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ज़ोहरा के साथ वासना भरा सेक्स 2

June 9, 2025 by crazy

Desi Chut XXX Kahani

दोस्तों मेरी पिछली कहानी “ज़ोहरा के साथ वासना भरा सेक्स 1“ में मैंने बताया था कि कैसे मेरा ठिकाना आलम साहब के घर में हुआ और फिर यहाँ जो ननद-भाभी की चूत के दर्शन सुलभ हुए तो वारे न्यारे हो गए और बाद में जब दोनों के बीच सब कुछ साफ़ हो गया तो मेरी उँगलियाँ समझो कि घी में तैर गईं। Desi Chut XXX Kahani

दोनों ने समझौता कर लिया था और अब यह होता था कि भाई साहब ने बीवी और बहन को समझो, मेरे हवाले कर दिया था और अब एक रात मेरे साथ समीना सोती थी तो एक रात ज़ोहरा। ऐसे ही महीना गुज़र गया। इस बीच कम्पनी में गुड़गांव से एक मेरी ही उम्र का लड़का विपिन ज्वाइन हुआ था और हफ्ते भर में ही मेरी उससे बड़ी अच्छी जम ने लगी थी।

दोनों ही शादी के रिश्तों से दूर अकेले थे तो दोस्ती हो जाना कोई बड़ी बात नहीं थी और हमारे बीच अंतरंग बातें भी साझा होने लगी। वह भी एक नंबर का चोदू था लेकिन अभी उसके पास कोई जुगाड़ नहीं था और वो मुझे उकसाता था कि मैं ही उसके लिए कुछ जुगाड़ करूँ।

मैंने डरते-डरते समीना से उसके लिए बात की तो मुझे सीधे धमकी सुनने को मिल गई कि अगर मैं किसी दोस्त को इस नियत से घर भी लाया तो समझो मेरा पत्ता यहाँ से कटा। फिर मैंने ज़ोहरा से बात की तो जैसे तूफ़ान ही आ गया। वह तो ऐसे भड़की जैसे मैंने पता नहीं कौन सा गुनाह कर दिया।

बकौल उसके यह उसकी मजबूरी थी कि वो मेरे साथ सो रही थी लेकिन मैं इससे आगे ऐसा सोच भी कैसे सकता हूँ और वो भी एक दूसरे धर्म के लड़के के साथ? छि: छि:… और वो मुझे लटी-पटी सुना कर ऐसे गई कि तीन दिन तो अपनी शकल ही न दिखाई और करीब सात-आठ दिन मुझे उसकी चूत के दर्शन भी न हुए।

इस बीच तीन बार समीना से काम चलाया। लेकिन कहते हैं न एक बार जब चूत को लंड की लत लग गई तो चुदाई का तय वक़्त होते ही उसमें अपने आप ‘चुल्ल’ मचने लगती है और फिर कुछ सही गलत, अच्छा बुरा नहीं दिखता। आठ दिन जैसे तैसे गुज़ार कर आखिरकार फिर वो मेरे पास वापस आ ही गई, लेकिन विपिन से चुदने को अब भी तैयार नहीं थी.

और अपनी जीत होते देख मैंने भी इस प्रकरण को एंड नहीं किया और उसे लैपटॉप और मोबाइल पर ‘एमएमऍफ़’ यानि दो मर्द और एक औरत की चुदाई वाली फ़िल्में दिखा-दिखा कर उस अकूत आनन्द के बारे में बता-बता कर उसकी कल्पनाओं को अपने मनमाफिक उड़ान देता रहा।

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कहते हैं न कि बात चाहे कितनी भी गन्दी और घिनौनी क्यों न हो लेकिन बार-बार कानों में पड़ती है तो मन को उसे सुनने की आदत हो जाती है और फिर विरोध भी शनै: शनै: क्षीण हो कर ख़त्म हो जाता है और ऐसा ही ज़ोहरा के साथ भी हुआ। जो बात पहली बार सुन कर वो आगबबूला हो गई थी.

