने मौके को भाँपते हुए कहा, “भाभी, भूत चेक तो कर दूँगा, लेकिन इसके लिए आपको जगह-जगह छूना पड़ेगा। आपको बुरा तो नहीं लगेगा?” रोमा ने इठलाते हुए कहा, “अरे भाईसाहब, आप मेरा इलाज करेंगे, और मैं बुरा मानूँ? क्या मैं इतनी बुरी लगती हूँ आपको?” उसने एक कामुक अंगड़ाई ली, जिससे उसकी चूचियाँ और उभर आईं। मैं समझ गया कि लाइन साफ है। “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
मैंने कहा, “भाभी, अगर साड़ी उतार देंगी, तो चेक करने में आसानी होगी।” रोमा ने मुस्कुराकर कहा, “बस इतनी-सी बात?” और एक झटके में उसने साड़ी उतार दी। अब वो सिर्फ लो-कट ब्लाउज और पेटीकोट में मेरे सामने खड़ी थी। उसका गदराया बदन देखकर मेरा लंड चड्डी में तंबू बना रहा था। मैंने कहा, “भाभी, जरा मेरी आँखों में देखो।” उसने अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से मेरी आँखों में देखा। मैंने उसके गालों पर हाथ फेरा, फिर धीरे-धीरे उसकी गर्दन से होता हुआ मेरा हाथ उसकी चूचियों तक पहुँच गया।
ब्लाउज के ऊपर से मैंने उसकी मोटी, गदराई चूचियाँ कसकर दबाईं। रोमा की साँसें तेज हो गईं, और उसने “उह… आह…” की हल्की सिसकारी भरी। मेरा हाथ अब उसके पेट पर फिसला, फिर पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ने लगा। मैंने दो-तीन बार उसकी चूत को जोर से रगड़ा, जिससे वो और गर्म हो गई। उसने “आह… उह… भाईसाहब…” कहते हुए अपनी कमर हिलाई। मैंने हाथ हटाया तो वो तुरंत बोली, “भाईसाहब, भूत भगाइए ना! बड़ा मजा आ रहा है।”
मैंने कहा, “भाभी, तुम्हारे बदन में भूत चिपटा हुआ है। इसे भगाने के लिए तुम्हें पूरा नंगा करना पड़ेगा।” रोमा की चूत अब गीली हो चुकी थी। वो बोली, “मैं तैयार हूँ। चलो, बाथरूम में चलते हैं।” उसने बताया कि उनके बाथरूम के दो दरवाजे हैं—एक मेरे कमरे की तरफ, दूसरा उसके बेडरूम की तरफ। मेरा लंड अब बेकाबू हो रहा था। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
रोमा साड़ी उठाकर अपने कमरे की तरफ चली गई। तभी बाथरूम से खट-खट की आवाज आई। रोमा ने बाथरूम से झाँककर कहा, “जल्दी आओ ना, भाईसाहब!” मैं बाथरूम में दाखिल हुआ। रोमा सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। वो बोली, “मेरा भूत भगाओ ना!” मैं थोड़ा घबरा रहा था, लेकिन मौका ऐसा था कि छोड़ना नहीं चाहता था।
मैंने कहा, “भाभी, अपने कपड़े तो उतारो।” रोमा ने शरारती अंदाज में कहा, “आप ही उतार दो ना, मुझे शर्म आ रही है।” मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया। मेरे होंठ उसके होंठों से चिपक गए। मैंने कहा, “आज तेरे सारे भूत भगा दूँगा।” हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं उसकी जीभ को चूस रहा था।
कुछ देर बाद मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोले। उसकी चूचियाँ फुदककर बाहर आ गईं। बड़ी, तनी हुई, गोल-मटोल चूचियाँ, जिनके निप्पल्स सख्त हो चुके थे। मैंने दोनों चूचियों को हल्के से दबाया, फिर जोर से मसला। रोमा “आह… उह… भाईसाहब…” कहते हुए सिसक रही थी। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा, दूसरी चूची को हाथ से मसल रहा था। मेरा लंड अब गीला हो चुका था, और चड्डी में तनाव साफ दिख रहा था।
रोमा ने मेरी चड्डी की तरफ देखा और बोली, “भाईसाहब, आपका औजार तो गाँव की सारी औरतों की चूत का भूत भगा देगा।” मैंने उसका पेटीकोट का नाड़ा खोला, और वो नीचे सरक गया। उसकी चूत मेरे सामने थी—चिकनी, गीली, और चोदने को बेताब। मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा, और वो सिहर उठी। “उह… भाईसाहब, ये भूत साला रोज तंग करता है। आज इसे फाड़ दो!”
