Sauteli Maa Ko Mera Jawan Land Chahiye
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है, में मुंबई में रहता हूँ। मेरे घर में तीन लोग रहते है में, पापा और मेरी सौतेली माँ। मेरे पापा की दूसरी शादी 2 साल पहले हुई थी। में मेरी सौतेली माँ को उनके नाम से बुलाता हूँ। उनका नाम पार्वती है, उनकी उम्र 30 साल है, वो दिखने में बहुत खूबसूरत है और उनका फिगर भी बहुत अच्छा है और मेरी उम्र 18 साल है। मैंने जिस दिन से उनको देखा है उसी दिन से उनको चोदना चाहता हूँ। फिर एक दिन मैंने उनको हाथ लगा दिया था, तो वो मुझ पर बहुत गुस्सा हुई। तो उस वक़्त तो में सॉरी बोला। अब उस दिन से में उनसे फ्रेंड की तरह रहने लगा था और मैंने कसम खाई कि एक दिन उनको चोदकर ही रहूँगा। फिर एक दिन जैसे ही मुझे पता चला कि पापा बिजनेस के लिए दिल्ली जा रहे है, तो में खुश हो गया। अब वो शाम की ट्रेन से चले गये थे। फिर जब में कॉलेज से लौटा तो उस वक़्त पार्वती बाथरूम में नहा रही थी और फिर नहाने के बाद टावल लपेटकर बाहर निकली और अपने रूम में जाकर कपड़े पहनने लगी थी। Sauteli Maa Ko Mera Jawan Land Chahiye.
अब मेरी आँखे तो उधर ही टिकी थी। फिर मुझे आवाज आई अमित जरा मेरा हुक बंद कर दो। तो में उनके कमरे में गया, तो माँ अपनी ब्रा का हुक बंद करने की कोशिश कर रही थी। अब में उनकी पीठ को सहलाते हुए उनकी ब्रा का हुक बंद करने लगा था और फिर मैंने अपने हाथ को नीचे लाते हुए कहा कि वाह क्या खूबसूरत बदन है? पापा बहुत लकी है, काश मेरी ऐसी किस्मत होती। फिर तब पार्वती बोली कि तेरे पापा के पास टाईम ही नहीं रहता, जो मुझे कुछ दे सके। अब मैंने उनकी ब्रा का हुक खोलकर उनकी ब्रा को उतार दिया था और उनसे बोला कि इस बदन को मेरे रहते हुए क्यों तड़पा रही हो? तो तब माँ ने शर्माते हुए अपने दोनों हाथों से अपने बूब्स को छुपा लिया। फिर में उनके हाथ हटाकर अपने हाथ को माँ के होंठो से बूब्स पर से लाते हुए जैसे ही नाभि पर पहुँचा। तब पार्वती मेरे हाथ को पकड़ते हुए बोली कि अब मुझे मत तड़पा, आज में इस आग में जलना चाहती हूँ।
अब में जोश में आकर उनकी रसीली चूचीयों से जमकर खेलने लगा था, क्या बड़ी-बड़ी चूचीयाँ थी? फिर खड़ी-खड़ी चूचीयाँ और लंबे-लंबे निप्पल देखकर मुझसे रहा नहीं गया तो में ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा और फिर उन्हें चूसने लगा था। अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था और मेरी अंडरवेयर से बाहर निकलने के लिए ज़ोर लगा रहा था। अब मेरा 8 इंच का लंड पूरे जोश में आ गया था। अब माँ की चूचीयाँ मसलते- मसलते हुए में उनके बदन पर आ गया था और मेरा लंड उनकी जाँघो में रगड़ मारने लगा था। फिर मैंने भी पार्वती की चूत को अपने एक हाथ से सहलाया। तो तब माँ बोली कि अरे ये तो पहले से ज़्यादा बड़ा टाईट है, मोटा और बड़ा हो गया है।
फिर इतना सुनकर मैंने माँ के पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया, तो वो सरककर जमीन पर जा गिरा। अब में माँ की दाहिनी चूची को धीरे-धीरे दबाने लगा था। फिर तब वो बोली कि आज तू मेरे साथ क्या करेगा? तो तब मैंने कहा कि वही जो तू पापा से करवाने की चाहत रखती है। फिर तब उसने कहा कि तुम्हारे पापा से मज़ा नहीं आता, में जवान और एक जवानी का मज़ा चाहती हूँ और ये कहकर उसने मेरी पेंट खोल दी। फिर मैंने कहा कि आज जब से मैंने तेरे भीगे हुए बदन को देखा है मेरे मन में आग सी लगी है और भगवान का शुक्र है मुझे आज ही मौका मिल गया, मेरा मन बैचेन हो गया हो गया था, आज में आपकी हर कामना को पूरा करना चाहता हूँ और इस तरह से कहते हुए में पार्वती की चूचीयों को ज़ोर- ज़ोर से दबाने लगा था और दबा दबाकर एकदम लाल कर दिया था।