करीब पंद्रह दिन के बाद उसी बात पर उसने यह पूछ लिया कि वो (विपिन) पूरी दुनिया को बताएगा तो नहीं? मुझे तो जैसे मुँह-मांगी मुराद मिल गई। मैंने उसे भरोसा दिलाया कि वो मेरा खास दोस्त हे और बेहद भरोसे का इंसान है और वैसे भी वो परदेसी है एकाध महीने के बाद वापस चला जाएगा तो किसी को बता कर भी क्या हासिल कर लेगा।

फिर मैंने यह खुशखबरी विपिन को सुनाई… वह पट्ठा भी सुन कर प्रसन्न हो गया कि चलो उसके लंड के लिए कुछ जुगाड़ तो हुआ। मैंने ज़ोहरा को स्कीम समझाई और समीना को भी पटाया कि अब रात का सेक्स बहुत हो चुका, मैं दिन के उजाले में निदा को देख-देख कर चोदना चाहता हूँ।

वह ऐसा करे कि किसी दिन अपने परिवार को लेकर अपने मायके, जो चांदनी चौक में था, वहाँ चली जाए और रात को ही वापस लौटे। समीना पहले तो मानी नहीं, लेकिन जब थोड़ा गुस्सा दिखाया और चले जाने को कहा तो लंड हाथ से निकलते देख फ़ौरन तैयार हो गई और रविवार के दिन का प्लान बना लिया। फिर वह मुरादों वाला रविवार भी आया।

समीना सुबह ही अपने परिवार को लेकर निकल गई और दस बजे मैंने विपिन को बुला लिया। वह जब आया तो ज़ोहरा और मैं दोनों नीचे ही बैठे थे। दिखने में बंदा मुझसे भी हैंडसम था और उसे प्रथम दृष्टया देख कर ज़ोहरा की आँखों में डर, अरुचि, मज़बूरी या अप्रियता के भाव न आए, बल्कि उसकी आँखें शर्म से झुक गईं तो मुझे तसल्ली हुई कि अब ऐन मौके पे पट्ठी बिदकेगी नहीं।

इधर ज़ोहरा को देख कर विपिन भी गदगद हो गया। क्यूंकि ज़ोहरा का भले ही तलाक हो गया था पर वह एक 20 साल की ज़बरदस्त माल थी। बहरहाल, ज़ोहरा को मैं नीचे ही छोड़ कर उसे ऊपर अपने कमरे में ले आया और हम इधर-उधर की बातें करने लगे। विपिन उतावला हो रहा था लेकिन मैं ज़ोहरा को मानसिक रूप से तैयार होने के लिए थोड़ा समय देना चाहता था।

करीब आधे घंटे बाद मैंने उसे आवाज़ देकर ऊपर बुलाया। उसने मेरी पुकार का उत्तर तो दिया, लेकिन ऊपर न आई… मैंने दो बार और बुलाया लेकिन वह ऊपर न आई तो मैंने विपिन से कहा- नीचे ही चलना पड़ेगा बेटा। इसके बाद अपने प्रोग्राम के लिए मैंने और विपिन ने वो सामान उठाया जो विपिन को मैंने लाने को कहा था और वो लेकर आया था.

उसमें से हम दोनो ने सेक्स पॉवर गोली खाई और शहद लेकर साथ में नीचे पहुँचे तो वह अपने कमरे में पहुँच चुकी थी। जिस वक़्त हम दरवाज़े की चौखट पर पहुँचे वह अपने बेड के पायताने बैठी अपने पांव के अंगूठे से फर्श को कुरेद रही थी और चेहरा नीचे झुका रखा था। दुपट्टा कायदे से सीने पर व्यवस्थित था।

मैं उसके पास आ बैठा और उसे अपने कंधे से लगा कर उसका सर सहलाने लगा। मेरे इशारा करने पर विपिन भी ज़ोहरा की दूसरी तरफ उसके पास आ बैठा और उसकी वजह से ज़ोहरा जैसे और भी सिमट गई। मैंने उसके पहलू से हाथ अन्दर घुसा कर उसकी एक चूची सहलानी शुरू की और दूसरे हाथ से उसका चेहरा थाम कर उसके होंठ चूसने लगा।

विपिन ने यह देख उसकी जाँघ पर हाथ रखा लेकिन उसने झटक दिया। विपिन ने मुझे देखा तो मैंने आँखों के इशारे से उसे कोशिश करते रहने को कहा और खुद अपने हाथ से उसका दुपट्टा हटा कर अलग फेंक दिया। विपिन ने फिर उसकी जाँघ पर हाथ रखा… ज़ोहरा ने फिर उसका हाथ झटकना चाहा.

