Meri Fuddi Ko Bhoshda Bana Diya Chhote Bhai Ne
Hindi Sex Story दोस्तों यह घटना पुरानी है, जब में उस समय 20 साल की थी और मेरा छोटा भाई जिसका नाम आयुष है वो 18 साल का था, जब में 19 साल की थी तब हम दोनों भाई बहन ने एक धर्मशाला में चोरी छिपे एक चुदाई का खेल पहली बार अपनी आखों से देखा, जिसको देखकर हम दोनों की हालत बहुत बुरी हो गई, क्योंकि हम दोनों को इससे पहले बिल्कुल भी पता नहीं था कि यह चुदाई क्या होती है, इसको कैसे किया जाता है और इसमे कितना मज़ा आता है? Meri Fuddi Ko Bhoshda Bana Diya Chhote Bhai Ne.
उस दिन हम दोनों ने देखा कि धर्मशाला में एक चारपाई हमेशा रखी रहती थी, उसी पर एक लड़की लेटी हुई थी और उसके ऊपर एक आदमी उल्टा लेटा हुआ था और वो उस लड़की पर ऊपर से ही बड़ा जोरदार दबाव बना रहा था और वो उसको बड़ी तेज़ी से झटके भी मार रहा था, जिसको देखकर हम दोनों को बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, क्योंकि यह हम दोनों का पहला अनुभव था इसलिए हम बड़े चकित होकर अपनी आखें फाड़ फाड़कर देख रहे थे.
फिर मैंने देखा कि अचानक से वो आदमी रुक गया और उसने उस लड़के के बूब्स को अपने दोनों हाथों से सहलाना ज़ोर लगाकर दबाना शुरू किया, जिसकी वजह से उसके मुहं से सिसकियों की आवाज आने लगी. यह काम कुछ देर करने के बाद उसने दोबारा वैसे ही धक्के उसको दोबारा देने शुरू किए और उन दोनों को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उनको इस काम को करने में मेहनत तो बहुत करती पड़ी, लेकिन उनको मज़ा भी बहुत आ रहा था, इसलिए उस लड़की का चेहरा पसीने से भीगा होने के बाद भी संतुष्टि से खिल चुका था, वो बहुत खुश नजर आ रही थी, क्योंकि कुछ देर वो भी अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर उस आदमी को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया, लेकिन फिर भी उसने धक्के देना कम नहीं किया.
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एक औरत ने अचानक से बीच में आकर उस आदमी को धमकाना ज़ोर ज़ोर से चिल्लाना शुरू किया. तब वो आदमी उस लड़की के ऊपर से उठ गया और उसी समय हम दोनों को उस आदमी का लंड नजर आ गया, वो उस लड़की की चूत से बाहर निकलकर बिल्कुल चिकना होकर तनकर खड़ा हुआ था. फिर उसके बाद हमे उस लड़की की चूत भी नजर आने लगी और वो लंड के बाहर निकलने के बाद भी फड़फड़ा रही थी. उससे चूत रस बहकर बाहर रिस रहा था जो जांघो तक पहुंच रहा था. अब मैंने उस तरफ से अपने ध्यान को हटाकर तुरंत ही अपने पास खड़े आयुष का लंड बाहर निकालकर देखा और पाया कि वो आकार में बहुत छोटा था और उसके आसपास बाल भी नहीं थे.
