Hindi Sex Story XXX
दोस्तों में नेहा मेरी उम्र 32 है और मेरा रंग गौरा है। मेरा फिगर 36-30-36 है ये कहानी मेरे और मेरे भाई के दोस्त बीच हुए सेक्स की है। वो भी दिखने में गौरा था और अच्छा खासा लंबा और मज़बूत जिस्म था उसका। मेरी शादी 7 साल पहले हो चुकी है लेकिन में अभी मेरे माता पिता के घर में हूँ बच्चा ना होने की वजह से मेरे पति और उसके घर वालो ने मुझे मेरे माता पिता के पास भेज दिया था। Hindi Sex Story XXX
फिर रोज बच्चे की बात से मेरे ससुराल वाले मुझसे बहस करते और झगड़ा हो जाता था। लेकिन अब उन्हे क्या पता था कि हम दोनों के बीच कभी कुछ हुआ ही नहीं वो साला मादरचोद नामर्द इंसान जो मुझे कभी भी संतुष्ट नहीं कर पता था वो बच्चे कहाँ से पैदा कर पाता।
लेकिन परिवार को अपनी चीज जैसी भी हो प्यारी लगती है.. लेकिन अब क्या उंगली करके बच्चे तो नहीं हो सकते थे। तभी उन लोगो ने मुझे यहाँ पर भेज दिया था और फिर में तभी से अपने मायके में हूँ। फिर मेरा छोटा भाई जिसकी उम्र 30 साल की है और उसकी शादी हो चुकी है।
उसकी बीवी उसके मायके गई हुई थी क्योंकि वो पेट से थी। फिर मेरे भाई का एक दोस्त अक्सर हमारे घर आता जाता था। वो मेरे बारे में सब कुछ जानता था और वो मुझसे हमेशा हंसी मजाक करता था। क्योंकि में हमेशा उदास रहती थी। वो क्या घर के सभी लोग मुझे खुश देखना चाहते थे..
लेकीन माँ बाप के घर रहना किसे अच्छा लगता है और वो भी शादी के बाद.. यही बात मुझे खाए जा रही थी। फिर एक दिन मेरे भाई के ससुराल से फ़ोन आया कि मेरी भाभी को अस्पताल में एडमिट किया गया है और डिलवरी कभी भी हो सकती है।
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तभी मेरा भाई जल्दी से अपने ससुराल चला गया क्योंकि भाभी ने उसे बुलाया था और दूसरे दिन उसने एक लड़के को जन्म दिया। तभी भाई का फोन आया तो घर के सभी सदस्य भी जाने को तैयार हो गये और वो मुझे भी ले जाना चाहते थे.. लेकिन मैंने मना कर दिया क्योंकि शायद इसके लिए में तैयार नहीं थी और मेरी माँ भी समझ गई थी..
लेकिन वो मुझे अकेले भी नहीं छोड़ना चाहती थी। तभी उतने में सोमेश घर पर आया। मेरे भाई का दोस्त जिसकी उम्र 28 साल की है और उसकी अभी शादी नहीं हुई थी.. क्योंकि वो अपने काम के सिलसिले में बहुत व्यस्त रहता था और फिर उनके घर में वो अकेला कमाने वाला था।
तभी माँ ने उससे कहा कि हम लोग बाहर जाने के लिए सोच रहे है.. लेकिन ये घर पर अकेली रहेगी। तभी वो बोला कि आप चिंता ना करे में रुक जाऊंगा नेहा के साथ। तभी घर वालो को इसमे कोई दिक्कत नहीं थी.. क्योंकि वो हमेशा से मेरे घर आता जाता था और सबको उस पर पूरा पूरा भरोसा भी था और फिर सभी घर वाले चले गए।
वो बारिश का समय था और फिर वो रात मेरे घर आकर रुकता और सुबह अपने काम से चला जाता था। फिर दो दिन बाद भाई का फोन आया कि हम यहाँ का प्रोग्राम खत्म करके 15 दिन में लौटेंगे। फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर शाम को सोमेश आया तो मैंने उसे ये बात बता दी..