लेकिन इस बार मैंने थोड़ी फुर्ती दिखाते हुए अपने दोनों हाथ उसकी बगलों में घुसा कर ऊपर किए तो उसके दोनों हाथ स्वमेव ही मेरे कन्धों पर आ गए और फिर मैंने अपने होठों से उसके होंठ समेट लिए और उसको जबरदस्त स्मोच करने लगा। अब विपिन थोड़ा और सरक के ज़ोहरा से एकदम सट गया और सीधे हाथ से उसकी जाँघें सहलाते हुए, उलटे हाथ से ज़ोहरा की कमर थाम ली।

इस नए स्पर्श से ज़ोहरा एकदम से सिहर गई। उसकी झुरझुरी मैंने भी महसूस की। उसने हिलने, कसमसाने की कोशिश की लेकिन हम दोनों की रगड़ ऐसी सख्त थी कि फिर ढीली पड़ गई और विपिन के नए अजनबी हाथों को जैसे आत्मसात कर लिया। विपिन ने सीधे अपने हाथ को उसके तन पर फिराते हुए, कपड़ों के ऊपर से टेनिस बॉल जैसे लगने वाले उसके उरोज़ों पर ले आया। “Desi Chut XXX Kahani”

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ज़ोहरा ने फिर झुरझुरी ली, लेकिन मैंने उसे छूटने न दिया और आरम्भिक कसमसाहट के बाद जैसे अवरोध ख़त्म हो गया और विपिन बड़े प्यार से उसकी चूचियों को सहलाने, दबाने लगा। मैंने तो ज़ोहरा के हाथों को ऊपर किए अपने हाथ उसकी पीठ पर रखे। उसकी गर्दन और पीठ सख्ती से थाम रखी थी. ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

लेकिन विपिन कुछ देर ऊपर से उन स्पंजी चूचियों का मर्दन करने के पश्चात् उसकी कुर्ती के अन्दर हाथ घुसा कर, उसकी त्वचा से स्पर्श करते हुए अब उसकी ब्रा तक पहुँच गया था और उसे ऊपर खिसकाने की कोशिश कर रहा था। त्वचा पर उसकी गर्म हथेलियों की रगड़ ने पहले तो ज़ोहरा को सिहराया, फिर इसी रगड़ ने उसे उत्तेजित करना शुरू कर दिया।

जब विपिन उसकी ब्रा को ऊपर खिसका कर उसकी नग्न चूचियों तक पहुँचने में कामयाब रहा। अपने सधे हुए हाथों से उन नरम गुदाज गेंदों को सहलाते, दबाते उसके चुचूकों को मसलने और छेड़ने लगा, तो ज़ोहरा के शरीर में एकाएक बढ़ी उत्तेजना मैं साफ़ अनुभव करने लगा। उसके चुम्बन में प्रगाढ़ता और आक्रामकता आ गई।

उसकी सहायता के लिए मैंने न सिर्फ अपने हाथों को उसकी पीठ पर रखे हुए ज़ोहरा की ब्रा के हुक खोल दिए बल्कि हाथ नीचे करके उसकी कुर्ती को एकदम से ऐसा ऊपर उठाया के उसकी भरी-भरी चूचियां विपिन की आँखों के आगे एकदम से अनावृत हो गईं और वह दोनों हाथों से उन पर जैसे टूट पड़ा।

उत्तेजना के अतिरेक से ज़ोहरा की आँखें बंद सी हो गईं। मैंने उसके होठों को छोड़ कर उसके गालों, गर्दन और कान को चूमते, चुभलाते और रगड़ते विपिन को संकेत किया और उसने मेरा संकेत समझते ही शहद उठा लिया। यह शहद उसने ज़ोहरा की दोनों भूरी-गुलाबी घुंडियों पर मल दिया.

और फिर एक चूची को उसने अपने मुँह में समेट लिया और ज़ुबान से उसकी घुंडी पर लगा शहद चूसने लगा। एक हाथ से न सिर्फ वह ज़ोहरा की दूसरी चूची सहला रहा था, बल्कि उसकी घुंडी पर शहद भी मल रहा था। मैं ज़ोहरा के चेहरे को चूम रहा था और रगड़ रहा था, उसकी पीठ को सहला रहा था.

और विपिन एक-एक कर के दोनों चूचियों और घुंडियों पर शहद मल-मल कर उन्हें चूस रहा था। ज़ोहरा की सांसें उखड़ने लगी थीं। उसके सारे शरीर में लहरें सी दौड़ने लगी थीं और साँसें भारी हो कर ‘सी-सी’ में बदल गई थीं। फिर विपिन ने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसे नीचे करने की कोशिश की. “Desi Chut XXX Kahani”

लेकिन इस हाल में भी ज़ोहरा ने अपनी सलवार थाम ली और उसे नीचे नहीं होने दिया। मैंने उसके हाथ फिर बांध लिए और इस बार विपिन को सफलता मिल गई। उसने सलवार नीचे कर दी और खाली हाथ से पैंटी के ऊपर से ही उसकी पाव-रोटी जैसी फूली हुई चूत पर हाथ फिराया तो ज़ोहरा कांप गई।

विपिन के साथ ही मैंने भी अपना हाथ वहाँ पहुँचाया, तो उसकी पैंटी गीली मिली। विपिन ने तो नहीं, पर मैंने ही उसके चूतड़ों की तरफ हाथ ले जाकर उसकी पैंटी की इलास्टिक में उंगली फँसाई और उसे थोड़ा उचका कर पैंटी को नीचे खिसकाने लगा। अवरोध डालने के लिए ज़ोहरा ने ताक़त लगाई.

