Free Desi Chudai Story
मेरा नाम अंशु है। ये कहानी 2004 मे शुरू हुई उस टाईम मै 22 साल का था। उस टाईम मेरे बड़े भाई की शादी हुई थी, हम तीन भाई हैं। एक मेरे से बड़ा और एक छोटा। उस टाईम मेरा मेरे बड़े भाई की नौकरी लगने वाली थी रेलवे मे, उससे पहले ही शादी हो गई थी। मै अपनी पढ़ाई खत्म कर घर पर ही रहता था। मेरे पास बहुत जमीन है और उस टाईम 12 ट्रक और 4 बस चलती थी हमारी बिहार मे। Free Desi Chudai Story
3 राइस मील थीं तो मै पापा के साथ उसी मे लगा रहता था। मै 5 फिट 8 इंच का अच्छी बॉडी वाला लड़का था और मेरा औरतों और लड़कियों से रिश्ता कच्ची उम्र से ही बन गया था। जिससे मै चुदाई मे एक्सपर्ट बन गया था। बस ज्यादा अब आपको बोर ना करते हुए बस इतना कहना चाहूंगा कि आज कल तो लड़कियों की चूत चाटने वालों की संख्या बढ़ गई है लेकिन हम 2001 _02 मे ही चूत चाट लड़कियों और औरतों को पागल कर देते थे।
उस जमाने मे जिस किसी भी शादी शुदा महिला या लड़की के साथ मेरे सम्बन्ध बने थे तो उन्होंने ये ही कहा था कि मेरे से पहले ना बाद किसी ने उनकी ना कभी बुर चाटी ना चूत। जिससे मेरे सम्बन्ध बनते तो लम्बे समय तक बनते। उस समय तक मै अपनी दो चार फीमेल दोस्त, स्कूल की एक मैडम, अपने पड़ोस की तीन भाभी या जो भी कहो 35 + की, कॉलेज की एक मैडम 4 फीमेल दोस्त आदि को चोद चुका था।
अब कहानी पर आते हैं मेरे भाई की शादी एक गाँव मे हुई थी अप्रैल मे। एक महीने भाभी रहीं फिर मायके चली गई। फिर बरसात शुरू हो गई तो उनके गांव के तरफ रोड था नही। आप सब तो जानते ही होंगे कि बिहार मे उस टाईम सड़क नही होती थी । अब भाई, भाभी अलग हो गए थे। अब ठंड जब आई धान जब कट गई तो गाड़ी जाने का रास्ता खेतों से बना तो मै और भाई भाभी को लाने गाड़ी से गए।
हम सुबह 10 बजे ही पहुंच गए थे कि आज ही शाम तक आ जाएंगे क्योंकि भाई को अगले महीने जॉब पर जाना था उसकी ज्वाइनिंग थी। अब हम भाई के ससुराल पहुंचें तो आपको तो पता ही है कि एक दिन मे कौन तो जाने देता है। सब परिवार के लोग रोक लिए कि आज कैसे जाएगी कुछ समान नही खरीदारी हुआ है वैगैरह बेगैरा। तो हम रुक गए।
अब भाभी के परिवार मे भाभी 25 साल उनकी बड़ी बहन 27 साल उनकी भी शादी डेढ़ साल पहले हुई है। उनके मम्मी पापा एक छोटा भाई। और उनके सबसे छोटे चाचा की बीबी और 2 बच्चे थे। उसके छोटे चाचा बाहर जॉब करते थे। उनका घर गांव के किनारे था एक मंज़िल का बड़ा सा आंगन का जैसा गांव मे होता है। ऊपर की मंज़िल पर दो कमरे थे और ऊपर की छत पर जाने के लिए बांस की सीढ़ी थी।
भाभी की बड़ी बहन काफी मजाकिया थी और मेरे से काफी मजाक करी दिन भर और मेरे भाई से भी। अब हुआ यूं कि शाम को भाभी की बड़ी बहन जिसका नाम अर्चना था उसने गांव दिखाने का दिन मे वादा किया था जब शाम को मैने कहा तो वो मुझे अपने सबसे ऊपर छत पर बांस की सीढ़ी से ले गई। वहां से गांव दिखता था और खेत और एक नदी दिखती दूर कहीं।
बहुत मनोरम दृश्य था खेत मे बच्चे खेल रहे हैं साइकिल चला रहे हैं टायर दौड़ा रहे हैं धान के पुआल और पुंज बने हैं। कुछ देर देखा उधर ही दोनो बातें किए। थोड़ा अंधेरा सा हुआ था कि छत पर लालटेन लेकर भाभी नीचे सीढ़ियों से आई भाई के कमरे मे रखने क्योंकि भाई ऊपर के कमरे मे ही था।
कुछ देर हमने खेत की ओर सूरज की लालिमा को देखा और जैसे ही पीछे पलटा नीचे आने के लिए कि नीचे छत पर देखा की भाई भाभी को खुले छत पर ही बाहों मे भरने की कोशिश कर रहे हैं भाभी छूटने की कोशिश करती हैं और कुछ दोनो फुसफुसा भी रहे थे शायद भाभी कह रही होंगी कि कोई देख लेगा। मैने अर्चना यानि भाभी की बड़ी बहन को कहा कि रोकिए उनको बताईए कि हम ऊपर हैं और सब दिख रहा है।
अर्चना: अरे करने दो प्यार कितने दिन बाद दो पंछी मिले हैं।
मै: अरे नही मै रोकता हूं।
मै आवाज देने वाला था कि अर्चना ने मुझे नीचे बैठा लिया और मेरा मुंह बन्द कर दिया।
मै:( धीरे से) अरे रोकिए ना उन्हें।
अर्चना: अरे रहने दो ना, पति पत्नी हैं प्यार कर रहे हैं करने दो और देखो क्या क्या करते हैं।
मै: अरे खुले छत पर कर रहे हैं रूम मे जाने को तो बोलिए। कोई देख लेगा तो।
अर्चना: अरे कोई नही देखेगा अंधेरा काफी हो गया है।
मै थोड़ा उनसे छूट कर जाने कि कोशिश किया और दीवाल से ऊपर सर उठा कर देखा। भाई अब तक भाभी का ब्लाउज खोल चुका था और उनके सीने पर चूम रहा था भाभी अभी भी ब्रा मे थीं और ब्लाउज स्वेटर उनकी कन्धे से लगे थे।
हम दोनो जिस छत पर थे वो 2 फीट के करीब घेरा हुआ था और नीचे वाला छत 4 फीट के करीब क्योंकि बच्चों का घर था। हम दीवाल से ऊपर की छत से छुपे हुए थे और वो दोनो ठीक सामने लगे हुए थे। भाभी थोड़ा ना नुकर करते हुए इधर उधर देख रही थीं लेकिन धीरे धीरे मदहोश होने लगी थीं।
मै: रोकिए ना उन्हें।
अर्चना ने भी सर उठा कर देखा।
अर्चना: अरे छोड़ो ना, अब बात आगे बढ़ गई है अब वो हमे देख लेंगे तो शर्मिन्दा हो जाएंगे।
मै:(पास से एक इट का टुकड़ा लेते हुए) ये फेंकता हूं डर कर अपने आप चले जाएंगे।
अर्चना मुझे पकड़ ली और इट हटा दी वो मुझे कस कर पकड़ी थी वो दीवाल से लगी थीं और मेरी पीठ उनके सिने से मै लगभग उनकी गोद के नीचे था उन्होने अपनी दाई टांग मेरे टांग पर चढ़ा दबोच रखा था उनका एक हाथ मेरे मुंह पर और एक हाथ मेरे कमर को कस कर पकड़े थीं। अब मै कुछ नही कर सकता था बस उनके जाने का इंतज़ार। मै सर नीचे कर लिया।
अर्चना: क्या हुआ? मै: कुछ नही। अब वो सर हल्का उठा देखने लगीं पीछे मुड़ कर। अब वो थोड़ा घूम गई और अर्चना अपनी बाईं ओर सर घुमा देख रही थीं हल्का सर उठा। मै पूरा सर उठाता तो दिखने लग सकता था। मै देखना नही चाहता था तो हट कर छत की दूसरी साईड जाने लगा.
लेकिन अर्चना ने पकड़ लिया और इस बार सामने सामने बैठा ली। मै पैर जैसे तैसे कर सर नीचे कर बैठा था और वो सर उठा देख रही थी। एक बार उसने मेरा सर उठा दिखाया तब भाई भाभी के खुले चूंचियां चूस रहा था और मर्दन कर रहा था। मै सर नीचे कर लिया। अर्चना देखे ही जा रही थीं।
मै: मत देखिए।
अर्चना: अरे देखो ना।
मै थोड़ा सा सर उठा देखा तो भाई अब भाभी की साड़ी उठाने के कोशिश कर रहा था भाभी जबरदस्ती हाथ पकड़े रोक रही थीं। मै सर वापस नीचे कर लिया। अर्चना भाभी की सांसे भारी होने लगी थीं और वो मेरे में चिपकी हुई थीं हम आमने सामने बैठे थे मेरे दायां पैर मुड़ा था जिसपर उन्होंने अपना बायां पैर लंबा फैला रखा था और मेरा बायां पैर लंबा फैला था जिसपर उन्होंने अपना बायां पैर मोड़ कर रखा हुआ था।
कुछ देर मे वो अपनी बाईं टांग मेरे पीठ के पीछे चूतड के पास कर मोड़ ली जिससे हम और करीब आ गए मेरा हाथ उनके जांघ पर था मै अपना सर गोद मे नीचे किए हुए था वो एक हाथ से मेरे हाथ को और दूसरे हाथ को मेरे पीठ सर गर्दन पर कभी रखती कभी हटाती।
अर्चना: ये तो खड़े खड़े ही शुरू हो गए।
मै उनको देखने से मना किया और उनका चेहरा पकड़ नीचे किया। लेकिन वो वापस से देखने लगीं। वो देख कर एक दम गर्म हो गई थी मैने भी अब अर्चना भाभी की बाई टांग को सहलाना शुरू कर साड़ी को घुटने तक कर दिया। अब उनकी पायल खोलने लगा और एक खोल दिया और दूसरा भी खोल दिया।
अर्चना: क्या कर रहे हो।
मै: आपका अभी टांग उठाऊंगा तो आपकी पायल आवाज करेगी।
अर्चना: (वो मुझे मुक्का मारते हुए) इतना हिम्मत है आप मे।
मै: आपकी बहन करवा ही रही है और आप देख ही रही हैं तो आप भी करवा लो।
अर्चना: हमारे साथ करिएगा तो कमर टूट जाएगा।
मै: अच्छा वो तो वक्त ही बताएगा।
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हम एक दूसरे की आंखों मे देख रहे थे और मुस्कुरा रहे थे। मै उनके चेहरे को पकड़ होंठ पर हल्का सा चूम लिया वो हटा दी और वापस भाई भाभी को देखने लगीं। मुझे लगा इंटरेस्टेड नही हैं तो मै हटने लगा। तभी वो मेरा सर ऊपर कर दिखाने लगी भाई का लगता है होने वाला था तो वो तेज झटके दे रहा था और भाभी के मुंह को दबा रखा था। मै वापस सर नीचे कर लिया।
अर्चना: हो गया लगता है। मै देखा फिर तो दोनो अपने कपड़े सही कर रहे।
मै: तो चले फिर।
अब भाई भाभी वहीं खड़े हो कर बातें करने लगे अब जब तक वो हट नही जाते हम जा नही सकते थे। इधर अर्चना की सांसे भारी हो फूल रहीं थीं। उधर भाई भाभी को दोबारा चूमने लगा था। मै ईंट उठाने लगा फेंकने के लिए। अर्चना ने मेरे चेहरे को पकड़ गाल पर कस कर काट ली।
मै:(अपने गाल को सहलाते हुए) ये क्या किए आप।
अर्चना: ये जो तुम अभी किए थे उसका बदला।
मै: मै तो इधर किया था। उनके होंठ को छूते हुए बोला।
अर्चना कुछ नही बोली।
मै: आप होंठ पर किस नही करी है कभी।
वो कुछ ना बोली। मै वापस उसका चेहरा पकड़ होंठ से होंठ मिला दिए, और चूसने लगा। वो कुछ नही कर रही थी मै धीरे से उनके गाल दबा मुंह खोल दिया और उनकी जीभ चूसने लगा उनके मुंह मे जीभ दे दिया। मै: आप भी धीरे धीरे होंठ और जीभ चलाओ। धीरे धीरे वो भी करने लगी।
मेरा एक हाथ उनके पीठ से कमर पर और दूसरा सीने से गर्दन को सहला रहा था। अब मै उनके कान गले गर्दन को चूसने चूमने लगा मै अब उनके मम्मो पर हाथ लगा स्वेटर खोलने लगा एक हाथ से वो भी ब्लाउज खोलने मे मदद करी। वो थोड़ी देर मे हाथ पीछे कर ब्रा खोल हटा दी। उनके नंगी चूचियां मेरे सामने थीं।
अर्चना: कैसे हैं।
मै: एकदम अनार जैसे।
मै उनके दोनो मम्मे सहला रहा था और पूरे सीने को चूस चाट रहा था उनके निप्पल चूस रहा था। अब वो हांफने लगी थीं और मुझे गर्दन से पकड़ पीछे की ओर लेटने लगीं। मै अब पूरा उनके ऊपर था साड़ी उनकी कमर पर हो गई थी मै हाथ उनकी गांड़ पर फेर दबाया और चड्डी निकालने लगा वो भी चूतड़ उठा पैंटी निकाल दी।
उनकी बुर को छुआ तो वो पूरी तरह से गीली थी मैने भी पैंट चड्डी सहित नीचे किया और अपना खड़ा लण्ङ उनकी बुर से भीरा दिया। दो तीन बार घिसा और बुर मे उतार दिया वो सी सी करने लगी। मेरा पूरा भार उनपर था बस दोनो घुटने जमीन पर थे।
धीरे धीरे से मै अपना पूरा लण्ङ उनकी बुर मे घुसा दिया वो छटपटाने लगी थीं लेकिन कस कर पकड़े हुए थीं। मै अब उन्हें स्मूच करते हुए कमर चला रहा था और उनके गले गर्दन कान होंठ गाल मम्मे सब कुछ चूम चूस रहा था। वो आह आह करने लगी थीं और जल्दी ही झड़ गई क्यूंकि भाई भाभी को देख वो एकदम गरम हो रखी थीं।
अर्चना: बस बस, रुक जा।
मै कमर चलना रोक दिया और लण्ङ उनकी चूत मे डाले ही उनके ऊपर लेटा रहा उनकी सांसे नॉर्मल होने देने लगा।
मै: क्या हुआ इतने मे ही।
अर्चना: अभी कुछ हुआ कहां है अभी तो शुरू किए हैं।
अर्चना अब मेरे कमर पर पैर लपेट लीं और दबा दी मै भी अब अपने हाथ पर थोड़ा भार लिया और सटा सट चुदाई करने लगा 10 मिनट हुए थे।
अर्चना: बस इतने दम है जी।
मै अब जोर जोर से चोदने लगा कि 40 सेकेंड में ही वो थोड़ा धीरे करने बोलीं मै धीरे हो गया। अब मै कभी धीरे कभी जोर से चोदने लगा वो तीन बार और झड़ गई थीं। और पस्त होने लगी थीं।
अर्चना: आह अब बस करो।
मै: हो गया ना।। हार मान ली ना।
अर्चना: किसी और दिन हराएंगे आपको अभी बस कर दो कमर दुख रहा है।
मै: बस होने ही वाला हूं। किधर।
अर्चना: निकाल दो अभी कुछ नही होगा।
मै कुछ शॉट मारते हुए उनके अन्दर ही झड़ गया। हम दोनो हटे और मै प्यार से थोड़ा उनको सहलाता और चूमता रहा। अर्चना जी निचले छत पर देखी तो अभी भी वो दोनो छत पर ही थे। हम अभी भी नही जा सकते थे।
अर्चना: क्या कर रहे हैं ये दोनो।
मै: बात कर रहे हैं और क्या।
हम दोनो थोड़ी देर दीवाल से सट बैठे रहे मै उनको पैंटी पहनाया और पायल भी।
अर्चना: बहुत खिलाड़ी हो तुम।
मै: अच्छा जी, मै कैसे खिलाड़ी हूं।
अर्चना: पहले तो लगे थे कि सीधे साधे हो, अब असली रूप सामने आया है। कितनो के साथ किए हो अब तक।
मै: पहले आप बताओ, आप कितनो के साथ।
अर्चना: तुम दूसरे हुए।
मै: सच मे, यानि पहले आपके पति।
अर्चना: हां, अब तुम बताओ।
मै: (उनके दोनो हाथ अपने हाथ मे लेते हुए) जितनी ये चारों हाथ की उंगली हैं।
अर्चना: बाप री, मतलब 20 ।
मै: 2 ,4 कम ज्यादा हो सकता है।
तभी नीचे से आवाज आई कोई भाई भाभी को आवाज दे रहा था। हमने निचले छत पर देखा वो दोनो जा रहे थे। थोड़ी देर बाद हम भी नीचे आ गए। सात साढ़े सात बज गया था खाना खा कर सब एक कमरे मे जमीन पर पुआल बिछा था वहीं रजाई मे पैर डाल दीवाल से पीठ लगा बैठे थे। और बैट्री से ब्लैक एंड वाइट टीवी पर VCR से मूवी चल रही थी गोविंदा की।
फिर भाई का साला भाई की शादी का वीडियो लगा दिया सब देख रहे थे। मेरे बगल मे कोई नही बैठा था अर्चना सब थाली बर्तन का काम निपटा कमरे मे आई मै उसे अपने पास बैठने का इशारा किया। वो कुछ देर इधर उधर देखी और मेरी बाई साईड रजाई मे बैठ गई। उसके बाद दीवाल था और मेरी दाई साईड उसका चाचा का बेटा था जो छोटा था।
मै रजाई के अन्दर उसका ठंडा हाथ पकड़ सहलाने लगा उसके जांघ पर हाथ ले जाने लगा। तभी उसकी चाची ने उसे बुला लिया। कुछ देर बाद मुझे नींद आ गई तो मैं वहीं सो गया। अब अगले दिन सब बाजार जा रहे थे कपड़ा खरीदने घर के सब बड़े चले गए सिर्फ मै अर्चना, उसके चाची के बच्चे नही गए क्योंकि वो स्कूल गए थे। अर्चना नहा कर कपड़े सुखाने छत पर आई थीं मै छत पर ही नहा कर धूप मे बैठा था।
मै: आप क्यों नहीं गई?