फिर मैंने देखा कि अब माँ भी उम्म नहीं आआहह की आवाजें निकालने लगी थी। फिर में भी पार्वती के कंधे के पास से उसके बालों को हटाते हुए अपने होंठो को उसके कंधे और गर्दन के बीच में धीरे-धीरे रगड़ने लगा और उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसते हुए और साथ ही अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा था। फिर जैसे ही मैंने माँ की चूत को सहलाना कुछ देर तक जारी रखा, तो वो अपने आपको रोक नहीं पाई। अब वो अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी थी और बोली कि यह तो तुम्हारे पापा से बड़ा है। अब वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर खींच रही थी और कस-कसकर दबा रही थी। अब तो हम दोनों मस्ती में थे। फिर मैंने पार्वती को बेड पर लाकर पटक दिया। अब वो मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी थी। अब में उनके बूब्स को पकड़कर बारी-बारी से चूसने लगा था।
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अब में ऐसे कस-कसकर उसकी चूचीयों को दबा-दबाकर चूस रहा था जैसे कि उनका पूरा का पूरा रस निचोड़कर पी लूँगा। अब पार्वती भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। अब उसके मुँह से ओह, ओह, आह, सी, सी की आवाजें निकल रही थी। अब पार्वती ने अपनी दोनों टांगों को फैला दिया था। तो तब मुझे रेशमी झांटो के जंगल के बीच में छुपी हुई उनकी रसीली गुलाबी चूत का नज़ारा देखने को मिला। अब उसके नंगे जिस्म को देखकर में उत्तेजित हो गया था और मेरा लंड ख़ुशी के मारे झूमने लगा था। फिर में तुरंत उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूचीयों को दबाते हुए उसके रसीले होंठ चूसने लगा था। अब में उसकी चूचीयों को चूसता हुआ उसकी चूत को रगड़ने लगा था। अब उसकी चूत गीली हो गयी थी। फिर जैसे-जैसे में उसकी चूत को बहार से रगड़ता रहा, तो मेरा मज़ा बढ़ता गया। फिर जैसी ही मेरी उंगली उसकी चूत के अंदर गयी, तो उसने ज़ोर से सिसकारी लेकर अपनी जाँघो को बंद कर दिया। अब माँ बेबस हो गयी थी और अपनी दोनों जाँघो को फैलाते हुए बोली कि अब देर क्यों करता है बेटा? जल्दी से डाल दे। तो तब में बोला कि मादरचोद में तेरा बेटा नहीं हूँ, समझी छिनाल, साली, रांड, तू मेरी रखेल है, लंड की भिखारिन और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखकर एक झटका मारा, उसकी चूत एकदम टाईट थी। अब में लंड और चूत पर क्रीम लगाकर जोर-जोर से झटके मार रहा था। दोस्तों ये कहानी आप Crazy Sex Story पर पढ़ रहे है।
फिर तब पार्वती दर्द से चीखते हुई बोली कि अरे मेरी फट जाएगी। अब इससे पहले की माँ संभले या आसन बदले मैंने दूसरा धक्का लगाया तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी टाईट चूत की जन्नत में चला गया। तभी पार्वती चिल्लाई उईईईईईइ माँ, उहुहुहूह, मुझे दर्द हो रहा है, में बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ, तू बड़ा जालिम है, लेकिन मुझे उनकी कोई परवाह नहीं थी और अब में कुत्ते की तरह झटके मारने लगा था। अब में अपनी कमर हिला-हिलाकर उसको चोद रहा था और फिर कुछ देर के बाद माँ को भी मज़ा आने लगा। अब में माँ की एक चूची को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा था और अपनी कमर को हिलाने लगा था और अब वो भी अपनी कमर को हिला रही थी। अब माँ मेरे हर एक झटके के साथ आवाज निकाल रही थी। फिर कुछ देर के बाद में बोला कि क्या हो रहा है मादरचोद? तो तब माँ बोली कि बहुत मज़ा आ रहा है राजा, उम्म, सस्सस्स, ससस्स, आहह, उम्म्म्म की आवाज के साथ ज़ोर-जोर से साँसे लेने लगी थी। अब में अपना लंड उसकी चूत में घुसाकर चुपचप पड़ा था। अब माँ की चूत फड़क रही थी और अंदर ही अंदर मेरे लंड को मसल रही थी।
