Chhote Bhai Ki Biwi Ki Rasili Chut Chudai
हाय दोस्तों, मैं राकेश कुमार आज आप लोगों को अपनी स्टोरी Crazy Sex Story पर सुनाने जा रहा हूँ। मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। मैं Crazy Sex Story का नियमित पाठक हूँ और यहाँ की रसीली कहानियाँ पढकर मजे मारता हूँ। यही गल्ला मंडी के पास मेरा घर है। मेरी शादी नही हुई है। मेरा छोटा भाई सुरेश शादी कर चूका है। उसकी बीबी का नाम मानुषी है। Chhote Bhai Ki Biwi Ki Rasili Chut Chudai.
पिछले साल ही मेरे घर वालों ने बड़े धूम धाम से मेरे भाई सुरेश की शादी की थी। मेरी माँ पुराने ज़माने की है। उन्होंने सुरेश से कह दिया की उसको १ साल में ही बच्चा चाहिए। मैं सुरेश से १ साल बड़ा था। कायदे से मेरी शादी पहले होनी चाहिए थी, पर मैं अभी इंजीनियरिंग कर रहा था। शादी करने से सायद मैं पढाई कर ध्यान नही दे पाता। इस वजह से मैंने शादी नही की। मेरा छोटा भाई सुरेश कॉलेज में पढता था। वहीँ पर उसकी मुलाकात मानुषी से हो गयी। दोनों में प्यार हो गया, इस वजह से हम लोगो ने सुरेश की शादी मानुषी से कर दी। मानुषी बड़ा मस्त माल थी। उसके गाल इतने मुलायम और नर्म थे की जब सुरेश प्यार से मानुषी के गाल पकड़कर खीच देता था तो वो लाल हो जाते है। मैं अपने दिल में हमेशा ये बात सोचा करता था की सुरेश कितना किस्मत वाला है। “Rasili Chut Chudai”
मानुषी जैसी माल उसे चोदने खाने को मिली है। जब इसके गाल इतने नर्म और गुलाबी है तो चूत कितनी मस्त होगी। मेरा छोटा भाई सुरेश हर रात को मानुषी की चूत मारता था। क्यूंकि मेरा माँ ने बोल ही दिया था की उनको १ साल में पोता चाहिए। पर दोस्तों, जैसा हम लोगो ने सोचा था वैसा नही हुआ। सुरेश ने मानुषी को सारी सारी रात चोदा, पर फिर भी वो लोड यानी प्रेग्नेंट नही हुई। जब दोनों डॉक्टर के पास गये तो उसने मानुषी और सुरेश के वीर्य की जाँच की। मानुषी का वीर्य तो फर्टाइल था, पर सुरेश के वीर्य में शुक्राडू निल थे। ये बात जब सुरेश को पता चली तो वो बहुत डीप्रेस हो गया और टेंशन पाल कर बैठ गया। उधर मानुषी भी इस बात के लिए बहुत टेंशन करने लगी। उपर ने मेरी माँ मानुषी को बार बार धमकी दे रही थी की अगर जल्दी से उनको पोता या पोती नही मिली तो वो उसे घर से बाहर निकाल देंगी।
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एक दिन मानुषी अपने कमरे में रो रही थी। मैंने उसकी आवाज सुनी तो अंदर गया। मेरा माँ वहां पर नही थी क्यूंकि वो बड़ी ब्वालिन औरत थी। छोटी छोटी बात का तिल का ताड़ बना देती थी।
“मानुषी! …क्या हुआ??? मैं कुछ दिन से देख रहा हूँ की तुम बुझी बुझी रहती हो….क्या बात है???” मैंने पूछा
इस पर वो रोने लगी और कहने लगी की मैं ये बात किसी को न बताऊँ। मानुषी ने मुझे बताया की वो कभी माँ नही बन सकती। क्यूंकि सुरेश के वीर्य में सुक्राडू नही है। डॉक्टर ने उसे बताया है की अगर वो सुरेश से ही चुदवाती रही तो कभी वो माँ नही बन पाएगी। कहीं ऐसा ना हो की मेरी माँ उसे घर से निकाल दें। ये सुनकर मैं भी टेंशन में आ गया।
“भाई साहब !! क्या आप मुझे बच्चा दे सकते है????” मानुषी रोते रोते बोली
“मतलब……???” मैंने हकलाते हुए पूछा
“भाई साहब, ये राज सिर्फ हम दोनों के बीच ही रहेगा। आप मुझे कुछ दिन कसके चोद दीजिये एकांत में। मैं पेट से हो जाऊ और अगर मैं माँ बन गयी तो आपका अहसान मैं कभी नही भूलूंगी….” मानुषी रोते रोते बोली। मुझसे उसके आशू देखे नही जा रहे है।