अर्चना: आपको नही पता है!
मै सोचा कि मेरे लिए नही गई तो मै उसे पीछे से बाहों मे भरने लगा। वो मुझसे छिटक गई।
मै: क्या हुआ।
अर्चना: (हंसते हुए मुझे हल्का मारती है) रात से अभी तक दर्द कर रहा है और तुम को की।
मै:(हँसते हुए) सच मे दर्द हो गया था।
अर्चना: हां, तो। चलने मे अच्छा से बन ही नही रहा। ऐसे बाजार जाती तो सब कहते की कैसे चल रही है।
मै: मुझे तो आपके चाल मे कोई अन्तर नही दिख रहा है।
अर्चना: हां, चाची कल रात मे ही पूछ रही थीं।
मै: क्या?
अर्चना: कि ऐसे कैसे चल रही है।
मै:( हंसते हुए) तो आप क्या बोलीं?
अर्चना: मै बोली कि मँझले चाचा के यहां सीढ़ी पर चोट लग गया था।
मै: लेकिन मँझले चाचा के यहां तो गई ही नही।
अर्चना: अरे जब नीचे ही गई थी तो चाची ने पूछा था कि इतनी देर कहां थी तो बोल दी थी कि मँझले चाचा के यहां गई थी।
मै: आपको इतने मे ही दर्द हो गया आप से अच्छी तो आपकी छोटी बहन है उन्हें तो कुछ नही हुआ।
अर्चना: तुमने कितनी बेदर्दी से किया है तुमको मालूम है।
मै: झूठ कितना प्यार से किया था, आप ही बड़ा टांगें कमर पर कस रहीं थीं।
तभी नीचे से किसी ने आवाज दी। वो नीचे चली गई। मै कुछ देर बाद नीचे गया वो ढेर सारा दाल लेकर बैठी थीं और बिन रही थीं। मै भी वहीं बैठ गया और बातें करते हुए दाल बिन रहा था।
अर्चना: सच मे तुम 20 के साथ किए हो या ऐसे ही फेंक रहे थे।
मै: आपको क्या लगता है?
अर्चना: विश्वास तो नही होता दो चार तक होता है लेकिन खिलाड़ी तो हो तुम, एक दो के बारे मे बताओ तो विश्वास हो।
मै: हां ताकि आप सबको बताती फिरें।
अर्चना: नही बताऊंगी मै किसी को बताओ ना।
मै: कसम खा कर कहो।
अर्चना: तुम्हारे उसके कसम किसी से नही कहूंगी।
उसने मेरे लण्ङ की तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा। अब मैने उसे दो तीन के बारे मे बताया। उसने भी मेरे पूछने पर अपनी सुहागरात की कहानी बताई। “Free Desi Chudai Story”
अर्चना: अच्छा, कहीं तुमने मेरी बहन के साथ भी तो ऐसा वैसा कुछ नही किया ना।
मै:(हंसते हुए) पागल हो क्या, उनके साथ क्यूं करुंगा।
अर्चना: क्यों, अच्छी नही लगती है क्या?
मै: मेरे भाभी है वो ऐसी बात मत करो उनके बारे मे कम से कम। और वैसे भी अगर वो मेरे पाले मे आई गई तो आप उनकी बड़ी बहन हो तंदरुस्त हो तो आपका ये हाल है वो तो अभी जवानी मे कदम ही रखी है। मेरे चक्कर मे पड़ गई तो 3 दिन बुखार नही उतरेगा।
अर्चना:(हंसते हुए) अच्छा जी, पहले हमारा तो बुखार उतार दो।
मै: आज भी वैसा मौका मिलेगा क्या?
अर्चना: (हंसते हुए) देखते हैं।
मै: आज अगर मौका मिला तो एक नया चीज दिखाऊंगा जो आपने कभी नही देखा होगा।
अर्चना: ऐसा क्या नया चीज है।
मै: वो तो करके ही दिखाया जा सकता है?
हम दोनो ऐसी बातें कर काफी गरम हो गए थे हम घर मे अकेले थे दोनो कुछ करना भी चाहते थे लेकिन कुछ देर देर मे कोई ना कोई आ जाता था इसलिए हम दरवाज़ा बन्द कर भी नही सकते थे क्योंकि सब गांव मे कोई आता है तो जानते हैं। कुछ देर मे बच्चे भी आ गए तो उन्होंने बच्चों को खाना खिलाया हमने भी कुछ खाया और अब वो दाल समेट ड्रम मे रखने लगी।
उसके बाद वो उसे अनाज रखने के लिए जो कोठी बनती है उसपर रखने के लिए कुर्सी ढूंढने लगी। अब वो कुर्सी पड़ चढ़ गई और मै ड्रम नीचे से देता और वो कोठी पर रख देती। मै उसे कमर से पकड़ भी लेता ऐसे हमने सात ड्रम रखे। मै उसे कमर से ही उठा बेड पर पटक दिया। “Free Desi Chudai Story”
अर्चना: क्या कर रहे हो?
मै: बच्चे बाहर खेलने चले गए हैं।
अर्चना: घर वाले आ जाएंगे शाम हो गई है अब आते ही होगें।
मै: थोड़ा सा ही टाईम लगेगा!
मै उसे बेड पर लेटा दिया और साड़ी ऊपर कर कमर पर कर दिया उसकी पैंटी गीली हो रखी थी उसकी बुर सफेद एक दम गोरी थी अब दिन के उजाले मे देख पा रहा था मै सीधा अपनी जीभ उसकी बुर पर लगा दिया वो मचल उठी और कमर ऐंठने लगी मै उसके बुर को पूरी जीभ से चाट रहा था और पी रहा था।
वो मजे से दोहरी हो रही थीं और उसे गुदगुदी भी जबरदस्त हो रही थी वो सी सी करने लगी और कुछ ही देर मे उसकी चूत ने ढेर सारा पानी उगल दिया जिसे मै चाट गया। अब मै उसके ऊपर लेट गया और स्मूच करने लगा उसकी सांसे नॉर्मल होने लगी थीं।
मै: कैसा लगा?
अर्चना: इतना मजा की क्या बताए।
मै उसके गले चूमने लगा कि तभी घर मे किसी के आने की आवाज आई अर्चना झट से उठी और कमरे से बाहर गई और जल्द ही अन्दर घुसी और मुझे कोठी के पीछे छिपाई और वापस बाहर गई। सब बाजार से आ गए थे हम जिस कमरे मे थे वो उसकी चाची का ही था क्योंकि चाची कमरे मे आई। “Free Desi Chudai Story”
अर्चना भी उनका बैग चेक करने के बहानें से वही रही और पूछती रहीं कि क्या क्या शॉपिंग किया चाची ने भी उससे बच्चों के बारे मे और मेरे बारे मे पूछा तो उसने कहा कि बच्चे बाहर खेलने चले गए और मेरे बारे मे कहा कि वो ऊपर है। कुछ देर मै वहीं छुपा रहा जब वो दोनो चली गई तो मै निकल गया।
अब शाम हो गई तो कल ही तरह हम आज भी छत पर जाने लगे लेकिन आज छत पर भाभी भाभी और भाभी की चाची कुर्सी लगा बैठी थीं और गप्पे कर रही थीं मै कुछ देर इधर उधर टहला फिर भाई के साले के साथ थोड़ा नदी की तरफ गया और शाम के खाने तक आ गया और खाना खा वापस रजाई मे जा बैठा और वही शादी की वीडियो चल रही थी।
अर्चना ने इशारों मे पूछा कि कहां चले गए थे तो मैने बताया कि नदी की तरफ। आज भी उसे मेरे पास ही बिठा लिया और मै जल्दी ही रजाई के अन्दर चला गया और सर तक ढंक लिया वो दीवाल से पीठ लगा टांगें रजाई मे कर बैठी थीं मै उनकी दाई टांग को सहलाते हुए साड़ी थोड़ा ऊपर कर दिया और कपड़े के ऊपर से ही जांघ कभी पैर सहलाने लगा।
धीरे धीरे साड़ी कमर तक हो गई और मै उसकी चिकनी गोरी गुद्देदार जांघें चूमने चूसने लगा और धीरे से हाथ उनकी बुर पर रख सहलाने लगा उन्होंने पैंटी नही पहनी थी शायद चाची के कमरे जो उतारी थी वो वहीं रह गई थी। कुछ देर मे वो उठ कर चली गई और वापस आ बैठ गई और मेरे हाथ मे रजाई के अन्दर एक छोटा सा कागज का टुकड़ा दे चली गई.
मै भी चुपके से बाथरुम के तरफ गया और कागज खोला उसमे लिखा था रात को सबके सोने के बाद ऊपर छत पर आ जाना। मै कागज फाड़ कर फेंका और कुछ देर लेटा रहा तो मुझे नींद आ गई लेकिन 11 बजे खुल भी गई। मै देखा सब सो रहे हैं तो मै उठा चुपके से और छत पर गया फिर बांस के सीढ़ी से दूसरी मंज़िल पर गया जहां अर्चना पहले से ही एक कपड़ा बिछा और एक चादर ओढ़ बैठी थीं। “Free Desi Chudai Story”
हम दोनो सीधे लिपटा चिपटी हो गए और स्मूच करने लगे मै उसके गाल कान होंठ गर्दन सब जगह चूमा चूसा और अब सीने और मम्मों को चूसा पेट और नाभि चूसी अब साड़ी उठा बुर चूसने लगा वो छटपटाने लगी और कुछ ही देर मे झड़ गई। अब वो मुझे अपने ऊपर ले जाने लगीं मैने थोड़ी देर उन्हें मिशनरी पोजीशन मे चोदा अब उन्हें अपने ऊपर आने बोला वो धीरे धीरे मेरे लण्ङ पर बैठ गई और कुछ देर मे कमर भी चलाने लगी। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
हमने उस रात 3 बजे तक चुदाई करी ठंडी रात मे सिर्फ हम एक चादर ओढ़ चुदाई करते रहे और चुप चाप दोनो जाकर अपने अपने जगह सो गए। अब अगले दिन भी हमारा जाना कैंसिल हुआ क्यूंकि आज मँझले चाचा अपने घर पर बुलाने के लिए आए थे जिनका घर दो चार गली आगे था तो वो भाई भाभी और उनकी मम्मी को अपने साथ ले गए।
ससुर जी स्कूल मे हेडमास्टर थे तो वो भी चले गए बच्चे स्कूल चले गए। घर मे सिर्फ मै अर्चना और उनकी चाची ही थी। मै छत पर कमरे मे लेटा था दरवाजा सटा हुआ था। दरवाजा खुला हल्के से फिर वापस बन्द हो गया मै उठा तो बाहर से किसी के सिसकने की आवाज आ रही थी। मै बाहर गया तो अर्चना रो रही थीं।
मै: क्या हुआ, रो क्यों रहीं हैं।
पहले तो वो कुछ नही बोली तो मै पहले उन्हें कमरे मे ले गया,चुप कराया तब वो बताई कि चाची को हमारे बारे मे पता चल गया है और वो मम्मी पापा को बता देंगी और मेरे यानि अर्चना के ससुराल वाले भी उसकी चाची के रिलेशन मे हैं तो वो उन्हें भी बता देंगी। मैने उन्हें समझाया कि कुछ नही होगा मै सब सम्भाल लूंगा आप बस मुझ पर भरोसा रखो और चाची से मेरी बात कराओ।
वो शान्त हुई तो हम नीचे गए मै एक कमरे मे गया वो चाची को बुलाने गई मै उस कमरे मे अलमारी के पीछे छिप गया अर्चना अपनी चाची को उस कमरे मे लाई मुझे कमरे मे ना देख वो वापस बाहर जाने लगीं पर चाची ने उसे कहा कि क्या कर रही है मुझे बुला कर कहां जा रही है। “Free Desi Chudai Story”
अर्चना: चाची प्लीज किसी को मत बताइएगा।
ममता चाची: एक शर्त पर नही किसी को बताऊंगी।
अर्चना: कौन सी शर्त?
ममता: तू अगर उसकी शादी गुड्डी से करा देगी तो।
अर्चना: ठीक है मै बात करूंगी।
अब मै अलमारी के पीछे से निकला मुझे देख चाची झेंप गई और जाने लगीं मै उनका हाथ पकड़ लिया और बेड पर बैठा लिया उनसे माफी मांगने लगा किसी को ना बताने के लिए कहने लगा। मै ये सब ऐसे ही बोल रहा था क्योंकि मेरा मकसद तो चाची को पटाना था.
वो 35 साल की गदराई महिला थीं गोरी चित्ती बड़े चूंचे और बड़े बड़े गांड़। मै उनका हाथ पकड़े ही बैठा था और उनकी आंखों मे देखते हुए बात कर रहा था और उनके मोटे चूंचे भी घूर रहा था जिसे वो भांप रहीं थीं मैने इशारे से अर्चना को बाहर जाने के लिए कहा।
मै: अभी आपकी शर्त सुनी मैने।
मैने उनसे गुड्डी के बारे मे पूछा वो उनकी बड़ी बहन की बेटी है। मैने कहा मै एक बिगड़ा हुआ लड़का हूं मेरे कई लड़कियों और महिलाओं के साथ संबंध हैं सोच लीजिए। उन्हें लगा मै शादी से बचने का बहाना बना रहा हूं। तो उन्होंने कहा कि शादी नही करोगे तो मै सबको बता दूंगी। इतना कह कर वो जाने लगीं लेकिन अर्चना बाहर ही थीं जो उन्हें वापस लेकर आ गई और उन्हें समझाने लगीं। “Free Desi Chudai Story”
ममता: ये तो शादी नही करने बोल रहा है, मै सबको बता दूंगी।
मै: मैने ऐसा कब कहा कि मैं शादी नही करुंगा बस बता रहा था कि मै कैसा हूं शादी के बाद कुछ हुआ तो मुझे मत कहना।
अर्चना: हां चाची ये बहुत बदमाश है गुड्डी बहुत सीधी सादी लड़की है उसके साथ इसकी नही जमेगी।
ममता: तुम दोनो मिलकर मुझे उल्लू बना रही हो ठीक नही होगा अर्चना देख लो तुम।
मै: अरे मै शादी कर लूंगा मगर लड़की सुन्दर होनी चाहिए और कुंवारी।
अर्चना: सुन्दर बहुत है मै मिली हूं। उसकी फोटो होगी मेरे पास रुको मै लाती हूं। वो चली गई।
मै: कुंवारी भी होनी चाहिए, अगर नही हुई तो मै जिन्दगी भर आपसे वसूली करुंगा।
ममता: मतलब क्या है कैसे वसूली करोगे।
इतनी देर तक मै बात कर रहा था तो उनका हाथ पकड़े हुए ही था। मै सीधा उनका चेहरा पकड़ा और उनके होंठ पर अपने होंठ लगा दिए और स्मूच करने लगा वो धक्का देने लगी पर मेरी पकड़ काफी मजबूत थी मै उनके होंठों को चूसता ही रहा थोड़ी देर मे वो शान्त हो गई। अर्चना के आने की आहट हुई तो मै उनको छोड़ा, वो कुछ बोलने वाली थी लेकिन अर्चना के आ जाने से वो कुछ ना बोलीं।
अर्चना:(उनके होंठ देखते हुए) बोली थी ना चाची की बदमाश है ये।
मै: अब भी सोच लो।
ममता: शादी तो तुम्हें करनी पड़ेगी।
मै: ठीक है करुंगा, लेकिन उससे पहले आपको तो छोडूंगा नही।
ममता: क्या मतलब।
मै उनको गोद मे बिठा लिया और उनके दोनो मम्मे दबोच लिया पीछे से। वो मुझे छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी।
मै: ज्यादा जोर मत लगाई ए ब्लाउज फट जाएगा।
मै अर्चना को भी बगल मे बैठा लिया और उसे फोटो दिखाने बोला वो एक फैमिली फोटो की एल्बम से एक फोटो निकाल दिखाई। काफी सुन्दर लगी गुड्डी मुझे। मै ममता के मम्मे मसल ही रहा था अर्चना बाहर चली गई। मै: शादी करुंगा उससे पहले आपको खाऊंगा। मै ममता को गर्दन गाल गले सब जगह चूसने चूमने लगा वो विरोध कर रही थीं लेकिन गर्म भी हो चुकी थीं।
मै अब उन्हें सीधा बेड पर पटका साड़ी ऊपर कर उनकी बिना पैंटी वाली हल्के बालों से भरी बुर चूसने लगा वो मुझे हटाती रही फिर जब बुर रस टपकाने लगी तो आह उफ़ छोड़ दो करने लगी कमर इधर उधर मचला रहीं थी और कुछ देर की बुर चुसाई से ही झड़ गई और हांफने लगीं। मै उनके साईड मे लेटा। “Free Desi Chudai Story”
मै: कैसा लगा!
उन्होंने मेरे गाल पर हल्का सा थप्पड़ मारा और फिर उन्हें लगा कि गलती कर दी तो प्यार से गाल को चूम लिया। और उठ कर बैठ गई। मै उनके होंठ चूसने लगा उन्होंने मुझे दूर हटाया इस बार मै हट गया।
मै: आपने बताया नही कैसा लगा?
ममता:(शर्माते हुए) अच्छा लगा और क्या!
मै: अब भी सोच लो।
ममता: देखो अंशु गुड्डी मेरी प्यारी भांजी है मै बस चाहती हूं कि उसकी शादी अच्छे घर मे हो, प्लीज शादी कर लो उससे।
मै: ठीक है, मैने मना कब किया है। आप घर वालो मे बात बढ़ाओ।
मैने थोड़ी देर और गुड्डी के बारे मे पूछा उनसे तब तक अर्चना भी आ गई थी कमरे मे।
अर्चना; क्या हुआ?
मै: चाची को भी मै वो वाला मजा दे दिया, पूछो चाची से मजा आया।
मैने अर्चना को साथ मे होंठ से इशारा भी किया।
अर्चना: (हंसते हुए) कैसा लगा चाची।
ममता: धत् बेशर्म।
मै: अब इनकी मजे देने की बारी है।
ममता: इतना हो गया बहुत है अब ज्यादा आगे मत बढ़ो।
उनके कहने पर भी मै उनके बड़े बड़े38 के मम्मे थाम लिया और उन्हें चूसने लगा वो कुछ देर मे आह उफ़ करने लगी। मैने अपना पेंट नीचे कर अपना लण्ङ निकाल दिया। “Free Desi Chudai Story”
ममता: ये क्या कर रहे हो ये गलत है मै वहां कुछ नही करने दूंगी।
मै: अरे मै वहां कुछ अभी करुंगा भी नही।
ममता: मतलब?