लेकिन वो अपने घर से टिफिन लाता था उसके और मेरे लिए तो हमने खाना खाया और तभी बिजली कड़कने लगी और ज़ोर से बारिश शुरू हो गई थी और मुझे बहुत डर लगता था.. में थी ही इतनी डरपोक। थोड़ी देर बाद हम टीवी देख रहे थे और रात के 10:30 बज चुके थे और अचानक लाईट भी चली गई और फिर जोर से बिजली कड़कने लगी और फिर में डर के मारे सोमेश के सीने से लिपट गई..
अंधेरा हो चुका था और दरवाजा पहले से ही बंद था। फिर में उससे ऐसे लिपट गयी कि हमारे शरीर से हवा भी पास नहीं हो सकती थी और मेरे बूब्स उसके सीने से दब रहे थे। फिर में हर बार बिजली की आवाज सुनकर उसे जोर से पकड़ लेती। तभी मेरी मजबूत पकड़ से मेरे बूब्स उसकी छाती पर और दब जाते..
ऐसा बार बार होने की वजह से वो भी अब गरम हो चुका था.. क्योंकि ठंडी हवा चल रही थी और उसमे मेरी गरम सांसे उसे मदहोश कर रही थी और वो मेरी पीठ पर हाथ घुमा रहा था और फिर में भी बेकाबू हो चुकी थी और शायद में बहुत दिनों से चुदी नहीं थी उसका भी असर था।
फिर वो धीरे धीरे मेरी गर्दन तक पहुँच चुका था। वो अब मुझे आगे हाथ बड़ा कर मेरे बूब्स को छूने लगा और फिर धीरे धीरे मुझे सहलाने लगा। तभी वो मुझे उठाकर मेरे रूम में ले गया और फिर उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया.. मेरे चहरे से गले तक और गले से पेट तक.. में बहुत गरम हो चुकी थी।
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इस तरह का मेरी जिंदगी में पहला एहसास था। फिर वो मुझे चूमे जा रहा था और एक एक करके कपड़े मेरे जिस्म से अलग अलग हो रहे थे। फिर सबसे पहले उसने मेरी साड़ी निकालकर अलग की और फिर वो मेरी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबा रहा था। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
फिर ऐसे ही अंधेरे में दस मिनट वो ब्लाउज के ऊपर से मेरी चूचियों को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और में सिसकियाँ ले रही थी। फिर उसने मेरे ब्लाउज के बटन खोल दिए और फिर उसने मेरे ब्लाउज को निकालकर दूर फेंक दिया। फिर वो अपने मुहं से ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को चूसने लगा।
ठंडी हवा में उसके मुहं का गरम स्पर्श मदहोश कर देने वाला था और इस तरह का मज़ा शायद मेरे पति ने भी कभी नहीं दिया था। में आनन्द के सागर में जैसे गोते लगा रही थी और उस पल के मज़े ले रही थी। फिर शायद ही मुझे इतना मज़ा पहले कभी किसी मर्द से आया हो.
और फिर मेरी ब्रा भी मेरे जिस्म से अलग हो गई थी और अचानक लाईट आ गई और फिर मुझे होश आया तो मैंने उसे अपने से दूर कर दिया.. लेकिन अचानक से ज़ोर से बिजली कड़कड़ाई तो में फिर उसी अवस्था में उससे लिपट गई। फिर उसने बटन बंद करके लाईट बंद कर दी और फिर मुझ पर आकर गिरा और मेरी चूचियों को जोर ज़ोर से भिचने लगा।
मुझे इतना तेज दर्द हुआ कि मैंने उसे फिर अपने से अलग कर दिया। तभी उसने कहा कि क्या हुआ तो फिर मैंने कहा कि तुम तो दरिंदो की तरह करते हो और फिर में बेड के कोने पर सो गई.. में ऐसे ही सोई थी मैंने अपने कपड़े भी नहीं पहने थे.. पता नहीं क्यों? शायद में भी चुदना चाहती थी..