“मानुषी, ये तुम कैसी बात कर रही हो……मैं तुमको चो……..दूँ??…..नही नही ये महापाप मुझसे नही होगा” मैंने कहा और मैंने वहां से भाग आया। दोस्तों कुछ महीने बीतने पर भी जब मेरी पुराने खयालात की माँ को मानुषी की तरफ से कोई खुशखबरी नही मिली तो मेरी माँ ने एलान कर दिया की वो मानुषी को हमारे घर से निकाल देंगी। दोपहर में जब मैं अपने कमरे में था तो मानुषी मेरे पास आई “Rasili Chut Chudai”
“भाई साहब!! भगवान के लिए!! ….आप मुझे चोदकर बच्चा दे दो….वरना माँ जी मुझे निकाल देंगी!!” मानुषी ने रोते रोते कहा तो मैं उसका दुःख ना देख सका। मैं राजी हो गया। कुछ देर बाद मानुषी अच्छी तरह से नहाधोकर तैयार क्रीम पाउडर लगाकर मेरे कमरे में आ गयी। मेरा छोटा भाई अपने काम पर गया हुआ था। मेरी माँ कहीं बाहर चली गयी थी। मानुषी ने बाथरूम में १ घंटे तक साबुन से रगड़ रगड़कर नहाया था। जब वो मेरे कमरे में आयी तो मैं उसे देखता ही रहा गया। वो मेरे बिलकुल पास आकर बैठ गयी। उसके बाल अभी भी गीले थे और गोरे चिकने बदन से साबुन की ताजा खुश्बू मेरी नाक में जा रही थी।
“भाई साहब!! ….आप मुझे बच्चा देंगे ना??” वो दीनहीन अवस्था में बोली
“हाँ दूंगा…..मैं तुमको बच्चा जरुर दूंगा!!” मैं कहा
दोस्तों, आज मेरा सपना साकार होने वाला था। जिस मानुषी को देख देखकर मैं बाथरूम में ना जाने कितनी बार मुठ मारी थी, आज मैं उसको चोदने वाला था। जिस फूल को मैं रोज देखा करता था, उसकी खुश्बू आज मैं सूंघने वाला था। मैंने दरवाजा बंद कर लिया वरना मेरी माँ कभी भी आ सकती थी। मानुषी खुद ही आकर मुझसे लिपट गयी। मुझे कुछ नही करना पड़ा। ओह्ह्ह्हह्ह…..कितनी मस्त खुसबू उसके बदन से आ रही थी, सायद उसने कोई मस्त परफ्यूम लगाया हुआ था। मानुषी ने खुद ही मुझे पकड़ लिया और मेरे कंधों पर हाथ रख दिया। कुछ देर बाद हम एक दूसरे को किस करने लगे। बाप रे!! आज मैंने उसको बिलकुल करीब से देखा। गोल चेहरा, बड़ी बड़ी बोलती आँखें, सुंदर पलकें, और भरे हुए गालों पर छोटे छोटे सुडौल ओंठ का सौंदर्य देखते ही बनता था। सायद मुझे पटाने या रिझाने के लिए मानुषी ने आँखों में काजल लगा रखा था। इसमें वो बहुत जादा कामुक और सेक्सी लग रही थी। माथे पर बड़ी सी लाल बिंदी और नाक में उसने रिंग वाली नथुनी पहन रखी थी जो मेरा कत्ल कर रही थी। “Rasili Chut Chudai”
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वो १०० परसेंट देसी indian माल लग रही थी। उसे देखते ही मेरे मुँह में पानी भर आया। बहनचोद!!….क्या मस्त माल चोदने को मिली है आज…..वो तो कहो की सुरेश नामर्द निकला राकेश वरना तुझे ये चिड़िया कभी चोदने को नही मिलती। मैंने सोचा। मैंने मानुषी को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ओंठ पीने लगा। वो बहुत गहरी नीली लिपस्टिक लगा कर आई थी। क्या पटाखा माल लग रही थी। मैंने भी सोचा की आज बेटा मौका हाथ लगा है….आज इसको कायदे से चोद लूँगा। मैंने मानुषी की साड़ी का पल्लू हटा दिया तो उसके ३६” के बड़े बड़े दूध के दर्शन हो गये। मेरी तो नियत ही ख़राब हो गयी थी। हम दोनों अब शर्म और ह्या को भूल गये थे और दो प्रेमी बन गये थे जो एक ही डाल मर बैठ के गुटुर गू करने वाली थे। मैंने अपने छोटे भाई सुरेश की बीबी की हाथ की उँगलियों में अपनी उँगलियाँ फंसा दी। मैंने अपने होठ उसके लिपस्टिक लगे ओंठों पर रख दिए और पीने लगा। उफ्फ्फफ्फ्फ़ …क्या रसीले ओंठ थे उसके।