मै: मुझे आपके चूंचे चोदना है।
ममता और अर्चना दोनो मुझे देखने लगीं आश्चर्य से की ये क्या बोल रहा है। मै दोनो को बताया और ममता को मना लिया चूंचे चुदवाने के लिए। मै उनका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा के नीचे से दोनो चूचों के बीच लण्ङ घुसाने लगा उनकी ब्रा इतनी टाइट थी कि जा नही रहा था.
तो मैने ब्रा खोल चूचों के बीच लण्ङ डाल दे दना दन चूचे ऊपर नीचे करने लगा वो दोनो हंस रहीं थीं। मुझे उनके चूचों के बीच जन्नत महसूस हो रहा था मेरा लण्ङ उनके गले तक जा रहा था बहुत देर करने पर ममता थक गई।
ममता: आह मै थक गई अब छोड़ दो, बच्चे भी स्कूल से आते होगें।
मै छोड़ा नही।
मै: बस थोड़ा सा और।
मै अर्चना से तेल मंगाया और उनके मम्मो के बीच डाल तेजी से लण्ङ चलाने लगा और कुछ देर मे एक लम्बी सांस लेते हुए झड़ गया। वो अपने को साफ करी और चली गई। अब मै ममता को पकड़ लिया और उसके बुर को चूस चूस पानी निकाल दिया क्योंकि उसकी बुर चू रही थी। “Free Desi Chudai Story”
अब वो भी अपने मम्मे चुदवाना चाहती थीं तो उसके साथ भी ब्लाउज खोल उसके 36 के मम्मे चोदने लगा कि तभी ममता नेआ कर कहा कि बच्चे आ गए हैं हट जाओ हम अलग हो गए। पर मैने ममता को कह दिया कि रात को देना होगा। अब शाम हुई तो भाई का साला मँझले चाचा के यहां से आया और बताया कि आज भाई भाभी और उनकी मम्मी वहीं रुकेंगी।
अब घर पर बच्चे साला ससुर मै ममता और अर्चना ही थे। सब खाना बना खा लिए और सोने चले गए बच्चे टीवी देख रहे थे भाई के साले के साथ और मै भी और वो वहीं सो भी गए मै चाची के कमरे मे गया तो वहां अर्चना भी थीं। मै उनको बोला तो अर्चना तो झट से राजी हो गई पर ममता ना नुकर कर रहीं थीं.
तो मै और अर्चना ही ऊपर के कमरे मे आ गए और शुरू हो गए थोड़ी देर मे हमे लगा कि कोई दरवाजे पर है हम डर गए पर बाहर ममता ही थीं मै उन्हें भी खींच लिया और दोनो की दो दो बार चूत मारी। मै ऊपर ही सो गया और वो दोनो नीचे चली गई। अब अगले दिन भी हमारा घर आने का प्लान कैंसिल हुआ क्यूंकि आज वो अपनी बेटी की विदाई के लिए कुछ बना कर दे रहे जैसे ठेकुआ नीमकी स्नैक्स जो कि गांवों मे पहले रिवाज था।
तो उस दिन भी मौका देख दोनो को एक एक राऊंड छत पर लगा ही दिया शाम मे ही एक सीढ़ी पर रखवाली करतीं तो दूसरी को पीछे से झुका पेला और दूसरी रखवाली करती तो पहली को। मै जाते जाते ममता चाची से क्लीयर बोल दिया कि अगर कुंवारी नही मिली तो आपको कुंवारी लड़की की दिलाना होगा। उन्होंने ने भी कह दिया कि ठीक है।
मेरा कोई ऑब्सेशन नही था और ना अब है कुंवारी या वर्जिन लड़की के प्रति बस मै छेड़ने के लिए उन्हे बोला था। अब हम घर आ गए समय बीता धीरे धीरे एक साल बाद अर्चना भी मां बनी और उसके 6 महीने बाद मेरी भाभी भी। शादी की बात परिवार मे अर्चना और ममता ने चला दी थी पहले ही और शादी ठीक भी हो गई थी. “Free Desi Chudai Story”
लेकिन भाभी का बेबी अभी छोटा था तो डिसाइड हुआ था कि कुछ महीने का बेबी हो जाए तो ठीक रहेगा क्योंकि मेरे घर मे लोग कम थे मै पापा भाभी बस मेरा बड़ा भाई तो जॉब पर ही रहता था और मेरा छोटा भाई बेगलुरु मे बीटेक कर रहा था और मां थी नही। हमारा घर एक छोटे शहर मे था तीन मंज़िल का जिसमें नीचे के फ्लोर पर पापा और सबसे ऊपर के फ्लोर पर मै और भाभी अलग अलग कमरे मे सोते थे बीच का फ्लोर खाली रहता या गेस्ट रहते थे।
एक बार हुआ क्या की मेरा भतीजा जब 10 महीने का रहा होगा तब एक रात मै उठा तो बेटा रो रहा था मै भाभी के कमरे मे झांका और अन्दर गया तो देखा कि बेटा बेड से नीचे गिर गया है और उसकी मां सो रहीं हैं। मै बेटे को गोद मे उठाया और भाभी को जगाया वो बेड पर लेटे हुए ही बोलीं कि क्या हुआ मै उन्हें बताया कि बेटा गिर गया था बेड पर से साईड मे तकिया लगा कर सोया करो।
अब सुबह उठा तो फिर वो नीचे गिर रो रहा था मै उसे गोद मे लिया और भाभी को लगभग झकझोड़ते हुए उठाया और डांट भी लगा दिया। और बेटे को ले बाहर आया और उसे बोतल से दूध पिलाने लगा। भाभी फिर आई और बेटे को लेने लगीं मुझे थोड़ी चिढ़ थी मै धक्का हल्का सा दे दिया और हल्के से झिड़क दिया।
और बेटे को दूध पिलाते हुए नीचे गार्डन मे चला आया। मेरे साथ बच्चा खूब खेला और ना रोया आज दिन भर कहीं नही गया बच्चे के साथ ही रहा और भाभी को देने भी नही गया और ना वो लेने आईं। अब रात को उन्होंने खाना बना दिया था नीचे पापा को खिला कर खुद खा कमरे मे चली गई.
मै भी खा लिया और बच्चे को भी कुछ खिला दूध पिला दिया। अब मुझे अच्छा नही लग रहा था भाभी से बात ना करने के कारण और बेबी भी थोड़ी थोड़ी देर मे रोने लगता क्योंकि वो भी मेरे साथ खेल थक गया था और नींद आ रही होगी। मै भाभी के कमरे मे गया तो वो बेड पर बैठी थीं। “Free Desi Chudai Story”
मै: लीजिए अपना बेटा पकड़िए।
भाभी: हो गया बड़ा हक से ले गए थे।
वो थोड़ा नखरा करतीं हैं फिर ले अपने बेटे को दूध पिलाने लगती हैं मै वहीं बैठ उनसे बात करने की कोशिश करता हूं लेकिन वो कुछ जवाब नही दे रहीं थीं मै थोड़ा ज्यादा जोर दिया तो वो रोने लगीं। मै: क्या हुआ भाभी सॉरी मुझे माफ कार दो। मै उनके पैर छूते हुए बोला उन्होंने अपने पैर समेट लिया। मै उनके पास बैठ गया।
मै: सुबह के लिए नाराज हो भाभी प्लीज माफ कर दो। माफ नही करोगी तो मै रोने लगूंगा।
कुछ देर मे मै उन्हें चुप कराया।
मै: क्या हुआ है भाभी आज कल आप बहुत उदास रहती हो हेल्थ पर भी ध्यान नही देती हो बेबी भी इधर उधर गिरता रहता है। क्या बात है।
भाभी: मुझे कोई टाईम देता है इस घर मे।
मै: अरे मै तो इधर उधर जाता रहता हूं भाई तो जॉब पर ही रहता है।
भाभी: तो फोन तो कर ही सकते हैं, फोन भी तो नही करते बस आप सब से बात कर रख देते हैं।
मै:(हँसते हुए) अच्छा तो आप भी फोन मांग लो भाई से खरीद कर दे देगा।
भाभी: वो तो दिलाने से रहे हमको भी पता है।
मै: अच्छा मै आज बात करा देता हूं आप फोन दिलाने के लिए।
मै भाई को फोन लगा देता हूं और भाभी बात करने लगते हैं थोड़ी देर बात करने पर मै भाभी को धीरे से बोलता हूं कि रख दो मेरा बैलेंस खत्म हो जाएगा। या उधर से करने बोलो, लेकिन वो बात करती ही रहीं। मै उनके पैरों की तरफ लेटा था और उनकी उंगलियों और पायल से खेल रहा था. “Free Desi Chudai Story”
मुझे महिलाओं के पैरों और बिछिया से खेलना बहुत पसन्द है। कुछ देर मे उनकी बातें कुछ शायद रोमेंटिक हो गई थीं भाई शायद उनको गन्दी गन्दी बात कर रहा था मुझे सुनाई तो नही दे रहा था लेकिन भाभी बोल रही थीं कि ये सब बातें मत करिए और शर्मा भी रहीं थीं.
तो मै समझ गया और उठकर जाने लगा पर भाभी ने मेरा हाथ पकड़ वहीं सोने का इशारा किया। तब मै भी बेड पर लेट गया। एक घंटे से ज्यादा बात करी थीं तब बैलेंस खत्म हो गई और फोन कट गया। उस जमाने मे तो पता ही है कि लिमिटेड टॉक टाईम रिचार्ज होता था। अब भाभी मुझे फोन दे बोलीं। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
भाभी: अंशु, लो फोन कट गया।
मै: बैलेंस खत्म कर दी ना अब रखो फोन, रिचार्ज करवाने बोलो अपने पति को तब देना।
मै झूठा गुस्सा करता हुआ बोला और दूसरी ओर करवट कर लेटा रहा। भाभी उठी बेटे को झूले मे सुलाया, और मेरे पास आ कर लेट गई।
भाभी: अच्छा ठीक है अगर तेरे भैया का कॉल आया तो बोल दूंगी। वैसे तुझे किससे बात करनी होती है।
वो मुझे मानने लगीं और मुझे पलट कर पीठ के बल कर दिया और मेरे ऊपर चढ़ लेट गई। हम पहले भी ऐसी अटखेलियां करते थे एक दूसरे के साथ क्योंकि हम घर मे अकेले रहते थे और कोई बात करने वाला ना होता था तो हम आपस मे खूब हँसी मजाक करते थे।
लेकिन कभी आगे नही बढ़े थे मेरा उनको गोदी उठाना कभी हम एक बेड पर होते तो एक दूसरे पर चढ़ते रहना एक दूसरे को गुदगुदी करना आम बात थी। भाभी मेरे पर लेटे थीं और उनका पल्लू हटा हुआ था उन्होंने अपने दोनो हाथ मेरे अगल बगल थे। मै थोड़ा उठकर दीवाल से पीठ लगा बैठा। “Free Desi Chudai Story”
वो मेरे जांघ पर बैठी थीं उनका दायां पैर बेड पर और बायां पैर जमीन पर था उनके बाल खुले हुए हवा मे उड़ रहे थे सीने पर नजर डाला तो ब्लाउज पूरा खुला बाहों मे झूल रहा था और ब्रा से एक मम्मा बाहर निकला हुआ था। बच्चे को दूध पिला शायद उन्होंने वैसा ही छोड़ दिया था। मै सीधे ही मम्मे को पकड़ा और ब्रा के अन्दर डाल दिया।
मै: इसको अन्दर करो ना पहले, हवा खिला रही हो।
मै अब उनके ब्लाउज को भी पकड़ उसके बटन लगाने लगा, बटन लगाते हुए मेरे हाथ उनके कोमल दूध से भरे मम्मे पर लग रहा था मै एक बार उनके चेहरे को देखा वो अजीब सी मुस्कान लिए थीं अपने दांतों से वो होंठ काट रही थीं। बटन लगाते ही उन्होंने मुझे बड़े प्यार से देखा और पहले मेरे माथे पर फिर दोनो गाल पर चूमा।
मै: क्या हुआ?
भाभी: मेरा प्यारा देवर!
मै: बड़ा प्यार आ रहा है आज मुझ पर।
वो वापस मेरे माथे और गाल पर चूमी इस बार ज्यादा टाईम के लिए। वो वापस अपने होंठ कुतर रहीं थीं।
मै: आप अपने होंठ क्यों काट रही हो लाओ मै काट देता हूं।
ये बोलकर मै उनके होंठों पर होंठ लगा चूसने लगा और हल्का काटने लगा मेरे दोनो हाथ उनके नंगे कमर पर पीठ पर रेंग रहे थे। कुछ देर बाद मै छोड़ा उन्हें। भाभी: बदमाश, कहीं के। भाभी अब उठकर जाने लगीं तो मै भी छोड़ दिया। अब मै भी उठकर अपने कमरे मे जाने लगा।
भाभी: यहीं सो जाओ ना।
तो हम बेबी को बीच मे कर सो गए। अब सुबह खाना खा कर मै बेबी को सुला रहा था भाभी बाथरुम मे कपड़े धो रहीं थीं। कुछ देर मे वो निकलीं वो सिर्फ पेटीकोट पहने थीं और उसे अपने सीने पर बांध रखा था। आज से पहले वो मेरे सामने ऐसे कभी नही आई थी, बेबी सो गया था तो मै उठकर अपने कमरे मे आ गया। कुछ देर मे वो मेरे कमरे मे आ गई। “Free Desi Chudai Story”
चुदाई की गरम देसी कहानी : सेक्स का भरपूर मजा दिया प्यासी सुनीता को
भाभी: कोई कपड़ा धोना है तो दे दो।
मै: कुछ नही है मै धो लूंगा नहाने जाऊंगा तब।
भाभी: ये शर्ट लाओ कितनी गन्दी हो गई है।
मै: अरे मै धो लूंगा ना।
भाभी: तुम अच्छे से नही धोते गन्दे ही रहते हैं।
वो मेरे पास आ मेरे शर्ट का बटन खोलने लगीं वो अभी भी पेटीकोट मे ही थीं। शर्ट खोल मेरा बनियान भी निकाल दी मै उनके सामने ऊपर से नंगा खड़ा था उन्होंने मुसकुराते हुए मेरे निप्पल को छेड़ा, और पिंच किया।
मै: क्या हो जाएगा इससे लो करो।
भाभी: (मेरे निप्पल को मुंह मे ले चूसी) तुम ऐसे ही करते हो ना।
मै: मै नही करता आपका पति करता होगा ऐसा।
भाभी:(धीरे से बोली) तुमको मौका दिए तो कुछ किए ही नही।
वो काफी धीरे बोलीं थीं पर मै सुन लिया।
मै: क्या बुदबुदा रहीं हो।
भाभी: कुछ नही! तुम बुद्ध हो।
अब भाभी मेरा पैंट भी मांगने लगी।
मैने मना कर दिया तो वो मुझे बुद्धू बोल जाने लगीं। मै समझ गया कि भाभी को चाहिए हथियार।
मै: भाभी एक पतली जू वाली कंघी देखिए तो।
भाभी: क्यों, जू हो गई है क्या?
मै: अरे नही, वो राइस मील जाता हूं तो बालों मे डस्ट चिपक जाता है।
भाभी कपड़े वहीं छोड़ कंघी लाई और खुद ही मेरे बाल साफ करने लगी। मै उनसे कहा भी कि आप जाओ मै कर लूंगा लेकिन वो नही गई। मै अब बेड पर बैठा था भाभी मेरे सामने खड़ी मेरे बालों मे कंघी कर रही थीं। मै धीरे से अपना हाथ उनके पेटीकोट के ऊपर से कमर पर रखा और पकड़े रखा भाभी मेरे बालों मे कंघी कम कर रहीं थीं और बालों को सहला ज्यादा रहीं थीं।
इतने मे बेबी उठ गया और वो उसे दूध पिलाने चली गई और वापस मेरे कमरे मे ही उसे ले आ गई और मेरे सामने ही बात करते हुए अपना एक मम्मा निकाल पिलाने लगी उनका मम्मा दूध से भरा था और एक दम तना हुआ था और और नशें जैसे उभर गई हो। कुछ देर मै बैठा रहा और फिर नहाने चला गया। नहा कर मै घूमने चला गया।
शाम को आया भाभी के कमरे मे गया तो वो काफी उदास थी। मै पूछा तो वो कुछ नही बोलीं और खाना बनाने चली गई खाना खा मै रात को भाभी के कमरे मे बेबी को मै झूले मे झूला रहा था। वो शायद सो गया था। भाभी किचेन का काम खत्म कर कमरे मे आई तो मै जाने लगा। “Free Desi Chudai Story”
भाभी: हां जाओ खुद चैन की नींद सोने जाओ और बेबी अगर गिर जाए तो मुझ पर चिल्लाओ।
भाभी चिढ़ गई थी शायद।
मै: अरे कहीं नही जा रहा हूं मै, पानी पीकर आता हूं बस।
मै आ कर बेड पर लेट गया, भाभी भी बेड पर लेट गई आज वो कुछ नही बोल रहीं थीं। मै भाभी से बात करने लगा तो वहीं सब की भैया तुम्हारे मुझे टाईम नही देते महिला की कुछ जरूरत होती है।
मै: क्या जरूरत है आपकी मुझे बताइए मै लाकर दूंगा आपको।
भाभी: तुम बुद्धू हो, तुम नहीं समझोगे,रहने दो तुम।
मै अब भाभी को पूरा बाहों मे भर लिया।
मै: तो समझा दो।
मै बाई करबट था वो दाई मै उनके पूरे पीठ और कमर पर हाथ फेर रहा था उनके बड़े बड़े दूध से भरे मम्मे मेरे सीने से मर्दन हो रहे थे मै अब अपना हाथ उनकी गुद्देदार गांड़ पर ले गया और दबाने लगा वो सिसक रही थीं। बात करते हुए उनकी आवाज लड़खड़ा जाती।
मै: समझा दो ना मुझे।
भाभी: अब समझने लगे हो।
वो मेरे माथे और गाल पर चूमी मै सीधा उनके होंठ पर चूसने लगा वो सिसक रही थीं लेकिन शायद उन्हे स्मूच करने नही आता था या शर्माती होगी तो मैने उनसे कहा जैसे मै कर रहा हूं वैसे ही करो तो वो धीरे धीरे करने लगी मै उनके जीभ को चूसा और अपना जीभ उनके मुंह के हर कोने में दौड़ाया। अब उनके गाल गले गर्दन कान नाक सब जगह चूसा और एक हाथ से ब्लाउज के ऊपर से मम्मे सहला रहा था। “Free Desi Chudai Story”
भाभी: ब्लाउज गंदा हो जाएगा रुको थोड़ा सा।
वो थोड़ा पीछे हो ब्लाउज और ब्रा खोलने लगीं मै उठकर बेड से पीठ लगा बैठ गया।
भाभी: क्या हुआ।
मै उन्हें उठाया और अपने सामने उन्हें गोद मे बिठा लिया और पूरा ब्लाउज और ब्रा उतार दिया। उनके मस्त मम्मे मेरे सामने थे मै उन्हें चूसने लगा दूध की धारा फूट पड़ी और मेरे मुंह मे जाने लगीं मै पीने लगा उधर दूसरा भी दूध फेंक रहा था जो मेरे गाल पर लग रहा था। मै उसे भी चूसने लगा। बहुत दूध आ रहा था भाभी के मम्मे से, मेरा मुंह भर जाता दूध से वो सी सी कर रहीं थीं.