मैंने अपने कपड़े उतारे, सिर्फ चड्डी में था। मेरा 8 इंच का लंड चड्डी से बाहर झाँक रहा था। रोमा ने उसे देखकर कहा, “वाह, क्या मस्त लंड है! इससे चुदने में तो जन्नत का मजा आएगा।” मैंने उसकी चूत को फिर से रगड़ा, और वो “आह… उह…” करती रही। मैंने उसे फर्श पर लिटाया। उसने अपनी टाँगें फैलाईं, और उसकी चूत का मुँह मेरे लंड को बुला रहा था। मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रगड़ा, लेकिन अंदर नहीं डाला। मैं उसे और तड़पाना चाहता था।
मैंने उसकी चूचियों को फिर से मसला, निप्पल्स को उमेठा। रोमा चिल्ला रही थी, “राजा, अब डाल दो ना! मेरी चूत को और मत तड़पाओ!” मैंने उसकी जाँघों को पकड़ा, और अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह पर सेट किया। धीरे से एक हल्का झटका मारा, और आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। रोमा ने “उई… मर गई!” कहकर मुझे कसकर पकड़ लिया। मैंने एक और झटका मारा, और मेरा पूरा 8 इंच का लंड उसकी चूत में समा गया। “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
“आह… उह… ऊई… मर गई!” रोमा की सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत इतनी गीली थी कि लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। “फच… फच…” की आवाजें बाथरूम में गूँज रही थीं। मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई, और रोमा की चूचियाँ जोर-जोर से हिलने लगीं। वो चिल्ला रही थी, “मादरचोद, चोद! मेरी चूत फाड़ दे! उई… आह… कितना मजा आ रहा है!”
मैंने उसकी जाँघें और ऊपर उठाईं, और गहरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत का रस बह रहा था, और मेरे लंड को और चिकना कर रहा था। मैंने उसकी चूचियों को कसकर मसला, निप्पल्स को उमेठा। रोमा “आह… उह… चोदो राजा, फाड़ दो!” कहते हुए अपनी गांड उछाल रही थी। मैंने कहा, “तेरी चूत के भूत को आज फाड़कर ही छोड़ूँगा!”
करीब 10 मिनट तक मैंने उसे उसी पोजीशन में चोदा। फिर मैंने लंड बाहर निकाला। रोमा चिल्लाई, “अरे, और चोदो ना! रमेश अभी नहीं आएगा!” मैंने कहा, “तेरी चूत ने मेरे लंड को और गर्म कर दिया। जरा इसे मुँह में लेकर प्यार कर।” रोमा तुरंत घोड़ी बन गई और मेरा लंड चूसने लगी। “लप… लप…” की आवाजें आ रही थीं। मैंने उसके चूतड़ों को कसकर थप्पड़ मारे, जिससे वो और जोश में आ गई।
हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उसकी चूत का रस चाट रहा था, और वो मेरा लंड लपलपाकर चूस रही थी। उसकी चूत का स्वाद नमकीन और उत्तेजक था। मैंने उसकी चूत में जीभ डाली, और वो “आह… उह… भाईसाहब…” कहते हुए सिहर रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उसे फिर से घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया। “फच… फच…” की आवाजें फिर से गूँजने लगीं। मैंने उसकी चूचियों को पीछे से मसला, और वो “उई… मर गई… चोदो!” चिल्ला रही थी।
करीब 15 मिनट तक मैंने उसे अलग-अलग पोजीशन में चोदा—घोड़ी, मिशनरी, और फिर दीवार के सहारे। हर धक्के के साथ रोमा की सिसकारियाँ तेज होती जा रही थीं। आखिरकार, मैंने उसकी चूत में अपना सारा माल छोड़ दिया। “आह… उह…” रोमा भी झड़ गई, और उसकी चूत से रस टपक रहा था। हम दोनों फर्श पर गिर पड़े, हाँफते हुए एक-दूसरे को देख रहे थे। रोमा ने मुझे बाँहों में भरा और बोली, “राकेश, आज तूने मेरी चूत का भूत भगा दिया। बड़ा मजा आया!”