“खुलकर चूत देगी???” मैंने मानुषी से पूछा
“हाँ भाईसाहब !! ….जैसा दिल करे मुझे चोद लो…आज मुझे इतना जादा चोदना की मैं पेट से रुक जाऊं!” मानुषी बोली
मैंने धीरे धीरे उसके ब्लाउस के बटन खोल दिए। अब उसकी लाल रंग की ब्रा मेरे सामने थी। मैंने वो भी खोल दी। ब्लाउस और ब्रा मैंने निकाल दिया। मुझपर तो जैसे बिजली ही गिर गयी थी। इतने सुंदर मम्मे मैंने सिर्फ टीवी में मॉडल्स के देखे थे। मैं तो सोचता था की किसी लड़की के इतने मस्त और चिकने मम्मे हो ही नही सकते है। पर आज मैंने साक्षात ऐसे मस्त मस्त माल देख लिए थे। मैं बिलकुल पागल हो गया था मानुषी की रसीली छातियाँ देखकर। कितनी गोल, बड़ी, रसीली, जूसी और चिकनी छातियाँ थी। बहनचोद, मेरा भाई तो बड़ा लकी निकला। कितना मस्त माल चोदने को मिला है इसे। कुछ पल के लिए मैं अपने भाई सुरेश से जलने लगा। “Rasili Chut Chudai”
फिर मैंने अपने हाथ मानुषी के दूध पर रख दिए और मजे से दबाने लगा। रुई जैसे मुलायम स्तन थे उसके। बस समझ लीजिये की मक्खन की २ बड़ी बड़ी टिकियाँ थी वो। फिर हम दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। मैंने अपने भाई सुरेश की औरत की नंगी रसीली छातियाँ अपने मुँह में भर ली। और मजे लेकर पीने लगा। हम दोनों प्रेमियों की आँखें बंद हो गयी और बस प्यार ही प्यार हम दोनों पर हावी हो गया। मेरी किस्मत कितनीतेज थी। एक मस्त चुदासी औरत खुद मेरे पास चलकर आई थी और निवेदन कर रही थी की मैं उसको रगड़कर चोदू। मैं हपर हपर करके मानुषी के दूध पीने लगा। मैं स्वर्ग में पहुच गया था। रसीली निपल्स मेरे मर्दाना स्पर्श से खड़ी हो गयी थी। चूचकों के इर्द गिर्द बड़े बड़े काले घेरे मुझे अनायास अपनी ओर खींच रहे थे। और इस मस्त माल को दबा के चोदने को कह रहे थे। “Rasili Chut Chudai”
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ये बात अच्छी थी की घर में कोई नही था वरना मैं शर्म ही करता रह जाता और मानुषी को चोद ना पाटा, फिर उसे बच्चा कैसा मिलता। मैं भी जा जान से इस ‘बच्चा पाओ’ मिशन पर लग गया और मानुषी के दोनों दूध मजे से पीने लगा। उतेज्जना में जब मेरे तेज दांत उसके मुलायम स्तन में चुभ जाते तो वो आई….आई…..करने लग जाती। मैं जीभर के अपनी हवस शांत कर ली। इसी बीच मैंने अपने सम्पूर्ण कपड़े निकाल दिए और पूर्ण नग्न अवस्था में आ गया। “Rasili Chut Chudai”
“ऐ मानुषी!! तेरे मम्मे चोदू तो तुझे कोई शिकायत तो नही???” मैंने धीरे से पूछा
“भाईसाहब!! मैं तो आपसे ही चुदने के लिए आई है…..आप मेरे मम्मे चोद लो!” वो बोली
मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था। मैं मानुषी को सीधा लिटा दिया और उसके एक एक मम्मे में अपना ७” का मोटा लंड चुभोने लगा। आह्ह्हह्ह….बड़ा सुख मिला मुझे। बड़ी देर तक मैं मानुषी के दूध में लंड गड़ाता रहा और उसे तड़पाता रहा। फिर मैंने उसके गहरे क्लीवेज में अपना लंड किसी हॉटडॉग की तरह रख दिया और दोनों हाथों से मम्मो को बीच की ओर दबा दिया। मानुषी तडप गयी। मैं उसके स्तन चोदने लगा। आह्ह्ह……कितना दिव्या अहसास था वो। “Rasili Chut Chudai”