मै कुछ देर मे चूस चूस कर दोनो मम्मे खाली कर दिया भाभी हॉफ रहीं थीं। मै अब भाभी की ओर देखा वो मुझे सीने से लगा ली मेरा चेहरा उनके मम्मो पर था वो मुझे कस कर भींच रहीं थीं। मै अब उनका चेहरा पकड़ होंठ चूसने लगा वो भी अब साथ दे रही थीं। मै उन्हें लेटा दिया और उन्हे ऊपर से चूमते हुए नीचे आने लगा उनके होंठ ठूडी सीने चूंचियां निप्पल पेट और गहरी नाभि अब पेडू पर चूसने लगा।
धीरे धीरे मै उनकी साड़ी ऊपर कर पेट पर कर दिया और उनकी गांड़ उठा पैंटी भी उतार दिया। उनकी चिकनी गोरी बुर मेरे सामने थी जिसे उन्होंने आज दोपहर मे ही साफ किया होगा। वो अपनी बुर को हाथ से ढंक ली। मै घुटने से उनको चूमना शुरू किया धीरे धीरे टांगे खोलते हुए उनकी चिकनी जांघ चूसने लगा और हल्का काट भी लेता अब उनके हाथ को हटा उनकी बुर का दीदार किया और बुर पर पप्पी देने लगा।
वो कमर हटाने लगीं गुदगुदी के मारे मै उन्हें बेड किनारे खींचा और मै नीचे बैठ उनकी दोनो जांघों को पकड़ अपनी जीभ बुर की दाने पर फिराने लगा उसे छेड़ने लगा बुर काफी पानी छोड़ चिकनी हो चमक रही थी। अब बुर के होंठों को चूसने लगा वो आह उफ़ करने लगी , जब उनकी पूरे बुर को मुंह मे भरने लगा तो वो इधर उधर कमर हटाने लगीं और सी सी करने लगी. “Free Desi Chudai Story”
कुछ देर और बुर को अच्छे से चूसा तो वो भड़भड़ा कर झड़ गई। मै उनकी बुर चाट साफ कर दिया और वापस उनको किस करने लगा। अब वो मेरा सारा कपड़ा उतार दी मेरा कड़क लण्ङ नाग की तरह फ़न्फ़ना रहा था। मै दोनो टांग उनका अपने कन्धे पर रखा और लण्ङ बुर मे घुसाने लगा धीरे धीरे वो आ आ कर रहीं थीं और मै धीरे धीरे पूरा लण्ङ घुसा दिया।
वो मुझे अपने ऊपर खींच ली और अपनी टांग मेरे कमर पर लपेट लीं मै चुदाई करने लगा। करीब आधे घंटे अलग अलग पोजीशन मे चोदा और रात भर मे चार बार मै उनके ही अन्दर झड़ा वो तो कितनी बार झड़ी उनको याद भी ना रहा। उनकी कमर मे दर्द हो गया था। लेकिन वो खुश बहुत हो गई थीं।
चुदाई के बाद भाभी मेरे पर जैसे फिदा हो गई थीं तो मै भी उनका जब मन होता तो वो डायरेक्ट तो नही कहती लेकिन इशारा देने लगती थीं। कुछ महीने बाद मेरी शादी ठीक हो गई गुड्डी से, तब भी मेरा सबसे सम्बन्ध बना ही रहा। दरअसल जो भी महिला मेरे से करवा लेती थी वो मुझे आसानी से नही छोड़ती थी.
अब अर्चना जी की चाची को ही ले लीजिए, मैने उनको चोदा तो लगभग जबरदस्ती ही था लेकिन अब जब भी भाभी के मायके जाता तो वो कुछ ना कुछ इंतजाम कर ही लेती। हालांकि अब मौके बहुत कम मिलते थे क्योंकि भाभी मेरी मुझ पर खूब हक जताती थी जब मै उनके साथ उनके मायके मे होता तो और भाई ना होता तो।
लेकिन अगर अर्चना जी होती थी तो जुगाड हो जाता था थोड़ा ऊपर ऊपर से ही सही क्योंकि जब तीन लोग कमरे मे होते हैं तो कोई क्या शक करेगा। एक बार तो जब गया था तो मै अर्चना और उसकी चाची ममता दिन मे एक ही कमरे मे गप्पे मार रहे थे घर मे सब लोग थे चाचा भी थे तो रात को मौका मिलना ना था। “Free Desi Chudai Story”
मन दोनो का था तो मै ममता को सिर्फ साड़ी उठा बेड पर झुका पेलने लगा। बीच बीच मे कोई ना कोई आ ही जाता था कभी भाभी तो कभी उसकी मां, तो अर्चना इशारा कर देती और हम जल्दी से अलग हो कपड़े सही कर लेते। बहुत बार डिस्टर्ब हुए लेकिन मजा भी खूब आया ऐसे ही अर्चना को भी पेला और ममता जी सतर्क करतीं। खूब मजा आया तीनों को उस दिन।
अर्चना जी तो कहती थी कि उसे दिन भर गिला रहने मे बहुत मजा आता है। इसलिए वो मेरे से हमेशा छेड़खानी करती रहती थीं अकेले मे मै भी कभी मौका देख उनके मम्मो को सहला या छू देता गान्ड को सहला देता। कमर पर छू देता। कभी कभी तो अच्छा सिचुएशन देख वो साड़ी भी ऊपर कर लेती थीं और मै बुर सहला देता।
मेरी भाभी के पेट मे बात नही पचता था इसलिए उन्होंने मेरे और अपने बारे मे अर्चना जी को बता दिया था। ये बात मुझे अर्चना ने ही बताई, पर उन्होंने मेरे, अपने और चाची के बारे मे किसी को नही बताया था और ना ही मेरे और भाभी के बारे मे चाची को।
भाभी तो मायके मे मुझ पर इतना हक जताती थी कि एक बार जब वो चार महीने मायके मे थीं और मै उन्हें लाने गया था तो बेटे को अर्चना के पास सोने भेज दी और खुद देर रात को मुझे अपने कमरे मे ले गई। मै भी उस रात उनकी जमकर चुदाई किया। क्योंकि उस रात बारिश हो रही थी और शाम मे अर्चना से छेड़ छाड़ करते हुए काफी गरम हो गया था।
अब शादी की तारीख भी तय हो गई थी मै कार्ड बाट रहा था। अर्चना जी के ससुराल भी कार्ड ले गया और उन्हें और उनके बेटे को साथ ही ले आया। मेरे घर मेहमान भर चुके थे। शादी की रस्में शुरू हुई और आप विश्वास नही करेंगे मेरे से हर रस्म मे मेरी भाभी और अर्चना जी इतनी छेड़खानी कर रहीं थीं कि मत पूछो।
भाभी का तो पता नही भाई से चूदवाई की नही पर अर्चना जी हल्दी वाले दिन काफी गरम हो गई मेरे तो लण्ङ तक मे हल्दी लग गई थी। रात को एक जगह सुनसान देख मै और अर्चना छत पर गए उसने हल्दी मेरे लण्ड पर लगाई और मै उनकी बुर चाट उनकी गर्मी दूर किया। “Free Desi Chudai Story”
नवम्बर 2007 मे मेरी शादी गुड्डी से हो गई गुड्डी थी काफी सुन्दर, 22 साल की उम्र हुई थी और जवानी उसकी हिलकोर मार रही थी लेकिन वो काफी सीधी सादी थी जो बोलो हां ही कहती थी। सुहागरात मे ही मैने उसे कह दिया कि मेरे बहुत लड़कियों और महिलाओं से संबंध हैं अगर तुम्हें अच्छा ना लगेगा तो मै बन्द कर दूंगा।
उसने कहा कि कोई बात नही है जब तक करना है करिए मुझे कोई ऐतराज नही बस किसी की शिकायत मेरे तक या घर तक नही आनी चाहिए। मै सोचा अरे वाह ये तो बड़ी समझदार निकली। और आने वाले समय मे वो समझदारी दिखाई भी उसने बहुत। सुहागरात पर मै जब कमरे मे गया तो वो लहंगा साड़ी पहन बैठी थी मैने थोड़ी देर उससे इधर उधर की बात करी और साथ ही अपने बारे मे बताया।
उसके बारे मे पूछा। धीरे धीरे मै उसे बाहों मे भर लिया कमरे मे मध्यम रौशनी थी । वो थोड़ी देर तो शर्माती रही फिर वो पूरी तरह खुद को मेरे हवाले कर दी। मै पहले उसके माथे पर चूमा उसकी आँखें चूमा। उसके गाल से होते हुए उसके होंठ चूसने लगा उसके नाजुक होंठ पीने लगा वो कुछ नही कर रही थी तो मै उसे धीरे धीरे समझाया ऐसे करो।
अब उसके गले गर्दन होते हुए उसके सीने कान पर चूसा। उसके ब्लाउज के ऊपर से हल्के हल्के उसके मम्मे मुंह से सहलाने लगा और थोड़ी देर मे उसे मनाते मनाते उसके ब्लाउज ब्रा खोल मम्मे बाहर कर पीने चूसने लगा उसके गोरे गोरे मुलायम मम्मे कमाल लग रहे थे। वो सीत्कार करने लगी अब उसके पेट और नाभि को चूसा वो बेड पर लेट गई थी और आह उफ़ सी सी करने लगी थी। अब धीरे धीरे उसके पेडू को चूसने लगा लहंगा की डोरी नीचे करते हुए। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है. “Free Desi Chudai Story”
मै: लहंगा उतार दो ना काफी भारी है और खराब भी हो जाएगा।
गुड्डी: ठीक है आप जाइए बाहर मै साड़ी पहन लेती हूं।
मै: साड़ी नही मै एक ड्रेस लाया हूं वो पहनो।
गुड्डी:(अपने सिने को ब्लैंकेट से ढकते हुए) लाईए देखें क्या है।
मै अलमारी से उसे एक नाइट गाउन निकाल देता हूं जो बहुत सेक्सी और छोटी थी।
गुड्डी: ये क्या है मै नही पहनूंगी ये।
मै उसे ये पहनने के लिए मना लेता हूं।
गुड्डी: ठीक है आप बाहर जाइए मै देखती हूं पहन कर।
मै: अरे मुझसे क्या शर्माना अब लाओ मै ही पहना देता हूं।
मै ब्लैंकेट हटा उसे उठा कर बैठता हूं वो ब्लैंकेट के अन्दर ही बात करते हुए अपना ब्लाउज और ब्रा सही कर पहन ली थी।
मै: इसे क्यों पहन ली।
मै उसे बेड से नीचे खड़ा करता हूं और गाउन उसके सर के ऊपर से कन्धे पर डाल देता हूं वो शर्मा रही थी और कह रही थी मै खुद पहन लूंगी। अब दोनो बाजू बारी बारी से डालता हूं। अब गाउन के अन्दर हाथ डाल ब्लाउज खोल देता हूं वो शर्मा कर खोलने मे मदद कर रही थी। और जैसे तैसे बाजू कर ब्लाउज बाहर निकालता हूं।
मै:(उसकी ब्रा को सहलाते हुए) अब इसे भी खोल दो।
गुड्डी: इसे रहने दीजिए ना।
मै उसे स्मूच करने लगा और हाथ पीछे ले जा ब्रा खोल दिया और धीरे धीरे बाहर निकाल दिया अब उसने गाऊन नीचे किया मै भी अब नीचे बैठ लहंगा की डोर खींच नीचे कर दिया गाउन वो नीचे करी जल्दी से शरमाते हुए। गाउन उसके जांघ से थोड़ा नीचे ही था उसकी मस्त मोटी चिकनी जांघें दिख रही थीं। वो जल्दी से कम्बल मे चली जाती है मै उसका लहंगा समेट अलमारी मे रखता हूं। “Free Desi Chudai Story”
मै:(बेड पर बैठता हूं) कैसा लगा गाउन।
गुड्डी: इसे कब पहनूंगी इतना गंदा ड्रेस है कुछ छुपता है।
मै: मेरे सामने पहनना तो सिर्फ, और मेरे से क्या छुपाना चाहती हो तुम।
गुड्डी: धत् आप बड़े बदमाश हो।
मै उसे वापस बाहों मे भर लिया और वापस उसे चूमने चूसने लगा और होंठों को चूसते हुए गाउन को धीरे धीरे कन्धे से सरका कर बाजू से निकाल मम्मे चूसने लगा क्या मीठे रसदार मम्मे थे। अब कम्बल हटा नीचे जाने लगा और पेट नाभि पेडू चूसते हुए गाउन को पेट पर कर पैंटी पर आ गया और धीरे धीरे उसे उतारने लगा वो थोड़ा पहले नखरे करते हुए विरोध की पर मै उतार दिया।
उसकी लाल पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी। उसने पैर सटा रखे थे मै उसकी चिकनी बुर पर किस करने लगा और मोबाइल की लाइट जला देखा एक दम गोरी बुर थी उसने मोबाइल झट से छीन लिया। मै उसकी जांघों और बुर पर चूस चाट रहा था और उसके पैर खोलने के लिए कह रहा था थोड़ी देर बाद उसने पैर खोल ही दिया।
मै उसकी गोरी जांघों को खूब चूसा और बुर को भी वो मेरा सर हटाती रही पहले लेकिन धीरे धीरे उसे खूब मजा आने लगा। मै उसकी बुर पर पूरा जीभ फिरा देता वो आह आह उफ़ करने लगी और मेरा सर धकेलने लगी और कमर ऐंठने लगी मै समझ गया कि झड़ने वाली है तो जांघों को कस कर पकड़ बुर चूसने लगा वो कुछ ही देर मे झड़ गई।
मै उसके बगल मे लेट गया और उसे बाहों मे भर शान्त करने लगा। थोड़ी देर मे उसकी सांसे नॉर्मल हुई तो मै वापस से स्मूच करने लगा। वो धीरे धीरे मेरे शर्ट का बटन खोलने लगी और उतार दी मै भी अब अपना पूरा सब कुछ खोल दिया और कम्बल मे लेट गया। “Free Desi Chudai Story”
गुड्डी:(शरमाते हुए) पूरा एक दम खोल दिए, शर्म नही आती है।
मै: अरे तुझसे क्यूं शर्माना अब।
मै कस कर उसे बाहों मे भरा मेरा कड़क लण्ङ उसके बुर को लग रहा था। मै वापस से उसे स्मूच करने लगा और हाथ नीचे कर बुर को लण्ङ मे ढकेलने लगा पर जा नही रहा था मै उठ कर उसकी बुर के पास बैठा और बुर पर लण्ड घिसने लगा वो सिसक रही थी। मै लण्ङ डालने की कोशिश करता तो छिटक जाता उसकी बुर काफी छोटी थी। पर मै भी मंझा हुआ खिलाड़ी था वो बोलती रही कि दर्द होगा पर मै धीरे धीरे करके पूरा लण्ङ घुसा ही दिया।
उसका खून निकल गया था और वो दर्द से रोने लगी मै उसे चुप कराया। मै उसे स्मूच करते हुए उसके मम्मे सहलाने लगा। उसके कान गले गर्दन को चूसा उसे थोड़ी देर मे अच्छा लगने लगा। वो आह आह उफ़ कर रही थी मै धीरे धीरे उसे चोदने लगा। मै अपना भार अपने हाथ पर ले उसके ऊपर लेट गया उसके मम्मे मेरे सिने से लगे थे मै कमर हल्का हल्का चला रहा था बुर की अच्छी चिकनाई की वजह से लण्ङ थोड़ी आसानी से जा रहा था।
कुछ देर मे मै उसे ले पलटा और खुद चित लेट उसे अपने ऊपर कर लिया उसे शायद ऐसे दर्द ज्यादा हो रहा था तो मै थोड़ी देर उसके कमाल के तरबूजे जैसे चूतड़ों को सहलाया और वापस मिशनरी पोजीशन मे आ गया इस बार उसने टांगें ज्यादा फैलाई तो थोड़ा दर्द कम लगा मै चुदाई करने लगा कुछ देर मे वो झड़ गई थी मजे के कारण और उसके बाद उसकी टाइट बुर मे मै भी झड़ गया।
मै उसके साईड मे लेट गया और उसका एक पैर कमर पर रख लिया। मै उसे नंगे ही पकड़ चुदाई कर सो गया। इतनी मैने अब तक कई लड़की और महिलाओं को चोदा था बहुते कुंवारी सील भी तोड़ी थी लेकिन गुड्डी को चोद एक अलग सा एहसास हुआ था। अगली सुबह देखा तो उसकी बुर पाव रोटी की तरह सूज गई थी मै गरम पानी से सिकाई कर दिया। “Free Desi Chudai Story”
शादी के कुछ दिन बाद मै ससुराल गया। गुड्डी के परिवार मे उसके मम्मी पापा दादा दादी उसका एक भाई 15 साल और एक बहन 19 साल की थी। चाचा चाची उसके दो थे जो पड़ोस मे ही रहते थे जिसमे एक चाचा का परिवार बाहर रहता था। ससुराल गया तो कुछ मेहमान अभी भी थे जैसे गुड्डी की बुआ उनकी बेटी गुड्डी की ममता मौसी जो मेरी भाभी की चाची भी हैं और उसकी एक और मौसी, और उनके बच्चे भी।
मेरी साली मीनू तो जबरदस्त थी एक दम पटाखा थी। वहां पहुंच हमने कुछ बातें करी ममता जी ने शाम को अकेले मे पूछा कि कैसी लगी गुड्डी तो मैने बोल दिया कि ठीक है लेकिन सिल पैक नही थी तो अपना वादा भूलना मत एक सिल पैक दिलानी पड़ेगी। उन्होंने नाक सिकोड़ते हुए कहा कोई वादा वादा नही है समझे। मै उन्हें ये भी कह दिया कि बहुत तेज बन गई करना ही था तो मीनू से कराती।
ये सब मै मजाक हंसी मे बोला था वो भी हँसी मे उड़ा दी। अब वहां कुछ ज्यादा हुआ नही और हम वापस आ गए। घर पर मै भाभी उनका बेटा और गुड्डी ही रहते पापा कभी घर तो कभी काम के सिलसिले मे जाते रहते थे। भाभी गुड्डी के घर पर होने से मुझे अब चुदाई के लिए इशारे नही देती थी। पर जब गुड्डी मायके गई थी तो एक बार पूरी रात चोदा उन्हें जिससे उन्हें बुखार हो गया जिसे सुन गुड्डी भी जल्दी ही मायके से वापस आ गई।
अब गुड्डी शुरू शुरू मे थोड़ी शर्माती थी लेकिन धीरे धीरे मै उसे सब सिखा दिया मै तो उसे पूरे कपड़े खोल कर चुदाने के लिए भी मना लिया तीन चार महीने मे मै उसे हर तरीके से चोदा था। उसे मै हर चार या तीन दिन मे चोदता। एक बार तो उसने कह भी दिया कि जब आप बाहर करते ही हैं तो मेरे साथ इतना करते हैं। अगर नही करते तो पता नही और कितना करते।
मै भी बोला कि अरे पगली बाहर रोज थोड़े करता हूं। तू बोल तो ऐसे रही है जैसे सब बिछी हुईं हैं मेरे लिए। इतनी चुदाई की वजह से गुड्डी जल्द ही प्रेगनेंट हो गई। तो अपने मायके चली गई और भाभी भी अपने मायके गई थी तो मै ससुराल आ गया। गुड्डी का छठा महीना था गर्मी के दिन थे ठंडी हवा चल रही थी तो मै और गुड्डी छत पर सोने का प्लान करते हैं तो मीनू भी आ गई। “Free Desi Chudai Story”
अब छत पर एक जगह बिस्तर लगा हम गप्पे मारते हुए सो गए। मै एक साईड था बीच मे गुड्डी थी रात मे एक बजे के करीब गुड्डी मुझे प्यार करते हुए जगाती है। वो मेरे गाल पर चूम रही थी और चूस रही थी क्योंकि मै उसकी तरफ फेस कर लेटा था। मेरी नींद खुली। मै थोड़ा और उसके करीब हो उसे चूमा और बाहों मे भर लिया और उसके चेहरे को अपने सीने से लगा लिया। मै उसे प्यार जताता रहा थोड़ी देर।
गुड्डी:(धीरे से) ये जी कूची कुची करना है।
मै:(उसके चेहरे को चूमते हुए) ओ कूची कुची करना है गुड्डी को।
गुड्डी: हां।
मै उसे स्मूच करता हूं और माथे और चेहरे पर चूमता चूसता हूं। गुड्डी मुझसे दो महीने बाद मिली थी तो उसे लग रहा होगा चुदाई का।
मै: पांचवां महीना है।
गुड्डी: तो क्या हुआ।
मै: दिक्कत होगा तो।
गुड्डी: नही होगा।
मै: दिक्कत होगा बेबी।
गुड्डी: अच्छा कम से कम वो तो कर ही सकते हैं?