लेकिन विपिन ने भी नीचे हाथ डाल कर उसके चूतड़ों को ऊपर उठा दिया और पैंटी चूतड़ से नीचे हो गई और फिर दोनों जाँघों पर हम दोनों ने दबाव डाल कर उसकी पैंटी को उसके घुटनों तक पहुँचा दिया। और.. यूँ विपिन को उसकी मखमली बुर के दर्शन हुए और मुझे भी दिन के उजाले में पहली बार ज़ोहरा की उस चूत के दीदार हुए, जिसे मैं रातों के अँधेरे में कई बार अपनी ज़ुबान से भी चख चुका था। “Desi Chut XXX Kahani”

आज बुर बिल्कुल सफाचट थी। लगता था जैसे सुबह ही शेविंग की हो… यानि मन से बंदी तैयार थी इस नए अनुभव के लिए। बालों की जगह हल्का हरापन था और चूँकि हम बैठे या यह कहो कि अधलेटी अवस्था में थे तो बुर के पूरे दर्शन तो नहीं हो पा रहे थे, लेकिन ऊपर से जो आधी दिख रही थी उतनी भी कम शानदार नहीं थी।

उत्तेजना में हल्का सा उठा छोटा मांस और नीचे रक्षा कवच जैसी क्लियोटोरिस-वाल गहरे रंग में उत्तेजना के कारण अपने पूरे वजूद में दिख रही थी। मेरे साथ विपिन भी इस नज़ारे से मस्त हो गया। उसने अपनी उँगलियाँ नीचे ले जाकर उसकी सम्पूर्ण योनि पर फिराई तो ज़ोहरा काँप कर रह गई और उधर योनि से बहा चिपचिपा पदार्थ उसकी ऊँगलियों से लग गया।

उसने अपनी ऊँगलियों को नाक के पास ला कर सूंघा और ऐसा लगा जैसे उस महक से विपिन मस्त हो गया हो। विपिन की आँखें बंद हो गईं, कुछ पल के लिए और उसने अपने होंठों से ज़ोहरा की घुंडी निकाल कर ज़ुबान से उस लिसलिसे कामरस को चखा और फिर उसे उसी चूची पर लगा कर फिर उस पर अपनी ज़ुबान रगड़ने लगा।

अब ज़ोहरा के चेहरे गर्दन से होकर मैं भी झुकते हुए उसकी बाईं चूची पर पहुँच गया। अब ज़ोहरा पीछे की तरफ इतना झुक गई कि उसे सहारे के लिए अपने हाथ बिस्तर पर टिका देने पड़े। और हम दोनों शहद मल-मल कर उसकी घुंडियों और चूचियों को ऐसे चूसने लगे जैसे कोई भूखे बच्चे दूध पीने में लगे हों। “Desi Chut XXX Kahani”

यूँ तो उसकी चूत अनावृत थी लेकिन अभी हम सिर्फ उसे ऊपर से ही सहला रहे थे और इतने में भी ज़ोहरा की गहरी-गहरी सिसकारियाँ छूटने लगी थीं। दोनों घुन्डियाँ उत्तेजना से एकदम कड़ी होकर रह गई थीं। फिर मैं अपने पैर समेट कर बिस्तर पर ऊपर आ गया. ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

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और ज़ोहरा की पीठ के पीछे होकर उसे अपने सीने से लगाते हुए ऐसे सम्भाल लिया कि एक हाथ से उसका चेहरा दबाव बना कर अपनी तरफ मोड़ लिया और उँगलियाँ शहद से भीगा कर उसके होंठ और चेहरे को गीला कर दिया और अपनी बेक़रार जीभ से उसे चाटने लगा, तो दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहलाते हुए उसके दाने को उँगलियों से गर्म करने लगा।

और इस पोज़ीशन में विपिन अपने दोनों हाथ और मुँह से ज़ोहरा की गदराई चूचियों का स्तनपान करने लगा। साथ ही उसने अपनी पैंट और चड्डी नीचे खिसका कर अपना लंड बाहर निकाल लिया था, जो उत्तेजना से कड़ा हो कर अपने पूरे आकार में फनफना रहा था।

मुझे कहने में कोई हिचक नहीं कि उसका लंड मेरे मुकाबले न सिर्फ लम्बा था, बल्कि मुझसे मोटा भी था लगभग ८इंच और उसका रंग भी इतना गोरा था कि वह किसी को भी पसंद आ सकता। जब उसने ज़ोहरा का हाथ थाम कर उसे अपने लंड पर रखा तो ज़ोहरा ने चौंक कर आँखें खोलीं और उसे देखा और फ़ौरन अपना हाथ वापस खींच लिया.