थोड़ी देर बाद हमने कपड़े पहने और बाहर आ गए। रोमा दो कप चाय लेकर आई। हम मुस्कुराते हुए चाय पी रहे थे। रोमा बोली, “भाईसाहब, कब जाओगे?” मैंने कहा, “मैं और रमेश कल सुबह जाएँगे।” रोमा ने शरारती अंदाज में कहा, “मेरी चूत का भूत तो तुमने भगा दिया, लेकिन वादा करो कि रात को एक बार और चोदोगे। जब रमेश सो जाएगा, मैं बाथरूम में आ जाऊँगी।” “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
मैंने हंसते हुए हामी भरी। रोमा ने फिर कहा, “रात में मेरी गांड भी मारना। मुझे गांड मरवाने में बड़ा मजा आता है।” मैं हैरान था। मैंने कहा, “रमेश तो कहता है कि उसने कभी गांड नहीं मारी।” रोमा ने हंसते हुए बताया, “रमेश के पीछे मैं बसंती के पति सोहन से चूत और गांड दोनों मरवाती हूँ। उसका लंड 5 इंच का है, चूत तो ठीक नहीं मारता, लेकिन गांड बड़ी मस्त मारता है।”
रात की चुदाई के बाद रोमा और मैं खुलकर बातें करने लगे थे। बाथरूम में हुई उस मस्त चुदाई ने रोमा को इतना खोल दिया कि अब वो मेरे सामने बिंदास होकर अपनी चूत और गांड की बातें करने लगी थी। चाय की चुस्कियों के बीच मैंने मौका देखकर सोना का जिक्र छेड़ दिया। मैंने पूछा, “रोमा, ये सोना कैसी औरत है? कुछ बताओ ना!” ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
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रोमा ने हंसते हुए कहा, “सोना साली गजब की सुंदर है। चेहरा ऐसा कि मर्दों के लंड अपने आप खड़े हो जाएँ। लेकिन साली को अपनी खूबसूरती पर बड़ा घमंड है। लगता है जैसे वो गाँव की रानी हो!” उसने एक शरारती मुस्कान दी और बोली, “क्यों, भाईसाहब, उसकी चूत मारने का इरादा है क्या?”
मैंने हंसकर जवाब दिया, “हाँ भाभी, अगर तुम उसकी चूत मेरे लंड के नीचे ला दो, तो मैं उसका भूत भी भगा दूँगा!” रोमा ने ठहाका लगाया और बोली, “साली की चूत में तो बड़ी खुजली हो रही होगी। उसका पति दो महीने से गाँव नहीं आया। लेकिन वो इतनी आसानी से चुदने वाली नहीं। साली की चूत के पास एक दाना हो गया है, मुझसे कहती रहती है कि कोई लेप बताओ। मुझे दिखाया भी था। पूरी चिकनी चूत रखती है, चोदने में मजा देगी, लेकिन पक्की कुतिया है।”
मैंने रोमा को टटोला, “भाभी, तुम उसे ये जरूर बताना कि मैं चूत का भूत भगाने में उस्ताद हूँ। बाकी उसकी चूत बजाना मुझ पर छोड़ दो!” रोमा ने आँख मारते हुए कहा, “ठीक है, अगर तुमने उसकी चूत चोद दी, तो मुझे बड़ा मजा आएगा। साली को सबक सिखाना जरूरी है।”
थोड़ी देर बाद, करीब चार बजे, रमेश खेत से लौट आया। उसकी शक्ल देखकर लग रहा था कि उसने बसंती की चूत को अच्छे से रगड़ा होगा। हमने चाय पी और आराम करने लगे। रमेश ने फुसफुसाते हुए बताया, “भाई, मैंने बसंती की चूत दो बार चोदी और एक बार उसके मुँह में लंड डालकर रस पिलाया। साली लपलपाकर चूसती है!” मैंने हंसकर कहा, “अबे, अब सोना की बारी है। आज हम उसकी चूत तेरे घर में ही मारेंगे। तू बस रोमा के सामने मेरी तारीफ करना और कहना कि मैं भूत भगाने में मास्टर हूँ।” “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
रमेश अंदर गया और रोमा के पास बैठकर सोना से मेरी तारीफें करने लगा। थोड़ी देर बाद रोमा मुस्कुराती हुई मेरे पास आई और बोली, “चलो भाईसाहब, सोना तुमसे मिलने को बेचैन है।” मैं, रमेश, रोमा और सोना अब रोमा के कमरे में बैठे थे। सोना को देखते ही मेरा लंड टनक कर खड़ा हो गया। उसकी गोल-गोल चूचियाँ साड़ी के ब्लाउज में कैद थीं, लेकिन बाहर निकलने को बेताब। उसका चेहरा इतना हसीन था कि बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाए। उसकी देहाती साड़ी में से उसकी गोल नाभि झाँक रही थी, जैसे मुझे उसे सहलाने के लिए उकसा रही हो। मैं मन ही मन सोच रहा था कि साली को अभी नंगा करके चोद दूँ, लेकिन खेल बिगाड़ना नहीं चाहता था।
रोमा ने सोना से मेरा परिचय करवाया, “सोना, ये राकेश भाईसाहब हैं। इनको भूत-प्रेत भगाने का बड़ा ज्ञान है। जब से इन्होंने मेरे घर का भूत भगाया, रमेश की तनख्वाह बढ़ रही है, और वो खुश भी रहता है।” मैंने रमेश को इशारा किया, और वो बोला, “रोमा, मैं बच्चों को देखकर आता हूँ।” वो बाहर निकल गया।
रोमा ने सोना से कहा, “सोना, मैंने तुझे बताया था ना, रात को मुझे जो भूत तंग करता था, वो भाईसाहब ने आज भगा दिया। बस, इन्होंने रमेश के सामने मुझे नंगा करके बदन सहलाया और कुछ मंत्र पढ़े। तू भी अपनी परेशानी बता दे!” सोना थोड़ी शरमाई, लेकिन रोमा ने उसे उकसाया, “सोना, साली, तुझे पूरे दिन चूत में खुजली होती है। तेरा पति तो शहर में गार्ड की नौकरी करता है, दो महीने में एक बार आता है। भाईसाहब को बता, शायद तेरे बदन में भी कोई भूत हो!”