मै: क्या? गुड्डी: वहीं जो आप जीभ से नीचे करते हैं।
मै: अच्छा तो चलो नीचे रुम मे फिर।
गुड्डी: बहुत गर्मी होगा वहां। यहीं तो कितना अच्छा मौसम है।
मै: अरे मीनू है बगल मे।
गुड्डी: आप आराम आराम से करो उसे पता नही चलेगा मै आवाज नही करूंगी।
मै: वो उठ गई ना तो मै तुझे छोडूंगा नही।
गुड्डी: अच्छा मै उसे नीचे भेज देती हूं।
वो दो तीन बार मीनू मीनू आवाज लगाती है मीनू नही उठी।
गुड्डी: वो अच्छी नींद मे है नही उठेगी।
इतना बोल वो मुझे कस कर बाहों मे भरी और मेरे होंठ चूसने लगी मै भी चूसने लगा। हम एक दूसरे कि ओर फेस कर लेटे थे उसने एक पैर मेरे कमर पर चढ़ा दिया था मै उसके पीठ सहला रहा था और वो मेरे बाल। मीनू दूसरी ओर मुंह कर लेटी थी। मै और गुड्डी स्मूच कर रहे थे. “Free Desi Chudai Story”
गुड्डी धीरे से अपने ब्लाउज के बटन खोल ब्रा नीचे कर अपने मम्मे मेरे मुंह मे दी मै उन्हें चूसने लगा पीने लगा थोड़ी देर मे मै नीचे जाते हुए उसके पेट को चूसा अब वो चित लेट गई और मै साड़ी मे घुस उसकी मलाईदार बुर चूसने लगा उसने पैर मोड़ रखे थे। बड़ी मजेदार टेस्ट था बुर का। मै मजे से चूस रहा था वो हल्की हल्की सिसकी ले रही थी। एकाएक उसने मेरे सर को रोका।
गुड्डी: मीनू तू उठ गई।
मै चुप चाप वैसे ही पेट के बल लेटा था लेटा रहा। मीनू उठ गई थी।
मीनू: जीजाजी ऐसे कैसे सो रहे हैं।
गुड्डी: ये ऐसे ही सोते हैं। पूरे बेड पर लोट कर। तू अभी जगी क्या।
मीनू: हां। आती हूं पिसाब कर।
मीनू उठती है और शायद वहीं थोड़ी दूर नाली पर पिसाब करने बैठ जाती है उसके मौत कि छर्र की आवाज आ रही थी। वो वापस आ बैठती है।
मीनू: इसे क्यों हवा खिला रही है। वो शायद गुड्डी के मम्मे को देख बोलती है।
गुड्डी: तू चली जा नीचे सोने।
मीनू: क्यों?
गुड्डी: चली जा ना प्लीज।
मीनू: अच्छा ठीक है पर मोबाइल दे।
मेरे पास उस टाईम चाइनीज मल्टीमीडिया फोन था। जिसमे ब्लू फिल्मों का भरमार था लेकिन बहुत सारे फोल्डर के अन्दर। गुड्डी बिस्तर पर से फोन खोज उसे दे देती है वो उसे ले चली जाती है। मै अब वापस बुर चूसना चाटना जारी करता हूं। कुछ देर बाद मै बाहर आ उसे स्मूच करता हूं और गाल पर कटता हूं।
मै: देखी उठ गई ना मीनू।
गुड्डी: अरे कुछ नही समझी वो।
वो मुझे वापस स्मूच करने लगी और मेरे पजामे से लण्ङ बाहर निकाल दी जो सख्त हो रखा था।
मै: मत कर ना।
गुड्डी: थोड़ा सा ही डाल कर प्लीज।
वो अपनी टांग मेरी कमर पर रखी और लण्ङ को बुर पर घिसते हुए धीरे धीरे आधा घुसा ली और मुझे वैसे ही रहने को कहा और दो तीन बार सीत्कारी हल्के से और मेरे कमर पर हाथ रख दबाई। मै धीरे धीरे कमर चला चोदने लगा थोड़ी देर मे मै उसे अपने ऊपर ले लिया और वो मेरे लण्ङ पर उठने बैठने लगी। “Free Desi Chudai Story”
मसतराम की गन्दी चुदाई की कहानी : गर्लफ्रेंड की सलवार में गरम चूत को चूमा
अब वो लेट गई मै थोड़ा उसकी टांग उठा चोदा और वापस से फेस टू फेस लेट गए लेकिन इस बार मै दाई करबट था। ऐसे ही हल्के हल्के चुदाई करते हुए मै उसकी बुर मे करीब 45 मिनट बाद झड़ गया। वो मेरे कमर पर टांग चढ़ा आराम से सो गई। कुछ देर मे मै पेशाब करने के लिए उठा और सीढ़ी से नीचे जाने लगा तो देखा मीनू सीढ़ी पर ही थी मै अंधेरे में उसे देख डर गया। मेरे मुंह से चीख भी निकल गई।
मै: यहाँ क्या कर रही हो?
मीनू: कुछ नही।
इतना बोल वो नीचे चली गई। मै समझ गया कि वो इतनी देर यहीं थी। सुबह बहुत देर बाद वो मुझे मेरा मोबाइल दी तब बन्द हो गया था। अगली सुबह से मीनू का अंदाज कुछ बदला हुआ था पहले हमारे बीच कम ही मजाक मस्ती होती थी लेकिन अब वो कुछ ज्यादा ही मजाक मस्ती करने लगी थीं. ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
मै दो तीन दिन बाद अपने घर आने वाला था लेकिन ससुराल वालों ने रोक रोक कर 12 दिन लगा दिए कभी मीनू मेरे कपड़े छुपा देती कभी बैग तो कभी जूता। इन 12 दिनो मे मेरे और मीनू के बीच बातें काफी बढ़ गई थीं। वो मेरे से काफी बातें किया करती और अगर जब कमरे मे कभी सिर्फ हम दोनो होते तो धीरे धीरे बोलने लगती जैसे कोई सुन ना ले।
एक शाम मै अपना मोबाइल ढूंढ रहा था गुड्डी से पूछा तो उसने कहा कि उसने भी नही देखा। मै छत पर टहल रहा था तो देखा कि एक गिलहरी का बच्चा बगल वाली छत पर है और वो दीवाल पर चढ़ नही पा रहा था। वो छत गुड्डी के चाचा का था जो शहर मे रहते थे और उनका घर बन्द रहता था। छत दोनो का सटा हुआ ही था सिर्फ एक 3फीट की दीवाल थी। “Free Desi Chudai Story”
मै दीवाल लांघ उस तरफ गया और गिलहरी के बच्चे को उठा दीवाल पर रख दिया। उधर मेरे कानों मे एक आवाज आ रही थी हल्की हल्की मै सीढ़ी के तरफ गया जो ऊपर से खुला हुआ ही था। सीढ़ी पर मैने देखा कि मीनू आराम से बैठ मेरे मोबाइल मे ब्लू फिल्म देख रही थी.
मै उसे डिस्टर्ब नही करना चाहता था लेकिन उसकी नजर मेरे पर पर गई क्यूंकि मै ठीक उसके सामने छत पर था। उसने मोबाइल जल्दी से बन्द किया और नजर नीचे कर ली। मै वापस बिना कुछ उसे बोले दूसरे छत से नीचे आ गया थोड़ी देर जब वो नही आई तो मै वापस गया वो वहीं सीढ़ी पर बैठी थी, सर नीचे कर।
मै: क्या हुआ चलो उस तरफ।
वो कुछ नही बोली। मै उसके पास बैठ गया और उसके कमर मे हाथ डाल उठाया। वो शरमाते हुए दीवाल की तरफ देख रही थी।
मै: अच्छा तो तू शर्माती भी है। वो कुछ नही बोली।
मै: चल अब अंधेरा होने वाला है। और मै किसी को कुछ नही कहूंगा।
मीनू: दीदी को भी नही बताइएगा।
मै: नही बताऊंगा चल अब।
वो उठती है और हम छत पर आ जाते हैं।
मै: सारी देख ली क्या? मै उसे छेड़ते हुए पूछा।
मीनू: भक्क चलो आप पहले।
हम दीवाल लांघ इस तरफ आते हैं। उसके बाद से हम दोनो थोड़ी नॉटी बातें कर लिया करते थे। मुझे समझ आ गया था कि मीनू को गन्दी बातें सुनना पसंद है उसे अच्छा लगता है क्यूंकि वो पहले भी छुप कर मेरी और गुड्डी की बातें सुना करती थी। “Free Desi Chudai Story”
हमारा मजाक अब गाल पर चूमने और कभी मम्मे और गान्ड कपड़े के ऊपर से छू लेने तक पहुंच गया था। एक दिन जब मै उसे अपनी कार से बाजार ले जा रहा था जो कि 15 km दूर था तो मै उससे पूछ ही लिया कि सच बता उस रात तू सीढ़ी पर ही बैठी थी ना।
मीनू: हां! मै: क्या कर रही थी।
मीनू: पहले आप बताओ आप क्या कर रहे थे।
मै: मै तो सो रहा था।
मीनू: अच्छा जी?
मै: हां जी!