लेकिन वो बहुत ईमानदार था उसने बाद में मुझे छूने की कोशिश भी नहीं की और वो दूसरे कोने में पड़ा रहा.. लेकिन आज की रात शायद मेरी किस्मत में कुछ और ही लिखा था। अचानक बिजली कड़की और में उससे फिर चिपक गई.. लेकिन उसने तब भी मुझे नहीं छुआ। वो कहता था.. जब तक तुम नहीं कहोगी में आगे कुछ नहीं करूंगा।
फिर हम ऐसे ही पड़े थे और अचानक जोरो से बिजली कड़की और में उससे और नज़दीक हो गई और कहा कि तुम्हे जो करना है कर लो.. बस मुझे अकेले मत छोड़ना। फिर उसने कहा कि सोच लो.. फिर मत पछताना कि मैंने अगाह नहीं किया। फिर मैंने कहा कि ठीक है..
तभी वो ज़ोर ज़ोर से दोबारा मेरी निप्पल चूसने और काटने लगा दर्द तो हो रहा था.. लेकिन डर के मारे सब कुछ सहन कर रही थी और फिर कुछ ही पल में उसने मेरा पेटीकोट और पेंटी भी उतार दी और अपनी बड़ी ऊँगली मेरी चूत में डाल दी मुझे इतना दर्द हुआ कि मेरी चीख निकल गई।
तभी वो ये देखकर दंग रह गया कि मेरी सील भी नहीं टूटी थी। तभी मैंने कहा कि साला हिजड़ा था.. नामर्द मेरी सील भी नहीं तोड़ पाया था और उस हरामी को बच्चा चाहिए था.. मुझे बांझ कहता था। तभी सोमेश ने अपने कपड़े उतार कर पूरी तरह नंगा हो गया और मुझे घुटनो पर बैठाकर अपने लंड से मेरे मुहं को चोदने लगा।
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उसका लंड इतना बड़ा था कि मेरे मुहं में भी पूरा नहीं आ रहा था। फिर थोड़ी देर मुहं चोदने के बाद उसने मुझे बेड पर सुला दिया और मेरी टांगो के बीच मेरी चूत के पास बैठ गया और एक जटके में अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया मेरी तो चीख निकल गई और उसका लंड मेरी चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरी चूत में खंजर घोप दिया हो। “Hindi Sex Story XXX”
एक पल के लिए ऐसा लग रहा था मानो मेरी जान ही निकल गई हो और फिर वो ज़ोर ज़ोर से अपना लंड डाल रहा था और फिर थोड़ी देर बाद जैसे में राहत की साँस लेती तो कमबख्त लंड मेरी चूत से बाहर निकालता और ज़ोर से ठोक देता और मेरी चीख निकल जाती थी और फिर वो इस तरह चार बार मुझे चोद चुका था और मेरा दर्द बड़ता ही जा रहा था।
वो कहता था कि जब तक लड़कियों की चीख नहीं निकलती.. चोदने में मज़ा ही नहीं आता। फिर मैंने कहा कि तुम सच में बड़े जालिम हो ऐसे भला कोई करता है क्या? और वो भी अपने दोस्त की बहन के साथ। वो बोला लेकिन मज़ा तो आ रहा है ना मेरी जान। उसकी ये बात सही थी और आज पहली बार मुझे चुदने का एहसास हो रहा था। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
दर्द और मज़ा दोनों ही आ रहा था। आज की रात शायद ही कभी भूल सकूँ और फिर करीब दस मिनट चोदते चोदते वो झड़ने वाला था तो उसने पूछा कि कहाँ पर निकालू मेरी जान अंदर या बाहर? तभी मैंने कहा कि इतनी मेहनत करने के बाद बाहर निकालने से क्या फ़ायदा तुम अंदर ही छोड़ दो वो साला हिजड़ा तो वैसे भी कुछ नहीं कर सकता.. तुम ही मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो।