रोमा ने हंसते हुए कहा, “सोना शर्मीली है, मेरी तरह नंगी तो नहीं होगी, लेकिन भाईसाहब, तुम देखकर ही बता दो कि इसके बदन में कोई भूत है या नहीं।” मैं चुप रहा, फिर धीरे से बोला, “सोना जी, अगर आप मुझे अपनी नाभि छूने देंगी, तो मैं बता सकता हूँ।” रोमा ने सोना की तरफ देखा और हल्के से मुस्कुराई। सोना ने सर झुकाकर कहा, “ठीक है।”
रोमा ने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और बोली, “सोना, अपना पल्लू हटा ले।” सोना ने धीरे से पल्लू हटाया। उसकी तनी हुई चूचियाँ ब्लाउज में साफ दिख रही थीं, और उसका पेट इतना सेक्सी था कि मेरा लंड चड्डी में उछलने लगा। मैंने उसकी नाभि पर हाथ रखा और धीरे-धीरे सहलाने लगा। फिर एक उंगली उसकी नाभि में डालकर गोल-गोल घुमाई। सोना के मुँह से “उह… आह…” की हल्की सिसकारी निकली। मैं समझ गया कि तीर निशाने पर लग रहा है। “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
मैंने कहा, “भाभी, इसके बदन में भूत है, लेकिन इसे चेक करने के लिए बड़ा शीशा चाहिए।” रोमा ने तुरंत कहा, “शीशा तो बाथरूम में है।” हम तीनों बाथरूम में चले गए। मैंने सोना को शीशे के सामने खड़ा किया और पीछे से उसकी कमर पर हाथ रखा। मैंने पूछा, “सोना जी, अगर कोई दिक्कत हो तो बता देना।” सोना अब गर्म हो रही थी। उसने कहा, “नहीं भाईसाहब, आप भूत भगाइए, मुझे अच्छा लग रहा है।”
शीशे में उसकी चूचियाँ ब्लाउज में कैद थीं, लेकिन इतनी सेक्सी लग रही थीं कि मेरा लंड लोहे की रॉड बन गया। मैंने पीछे से उसकी गांड पर अपना तना हुआ लंड सटाया और उसके पेट को चारों तरफ से सहलाने लगा। सोना की साँसें तेज हो गईं, और उसकी आँखें कामवासना से चमक रही थीं। मैंने धीरे से अपनी एक उंगली उसकी साड़ी की गांठ के पास डाली और उसकी चूत के पास रगड़ने लगा। सोना अब पूरी गर्म हो चुकी थी, और उसकी सिसकारियाँ “आह… उह…” तेज हो रही थीं।
रोमा ने मुझे आँख मारी और सोना से बोली, “सोना, तेरी साड़ी पानी में खराब हो जाएगी। उतार दे!” सोना ने शरमाते हुए साड़ी उतार दी। अब वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थी। मैंने कहा, “सोना जी, मेरी पैंट और शर्ट भी खराब हो रही है। अगर आपको बुरा न लगे, तो मैं भी उतार दूँ?” सोना ने सर झुकाकर कहा, “उतार दीजिए।” ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी। अब मैं सिर्फ चड्डी और बनियान में था। मेरा 8 इंच का लंड चड्डी में साफ दिख रहा था। मैंने सोना की नाभि पर मुँह लगाया और उसका पेट चाटने लगा। उसकी नाभि में जीभ डालकर मैंने 5 मिनट तक चूमा-चाटी की। सोना “आह… उह…” की आवाजें निकाल रही थी। रोमा ने हंसते हुए कहा, “भाईसाहब, भूत का पता चला?”