मीनू: तो मै भी बैठी थी।
मै: बैठ कर तू हमे देख रही थी।
मीनू: आप जब कुछ कर ही नहीं रहे थे तो आपको देखूंगी क्यूं।
अब हम बाजार पहुंच गए जो एक शहर था मै वहां कभी गया नही था तो वो मुझे एक सिनेमा हॉल मे ले गई। जहां हम मूवी देखने लगे। उसमे एक किसिंग सीन आया तो वो मेरी ओर देख शरमा रही थी मै उसका चेहरा पकड़ा और उसके लिप पर किस कर दिया।
पांच सेकेंड चूसा था बस। वो मुझे मजाक मे मारने लगी। मेरे बाजू पर काटने लगी चूटी। थोड़ी झगड़ी भी थोड़ी नाराज भी हुई फिर इंटरवल तक मैने उसे मना लिया। इन्टरवल मे मै जा दो पॉपकॉर्न और दो कोल्ड ड्रिंक लाया दो स्ट्रा था जिसमे से एक मैने फेंक दिया।
मीनू: एक ही स्ट्रा लाए।
मै: हां।
मीनू: तेज बन रहे हैं।
मीनू होंठ लगा ही कोलड्रिंक पी क्योंकि मै स्ट्रा से पी रहा था। उससे पूरी कोलड्रिंक खत्म नही हुई तो मै पीने लगा वो छिन रही थी लेकिन मै ले होंठ लगा पी गया। मूवी देख हमने कुछ शॉपिंग की एक रेस्टोरेंट मे हम गए कुछ खाना खाया। रेस्टोरेंट एक केबिन टाईप था जो पर्दा लगा हुआ था । वहां उसने आइने मे देखा तो मेरे उसके होंठ चूसने की वजह से लिपिस्टिक खराब हो गई थी। “Free Desi Chudai Story”
मीनू:(मुझे मारते हुए) लिपिस्टिक खराब कर दिए मेरा।
ऐसे ही पूरा बाजार घूम ली मै। मै उसे अपने जेब से एक लिपिस्टिक निकाल कर दिया जो मै कुछ देर पहले उससे छुपकर खरीदा था।
मै: लो लगा लो।
मीनू: अब दे रहे हैं, पहले नही दे सकते थे।
वो लिपिस्टिक लगाई। उसके बाद हम पूरे रास्ते मजाक मस्ती करते घर आए। अब दो महीने बाद गुड्डी की चचेरी बहन की शादी थी तो मै ससुराल मे था । शादी मे बहुत सारे मेहमान आए हुए थे। मुझे तो इतना परेशान किया मेरे साले साली ने की पूछो मत। कभी मै सो कर उठूं तो मेरा पैर रंगा हुआ कभी हाथ रंगा हुआ कभी लिपिस्टिक लगा हुआ कभी रंग से मुंह रंगा हुआ होता।
मटकोर वाले दिन तो औरतों ने मुझे इतनी गाली दी कि पूछो मत। शादी की रश्म एक दिन गैप करके थी तो एक शाम तो सबने पकड़ कर मुझे साड़ी पहना दिया। क्यूंकि मै क्लीन शेव ही रहता हूं। साड़ी पहना एक ब्रा मे दो गेंदे डाल मेरे मम्मे बने थे और ब्लाउज पहना हुआ था। मै भी खूब नाचा साड़ी मे।
सारे आके मेरे मम्मे दबा रहे थे साले सालियां और भाभियां मैने भी एक दो साली की दबा दी थी मौका देख जिसमे मीनू नही थी। लिपिस्टिक लगा मेरा पूरा गाल रंग दी थी। मै भी जिसको पकड़ लेता उसको अपने गाल से गाल सटा रगड़ देता लिपिस्टिक। एक दो साले जो 14 15 साल के थे बे तो बार बार आकर चूंची ही दबा रहे थे बहिनचोद, मै उनको पकड़ कर अपने पेटीकोट मे घुसा लिया, मीनू को भी एक बार घुसा लिया।
लगभग 3 बजे तक नाचते रहे थे सब। मेरी हालत खराब हो गई थी। मै सोया तो सीधे 1 बजे उठा वो भी तब जब गुड्डी उठाने आई। वो पहले भी आई थी लेकिन मै बहुत थका था तो उठा नही। मै उनके पूरे कुनबे मे इकलौता दामाद था। मै खाना खा कमरे मे लेट गया तो वापस नींद आ गई। कुछ देर मे मीनू जगाने आई। “Free Desi Chudai Story”
मीनू: चलिए तैयार हो जाइए आम महुआ जाना है।
मै:(लेट हुए ही बोला) मै नही जाऊंगा, बहुत थक गया हूं।
मीनू: अरे आपका रश्म है जनाब।
मै: किसी और से करवा लो।
मीनू: बहनोई को करना होता है चलिए।
वो मुझे हाथ खींच उठाती है। मै बेड पर बैठा था पैर नीचे कर। मै: बहुत थकान लग रही है, रहने दो ना।
मीनू: सारी थकान आपकी दूर कर देती हूं।
वो लहंगे चोली मे थी लाल रंग की एक दम बॉम्ब लग रही थी तैयार हो कर। वो मेरे सामने खड़ी हो गई और मेरे माथे पर सहलाने लगी। उसके मम्मे मेरे मुंह के सामने थे मै उसकी पतली चिकनी कमर को पकड़ा और उसे गोद मे बैठा लिया वो भी बैठ गई।
मीनू: चलिए ना अब तैयार होइए।
वो एक हाथ मेरे गले मे डाल दी। मै उसके लाल होंठों को देख रहा था।
मै: चलूंगा तो मुझे क्या मिलेगा।
मै ललचाई नजरों से उसके होंठ को देख रहा था।
मीनू: आज अगर लिपिस्टिक खराब की ना आप ने तो देखना आप, क्या करती हूं मै आप के साथ।
मै: तो और कुछ कर लूं।
मीनू: नही चलो तैयार हो जाओ पहले।
वो मुझे जबरदस्ती हाथ पकड़ उठाती है। मै नहा कर निकला तो मीनू मेरे कपड़े ला कर दी मै पहन वापस लेट गया था।
मीनू: गजब आदमी हो तुम यार, फिर लेट गए।
मै: कुछ दोगी तो ही चलूंगा।
मीनू मुझे बेड से खींच बैठाती है और बालों मे कंघी करती है। मै उसे वापस गोद मे बिठा लेता हूं। और उसके होंठों की ओर ललचाई नजरों से देखने लगता हूं।
मीनू: ठीक है लिपिस्टिक खराब नही होनी चाहिए।
वो सोची मै गाल पर किस करूंगा, पर मै उसकी दाहिनी चूची को ब्लाउज और ब्रा ऊपर कर नंगा किया और सीधा मुंह लगा दिया वो मेरे बाल खींचने लगी। उसके निप्पल एक दम पिंक थे और मसूर के दाने से थोड़े ही बड़े थे मम्मे तो एकदम इतने सॉफ्ट की रुई जैसे पूरे मेरे हाथ मे आराम से आ जा रहे थे। एक मिनट मै उसके निप्पल चूसता रहा वो सिसक उठी। जब मै उसे छोड़ा तो वो जल्दी से उठ चोली नीचे कर कमरे से बाहर निकल गई और तुरन्त ही वापस आ गई और मेरे गाल पर किस कर जाती हुई बोली। “Free Desi Chudai Story”
मीनू: जल्दी बाहर आओ अब।
मै भी अब आईना देखा और गाल पर हल्के लिपिस्टिक के लाली को साफ कर बाहर आया। अब चाचा के घर गया वहां से आम महुआ के लिए गया दुल्हन को गोद उठा रस्में की और वापस घर आ गया। घर पर कोई था नही सिर्फ गुड्डी थी जो मेरे साथ ही आम महुआ से आई थी वो थोड़ी थक गई थी और उसका कमर भी हल्का दर्द कर रहा था तो वो लेट गई और मै उसकी कमर दबाने लगा और पैर भी।
कुछ देर मे मीनू भी आ जाती है और मुझे अपनी बहन को पैर दबाते हुए देखती है। बारात आने मे अभी बहुत टाईम था तो हम तीनो वहीं पर बैठ थोड़ी बातें करते हैं। अब शादी खत्म होती है आराम से सुबह बाराती विदाई होनी थी तो पता चला कि जिस बस से बारात आई थी वो मेरा ही था ड्राइवर मुझे सुबह देखा तो पहचान गया।
मै भी बस के पास गया क्योंकि बस थोड़ी दूर ही रह गई थी गांव से क्योंकि सड़क नही थी तो। बस मेरा ही था और वो भी नया वाला जो अभी 3 महीने पहिले ही खरीदाया था। अब बारात विदा हो गई तो सब अब कहीं घुमाने को कहने लगे थे बस से कि बस बुलाइए कहीं सब घूम कर आते हैं। शादी मे गुड्डी की मौसी ममता भी आई थी और अर्चना भी आई थी वो भी कह रही थीं और भी साले सालियां कह रही थीं मीनू भी कह रही थी चलो।
कुछ देर मे सबने डिसाइड भी कर लिया कि नेपाल चलते हैं। मैने कह दिया ठीक है आप लोग जाओ मै बस मंगा देता हूं। लेकिन सब कहने लगी कि आप भी चलो। अब शाम को मै छत पर था अकेले, अर्चना और ममता जी आई और मुझे कहने लगी कि तुम भी चलो तो मै कहा कि मै चलूंगा लेकिन एक शर्त पर कुछ इंतजाम करना होगा।
ममता: अच्छा ठीक है मौका मिलेगा तो कर लेना।
मै: ऐसे नही एक दो की दिलानी पड़ेगी 7 महीने से भूखा हूं।
ममता: धत् मै कैसे दिलाऊंगी पागल।
मै तो ठीक है आप लोग जाओ मै नही जाऊंगा। थोड़ी देर मे कह देती हैं कि ठीक है मै कोशिश करूंगी। अब अगले दिन सब तैयारी मे लग गए थे मै अब भी सबको नही जाने का बोल रखा था क्योंकि गुड्डी नही जा सकती थी। दोपहर मे सब आराम कर रहे थे मै भी एक कमरे मे था मीनू मुझे चलने के लिए मनाने लगी। वो मेरे कपड़े प्रेस कर रही थी। “Free Desi Chudai Story”
मीनू: चलिए ना आप भी, आपके बिना मन नही लगेगा।
मै: तेरी दीदी के बिना मुझे मन नही लगेगा।
मीनू: ओहो बहाना मत बनाइए।
मै: अच्छा चलूंगा तो मुझे कुछ मिलेगा या सूखे सूखे।
मीनू: ज्यादा बनिए मत नही तो यहीं आयरन सटा दूंगी।
वो मेरी तरफ आयरन करती है मेरे हाथ कि ओर उसे लगा मै हटा लूंगा और मुझे लगा सटाएगी थोड़ी। इसी चक्कर मे मेरे ऊंगली से आयरन लग गया। उसने झट से मेरी ऊंगली अपने मुंह मे डाल ली। मै दो ऊंगली डाल उसकी जीभ पकड़ लिया। वो छुड़ाई मै उसके थूक से सनी अपनी ऊंगली चाट लिया।
मीनू: छी गन्दे। थूक चाट लिए वो भी मेरा।
मै: तेरा तो सिर्फ थूक चाटा हूँ तेरी दीदी का क्या क्या चाटा हूँ तुझे बताऊंगा ना तो तू हिल जायेगी।
मीनू: मत बताओ मै देखी हूं।
मै: कब देखी तूने।
मीनू: ऐ सब बातें छोड़ो मै कपड़ा पैक कर रही हूं आपका आप चल रहे हो।
मै: (उसकी कमर से उसको पकड़ लिया) कुछ देने का वादा करोगी तो चलूंगा।
वो मेरे पीठ पर धम धम मारती है।
मीनू: इतने बदमाश हो ना आप कि क्या कहूं मै।
कुछ देर मनाने पर वो हां कह देती है।
मीनू: अब छोड़ो कोई आ जायेगा।
मै: आज तो लिपिस्टिक खराब होने वाला नही है तो आज कुछ?
मीनू: ज्यादा लालची मत बनो।
मै: समझ गया तू नेपाल जाने के बाद भी धोखा देगी जा मै नही जा रहा, यहां किस नही दे रही तो उधर क्या देगी।
मीनू जबरदस्ती मुझसे छुटती है और कमरे से बाहर जाती है थोड़ी देर मे वापस आ मेरे होंठ पर चूम भाग जाती है। अब अगले दिन हम निकलने वाले थे मै बस बुला लिया था। अब जाने वालों मे मेरे सास ससुर तो नही जा पा रहे थे गुड्डी की वजह से। चाचा भी नही जा रहे थे। मीनू, उसका भाई, उसका दो तीन चचेरे भाई बहन एक दो आस पास की भाभी, चाची, गुड्डी की बुआ की लड़की और उसके बच्चे ममता और उनके बच्चे अर्चना जी और उनके बच्चे।
कुल मिलाकर 21,22 लोग ही थे। खाने का इंतजाम भी खुद ही बनाने का था तो गैस बर्तन आटा, चावल दाल, रिफाइन सब ले लिए थे और घर से पहले ही बहुत कुछ बना हुआ भी था जैसे लिट्टी नीमकी ठेकुआ। अब सब आगे की ओर बैठे पीछे सीट पर सामान रख दिया था। पीछे से दो तीन लाइन खाली थी जिसमें सामान रखा था मैने सबसे पीछे लम्बा बाला सीट खाली कर सामान आगे ही रख दिया ताकि पीछे सो सकूं। “Free Desi Chudai Story”
कुछ देर हमने आगे बैठ मस्ती किया फिर सब थोड़ा आराम करने लगे। मै पीछे वाली सीट पर आकर लेट गया। कुछ देर मे अर्चना जी आई अपने बच्चे को लेकर दूध पिलाने और मुझे उठा खुद लेट गई। मै खिड़की साईड हो गया वो धीरे धीरे लेट गई मेरे तरफ उनका सर था और उनका बेबी दूध पी रहा था। मै उनके एक मम्मे को हाथ से सहलाने लगा। कुछ देर मे उनका बेबी सो गया तो उन्होंने उसे साईड मे सुला दिया अब ममता भी आ गई तो वो उठ कर बैठ गई।
ममता: क्या शुरू हो गए तुम दोनो।
अर्चना: अरे नही अभी कहां।
मै अर्चना को पीछे से पकड़ बैठा था और उनके बोबे सहला रहा था जिससे हल्का दूध भी बाहर आ रहा था। अब मै उनका चेहरा अपनी ओर कर उनके होंठ चूसने लगा हम दोनो सीट से छुपे थे और ममता लाईन के सामने बैठी थीं।
अर्चना: अभी नही कोई आ जाएगा।
ममता: करना है तो कर लो सारे सो ही गए हैं लगभग, और मै तो यहां हूं ही कोई उठेगा तो बता दूंगी।
मै अर्चना को ममता की ओर झुकता हूं और उसकी गांड़ दबाता हूं और साड़ी ऊपर कर पैन्टी सरका बुर सहलाता हूं और अपना ट्राउजर नीचे कर कड़क लण्ड उनकी चूत मे डाल देता हूं। धीरे धीरे मै उनको चोदने लगा था। वैसे ही और ममता को भी वैसे ही चोदा दोनो को चोद कर मै दो बार झड़ गया। हम वहीं बैठे रहे।
मै: कुछ इंतजाम की।
ममता: मै जा रही हूं अब।
मै उनका हाथ पकड़ बैठा लिया।
अर्चना: हां एक है जो बहुत दिन से सेक्स नही की है।
वो मुझे गुड्डी की बुआ की बेटी के बारे मे कहती है जो अर्चना कि जेठानी थीं और उसका पति बाहर रहता है। अर्चना ने बताया कि वो एक साल से सेक्स नही की है ऐसा उसने ही अर्चना को बताया था जब वो ससुराल मे थीं तो। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है. “Free Desi Chudai Story”
मै: तो ठीक है जाओ उन्हे बुलाकर लाओ।
अर्चना: पागल हो क्या, तुम खुद ट्राई करो।
मै: पिटवाने का इरादा है क्या?
अर्चना: अरे नही होगा कुछ, मैने उन्हे शादी मे आने से पहले ही बोल दिया था कि शादी मे अगर कोई ट्राय मारे तो मना मत करना।
मै अब आगे जा बैठता हूं अर्चना ने मुझे उसके बगल वाली सीट पर ही बैठा दिया। मै थोड़ा उनके हाथ से हाथ सटता हूं थोड़ा हाथ पकड़ता भी हूं। वो थोड़ा मेरी ओर देख मुस्कुराती है। कुछ देर बाद हम एक जगह दोपहर का खाना खाने के लिए रुके और घर से लाई लिट्टी घुघनी खाई।
सब बस से बाहर थे तो मैने उससे थोड़ी बात भी करी। अब रात होते होते उसे सेट कर लिया रात मे खाना खा हम एक जगह रुके धर्मशाला मे। रात मे मै और बुआ की बेटी बस मे आ गए थे चुपके से और पीछे वाली सीट पर लेटा कर उसे उस रात चार बार चोदा। अब दो दिन बाद हम वापस आ गए उन दिनो मे मै मीनू से शायद मिला भी नही था.
अर्चना और मै तो आते समय सारा समय साथ बैठे थे और मै उसके गांड़ दबाता कभी बुर कभी लण्ङ बुर मे डालता जब कोई सीट पर से उठ गलियारे मे आता तो हम अपने आप को सही कर लेते। अब घर आए तो सारे रिश्तेदार चले गए थे। बस के ड्राइवर को कुछ रिश्तेदारी मे इमरजेंसी थी तो वो बस मेरे ससुराल मे ही लगा कर चला गया था क्योंकि उसे एक दिन का ही काम था और उसका गांव भी उधर ही था।
बस अन्दर से गन्दी हो गई थी तो मीनू के पापा ने मीनू से कहा कि जा झाड़ू मार देना। वो झाड़ू ले घर से निकली मै भी उसके पीछे हो लिया। वो मुझसे बात नही कर रही थी जब से नेपाल से आई थी। मुझे लगा मैने बस मे उससे बात नही करी इसलिए नाराज है। मैने बस का गेट खोला वो आगे गई मै उसके पीछे गया वो बस के पीछे के हिस्से से झाड़ू मारने लगी मै उसे पीछे से पकड़ लिया। “Free Desi Chudai Story”
मै: क्या बात है नाराज हो मुझसे?
उसने मुझसे कस कर झुंझलाते हुए मुझसे खुद को छुड़ाया।
मै: इतनी नाराज हो क्या हुआ?
मीनू: बात मत करिए मुझसे।
मै: क्यों?
मीनू: बहुत गंदे आदमी हो आप, बस मे देखी मै आपको।
मै सोचा क्या देख लिया इसने कहीं इसने मुझे किसी की चुदाई करते तो नही देख लिया।
मै: क्यों, ऐसा क्या कर रहा था मै बस मे।
मीनू: आप सब पर लाइन मार रहे थे और क्या कितने गन्दे हो आप।
मै: सिर्फ लाईन मारते देखा तुमने।
मीनू: सबके बहुत हाथ भी पकड़ रहे थे, मेरे से एक मिनट भी बात नही किए।
मै: अच्छा सॉरी बोलता हूं माफ कर दे।
मीनू: नही मुझसे अब कभी बात मत करिएगा।
वो जल्दी जल्दी झाड़ू मार चली गई। अब दो दिन हो गए थे मीनू मुझसे बिल्कुल भी बात नही कर रही थी मेरी ओर देख भी नही रही थी। अगले दिन मै बाजार जाने वाला था गुड्डी के लिए कुछ सामान लाने। शाम को मै छत पर था अंधेरा हो गया था मीनू छत पर आई और वो दूसरी तरफ जा रही थी.
मै सीढ़ी की ओर आते हुए उसे बोला कि मुझे उसे कुछ बातें बतानी है जो मैने कभी उसकी दीदी को भी नही बताई है। इतना बोल मै नीचे आ गया। अब सुबह बाजार जाने के लिए निकला तो गुड्डी बोली कि मीनू भी जायेगी, उसे भी लेते जाओ। हम दोनो गाड़ी से निकले और दोनो कुछ भी नही बोल रहे थे।
मीनू: क्या बात बतानी थी।
मै: मीनू, कोई लड़की मुझसे नाराज हो जाती है ना तो मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगता है।
मीनू: यहीं बात थी।
मै: नही और भी है।
मै: मुझे ना तुमसे प्यार हो गया है।
मीनू: बकवास बंद करिए।
मै: सुनो तो पहले, मै जिससे प्यार करता हूं ना उससे कुछ भी नही छुपाता, जैसे तुम्हारी दीदी से मै कुछ भी नही छुपाया हूं।
मीनू: ये भी बताए हैं उसे कि आप हर लड़की औरत सब पर लाईन मारते हैं।
मै: बीच मे मत बोलो सुनो पहले पूरी बात, मेरे ना बहुत से लड़कियों और महिलाओं से सम्बन्ध हैं और शादी से पहले से हैं और तुम्हारी दीदी को सब पता है।
वो मुझे मारती है बाजू पर।
मै: क्या कर रही हो एक्सीडेंट हो जाएगा।
मीनू: तो गाड़ी रोक दो।
मै साईड मे गाड़ी रोक दिया।
मै: सुन ना मार मत यार, मै जिससे प्यार करता हूं उससे कुछ छुपाता नहीं हूं। मुझे जो कहना था मै कह दिया।
मीनू:( थोड़ी देर चुप रही) सच कह रहे हो?
मै: हां।
मीनू: किसके किसके साथ है सम्बन्ध, मुझे सब बताओ।
मै: ठीक है बताता हूं, देख मुझे गलत मत समझना मेरा ना जब किसी से रिलेशन हो जाता है तो फिर टूट नही पाता वो लड़की या महिला मेरे से हमेशा रिलेशन रखना चाहती है और मुझसे किसी का दिल दुखाया जाता नही तो।
मीनू: ज्यादा फेंको मत बताओ।
मै: एक तो हो गई अर्चना भाभी, मेरी भाभी, तेरी बुआ की बहन और पहले कुछ गर्लफ्रेंड्स तो नही थी बस कैजुअल दोस्त थीं। और तेरी ममता मौसी से भी मेरा…..
वो मुझे बांह पर मारती है और गुस्सा होती है।
मीनू: छी कितने गन्दे हो आप!
मै: देख मै तो मेरे दिल मे जो था वो बता दिया और ऐसा नही है कि मै तेरी दीदी को नही बताया हूं मै उसे पहली रात को ही बता दिया था और उससे कहा भी था कि अगर उसे पसन्द नही तो मै बन्द कर दूंगा पर उसने कहा रहने दो। “Free Desi Chudai Story”
मीनू: दीदी भोली भाली है मै नही।
मै: ठीक है मुझे इतना ही कहना था बाकि तुम्हारी मर्जी मुझसे नाराज रहो या ना रहो।
मै गाड़ी आगे बढ़ाता हूं। कुछ देर दोनो चुप रहे।
मीनू: बन्द कर दो ये सब?
मै: क्या?
मीनू: क्या, क्या वहीं सब करना और क्या?
मै: ठीक है अब किसी के साथ सेक्स नही करुंगा तेरी दीदी के साथ भी नही।
मीनू:(मुझे मारते हुए) दीदी के साथ करना!
मै: और?