तभी उसने मेरी चूत में ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया और में आज पहली बार संतुष्ट हुई थी और कितनी बार झड़ी थी ये में भी नहीं जानती और वो थकान की वजह से मुझ पर ही गिर पड़ा और हम थोड़ी देर पड़े रहे। फिर वो उठकर नंगा ही बाथरूम में चला गया और फ्रेश हो कर नंगा ही बाहर आ गया और फिर में भी उठकर बाथरूम गई और फ्रेश हो गई।
मैंने देखा तो कपड़े सब बाहर ही थे तो में एक मेक्सी पहन कर बाहर आ गई। फिर उसने कहा कि ये क्या तुमने कपड़े क्यों पहने? तभी मैंने कहा कि अब क्या है? इतनी देर तो जालिम की तरह चोद चुके हो। फिर वो बोला कि अभी तो पूरी रात है अभी सेक्स का खेल खत्म कहाँ हुआ है। “Hindi Sex Story XXX”
फिर उसने दोबारा मुझे बेड पर खींचा तब मैंने मना किया तुम जालिम हो आराम से नहीं करते और बहुत दर्द देते हो। फिर वो बोला कि अब आप जैसा चाहोगी वैसा ही करूँगा.. फिर में बेड पर से उठी और वापस मेक्सी उतार कर बिल्कुल नंगी उसके पास में सो गयी और वो फिर से मुझे चूमने लगा चाटने लगा।
उसने मेरे पूरे शरीर को ऊपर से नीचे तक चूमा और फिर वो मेरी चूत में उंगली करने लगा और मेरी चूत चोदने लगा। फिर वो धीरे धीरे करते हुए दो उंगलियां मेरी चूत में डालने लगा और मेरी चूत अपनी जीभ से चाटने लगा। उसकी जीभ के स्पर्श से में फिर गरम हो गई थी और वो मेरी चूत को चाटे जा रहा था जैसे कोई आईसक्रीम चाट रहा हो।
फिर उस दौरान में तीन बार झड़ चुकी थी और जितनी भी बार झड़ती वो मेरी चूत का पानी अपने मुहं में भरता और मेरी चूचियों पर छोड़ देता वैसे उसने मेरी दोनों चूचियाँ मेरी चूत के पानी से गीली कर दी और अपना लंड मेरे मुहं में दे दिया और चूसने को बोला.. वो जैसे जैसे बोलता में करती रही।
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फिर पहले कम से कम आधे घंटे वो नहीं झड़ा और जब झड़ने लगा तो मेरे मुहं से लंड निकालकर मेरे बूब्स के बीच में रख दिया और मेरे बूब्स को चोदने लगा। अपने लंड का पूरा पानी मेरी चूचियों पर गिरा दिया और मेरे सारे बूब्स पर मल दिया। मेरे बूब्स लाईट में उसके लंड के और मेरी चूत के पानी से चमक रहे थे और फिर उसने मेरी चूत को चाटकर चिकना किया और फिर से मुझे चोदने लगा। “Hindi Sex Story XXX”
इस बार झड़ने की वजह से वो डेड़ घंटे तक मेरी चूत चोदता रहा। उस दौरान में दो बार झड़ चुकी थी। अब तो शायद में खुद नहीं जानती थी कि उस एक रात में कितनी बार झड़ चुकी थी.. लेकिन आज की रात जो चुदने का अनुभव हुआ था उससे मेरी जिंदगी बदल चुकी थी और आज में सही तरह से औरत बनी थी।
फिर रात के 4:30 बजे हम दोनों नंगे ही एक दूसरो की बाहों में सो गये। सुबह करीब 10 बजे भाई का फोन आया। फिर हम ऐसे ही बेड पर पड़े थे उसने सुबह उठते ही मुझे किस किया और मैंने भाई का फोन उठाया तो उसने कहा कि वहाँ पर उसके ससुराल में सब मेरे लिए पूछ रहे है तो में वहाँ पर आ जाऊँ.. क्योंकि मेरा पति भी वहां गया था।
तभी मुझे सोमेश ने कहा कि तुम्हे जाना चाहिए.. शायद तुम्हारी सारी परेशानियां खत्म हो गई हो। फिर मैंने भाई से कहा कि हम शाम तक वहाँ पर पहुंच जाएँगे और फोन रख दिया। फिर उसने दोबारा मुझे चूमा और फिर कहने लगा कि अब तो इस ख़ुशी में जश्न होना चाहिए और तभी उसने मुझे पकड़ा और वहीं पर मुझे चोदने की तैयारी करने लगा और फिर में भी उसका साथ देने लगी।