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मैंने गंभीर लहजे में कहा, “रोमा भाभी, सोना को दो भूतों ने पकड़ रखा है। एक पुराना भूत उसकी चूत का रस पी रहा है, जिसने उसकी चूत में दाना कर दिया। दूसरा नया भूत उसकी चूचियों का रस पी रहा है। अगर इसे नहीं भगाया, तो चूचियों पर भी दाना उग आएगा। और फिर ये भूत और जगह चूसेगा। अगर जल्दी नहीं भगाया, तो 3-4 महीने में सोना के पूरे बदन पर दाने हो जाएँगे।”
सोना दाने की बात सुनकर डर गई और बोली, “भाईसाहब, जल्दी भूत भगाइए!” रोमा ने कहा, “सोना, भाईसाहब भूत भगा देंगे, लेकिन तुझे नंगी होना पड़ेगा।” सोना ने शरमाते हुए कहा, “मुझे बड़ी शर्म आती है। बिना कपड़े उतारे नहीं हो सकता?” मैंने कहा, “ठीक है, कोशिश करते हैं, लेकिन ब्लाउज तो उतार दो। बाथरूम में तो सब नंगे नहाते हैं।”
सोना ने शरमाते हुए कहा, “आप ही उतार दीजिए।” मैंने ब्लाउज के ऊपर से उसकी चूचियाँ कसकर दबाईं, फिर उसका ब्लाउज और ब्रा उतार दी। उसकी गोल, तनी हुई चूचियाँ फुदककर बाहर आ गईं। इतनी मस्त चूचियाँ देखकर मेरा लंड चड्डी में उछलने लगा। मैंने उसकी चूचियों को तीन-चार बार जोर से मसला। मेरा लंड इतना गर्म हो चुका था कि थोड़ा-सा वीर्य निकल गया।
मैंने रोमा को आँख मारी और कहा, “भाभी, तुम कमरे में जाओ। मैं इसकी चूत का भूत उतारता हूँ।” रोमा मुस्कुराते हुए बाहर चली गई। अब मैं और सोना बाथरूम में अकेले थे। सोना सिर्फ पेटीकोट में थी, और उसकी चूचियाँ चोदने का न्योता दे रही थीं। मैंने अपनी बनियान उतार दी और सोना के पीछे खड़ा हो गया। मैंने उसकी चूचियों को दोनों हाथों से पकड़ा और मसलने लगा। उसके निप्पल्स को उमेठते हुए मैंने उसकी गांड पर अपना तना हुआ लंड कसकर सटाया। सोना “आह… उह… आह…” की सिसकारियाँ ले रही थी। “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
मैंने पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ा। शीशे में उसका नंगा बदन और भी सेक्सी लग रहा था। सोना पूरी गर्म थी। वो बोली, “भाईसाहब, आप चाहें तो मुझे नंगा कर दो, लेकिन रोमा भाभी को मत बताना।” मैंने मुस्कुराकर उसका पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट नीचे सरक गया, और उसकी चिकनी, गीली चूत मेरे सामने थी। मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चूत को सहलाया। उसका चूत-रस बह रहा था। मैंने अपनी चड्डी उतार दी। मेरा 8 इंच का लंड अब उसकी गांड पर रगड़ रहा था। सोना “आह… उह…” की सिसकारियाँ ले रही थी।
वो बोली, “भूत कब तक भागेगा? साले ने मेरी चूत में आग लगा रखी है। जल्दी मारो इसे!” मैंने कहा, “साला चूची वाला भूत तो भाग गया, लेकिन चूत वाला और अंदर घुस गया है। इसे लंड से पिटाई करनी पड़ेगी।” सोना चौंकी और बोली, “क्या? यानी आप मुझे चोदेंगे? नहीं-नहीं, मैं नहीं चुदूँगी! अगर गाँव वालों को पता चल गया, तो मुझे गाँव से निकाल देंगे। मैं रंडी बन जाऊँगी।”
मैंने उसे शांत किया और कहा, “सोना, डर मत। ये भूत बिना चुदाई के नहीं भागेगा। और तेरा राज मेरे पास रहेगा।” वो थोड़ी देर चुप रही, फिर धीरे से बोली, “ठीक है, लेकिन जल्दी करो, और किसी को मत बताना।” मैंने उसे शीशे के सामने घोड़ी बनाया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। उसकी चूत इतनी गीली थी कि “लप… लप…” की आवाजें आने लगीं। मैंने उसकी चूचियों को फिर से मसला और निप्पल्स को उमेठा। सोना “आह… उह… भाईसाहब, चोद दो!” चिल्ला रही थी।
मैंने धीरे से अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह पर सेट किया और एक हल्का झटका मारा। मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। सोना “उई… मर गई!” चिल्लाई। मैंने एक और झटका मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। “फच… फच…” की आवाजें बाथरूम में गूँजने लगीं। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। सोना की चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में और जोश में आ रहा था। वो “आह… उह… चोदो… फाड़ दो!” चिल्ला रही थी।
मैंने उसकी जाँघें पकड़कर ऊपर उठाईं और गहरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूचियाँ जोर-जोर से हिल रही थीं। मैंने एक हाथ से उसकी चूची पकड़ी और दूसरा हाथ उसकी चूत के दाने पर रगड़ने लगा। सोना “उई… आह… मर गई… चोदो!” चिल्ला रही थी। करीब 15 मिनट तक मैंने उसे उसी पोजीशन में चोदा, फिर उसे दीवार के सहारे खड़ा किया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया। “फच… फच…” की आवाजें और तेज हो गईं।