लेकिन इस एक पल में मुझे उसकी आँखों में लहराए जो भाव दिखे, वो यह सन्देश दे गए कि उसे विपिन का लंड भा गया था और फिर शर्म से उसने अपनी आँख बंद कर लीं और हम फिर अपने काम में लग गए। यहाँ भी मुझे ही विपिन की मदद करनी पड़ी।

मैंने ज़ोहरा का हाथ ले जाकर उसके लंड पर रख कर ऐसा दबाया कि उसे संकेत समझ कर लंड हाथ में लेना पड़ा और वो उसे पकड़े ही रहती अगर विपिन उसके हाथ को ऊपर-नीचे न करता। बहरहाल अब मैं ज़ोहरा के चेहरे और होंठों को चूसे जा रहा था, विपिन उसकी चूचियों को मसल-मसल कर घुंडियों का हाल बेहाल किए दे रहा था.

और ज़ोहरा खुद धीरे-धीरे विपिन के लंड को सहला और दबा रही थी। जब ऐसे ही कुछ देर हो गई तो मैंने भी अपना लोअर नीचे खिसका कर अपना सामान बाहर निकाल लिया और ज़ोहरा की गर्दन पर दबाव डाल कर उसे इतना झुका दिया कि वो अधलेटी सी हो कर बाएं करवट हो कर झुकी और मेरे लंड तक पहुँच गई।

पहले तो नए शख्स के सामने शर्म के कारण चेहरा इधर-उधर हटाया, लेकिन मेरे ज़ोर डालने पर उसे मुँह में ले ही लिया और उस पर अपनी जीभ रोल करने लगी। पर इस अवस्था में उसकी दोनों चूचियाँ नीचे हो कर विपिन के आक्रमण से सुरक्षित हो गईं। तो विपिन ने उसके नग्न गोरे और चमकते हुए चूतड़ों पर ध्यान दिया।

वो पीछे से उसके चूतड़ों के बिलकुल करीब हो कर दोनों हाथों से डबल-रोटी जैसे मुलायम और गद्देदार चूतड़ों को फैला कर पीछे से उसकी गाण्ड का गुलाबी छेद और पीछे ख़त्म होती उसकी बुर को देखने लगा, जो मुझे तो नहीं दिख रही थी लेकिन मुझे पता है कि उसके कामरस से नहायी पड़ी होगी। “Desi Chut XXX Kahani”

उस रस से उसने अपनी उंगली अच्छे से गीली की और फिर ज़ोहरा की गाण्ड के छेद को कुरेदने लगा। छेद पर उसकी ऊँगली का स्पर्श पाते ही ज़ोहरा एकदम कसमसाई लेकिन मैंने उसकी पीठ पर दबाव डाल कर उसे रोक लिया। और उसी जद्दोजहद के बीच विपिन ने अपनी चिकनाई से भरी ऊँगली उसकी गाण्ड के छेद के अन्दर उतार दी।

ज़ोहरा उंगली अन्दर होते ही मचली और उसके मुँह से एक ‘आह’ निकल गई। अब ये तो तय था कि मेरे जैसे गाण्ड के शौक़ीन से चुदने के बाद किसी लड़की का पिछला छेद बचने वाला तो था नहीं और विपिन की ऊँगली मेरे लंड से मोटी तो थी नहीं। इसलिए ज़ोहरा को कोई फर्क अगर पड़ना था.

तो बस यही कि उसकी उत्तेजना एकदम से अपने चरम पर पहुँच गई और वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड पर आक्रमण करने लगी और उतने ही ज़ोर से विपिन भी उसके शरीर की ऐंठन को पढ़ कर अपनी ऊँगली उसकी गाण्ड में अन्दर-बाहर करने लगा। और ज़ोहरा की नाक से फूटती साँसों का बेतरतीब क्रम बता रहा था कि वो अपने चरम पर पहुँच चुकी थी.