मीनू: और क्या और।
अब हम बाजार मे थोड़ी शॉपिंग करते हैं और वापस घर आने लगते हैं तो फिर हम एक जगह गाड़ी रोक खूब सारी बातें करते हैं। मीनू पूछी तो मै उसे एक दो के साथ चुदाई की बातें भी बताया। उसके बाद घर आ गए दो दिन मै और रुका था तो मीनू धीरे धीरे मुझसे सबकी चुदाई की बातें पूछ ली थी।
अब एक महीने बाद मीनू का ग्रेजुएशन का एग्जाम था पटना मे। उसका घर पटना से काफी दूर था और ऊपर से बरसात का मौसम तो मुझे कहा गया कि मै साथ जा पटना मे रह एग्जाम दिला दूं। अब एग्जाम से दो दिन पहले मै मीनू को लेकर पटना आ गया हमने पहले रेंट के लिए कमरा देखा जो उसे पसन्द नही आया। अब मेरा घर भी पटना मे बन रहा था तो मै उसे दिखाने के लिए ले गया।
जो थोड़ा खेतों के साईड था और अभी लिंटल लेवल तक बना था बरसात के कारण काम बन्द था और नीचे मिट्टी फिलिंग हो रखा था। वापस आ हमने थोड़ी मुश्किल से एक कमरा लिया और रात भर रहे लेकिन मीनू को वो पसन्द नही आ रहा था तो हम अगले दिन भी वो रुम छोड़ दूसरी जगह रुम खोजने गए। फिर मीनू ने कहा कि इन सब से अच्छा तो वहीं अपना घर ही था। मै वापस अपने नए बन रहे घर पर गए।
मै: चारों तरफ खुला है इसमें कैसे रहेंगे।
मीनू: ये रुम है ना गेट भी है और ऊपर से करकट भी है।
मै: ये सामान रखने के लिए बना है इसमें समान भरा होगा।
मीनू: नही होगा सामान पहले खोल कर देखते हैं ना।
मै चाभी के लिए ठेकेदार को फोन लगाने लगा तब तक मीनू ने एक ईंट उठा ताला तोड़ दिया। अन्दर कुछ ज्यादा सामान नही था बस प्लाई थे शटरिंग वाले।
मै: कितना गन्दा है इधर सोएंगे कैसे?
मीनू: रुको ना मै करती हूं कुछ।
उसने पहले कुछ सफाई की मैने भी मदद की फिर उसने और मैने मिलकर ईंटों को लगाकर उसपर पटरे और प्लाई बिछा बेड जैसा बना दिया बिस्तर हम घर से लाए थे जो बिछा दिया बिजली का कनेक्शन पहले से लगा हुआ ही था बस बाजार जा एक स्टैंड फैन लिए और कुछ खाने पीने और रसोई का सामान ली। “Free Desi Chudai Story”
छोटा गैस सिलेण्डर घर से लाए थे और कुछ बर्तन भी जो गाड़ी मे था सब कुछ करते शाम हो गई और हम गन्दे भी हो गए थे तो वहीं पर चापकल से मै बाल्टी मे पानी ला उसे एक कमरे मे दिया वो नहा ली मै चापकल पर ही नहा लिया। आज खाना हम बाहर ही खा कर आ गए। आकर हम दोनो बिस्तर पर लेट गए और बातें करने लगे। दोनो पीठ के बल लेटे थे।
मै: तू ना हाऊस वाइफ बढ़िया बनेगी। कबाड़ जैसे जगह को रहने लायक बना दिया।
मीनू: हां, हां उड़ा लो मजाक।
मै: नही, सही मे तू बहुत अच्छी हाउसवाइफ बनेगी। तेरी मौसी ने ना मेरे से धोखा कर दिया नही तो मै ना तेरे से ही शादी करता।
मीनू: धत्, दीदी क्या अच्छी हाउस वाइफ नही है उसे क्या घर का काम नही आता?
मै: अच्छी है तेरी दीदी भी अच्छी है कम से कम मेरी भाभी से तो अच्छी ही है। उनसे ना उनका बेबी नही संभाला जाता कई बार तो गिरा चुकी हैं। इतनी लापरवाह है वो।
मीनू: बच्चा संभालना आसान काम नही है वो भी जब घर मे अकेले हो।
मै: तुझे चलना होगा जब मेरा बेबी होगा।
मीनू: ठीक है।
मीनू: वैसे दीदी वाइफ कैसी है।
मै: वाइफ भी बहुत अच्छी है मुझे आज तक किसी काम के लिए नही टोका उसने।
कुछ देर हमने और बात करी और सो गए। अब रात को मीनू को सूसू लगी तो उसने मुझे उठाया मै उसके साथ गया बाहर।
मै: जाओ उधर कर लो कहीं!
बाहर बिल्कुल अंधेरा था हम बिल्कुल बाहर नही थे बस जो कमरा था उससे बाहर थे बाहर जो घर की बाउंड्री थोड़ी सी ही बनी थी वहीं पर।
मीनू: मुझे डर लग रहा है आप भी चलो।
मै उसके साथ गया अंधेरा काफी घना था वो मेरे से दो कदम दूर ही बैठ सूसू करी और हम वापस कमरे मे आ गए।
मै: सुबह खुले खेत मे ही जाना होगा फ्रेश होने। बाथरुम तो है नही अभी।
मीनू: ठीक है सुबह होने से पहले उठा दीजियेगा।
मै: ठीक है।
मै सुबह 4 बजे उसे उठाया और बाल्टी मे पानी ले उसे जाने बोला।
मीनू: मै अकेले नही जाऊंगी, आप भी चलो।
मै पानी ले घर से दो खेत दूर गया।
मै: लो जाओ अब।
मीनू: आप यहीं रहना कहीं जाना मत।
मै उससे थोड़ा दूर हट खड़ा होने लगा।
मीनू: कहां जा रहे हो आप भी कर लो।
मै: पहले तुम कर लो मै बाद मे कर लूंगा।
मीनू: मै घर मे अकेली नही रहूंगी।
उसने कहा तो मै भी बैठ गया।
मीनू: ज्यादा दूर मत जाओ।
हम दोनो दस फीट की दूरी पर शौच कर रहे थे। बाल्टी उसके पास थी वो मग्गे से धोने लगती है।
मै: कहो तो मै धूल दूं। मै हँसते हुए बोला।
वो मेरी तरफ एक मिट्टी का ढेला फेंकती है। वो धूल कर बाल्टी ला मेरे पास रखती है और दो कदम दूर खड़ी होती है। हम अब वापस आ चापाकल पर ब्रश कर कमरे मे जाते हैं। 10 बजे से उसका एग्जाम था तो वो थोड़ा पढ़ती है। मै कुछ देर आराम कर बाहर आता हूं तब सुबह हो गई थी। “Free Desi Chudai Story”
मै दूसरे कमरे मे गया जहां किचेन का स्लैब था और खाना बनाने लगा। वो बीच मे उठ कर आई तो मै बोला कि तुम जाओ मै खाना बना लूंगा। उसके बाद हम नहा खा कर एग्जाम के लिए निकल गए। अगले दिन भी एग्जाम था तो सेम रूटीन चला उसके अगले दिन दो दिन का गैप था।
जिस शाम हम दूसरा एग्जाम देकर आए उस रात हम खाना खा कर सोने जा ही रहे थे कि बारिश होने लगी हमने जो खुले किचेन मे गैस सिलेण्डर रखा था वो अन्दर कमरे मे लाए और बेड पर लेट गए। लाइट चली गई तो हमने इमरजेंसी लाइट जलाई। बारिश तेज हो गई थी और बिजली भी कड़क रही थी। मै दीवाल के साईड लेटा था जिसके ऊपर खिड़की के लिए जगह छोड़ी थी खिड़की तो लगा था नही तो ईंट ही रखा हुआ था जिससे हल्का हल्का पानी आने लगा था बेड पर।
मीनू: थोड़ा इधर आ जाइए। बेड पर जगह बहुत कम बची थी।
मै: लगता है आज की रात जाग कर ही काटनी पड़ेगी।
मीनू: हो जाएंगे एडजस्ट, आप इधर आ जाओ थोड़ा।
मै: तुम गिर जाओगी।
मीनू: तो मै उधर चली जाती हूं।
अब वो दीवाल साईड आ गई थी और मै दूसरी साईड हमारे एक चौथाई बिस्तर तक हल्की पानी की फुहार पड़ रही थी।
मै: अब तुम कैसे सोओगी।
मीनू: मै सो जाऊंगी ना।
मै: एक काम करो तुम सो जाओ मै थोड़ी देर बैठता हूं।
मीनू: आप लेटे रहो।
मै लेटा था पीठ के बल वो दाई करवट लेट मेरी बाई बाजू पर सर रख लेट गई।
मै: ऐसे सोएंगे।
मीनू: हां वो थोड़ा और सर उठा कन्धे पर रख दी। हम थोड़ी देर वैसे ही रहे मै कुछ नही बोल रहा था।
मीनू: जीजू आप पहले जैसे नही रहे बहुत बदल गए हो।
मै: क्यूं।
मीनू: देख रही हूं।
कुछ देर हम वैसे ही रहे फिर उसे सूसू करना था।
मीनू: जीजू मुझे सूसू लगा है।
मै: बारिश हो रही है छाता भी नही है। भीग जाओगी थोड़ी देर रुक सकती हो क्या।
मीनू: जोर की लगी है।
मै: ठीक है चलो।
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मै उसे कमरे के बाहर ही करने को कहता हूं क्योंकि बारिश हो रही थी। वो दरवाजे से बाहर निकल थोड़ी आगे जा सूसू करने लगी मै भी पास ही था जिसमे हम दोनो भीग गए। अब कमरे के अन्दर आ वो पजामे की डोरी बांधने लगी। हम दोनो ही पूरी तरह भीग गए थे।
मै: भीग गया है चेंज कर लो नही तो बिस्तर गिला हो जाएगा।
मीनू: आप भी भीग गए।
मै: मेरा सिर्फ टी शर्ट भीगा है पेंट ठीक है।
मीनू: टी शर्ट उतार दीजिए।
मै टी शर्ट उतार बेड पर लेट गया। वो टॉवेल लपेट पहले पजामा उतारी फिर शूट उतारने लगी लेकिन भीगी होने की वजह से निकल नही रही थी तो वो मुझसे बोली निकालने को मै मदद किया अब वो ऊपर सिर्फ ब्रा और उसके ऊपर एक टेप मे थी। जो कम भीगा था। वो नीचे एक पजामा पहनती है। “Free Desi Chudai Story”
मै: शूट पहन लो दूसरा।
मीनू: नही ऐसे ही ठीक है आप भी मत पहनो गर्मी भी कम लगेगी।
अब हम वैसे ही लेट गए थे वो मेरे कन्धे पर सर रखी थी और हाथ से मेरे सीने के बाल मे उंगलियां घूमा रही थी। उसके मुलायम मम्मे मेरे नीचे सीने के साईड से लगे हुए थे।
मीनू: जीजू आपको याद है नेपाल जाने के पहले आपने कुछ मांगा था। और मैने वादा किया था देने का।
मै: नही मुझे याद नही है।
मीनू: झूठे, सब समझती हूं मै।
मै: क्या समझती हो।
मीनू: छोड़ो वो सब बात, आपने अपना वादा निभाया है तो मुझे भी अब निभाना होगा।
मै: कैसा वादा।
मीनू: सता रहे हो मुझे।
मै: मै क्यों सताऊंगा तुम्हें।
मीनू: ठीक है सता लो तुम्हारा ही घाटा है।
कुछ देर मे हमे नींद आ जाती है बारिश भी बन्द हो गई थी अब 3 बजे मै उठाता हूं हम बाहर जा फ्रेश होते हैं हल्की बूंदा बांदी अभी भी हो रही थी तो हम भीग जाते हैं तो फ्रेश होने के साथ हम ब्रश भी कर लेते हैं और कमरे मे आते हैं। बारिश भी तेज होने लगी थी। उसका टेप भींग उसके मम्मे से चिपक जाता है। वो उतारती है उसे मै अपना टॉवेल ले पेंट उतार दूसरा पेंट और टी शर्ट पहन लेता हूं। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
वो पहले टॉवेल लपेट पजामा और पैंटी उतारती है। और दूसरी पैंटी पहनने लगती है कमरे मे अंधेरा था लगभग इमरजेंसी लाइट डाउन हो हल्का उजाला कर रही थी तभी लाइट आ जाती है और हड़बड़ी मे मीनू की टॉवेल नीचे गिर जाती है मुझे उसके पूरे चूतड दिखती है मै दूसरी ओर मुंह कर लेता हूं। कुछ देर मे मीनू नीचे एक पजामा पहन चुकी थी और ऊपर सिर्फ गीली ब्रा मे थी। “Free Desi Chudai Story”
मीनू: जीजू सुनो इधर।
मै उठ कर बैठा।
मीनू: थोड़ा इसे खोल दो मेरा हाथ नही पहुंच रहा है। मै उसकी ब्रा खोल देता हूं। वो दूसरी पहन लेती है और साथ ही शूट भी। अभी चार ही बजे थे तो हम वैसे ही बैठे थे।
मीनू: थोड़ा सा दूध है रुको मै कॉफी बनाती हूं। वो एक कप कॉफी बनाती है। और मुझे देती है।
मै: एक ही कप बना।
मीनू: हां इतना ही दूध था।
मै: लाओ एक और कप हम आधा आधा पी लेंगे।
मीनू: एक ही कप से पीते हैं ना।
अब एक सीप मैने पी उसके बाद दूसरी उसने।
मै: पहले तो तुम मेरी झूठी कोई चीज नही पीती थी।
मीनू: पहले तो आप भी कितने बदमाश थे, कितनी बदमाशी किया करते थे।
मै: मेरी बदमाशी तुम्हें अच्छी नही लगती थी ना तो छोड़ दी।
मीनू: किसने कहा कि मुझे अच्छी नही लगती थी, बस मेरे साथ जब आप बदमाशी करते थे तो अच्छी लगती थीं दूसरों के साथ नही।
मै: मेरी बदमाशी तुम्हें अच्छी लगती थी।
मीनू: हां!
मै: अभी करूं।
मीनू:( शरमा कर) हां।
हम दोनो बेड पर दीवाल से पीठ लगा बैठे थे मै उसे अपनी ओर खींचा और उसकी कमर पर सहलाने लगा उसकी पीठ मेरे सीने पर थी। मै चेहरा घुमा उसके होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर मे वो भी स्मूच करने लगी। मै: पर तूने तो वादा लिया था कि मै तेरी दीदी के सिवा किसी के साथ बदमाशी नही कर सकता।
मीनू: मेरे साथ कर सकते हो थोड़ा सा।
मै: कितना थोड़ा सा, कुची कूची भी करना है।
मीनू: कूची कुची मतलब:? मै उसकी बुर को छू कर बोला।
मै: तेरी दीदी इसे कूची कुची कहती है।
मीनू: मन होगा तो वो भी कर लेगे।
अब मै उसके होंठ चूसने लगा वो भी स्मूच कर रही थी अब उसके गाल गले गर्दन सब जगह चूसा उसके कान सीने पर चूसा धीरे से मै उसका शूट उतारने लगा वो उतारने दी अब वो सिर्फ ब्रा मे थी मै उसका ब्रा नीचे सरका नीचे कर दिया उसके 30c के मम्मे मेरे सामने थे एक दम गोरे मै दोनो को चूसने लगा वो सिसक रही थी।
उसके निप्पल एक दम गुलाबी और छोटी किशमिश जैसे थे मै खूब चूसा उन्हें वो मेरे बालों मे हाथ फेर रही थी। अब उसकी चिकनी पेट और नाभि को चूसा और धीरे धीरे पजामा खोल उतार दिया वो भी मेरा टी शर्ट उतार दी और मेरे सीने पर चूम रही थी। मै उसकी नंगी पतली टांगों को चूम चूस रहा था.
अब धीरे धीरे मै उसकी जांघ की ओर बढ़ने लगा और उसे चूसा और हल्का सा काटा भी। अब धीरे धीरे पैंटी उतार दिया उसकी चिकनी बुर मेरे सामने थी मै उसकी टांगें फैला दिया और गुलाबी गोरी बुर पर चूमने लगा वो सिसक रही थी मै जीभ से पहले उसकी बुर को गुदगुदाया वो मजे ले रही थी धीरे धीरे मै उसकी बुर चूसने लगा वो सीत्कार करने लगी और कुछ मिनटों मे ही वो झड़ गई मै सारा रस उसका पी गया।
मै वापस उसे किस करने लगा और मै अपना पेंट उतार दिया हम दोनो ही नंगे हो गए थे मै उसकी दोनो टांगों को अपने कन्धे पर रखा और लण्ड उसकी बुर पर घिसने लगा। वो सिसक रही थी धीरे से किसी तरह सुपाड़ा घुसाया उसे बहुत दर्द होने लगा था लेकिन वो बर्दाश्त कर ली थी। मै वैसे ही अन्दर बाहर करता रहा. “Free Desi Chudai Story”
चिकनाई बहुत थी तो धीरे धीरे आधा लण्ङ घुसा दिया वो अब रो गई थी उसकी आंखों मे आंसू आ गए थे मै वैसे ही उसके ऊपर लेट उसे किस करने लगा और उसे चुप कराया तो थोड़ी देर मे वो चुप हो गई तो मै धीरे धीरे चोदने लगा। कुछ देर मे उसे मजा आने लगा था.