मैंने उसकी चूचियों को कसकर मसला और निप्पल्स को उमेठा। सोना “आह… उह… भाईसाहब, और जोर से!” चिल्ला रही थी। मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और गहरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत का रस मेरे लंड को चिकना कर रहा था। करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया। सोना भी झड़ गई, और उसकी चूत से रस टपक रहा था। हम दोनों हाँफते हुए फर्श पर बैठ गए। “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
सोना ने मुझे बाँहों में भरा और बोली, “भाईसाहब, आपने तो मेरी चूत का भूत भगा दिया। बड़ा मजा आया!” हमने कपड़े पहने और बाहर आ गए। रोमा हमें देखकर मुस्कुराई और बोली, “क्या, भूत भाग गया?” मैंने हंसकर कहा, “हाँ भाभी, साला भाग गया।” ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
सोना की चूत चोदने के बाद मैं और वो बाथरूम में हाँफ रहे थे। उसकी चूत से मेरा और उसका रस टपक रहा था, और वो मेरे सीने से चिपककर साँसें ले रही थी। मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा, “सोना, डर मत। ये भूत अब भाग गया, लेकिन अगर इसे और पक्का करना है, तो थोड़ा और करना पड़ेगा। नहीं तो ये साला फिर से तेरी चूत में दाने उगा देगा। बाहर रोमा भाभी हैं, वो सब संभाल लेंगी। कोई कुछ नहीं बोलेगा।”
सोना अभी भी थोड़ी डरी हुई थी। वो बोली, “भाईसाहब, अगर गाँव वालों को पता चल गया तो मेरी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी। मैं रंडी बन जाऊँगी।” मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा और कहा, “अरे, तेरा राज मेरे सीने में दफन है। मैं कल सुबह जा रहा हूँ, और रोमा भाभी को कुछ नहीं पता चलेगा। तू बस चुदाई का मजा ले, और इस भूत को हमेशा के लिए भगा दे!”
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सोना ने मेरे 8 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड को देखा, जो अभी भी तना हुआ था। उसने शरमाते हुए कहा, “भाईसाहब, आपका लंड तो गजब का है। लेकिन प्लीज, थोड़ा धीरे चोदना।” मैंने हंसते हुए जवाब दिया, “सोना रानी, मैं शरीफ आदमी हूँ। मैं तेरी चूत नहीं चोद रहा, बस तेरे चूत के भूत की पिटाई कर रहा हूँ। तू जमीन पर लेट, अपनी टाँगें चौड़ी कर, और गांड हिलाकर चुदवाने को तैयार हो। साले भूत को आज मेरे लंड की मार पड़ेगी, तब पता चलेगा कि गाँव की भाभियों की चूत तंग करने का अंजाम क्या होता है!”
सोना की चूत के पास एक छोटी-सी फुंसी थी, जो अब सूख रही थी। मैंने उस पर उंगली रखकर कहा, “देख, ये दाना तो बड़ा खतरनाक हो रहा था। अगर आज इसे न भगाया, तो 2-3 दिन में तू बैठ भी नहीं पाएगी। चल, अब आराम से लेट, अपनी चूत खोल, और मेरे लंड से इस भूत को भगाने दे।” सोना जमीन पर लेट गई। उसने अपनी टाँगें चौड़ी कीं और हवा में उठा दीं। उसकी चिकनी, गीली चूत मेरे सामने थी, जैसे मुझे चोदने के लिए बुला रही हो। “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
मैं उसकी टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया। मैंने उसकी एक टाँग उठाकर अपने कंधे पर रखी और अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह पर टिकाया। सोना की साँसें तेज हो गईं, और वो “उह… आह…” की सिसकारियाँ लेने लगी। मैंने धीरे से एक झटका मारा, और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। “उई… मर गई!” सोना चिल्लाई। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड उसे चीरता हुआ अंदर गया। मैंने एक और जोरदार झटका मारा, और मेरा पूरा 8 इंच का लंड उसकी चूत में समा गया।
“फच… फच…” की आवाजें बाथरूम में गूँजने लगीं। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। सोना की चूत का रस मेरे लंड को चिकना कर रहा था। वो “आह… उह… चोदो… और चोदो!” चिल्ला रही थी। मैं उसके ऊपर झुक गया, मेरे होंठ उसके होंठों को छू रहे थे। उसने अपनी टाँगें मेरी कमर के पीछे लपेट लीं और मुझे कसकर जकड़ लिया। वो चिल्ला रही थी, “राजा, दो महीने बाद आज चुद रही हूँ। तेरा लंड बहुत मस्त है! जोर से मार… मेरी चूत फाड़ दे!”
मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और गहरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूचियाँ जोर-जोर से हिल रही थीं। मैंने एक हाथ से उसकी चूची पकड़ी और निप्पल को उमेठा। सोना “उई… आह… फाड़ दो!” चिल्ला रही थी। मैं बोला, “साले भूत, आज तेरी खैर नहीं! तूने इसकी चूत को तंग किया, अब मेरे लंड की मार खा!” मैंने उसकी चूत में गहरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत का रस इतना बह रहा था कि बाथरूम का फर्श गीला हो गया।
करीब 10 मिनट तक मैंने उसे उसी पोजीशन में चोदा। फिर मैंने लंड बाहर निकाला। सोना चिल्लाई, “अरे, और चोदो ना!” मैंने कहा, “सोना रानी, जरा इस भूत को और तड़पाने दे।” मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया। “फच… फच…” की आवाजें फिर से गूँजने लगीं। मैंने उसके चूतड़ों को कसकर थप्पड़ मारे, और वो “आह… उह… और जोर से!” चिल्ला रही थी। मैंने उसकी चूचियों को पीछे से मसला और निप्पल्स को उमेठा। “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
थोड़ी देर बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया। सोना भी झड़ गई, और उसकी चूत से रस टपक रहा था। वो मुझसे चिपककर बोली, “राजा, तूने तो मेरी चूत का भूत मार डाला। बहुत मजा आया!” मैंने अपना लंड बाहर निकाला, जो वीर्य से चिपचिपा हो गया था। मैंने कहा, “देख, ये साला भूत मर गया। अब इसे मुँह में लेकर चूस, इसका खून पी!”
सोना शरमाई और बोली, “मुझे शर्म आती है।” मैंने कहा, “अरे, ये काली पट्टी बाँध ले। इससे तुझे दूसरे भूत की आवाजें भी सुनाई देंगी।” मैंने अपना काला रुमाल निकाला और उसकी आँखों पर बाँध दिया। फिर मैंने बाथरूम का दरवाजा खोला और रमेश को फुसफुसाकर अंदर बुलाया। रमेश ने पूछा, “इतनी देर क्यों?” मैंने उसे चुप रहने का इशारा किया। “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
रमेश ने जल्दी से अपने कपड़े उतारे। मैंने सोना के मुँह के सामने अपना लंड रखा और कहा, “चूस रानी, इस भूत का खून पी। बड़ा मीठा है!” सोना ने मेरा लंड मुँह में लिया और “लप… लप…” करके चूसने लगी। वो जमीन पर बैठी थी, और उसका चेहरा मस्ती में डूबा हुआ था। मेरा लंड फिर से तन गया। मैंने उसे घोड़ी बनाया और कहा, “अब दूसरा भूत हवा में घूम रहा है। इसे भी मारना है।”
मैंने रमेश को इशारा किया। उसने सोना की कमर पकड़ी और एक झटके में अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया। सोना ने मेरा लंड मुँह से निकाला और चिल्लाई, “अरे, ये क्या?” मैंने कहा, “तू मेरा लंड चूस, ये दूसरा भूत तेरी चूत में घुस गया है। मैं इसे ठीक करता हूँ।” रमेश अब उसे जोर-जोर से चोद रहा था। मैंने फिर से अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया। अब सोना मुँह में मेरा लंड चूस रही थी और चूत में रमेश का लंड ले रही थी। रमेश बीच-बीच में उसकी चूचियों को भी मसल रहा था।
सोना चुदाई के मजे में डूब गई थी। मैंने रमेश को इशारा किया, और वो चुपके से रुक गया। सोना बोली, “भूत ने चोदना बंद कर दिया, लेकिन चूत में अभी भी है। भाईसाहब, इसे पिटाई करो!” मैंने रमेश को हटाया और फिर से अपना लंड सोना की चूत में पेल दिया। मैं चिल्लाया, “साले, सोना भाभी को तंग करता है? आज तेरी खैर नहीं!” रमेश अब सोना के मुँह की तरफ था और उसकी चूचियाँ मसल रहा था। मैंने कहा, “अब ये साला चूचियों में घुस गया। मुँह खोल, इसे मंत्र से तेरे मुँह में घुसाऊँगा।”
रमेश ने अपना लंड सोना के मुँह में डाल दिया। अब सोना की चूत में मेरा लंड था, और मुँह में रमेश का। “लप… लप…” और “फच… फच…” की आवाजें बाथरूम में गूँज रही थीं। करीब 5 मिनट तक हमने उसे ऐसे ही चोदा। फिर मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया। रमेश ने भी 6-7 धक्कों के बाद अपना माल उसकी चूत में डाल दिया। सोना की चूत वीर्य से लबालब भर गई थी। रमेश खुशी से फूला नहीं समा रहा था। वो चुपके से बाहर चला गया। “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