जिन मम्मो को देख देखकर मैं रोज मुठ मारा करता था आज वही माल मुझे चोदने को मिल रही थी। मैं जोर जोर से अपने मोटे और मजबूत लंड से मानुषी के दूध चोद रहा था। वो सायद मेरी जिन्दगी का सबसे हसीन और रोमांटिक पल था। एक शादी शुदा औरत को चोदने का अलग ही मजा मिलता है। किसी का धर्म नस्त करने में बहुत मजा मिलता है। मानुषी के सुहाग की पहचान उसकी बड़ी से काली बिंदी, गले में मंगल सूत्र और नाम में नथ तो मेरा कत्ल कर रही थी। मैं जोर जोर से अपनी गांड और कमर चला चलाकर मानुषी के नर्म नर्म दूध चोद रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपना माल गिरा दिया। सफ़ेद चिकने मम्मे पर मेरा माल बह गया। मानुषी उसको चाट गयी। फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया। “Rasili Chut Chudai”
“चल चूस मेरा लौड़ा छिनाल…..वरना मैं तेरी चूत नही मारूंगा!!” मैंने कहा
मानुषी तो पहले ही घबराई हुई थी। वो चुपचाप मेरा लंड चूसने लग गयी। फिर मैंने उसका मुँह चोदना शुरू कर दिया। मैंने ठीक उसके मुँह के उपर आ गया और उसके मुँह में अपना लंड डालने लगा। बड़ी देर तक मैं उसका मुँह चोदता रहा। अब मानुषी की चूत की बारी थी। यदि मैं उसके दूध, मुँह और गांड चोदता रहता और उसकी मस्त मस्त चूत नही मारता तो वो बेचारी कभी प्रेगनेंट नही होती। इसलिए दोस्तों ये अति आवस्यक था की मैं उसकी मस्त गुलाबी चूत को फाड़कर रख दूँ। मैं उसके भोसड़े पर हाथ लगाने लगा। और छू छूकर चूत सहलाने लगा। फिर मैं चूत के दाने को अपनी ऊँगली से जोर जोर से घिसने लगा। कुछ ही देर में मानो मानुषी की चूत में आग लग गयी। मैं उसकी चूत की घाटी में उतर गया। और मस्त मस्त बुर को मजे लेकर पीने लगा। “Rasili Chut Chudai”
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मानुषी सिसकने लगी और आह्ह्ह्ह अईईईई….माँ….आआआअह्हह्हह्ह..कहने लगी। मैं किसी चूत के प्यासे कुत्ते की तरह उसकी बुर पी रहा था। उफफ्फ्फ्फ़……क्या मस्त चूत थी मेरे भाई की बीबी की। फिर मैंने अपना मोटा लंड उसके भोसड़े पर रख दिया और हाथ से सुपाड़ा अंदर डाल दिया। फिर मैं मानुषी जैसी हसीना को ठोंकने लगा। उसने मुझे बाहों में लपेट लिया और गच्च गच्च चुदवाने लगी। “Rasili Chut Chudai”
“भाईसाहब!!…..आ आ आ …आज मुझे इतना चोदिये की एक बार की ठुकाई में ही मेरा गर्भ रुक जाए!!” मानुषी बोली
मैं खुश था और जोर जोर से उसे पेल रहा था। उसकी जाघें, घुटने, कमर बाप रे बाप….कितनी चिकनी थी की मैं अपने आपको गर्वान्वित महसूस कर रहा थी की मानुषी को चोदने का सुनेहरा अवसर मिल गया। उसने खुद मेरे गले में अपने दोनों हाथ डाल दिए और अपनी दोनों चिकनी टांगें मेरी कमर में फंसा दी।
“बोल!! मानुषी!! …..तू मेरी औरत है!!” मैंने चुहिल की
“हाँ! भाईसाहब मैं…..आज के लिए आपकी औरत हो…आज मुझे मन भरके चोद लीजिये!!” मानुषी बोली
“बोल रंडी …की माँ बनने के बाद भी मुझे चुपके चुपके चूत और गांड दिया करेगी!” मैंने कहा
“हाँ, भाई साहब! ….मैं माँ बनने के बाद भी आपका अहसान जिन्दगी भर नही भूलूंगी और आपको चुपके चुपके चूत और गांड दूंगी!!” मानुषी बोली
उसके बाद मैं उससे बेहद प्रसन्न हो गया और मैंने उसे अपनी औरत की तरह ३ घंटे चोदा। पहले लिटा कर उसको लिया। फिर लंड पर बिठाकर मैंने अपने भाई सुरेश की बीबी को चोदा, फिर उसको घोड़ी बनाकर पेला। अंत में मैंने उसकी गांड मारी। दोस्तों, उपर वाले का ऐसा आशिर्वाद था की केवल एक ही चुदाई में मानुषी पेट से हो गयी। ९ महीने बाद उसने १ बड़े हट्टे कट्टे लड़के को जन्म दिया। पोता पाकर मेरी माँ बेहद खुश थी। अब वो मानुषी को बहुत सम्मान देने लगी थी। पर मेरा छोटा भाई सुरेश कहीं ना कहीं शक करता था की वो बेटा उसका नही मेरा है। मैं आज भी मानुषी को अपने कमरे में बुलाकर चुपके से चोद लेता है। “Rasili Chut Chudai”