और फिर देखते-देखते वह लंड मुँह से निकाल कर एकदम से अकड़ गई और अपना चेहरा बिस्तर की चादर में छुपा लिया। कुछ पल के लिए हम तीनों ही अलग हो कर हांफते हुए अपने आपको सँभालने लगे। अब मैं ज़ोहरा के पास ही अधलेटी अवस्था में था और बीच में ज़ोहरा एकदम औंधी पड़ी थी और उसके चूतड़ों के पास विपिन कुहनी के बल लेटा उसकी गाण्ड को निहार रहा था।

ज़ोहरा की चूचियाँ भले अब भी नग्न थी और बिस्तर की चादर से रगड़ खा रही थीं, लेकिन पीठ पर उसकी कुर्ती नीचे सरक कर कमर तक पहुँच गई थी और उसकी सलवार और पैंटी उसके घुटनों पर थी जिससे उसके चूतड़ वैसे ही नग्न और आमंत्रण देते लग रहे थे।

तीन-चार मिनट में ही विपिन ने इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया और उसके चूतड़ों को सहलाने लगा। दो मिनट की विपिन की मालिश के बाद ज़ोहरा के जिस्म में जैसे जान आई। उसने चेहरा उठा के मुझे देखा और फिर जैसे शरमा कर चेहरा नीचे कर लिया। मैंने उसे बगलों में हाथ देकर उठाया और इस तरह चूमने लगा. “Desi Chut XXX Kahani”

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जैसे इसी ज़रिये से मैं उसका आभार प्रकट कर रहा होऊँ। कुर्ती सरक कर नीचे जाने को हुई तो मैंने उसे थाम कर ऐसा ऊपर किया कि जिस्म से अलग करके ही छोड़ा। साथ ही उसकी ब्रा को भी उसकी बाहों से निकाल फेंका। मैंने यह पाया कि अब वह अवरोध उत्पन्न नहीं कर रही थी.

जिससे पता चलता था कि इस रगड़ा-रगड़ी से वो मानसिक रूप से पूरी तरह डबल डोज़ के लिए तैयार हो चुकी थी। इस तरह का सहवास हालांकि भारतीय समाज में आम नहीं है और किसी सीधी-सादी घरेलू लड़की या महिला के लिए तो असम्भव हद तक मुश्किल भी लेकिन अगर धीरे-धीरे सब्र और इत्मीनान से कोशिश की जाए.

तो किसी ऐसी शरीफजा़दी लड़की को भी मानसिक रूप से तैयार किया जा सकता है। और ज़ोहरा के इस समर्पण को देख विपिन ने भी उसकी सलवार पैंटी समेत नीचे की और उसके पंजों से निकाल कर नीचे ही डाल दी। अब हम दो कमीने मर्दों के बीच वो बेचारी पर्दानशीं एकदम नग्न अवस्था में अधलेटी शर्मा रही थी.

और उसकी शर्म देख कर मुझे भी ये अन्याय लगा कि हम उसके सामने कपड़ों में रहें। मैंने विपिन को कपड़े उतारने को बोला और ज़ोहरा को अलग कर के अपने सारे कपड़े उतार फेंके। अब ठीक था… हम तीनों ही मादरजात नग्न थे और मेरे इशारे पर विपिन भी ऐसा सट गया था कि हम तीनों ही एक-दूसरे से रगड़ रहे थे।

विपिन ने उसका चेहरा थाम कर उसे चूमने की कोशिश की, लेकिन ज़ोहरा ने शर्म से चेहरा घुमा लिया और वो पीछे से उसकी गर्दन पीठ पर चुम्बन अंकित करने लगा। जबकि मैंने सामने से उसके कान की लौ चुभलाते हुए उसकी ढीली गदरायी चूचियों को दबाने, सहलाने लगा। ऐसा नहीं था कि विपिन के हाथ खामोश थे… ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

वह भी उसे सहलाए, दबाए और रगड़े जा रहा था। इस बार उसने इशारा किया जिसे समझ कर मैंने ज़ोहरा को घुमा कर सीधा किया और इस स्थिति में ले आया कि उसकी पीठ अधलेटी अवस्था में मेरे पेट से सट गई और उसके नितम्ब बेड के किनारे ऐसे पहुँच गए कि जब विपिन बिस्तर से नीचे उतर कर उसकी टांगों के बीच बैठा तो उसका चेहरा ज़ोहरा की सामने से खुली चूत से बस कुछ सेंटीमीटर के फासले पर था। “Desi Chut XXX Kahani”