मैंने सोना की पट्टी खोली और कहा, “सोना, तेरे दोनों भूत मर गए।” वो मुझसे लिपट गई और बोली, “भाईसाहब, तूने तो मेरी चूत को जन्नत दिखा दी। जब भी गाँव आए, मेरी चूत जरूर मारना।” हम दोनों एक-दूसरे से चिपके रहे। उसका नंगा बदन मेरे बदन से रगड़ रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “चल, कपड़े पहनकर बाहर चलते हैं।” “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
सोना ने हंसते हुए कहा, “भाईसाहब, आज पता चला कि भूत भी लंड की तरह होता है।” मैंने जवाब दिया, “भूत किसी भी रूप में हो सकता है, बस दिखता नहीं। जब तेरी आँखें बंद थीं, तो मेरे मंत्रों से तूने भूत को महसूस किया।” वो हँसकर हामी भरने लगी। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
हम बाहर आए। रोमा भाभी मुस्कुराते हुए सोना के चूतड़ों पर हाथ फेरकर बोली, “क्यों, भाईसाहब ने चूत का भूत भगा दिया ना?” सोना ने शरमाते हुए कहा, “हाँ, भाभी। अब मेरी चूत भूत-मुक्त है।” सोना अपने घर चली गई।
हमने रमेश और रोमा के साथ खाना खाया। रोमा ने हमें दूध पिलाया। मैंने रमेश से कहा, “अबे, जा अपनी भाभी को चोद। कल सुबह 7 बजे की बस पकड़नी है। भाभी की चूत खाली पड़ी है। पूरी रात लंड डाले रख, वरना भाभी किसी और से चुदवाने लगेगी।” रमेश हँसकर अपने कमरे में चला गया। मैंने उससे कहा, “रोमा भाभी से कहना कि मेरे कमरे में एक गिलास पानी रख दें।”
थोड़ी देर बाद रोमा पानी का गिलास लेकर आई। उसका ब्लाउज खुला हुआ था, और चूचियाँ बाहर झाँक रही थीं। वो बोली, “भाईसाहब, रात 3 बजे मैं आपको जगा दूँगी। मुझे आपसे अपनी गांड मरवानी है।” उसने मेरे पजामे के ऊपर से मेरे लंड पर हाथ फेरा। मैंने उसके ब्लाउज में हाथ डालकर उसकी चूचियाँ मसलीं।
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रात 3 बजे रोमा बाथरूम के रास्ते मेरे कमरे में आई। उसने सिर्फ पेटीकोट पहना था, और उसकी चूचियाँ नंगी थीं। वो बोली, “चलो, भाईसाहब, मेरी गांड मारो।” बाथरूम में हमने नल खोल दिया ताकि आवाज बाहर न जाए। मैंने उसका पेटीकोट उतारा और उसकी गांड पर थप्पड़ मारे। उसकी गांड गोल और चिकनी थी। मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रगड़ा। वो “आह… उह…” की सिसकारियाँ ले रही थी। “Hindi Sexy Daravani Kahaniya”
मैंने धीरे से अपना लंड उसकी गांड में डाला। “उई… मर गई!” रोमा चिल्लाई। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी गांड इतनी टाइट थी कि मेरा लंड उसे चीर रहा था। “फट… फट…” की आवाजें गूँज रही थीं। मैंने उसकी चूचियों को मसला और निप्पल्स को उमेठा। रोमा “आह… उह… और जोर से… मेरी गांड फाड़ दो!” चिल्ला रही थी। करीब 20 मिनट तक मैंने उसकी गांड मारी। फिर मैंने अपना वीर्य उसकी गांड में छोड़ दिया। वो भी झड़ गई और हाँफते हुए मुझसे लिपट गई।
सुबह 5 बजे तक हमने गांड मारी, फिर अपने कमरों में चले गए। सुबह 6 बजे मैं और रमेश खेतों में घूमने गए। वहाँ बसंती और उसकी भाभी मिलीं। दोनों ने हमारे लंड को मस्ती से चूसा। “लप… लप…” की आवाजें खेतों में गूँज रही थीं। लेकिन बस पकड़ने की जल्दी थी, इसलिए हमने उनकी चूत नहीं चोदी। मैंने बसंती से वादा किया, “अगली बार तेरी चूत जरूर चोदूँगा।”
6:30 बजे हमने नहा-धोकर खाना खाया और शहर की बस पकड़ ली। रास्ते में मैं रमेश की तारीफ करता रहा कि उसने सोना जैसी मस्त भाभी की चूत मुझे दिलवाई। रमेश भी मेरे भूत भगाने की कला से खुश था। हमने हर महीने गाँव आने का प्लान बनाया। मुझे यकीन था कि गाँव की बाकी भाभियाँ भी मेरे लंड से अपनी चूत का भूत भगवाएँगी।