फिर उसने मेरे कपड़े उतार कर किचन से थोड़ा तेल लिया और मेरी गांड में लगाकर मेरी गांड मारने लगा। फिर करीब दस मिनट तक उसने मेरी ताबड़तोड़ चुदाई की। आज उसने मुझे चोद चोद कर पूरा सुख दिया और उसने मेरी गांड और चूत दोनों को फैला दिया जिसे कि अब तक मेरा पति नहीं चोद पाया था। “Hindi Sex Story XXX”
फिर करीब दस मिनट बाद वो मेरी गांड की हालत पूरी तरह से खराब करने के बाद मेरी गांड में ही झड़ गया और दोनों हाथों से मेरे बूब्स दबा रहा था और अपनी बाकि की कसर निकाल रहा था। फिर करीब बीस मिनट बाद चुदाई खत्म होने पर मुझे जब होश आया तो मैंने कहा कि अभी हटो मुझे नाश्ता बनाना है और जाने की तैयारी भी करनी है.
और फिर वो बोला कि अभी तो जो नाश्ता पड़ा है वो एक बार और कर लूँ.. फिर दूसरा नाश्ता करेंगे और वो फिर से मुझे दोबारा सुबह सुबह किचन में उसने मुझे अपनी बाँहों में पकड़ा और फिर मुझे वहीं पर पटक कर चोदने लगा और में उसके हर धक्के पर उसका शुक्रिया कर रही थी। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
मेरी चूत और मेरा पूरा जिस्म उसका साथ दे रहा था। फिर आधे घंटे बाद हम उठे और साथ ही बाथरूम चले गये.. फिर नहा धोकर फ्रेश होकर हम बाहर आए और अपने अपने कपड़े पहन कर तैयार होकर निकल पड़े। सोमेश ने अपने बॉस को फोन करके दस दिन कि छुट्टियाँ ले ली और हम दोनों भाई के ससुराल चले गये जहाँ पर सब मुझे देखकर बहुत खुश हुए.
और रात की उस चुदाई के बाद में भी बहुत खुश थी और मेरे पति ने भी मुझसे माफी माँगी और घर चलने के लिए कहा। अब में भी खुश थी.. तो राज़ी हो गई और फिर वहां पर हम दस दिन रुके और उन दस दिनों में मैंने मौका देखकर अपनी चूत विरेन्द्र खूब चुदवाई। “Hindi Sex Story XXX”
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फिर में अपने पति के साथ ससुराल चली गई और तीन महीने बाद पता चला कि में प्रेग्नेंट हूँ। तभी सब लोग बहुत खुश हुए.. में भी खुश थी लेकिन मेरे पति को ये पता था कि वो उसका बच्चा नहीं है लेकिन उसने इस बात को किसी से नहीं कहा और ना ही मुझसे कुछ पूछा..
क्योंकि वो भी जानते थे कि घर वाले सब इस बात से खुश थे और फिर सोमेश का फोन आया तो उसने मुझे बहुत बधाईयाँ दी और मैंने भी उसका धन्यवाद किया। आख़िर वो ही पहला इंसान था जिसने मुझे पहले औरत और फिर माँ बनाया था और मेरा संसार सवांरा था। उसका ये एहसान में कभी नहीं उतार सकती थी और मेरे पति को अभी तक इस बारे में नहीं पता था कि वो इंसान कौन है?
Harish says
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Blinder Spector says
Hi Neha, mai blinderspector. Meri kuch sex incidents abhi recent me hi publish hui hai. Aapki kahani badi lajwab thi aur aapse aur baate krne ki ichha hai. Please meri kabani padhe aur mujhe mail kre. Mai aapse as a author judna chahta hu, taaki apas ke kuch experience share kr saku blinderspector@gmail.com
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Ajay Kumar says
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Sunil says
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