उसने दोनों हाथों से ज़ोहरा का पेट और पेड़ू सहलाते हुए अंगूठे से उसकी क्लियोटोरिस को छुआ व सहलाया और फिर ज़ुबान लगा दी। ज़ोहरा ‘सिस्कार’ कर कुछ अकड़ सी गई और अपनी मुट्ठी में मेरी जाँघ दबोच ली। अब विपिन ने उसके नितम्बों के नीचे से हाथ डाल कर उसकी जाँघें दबा लीं और अपनी थूथुन ज़ोहरा की चूत में घुसा कर उसे चाटने और कुरेदने लगा।

बहुत ज्यादा देर नहीं लगी जब ज़ोहरा का शरीर कामज्वार से भुनने लगा। मैं उसे अपने से सटाये उसके वक्षों को मसल रहा था और उसे बीच-बीच में चूम रहा था, लेकिन उसे अपने लंड को मुँह में नहीं लेने दे रहा था। मैं नहीं चाहता था कि मेरी उत्तेजना अपने समय से पहले चरम पर पहुँच जाए।

जब लगा कि अब वो काफी गर्म हो चुकी है तो मैंने उसे खुद से अलग किया और विपिन को ऊपर जाने को बोला। विपिन उठ कर ऊपर हो गया और मैं नीचे उसकी जगह… मैंने हथेली से ज़ोहरा के कामरस और विपिन की लार से बुरी तरह गीली हो चुकी बुर को पोंछा और फिर खुद अपनी जीभ वहाँ टिका दी। साथ ही अपनी बिचल्ली ऊँगली उसके छेद में अन्दर सरका दी।

ऊँगली अन्दर जाते ही ज़ोहरा ऐसा ऐंठी कि उसी पल उसके पास अपना चेहरा ले गए विपिन को थाम लिया और विपिन और ज़ोहरा ऐसे प्रगाढ़ चुम्बन में लग गए, जैसे अब वह कोई और ही न हो, कोई अपना हो। मैं अपने काम में लगा था। न सिर्फ जुबां से उसके दाने और क्लियोटोरिस को रगड़ रहा था बल्कि ऊँगली से उसकी बुर भी चोद रहा था और ज़ोहरा की उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी।

ज़ोहरा को चूसते विपिन की निगाह मुझसे मिली तो मैंने उसे आँखों ही आँखों में लंड चुसाने को कहा और उसने अपना चेहरा पीछे कर के खुद घुटनों के बल हो कर अपना लंड ज़ोहरा के होंठों के एकदम करीब कर दिया। ज़ोहरा की निगाहें उस हाल में भी मेरी तरफ गईं और मेरे प्रोत्साहित करने पर उसने विपिन के लंड को अपने मुँह में जगह दे दी।

विपिन की आँखें आनन्द से बंद हो गईं और उसने ज़ोहरा का सर थाम लिया। मैं नीचे ज़ोहरा की चूत चाटने में और ऊँगली से चोदने में मस्त था और वो लार बहा-बहा कर विपिन का लन्ड चूसने में मस्त थी। पर विपिन के लिए भी यूँ लन्ड चुसाना घातक हो सकता था इसलिए उसने भी स्थिति को समझते हुए अपना लन्ड निकाल लिया और ज़ोहरा मुँह खोले ही रह गई।

ज़ोहरा अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और चुदने के लिए लगातार सिस्कार-सिस्कार कर ऐंठ रही थी। मैं उठ गया और अपने लंड को थोड़ा थूक से गीला कर के उसकी चूत पर रखा और हल्के से अन्दर सरकाया, सुपाड़े के अन्दर जाते ही ज़ोहरा की ‘आह’ छूटी और तीन बार में अन्दर-बाहर कर के मैंने समूचा लंड अन्दर सरका दिया और उसके घुटने थाम कर धक्के लगाते हुए उसे चोदने लगा। “Desi Chut XXX Kahani”

अब विपिन उसकी पीठ से टिक गया और उसकी हिलती हुई चूचियों को अपने हाथों से सम्भाल कर उन्हें दबाते और सहलाते पीछे से उसके होंठों को चूसने लगा। थोड़ी देर के धक्कों के बाद मैंने विपिन को आने को कहा। वो नीचे आ गया और मैं अलग हट गया। अब ज़ोहरा बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई और विपिन उसकी जाँघों के बीच आ गया।

मेरे लन्ड के अन्दर-बाहर होने से उसका छेद तो अन्दर तक खुल ही चुका था, लेकिन फिर भी विपिन का लंड न सिर्फ मुझसे लम्बा था बल्कि 3 या 3:50 इंच मोटा भी था इसलिए जब उसने आधा लंड पेला, तभी ज़ोहरा की ज़ोर की ‘कराह’ निकल गई। कुछ टाइम रुक कर विपिन ने भी अपने लंड के हिसाब से जगह बना ही ली और हचक कर चोदने लगा।

मेरे मुकाबले उसके चोदने में ज्यादा जोश और ज्यादा आक्रामकता थी। इसका कारण भी था कि वो उसके लिए एकदम नया और फ्रेश माल थी, जबकि मैं तो महीनों भर से उसे चोद रहा था और इस नए-पन का मज़ा ज़ोहरा को भी भरपूर आ रहा था। उसका चेहरा उत्तेजना से सुर्ख हो रहा था, साँसें मादक सीत्कारों में बदल गई थी.