अब उसकी उठी-उठी चूचीयाँ काफ़ी तेज़ी से ऊपर नीचे हो रही थी। फिर मैंने अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर उसकी दोनों चूचीयों को पकड़ लिया और अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था। तो तब माँ को कुछ राहत मिली और फिर उसने अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी। फिर माँ मुझसे बोली कि राजा और ज़ोर से करो, चोदो मुझे, लेलो मज़ा जवानी का मेरे राजा और अपनी गांड हिलाने लगी थी। फिर माँ और में लगभग 30 मिनट तक अपने काम को अंजाम देते रहे और फिर मैंने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी। अब हम दोनों क्या मस्ती ले रहे थे? अब माँ के मुँह से आवाजें निकलने लगी थी और में कभी-कभी बीच में ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाता तो माँ पूरी तरह से हिल जाती थी।
अब माँ ने अपने हाथों को मेरी पीठ पर रख लिया था और मेरे पीठ को सहला रही थी। फिर कुछ देर के बाद मैंने फिर से माँ को झटके देने शुरू किए। अब माँ ने अपनी गर्दन को उठा-उठाकर आहें भरनी शुरू कर दी थी। फिर मैंने झटके मारते हुए माँ से पूछा कि मस्ती आ रही है क्या? तो तब माँ ने एक अजीब आवाज में कहराते हुए जवाब दिया कि दर्द हो रहा है मीठा-मीठा मस्ती का, ओह, आआहह और ज़ोर से चोद दे और ज़ोर से, ऊऊहह झटके दे, उउउँ। अब मैंने अपनी कमर की स्पीड को बढ़ा दिया था और फिर कुछ ही देर में मेरा पूरा का पूरा लंड माँ की चूत में चला गया। अब माँ की चूत से छप-छप की आवाज आ रही थी और अब वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर मेरे हर शॉट का जवाब देने लगी थी। फिर कुछ देर के बाद मैंने माँ के होंठो को अपने होंठो में दबा लिया और अपने लंड को माँ की चूत में ज़ोर- ज़ोर से अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगा था। फिर ये सिलसिला पूरे आधे घंटे तक चला और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये और तब जाकर दोनों शांत पड़े। फिर मैंने माँ से पूछा कि क्या तुमने कभी अपनी गांड में लंड डलवाया है?
तो तब वो बोली कि नहीं। तो तब मैंने कहा तो अब ले लो और फिर मैंने अपने लंड को पार्वती के मुँह में डालकर चूसने को कहा। फिर कुछ देर के बाद मेरा लंड वापस से खड़ा हो गया। फिर मैंने माँ को टेबल के सहारे अपनी गांड झुकाकर खड़े रहने को कहा। फिर में माँ की गांड में अपना लंड डालकर उसको चोदने लगा। अब में फुल स्पीड में धक्के मार रहा था और फिर उसके बाद फिर से उसकी चूत को चोदने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद में फिर से झड़ गया। अब पार्वती एकदम थक गयी थी। अब उसमें लंड लेने की ताकत नहीं थी। फिर जब में फिर से अपना लंड घुसाने लगा तो तब माँ बोली कि सारी मस्ती आज ही लेगा क्या? अभी तो कई रातें बाकि है। फिर हम दोनों को जब कभी भी कोई मौका मिला तो हमने खूब चुदाई की और खूब इन्जॉय किया और आज तक किसी को कुछ पता भी नहीं चला ।
ME BHAVNA BHARUCH SE HU,ME FAMILY FUCKING ME BAHOT VISHWAS SE MANTI HU,MERI UMRA ABHI 36 KI HAI ME 16 SALKI THI TAB SE MERE TEEN BHAIYO SE CHUDVA RAHI HU AUR AJTAK KISIKO KOI PATA NAHI CHALA KI ME MERE BHAIYTO SE CHIDVA RAhi hu,vaise agar papa nahi hai aur hai to bhi ma ki sarir ki aga BUZA NE ME SAKSAM NAHI HAI TO BETE KO MAKO SATSFY KAR DENA CHAHIYE JIS SE GHARKI BAT GHARME RAHEGI AUR MA PITAJI KA DAmptya khub shukh se gujrega is se bachhe bhi khushi se reh sakenge.ye mere niji vichar hai aap apni pratikriya muje jarur batana mera email id hai bhavna4am,od @yahoo.com
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Very nice story
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