तो मै थोड़ा और दबाव दे पूरा लण्ङ घुसा दिया वो दर्द से चीख उठी पर मै उसे स्मूच कर रहा था। कुछ देर मै वैसे ही रहा उसके मम्मे चूसते हुए तो वो थोड़ी शान्त हुई। मै धीरे धीरे उसे चोदने लगा कुछ देर मे उसे मजा आ रहा था वो आह उफ़ करने लगी थी। 20 मिनिट बाद मै भी झड़ने वाला था।
मै: मीनू, मै आने वाला हूं।
मीनू: अन्दर ही आ जाओ।
मै उसके अन्दर ही झड़ गया था वो दो तीन बार पहले ही झड़ गई थी। हम बहुत देर वैसे ही रहे। कुछ देर मे उठे तो बेडशीट पर थोड़ा खून लगा था और हमारे प्यार का रस भी। वो अब शरमा रही थी हम कपड़े अपने सही कर खाना खा लिए। अब 12 दिन हमने जम कर चुदाई करी इतना की उसके गांड़ और चूची की साइज बढ़ गई।
एक दिन तो वो नहा रही थी ब्रा पैंटी मे और मै भी नहाने वाला था तभी तेज की बारिश शुरू हो गई तो हम बारिश मे ही नहाने लगे और जिस कमरे मे नहा रहे थे वहीं दोनो पूरे नंगे हो गए और उसे गोद मे उठा बारिश मे चुदाई करने लगे। अब कुछ महीने मे मेरा एक बेटा हो गया।
एक महीने बाद मै गुड्डी, मीनू और बच्चे को ले घर आ गया था। घर पर भाभी भी थीं। अब भाभी के बारे मे कहता हूं। जब से मैने मीनू से वादा किया था कि मै किसी से रिलेशन नही रखूंगा तब जब मै और भाभी घर पर होते थे तो भाभी कभी इशारा करतीं थीं लेकिन मै इशारा नही समझने जैसा कर देता था।
दो तीन बार तो भाभी ने सीधा कह दिया था कि चलो ना मेरे कमरे मे ही सो जाओ पर मैने तबियत खराब है या कभी सर दर्द कर रहा है का बहाना बना दिया था। अब जब घर मे इतने सारे लोग थे तो भाभी कुछ कह नही पाती थीं। तीसरे फ्लोर पर तीन कमरे थे तो एक मे मै और गुड्डी अपने बेटे के साथ और दूसरे मे भाभी अपने बेटे के साथ और तीसरे मे मीनू सोती थी।
अभी गुड्डी को मायके से लाए हुए 20 दिन हुए थे। पहले तो हमने सेक्स नही किया था लेकिन पिछले हफ्ते मे तीन दिन कर चुके थे। उस शाम गुड्डी किचेन मे खाना बना रही थी हॉल मे कोई था नही सब कमरे मे थे मै बाहर से आया था। मै किचेन मे जा गुड्डी को बाहों मे पीछे से भर लिया, और गर्दन पर चुम्मियों की बौछार कर दी। “Free Desi Chudai Story”
गुड्डी: क्या कर रहे हो कोई आ जाएगा।
मै: कोई नही आएगा।
मै उसके पेट और कमर सहलाता हूं।
मै: आज एक ड्रेस लाया हूं तुम रात को पहनना।
गुड्डी: कैसी ड्रेस।
मै: है एक सेक्सी ड्रेस, रात मे पहले तुम्हे पहनाऊंगा, उसके बाद हम कूची कुची करेंगें।
गुड्डी: नही करेंगे कल ही तो किए थे रोज करने की आदत मत लगाओ आप।
मै: प्लीज यार।
गुड्डी: नही मतलब नही बहुत बदन दर्द होने लगता है।
मै: सारा दर्द दूर कर दूंगा मै।
गुड्डी: नही अब सीधा तीन दिन बाद ही कुछ कहना। मै उसका दूध दबाता हूं।
गुड्डी: मत दबाओ ब्लाउज गन्दा हो जाएगा।
मै: तो तोड़ा सा पिला ही दो कम से कम।
मै उसे पलटता हूं। वो घूमी उसका चेहरा दरवाजे की तरफ हुआ। वो मुझे धक्का दे दूर करी और धीरे से कान मे बोली भाभी हैं। मै पिछे पलटा तो भाभी जा रही थीं गुड्डी मुझे भी किचेन से निकालती है। शायद भाभी हमारी बात सुन ली थी।
कुछ देर मै बच्चो के साथ खेला और फिर नीचे पापा के पास बैठ थोड़ी बिजनेस की बातें की। कुछ देर मे खाना बन गया तो भाभी पापा को बुलाने नीचे आई। पापा चले गए ऊपर। मै भी जाने लगा तो भाभी ने कहा कि ताला लगा दो मेन गेट पर। भाभी मुझे चाभी मुझे दी और हम दोनो गेट पर ताला लगाने लगे।
भाभी: आज रात मेरे कमरे मे आ जाना।
भाभी ये बोल चली गई। पहली बार भाभी ने गुड्डी के घर मे रहते मुझे खुलकर बोला था। मै अनसुना कर चुप चाप सो गया। अब एक महीना उस वाक़िए को हुआ था और इस एक महीने के भीतर भाभी ने मुझे तीन बार और खुला इनविटेशन दिया कि सब सो जाएं तो आ जाना। मगर मै तो मजबूर था मै जा नही सकता था और ना उनको बता सकता था।
अब इसका परिणाम ये हुआ कि भाभी मेरे से नाराज हो गई और बात करना बन्द कर दी। धीरे धीरे वो और चिढ़ गई और गुड्डी से भी बात नही करती थी सीधी मुंह। मुझे बहुत दुख हुआ मेरे से भाभी की नाराजगी बर्दास्त नही हो रही थी मै उनसे कई बार बात भी करी लेकिन वो नही सुनती और उठ कर अपने कमरे मे चली जाती थी। दरअसल भाभी को चुदाई कराए हुए 5 महीने हो गए थे। एक रात मै और गुड्डी चुदाई कर रहे थे। गुड्डी: भाभी बहुत चिढ़ चिड़ी हो रही हैं। “Free Desi Chudai Story”
मै: हां।
गुड्डी: भैया कितने समय से नही आए हैं तुम्हारे।
मै: 6 महीने। क्यों।
गुड्डी: बाप री इतने टाईम कोई ना करे तो कोई भी चिढ़ चिड़ी हो जाएगी।
मै: शायद!
गुड्डी: अच्छा, एक बात बताओ आप, आप जो बाहर इतना सबके साथ करते हो भाभी के साथ ही कर लो।
मै: पगला गई हो क्या, मै अब बाहर किसी के साथ नही करता।
गुड्डी: हां तभी मै सोचूं कि आजकल रोज ईंजन गर्म क्यों रहता है आपका।
मै:(हंसते हुए) तब भी तुम मना करती रहती हो हर बार।
गुड्डी: मुझसे रोज रोज नही होगा मन हो तो भाभी के साथ कर लेना।
मै: पागल, कुछ भी बोल रही है।
गुड्डी: क्यों, कभी नही किए हो क्या भाभी के साथ।
मै कुछ नही बोला।
गुड्डी: मुझे मालूम है आपने भाभी के साथ भी किया हुआ है पहले तो आप कर सकते हो अब भी मेरे यहां होने का लोड मत लिजिए।
मै: तुम्हे कैसे पता?
गुड्डी: (हंसते हुए)पता है मुझे?
मै: बता ना, कैसे पता तुझे।
गुड्डी: आज दोपहर मै भाभी से बात कर रही थी।
मै: क्या बात कर रही थी। गुड्डी अब अपने और भाभी के बीच हुई बात बताई।
गुड्डी: दीदी आप नाराज हो मुझसे।
भाभी: नही।
गुड्डी,: तो फिर बात क्यों नही करती हमसे। कुछ देर मे भाभी बताई कि इतने महीने से इसके पापा घर नही आए इसलिए दुखी हैं बस।
गुड्डी: मै धीरे धीरे उनसे बात उगलवा ली कि इतने महीने से सेक्स नही की है तो इसलिए दुखी हैं। फिर मै उनसे कही कि आप चाहो तो अपने देवर पर ट्राई मार सकती हो। वो कुछ नही बोली मै एक दो बार और बोली तो वो थोड़ी रोने लगी और बताई कि वो पहले मेरे साथ करता था पर अब लगता है उसका मेरे से मन भर गया है। फिर मै उन्हें चुप कराई।
गुड्डी: मुझे पता है आपका मन सेक्स से कभी भरने वाला नही है तो कृपया कर आप कल सबके सोने के बाद भाभी के पास जा सकते हो।
मै उसे झूठ मुठ का अच्छा बोल सो गया। अब 20 दिन गुजर गए भाभी गुड्डी से तो बात करने लगी थी पर मेरे से बिल्कुल भी बात नही करती थी। एक रात को गुड्डी मुझे जबरदस्ती कमरे से बाहर कर बोली कि जाइए भाभी के पास और दरवाजा अन्दर से बन्द कर ली। मै हॉल मे ही सोफे पर सो गया, रात मे मीनू बाहर निकली पानी पीने तो उसने मुझे सोफे पर सोता देखा। “Free Desi Chudai Story”
वो मेरे पास आ मुझे जगाई। वो मुझसे पूछी कि यहां क्यों सो रहे हैं। यहां पर मीनू से भी कभी खुलकर बात नही हो पाई थी और पटना के बाद से तो मीनू की चुदाई भी नही हो पाई थी तो हम बात करने के लिए छत पर आ गए। वो मुझसे बाहर सोने का कारण पूछी तो मै उसे सब बता दिया कि भाभी की नाराजगी तेरी बहन मुझसे निकाल रही है और मै तेरे वादे से बंधा हूं।
मीनू: अच्छा तभी मै कहूं कि दोनो दीदी इतनी सीरियस क्या बात करतीं हैं और बड़ी दीदी तो एक दिन रो कर बात कर रही थी और मेरे आते ही चुप हो गई थी दोनो।
मै: अब तुम ही बताओ मै क्या करूं।
मीनू: (कुछ देर चुप रही) तो करो उनके साथ भी।
मै: पर तूने तो कहा था कि मै तेरे और तेरी दीदी के अलावा किसी से नही कर सकता।
मीनू: वो भी तो दीदी ही है ना।
मै: सोच लो।
मीनू: सोच ली लेकिन बस हम तीन इससे आगे मत बढ़ जाना आप।
मै अब उसे बाहों मे भर लिया।
मै: ठीक है, अब गुड्डी भाभी के बारे मे जान ही गई है और तूने परमिशन दे ही दी है अब एक दिन ऐसा आएगा कि मै तुम तीनों को एक ही बिस्तर पर एक साथ चोदूंगा।
वो मेरा मुंह बन्द करती है और हम थोड़ी देर स्मूच करते हैं। मै शूट से उसके मम्मे बाहर निकाल पिता हूं और उसके पेट सहलाते हुए उसकी सलवार की डोर खोल देता हूं और नीचे बैठ उसकी पैंटी नीचे कर उसकी बुर पर मुंह लगा देता हूं। वो मुझे थोड़ा हटाती है फिर मेरे बाल सहलाते हुए बुर चटवाने लगी और कुछ 10 मिनिट बाद वो झड़ गई।
मै उसकी बुर चाट साफ कर दिया और हम नीचे आ गए। अगली रात खाना खा कर सब अपने कमरे मे जाने लगा तो मैने मीनू को पहले ही कह दिया था कि वो भाभी को लूडो खेलने के लिए बुला लाए। मीनू भाभी को बुला लाई मेरे कमरे मे जहां मै और गुड्डी थे पर मुझे देख भाभी लौट गई।
मै: (बाहर जाते हुए) जाओ आप लोग ही खेलो मै जाता हूं। कुछ देर बाद मै कमरे मे गया भाभी ,गुड्डी और मीनू लूडो खेल रही थीं और भाभी पेट के बल लेटी थी मै वहां गया और भाभी की मोटी मोटी गान्ड पर दो थप्पड़ जड़ें। मै: वाह भाभी क्या चीज है ये। वो पीछे देखी और कुछ नही बोली।
मै: मुझसे नाराज हो भाभी आज सारी नाराजगी दूर कर दूंगा आपकी।
मै उनकी साड़ी के ऊपर से ही चूतड़ों को दबाने लगा और चूसने और काटने लगा। वो मुझे पीछे हाथ कर धकेली। मै अब पूरा उनपर लेट गया और अपना कड़क लण्ड उनकी गांड़ पर दबाने लगा। और उनके गर्दन पर चुम्मियों की बौछार करने लगा और हाथ नीचे ले जा उनके मम्मे भी धर दबोचे। वो मुझे धक्का देने की कोशिश कर रही थीं। गुड्डी और मीनू हंस रहीं थीं।
गुड्डी: आप गोदी कर दीदी को दूसरे कमरे मे ले जाओ।
मै उठा और भाभी को उठा लिया कंधे पर वो मेरे पीठ पर मार रहीं थीं। उन्हें उठा मै सीधा गया मीनू के कमरे मे और उन्हें बेड पर पटका और उनपर टूट पड़ा। उन्हें स्मूच करने लगा और चूचों को दबाने लगा वो थोड़ी देर विरोध करती है फिर साथ देने लगी मै सीधा ही अब उनकी साड़ी ऊपर किया.
वो पैंटी नहीं पहने थीं और बुर पर बाल लम्बे लम्बे थे मै अपना पेंट उतारा और लण्ड उनकी बुर मे उतार दिया बाल खींचने की वजह से उन्हें दर्द हुआ और वो चीख उठी। मै दना दन धक्के देने लगा और करीब आधे घंटे बाद उनकी बुर मे ही मॉल उगल दिया। उनको देखा तो पूरे चेहरे पर उनके आंसू थे। “Free Desi Chudai Story”
मै: दर्द ज्यादा हुआ क्या। वो मुझे चूमने लगी।
मै उठ कर अपना लण्ङ निकाल देखा तो उसपर काफी बाल लगे थे जो उनकी बुर से उखड़ गए थे। उन्हें खड़ा किया तो उन्हें बड़ा दर्द हो रहा था। वो बाथरुम जा आई तो लंगड़ा कर चल रही थीं मै गोद उठा वापस अपने कमरे मे ले जा बेड पर पटक दिया। और उनके सीने पर चूमने चूसने लगा। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
मै: अब किसकी बारी है, अब तेरी बारी।
मै गुड्डी की तरफ इशारा कर बोला। वो बेड से उठ भागने लगी। मै उसे पकड़ लिया और गोद मे उठा दूसरे कमरे मे ले जा पटका और जम कर चुदाई किया। वो भी 20 दिन से मुझे नही दी थी तो कस कस कर धक्के मारा तो थोड़ा दर्द उसे भी हो गया। अब हमारा रोज का रूटीन हो गया कभी मै गुड्डी को चोदता तो कभी भाभी को हर दो तीन दिन पर।
पर मीनू और मुझे मौका नही मिल रहा था बस मै कभी कभी उसकी बुर चाट चूस पाता वो भी छत पर। वो भी तड़प गई थी लण्ङ के लिए, पर हम कैसे बताए ये बड़ी मुश्किल थी। कुछ समय बाद मेरे भतीजे का बर्थडे था तो मेरा बड़ा भाई और मेरा छोटा भाई भी बेंगलुरु से आया हुआ था उसकी भी जॉब लग गई थी MBA के बाद। जब सब चले गए तो एक शाम हम चारों ही कमरे मे बैठ लूडो खेल रहे थे।
भाभी: मीनू को तो मै अपनी देवरानी बनाऊंगी अब।
मीनू शरमा गई।
मै: क्यों क्या हुआ।
भाभी: तेरा छोटा भाई मुझसे बोल कर गया है कि वो मीनू से प्यार करने लगा है उससे ही शादी करना चाहता है।
मै: मीनू और तू, तू भी प्यार करती है क्या।
मीनू शरमा कर कुछ नही बोली।
गुड्डी: अच्छा तभी मै कहूं कि आज कल ये इतना हंसती क्यों है। बात बात पर।
मै मीनू को पकड़ लेता हूं बाहों मे।
मै: तूने मुझे नही बताया।
मै चुपके से उसके मम्मे मसल देता हूं। वो आउच कर हंसती है।
मै: चल ठीक ही है एक भाई की बीबी को तो मै प्यार करता ही हूं अब तुझे भी करूंगा।
मै उसे किस करने लगा वो दूर हट रही थी शरमा कर।
भाभी: हां करो करो तुम लोगो के बीच क्या चल रहा है जैसे हमें पता ही नही है।
गुड्डी और भाभी हंस रहीं थीं मीनू शरमा गई थी।
मै: अब पता चल ही गया है तो चलने दो।
मै मीनू को गोद मे उठा दूसरे कमरे मे ले गया और सबसे पहले तो उसकी चिकनी बुर चाटी और पूरे कपड़े उतार बुर मे लण्ङ पेल चुदाई करने लगा काफी दिनों के बाद उसकी चुदाई हुई थी तो काफी मस्ती आई थी उसे। 30 मिनिट की चुदाई मे वो तीन बार छड़ चुकी थी। “Free Desi Chudai Story”
कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : सोफे पर ही चुदवाने लगी चुदासी भाभी
मै: मीनू कहां निकालू।
मीनू: अन्दर मत निकालना।
मै दो धक्के मार बाहर निकला और सोचा बुर पर झड़ जाऊं फिर मुझे पता नही किया हुआ मै अपनी सांस कन्ट्रोल किया और नंगे ही अपने कमरे मे गया। भाभी और गुड्डी मुझे नंगा देख चौंक गई।
भाभी: ये क्या है ऐसे क्यों आ रहे हो।
दोनो हंस भी रहीं थीं मै सीधा भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी साड़ी उठा उनकी बुर पर मुंह लगा दिया और चूसने लगा वो आह आह करने लगी और मेरा सर ढकेलने लगी। गुड्डी उठकर जाने लगी तो मै उसका हाथ पकड़ लिया।
मै: भाई अभी गया है तो आपकी चुदाई भी करी होगी उसने।
भाभी: हां. मै: आपने अन्दर लिया माल या बाहर।
भाभी: उन्होंने प्रोटेक्शन यूस किया था।
मै: आज मै आपको 9 महीने के लिए भर दूंगा।
मै जल्दी से लण्ङ उनकी बुर मे डाल चुदाई करने लगा उधर से मीनू भी कपड़े पहन लंगड़ाते हुए आई। मै धक्का धक भाभी को पेलने लगा और कुछ देर मे उनके अन्दर ही झड़ गया। अब गुड्डी को पकड़ उसके ब्लाउज खोल दूध पीने लगा और एक चूंची की फुहार मीनू की ओर मोरा वो शर्मा कर दूसरी ओर मुंह कर ली। मै अपने मुंह मे दूध भर लिया और मीनू के मुंह मे दिया जिसे वो पी गई।
अब गुड्डी की बुर चाट उसे झड़ा दिया और उसकी चुदाई करने लगा उसके बाद भाभी की एक बार और चुदाई करी और सो गए। अब एक साल बाद मीनू की मेरे छोटे भाई से शादी हो गई और सब हँसी खुशी रहते हैं। आज भी हमे जब मौका मिलता है तो जम कर चारों मिलकर मजे करते हैं। कहानी पूरी पढ़ने के लिए धनवाद। अगर आपको हमारी कहानी पसन्द आई तो कमेंट करें और दोस्तों के साथ शेयर करें। lovesingh171099@gmail.com
Rohit says
Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058516117 only ladie