आँखें जैसे चुदाई के नशे में खुल ही नहीं पा रही थीं और अपनी उत्तेजना को वो बिस्तर की चादर अपनी मुट्ठियों में दबोच कर उसमें जज़्ब कर देने कि कोशिश कर रही थी। थोड़ी देर की चुदाई के बाद विपिन हटा तो मैं उसकी चूत पर चढ़ गया। हालांकि विपिन के लंड ने जो जगह बनाईं वो उसके लंड निकालते ही एकदम से कम न हो पाई.

और मेरे लंड डालने पर ऐसा लगा जैसे कोई कसाव ही न रहा हो और उसकी चूत कई बच्चे पैदा कर चुकी औरत जैसी हो गई हो। शायद ज़ोहरा के आनन्द में भी विघ्न आई, लेकिन बहरहाल, मैं चोदने से पीछे न हटा और ज़ोहरा की सिसकारियाँ कम तो हुईं लेकिन ख़त्म न हुईं।

मेरे बाद जब विपिन ने फिर अपना लौड़ा घुसाया तो उसकी सिसकारियाँ फिर उसी अनुपात में बढ़ गईं। फिर विपिन ने ही लण्ड निकाल कर उसे उठाया और उल्टा कर के ऐसा दबाया कि ज़ोहरा का बायां गाल बिस्तर से सट गया और कंधे, पीठ नीचे हो गई, ऊपर सिर्फ उसके चौपायों की तरह मुड़े घुटनों के ऊपर रखी गाण्ड ही रह गई। “Desi Chut XXX Kahani”

कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : भाई ने चोदा कामसूत्र मूवी दिखाके

उसके आगे-पीछे के दोनों छेद अब हवा में बिलकुल सामने थे। कहने की ज़रुरत नहीं कि उसके दोनों छेद एकदम मस्त कर देने वाले थे, लेकिन जहाँ गाण्ड का छेद अभी सिमटा हुआ अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा था वहीं बुर का छेद इतनी चुदाई के बाद बिल्कुल खुल चुका था और उसने विपिन के लन्ड को निगलने में ज़रा भी अवरोध न दिखाया।

जब विपिन उसके दोनों चूतड़ों को उँगलियों से दबोचे गचा-गच अपना लंड उसकी चूत में पेल रहा था, तब मैं ज़ोहरा की पीठ सहला रहा था। फिर जब विपिन हटा तो मैं उसकी गाण्ड के स्पर्श के साथ चूत चोदने पर उतर आया। हालांकि विपिन के मोटे लम्बे लण्ड से चुदने के बाद मुझे वो मज़ा नहीं आ पा रहा था, लेकिन अब छोड़ भी तो नहीं सकता था।

इस लिए मैं आठ दस धक्के मार कर हट गाया और विपिन लग गया बहरहाल कुछ देर की चुदाई के बाद विपिन ने तो झड़ने के टाइम उसे ऐसे दबोचा के ज़ोहरा उसके लन्ड से निकल ही ना पाई और पूरी चूत विपिन के वीर्य से भर गई। इसके आगे की कहानी आपको ‘ज़ोहरा के साथ वासना भरा सेक्स3’ के नाम से सुनाऊँगा… कहानी से जुड़े रहिए। मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें। man650490@gmail.com

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  1. Frankly samar says

    June 12, 2025 at 8:12 am

    Mera naam Samar hai mai Lucknow se hu jisko bhi chodai karwana ho mujhe WhatsApp kare

    9984265948

  2. Rohit says

    June 12, 2025 at 3:10 pm

    Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058516117 only ladie

Trackbacks

  1. Jordar Threesome Chudai Kahani – ज़ोहरा के साथ वासना भरा सेक्स 3 says:
    June 11, 2025 at 10:03 am

    […] मेरी पिछली कहानी “ज़ोहरा के साथ वासना भरा सेक्स 2“ में मैंने बताया था कि कैसे मैने […]

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