उसके बाद मैंने अपनी चूत को देखा, वहां भी बाल नहीं थे और उसी समय मैंने आयुष का लंड अपने एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ना शुरू किया. ऐसा करने से हम दोनों को बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर कुछ देर यह काम करने के बाद हम दोनों भी सभी की नजर बचाकर अपने घर आ गए और हम दोनों के कमरे में बंद होकर अकेले में एक दूसरे के लंड और चूत को बड़े ध्यान से देखकर उनके साथ खेलना शरु किया. दोस्तों उस दिन के एक साल के बाद में और मेरा भाई आयुष किसी काम की वजह से दिल्ली गये हुए थे. में लाल किला, इंडिया गेट देखना चाहती थी, इसलिए हम दोनों चल पड़े. अब में और आयुष एक लोकल बस में खड़े होकर सफर कर रहे थे, उसमे भीड़ कुछ ज्यादा ही थी इसलिए हम दोनों को बड़े धक्के लग रहे थे. “Meri Fuddi Ko Bhoshda”
उस समय मेरे पीछे की तरफ आयुष खड़ा हुआ था और ज्यादा भीड़ होने की वजह से आयुष मेरी पीठ से एकदम चिपका हुआ था और थोड़ी ही देर के बाद मेरी गांड पर आयुष का लंड चुभने लगा और पीछे से धक्का लगने की वजह से आयुष का लंड मेरी गांड में ठीक जगह पर सेट होकर घुसने लगा था. मुझे उसके धक्के खाने में बड़ा मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ देर बाद हमारे उतरने की जगह आ गई तो हम दोनों उस बस से नीचे उतरकर लाल किले में घूमने चले गए. कुछ देर देखने घूमने के बाद मुझे बड़ी ज़ोर से पेशाब आने लगा, जिसको ज्यादा देर रोक पाना मेरे लिए बड़ा मुश्किल था इसलिए मैंने आयुष से कहा कि मुझे पेशाब करना है, में बड़ी देर से रोक रही हूँ लेकिन अब नहीं रुकता, जल्दी से कुछ करो वरना यह अब किसी भी समय निकल जाएगा.
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वो मुझसे बोला कि हाँ मुझे भी पेशाब तो आ रहा है और फिर हम दोनों पास ही एक एकांत जगह पर चले गये जहाँ आसपास कोई भी हमें नजर नहीं आ रहा था उसी जगह हम दोनों ने पेशाब किया. फिर पेशाब करने के बाद हम दोनों ने वहीं कुछ दूरी पर छोटे पेड़ झाड़ियों के पीछे एक लड़का लड़की को बाहों में लिपटकर एक दूसरे को चूमते हुए देखा, उसी समय में आयुष से बोली कि तू उधर क्या ऐसे घूरकर देखता है? तब आयुष बोला कि देखो वो लड़का उस लड़की को कैसे पागलों की तरह चूम रहा है और तुम देखो उसका एक हाथ कहाँ है, दिख नहीं रहा? तो मैंने आयुष को बताया कि उस लड़के का एक हाथ उस समय लड़की की चूत पर है वो अपने हाथ से देखो उसकी चूत को सहला रहा है.
दोस्तों उस समय आयुष मेरे एकदम पास ही सटकर खड़ा हुआ था और मैंने देखा कि आयुष का लंड अब वो सभी काम देखकर धीरे धीरे खड़ा हो चुका था. फिर तुरंत ही मैंने उसके लंड को अपना एक हाथ लगाकर महसूस किया कि वो बहुत कड़क हो चुका था. अब आयुष थोड़ा चकित होकर मुझसे बोला दीदी आप यह क्या कर रही हो? तब मैंने उससे कहा कि जो वो लड़का उस लड़की के साथ कर रहा है तुम भी अब मेरे साथ ठीक वैसा ही करो, हमें बड़ा मज़ा आएगा. अब आयुष मेरे साथ एकदम चिपक गया और उसके बाद हम दोनों ने आपस में चूमना शुरू किया.
उसी के साथ आयुष ने मेरी चूत पर कपड़ो के ऊपर ही अपने एक हाथ को रखकर सहलाना शुरू किया, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और हम दोनों ही मस्ती के सागर में गोते लगा रहे थे. वो मुझे चूमते हुए एक हाथ से मेरी चूत और अपने दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को दबाने के साथ साथ सहला रहा था. फिर कुछ देर बाद हम अपना काम अधूरा छोड़कर उसी शाम को वापस अपने घर आ गये. हम दोनों के चेहरे खुशी से चमक रहे थे. फिर रात को खाना खा लेने के बाद हम दोनों छत पर चले गये. “Meri Fuddi Ko Bhoshda”
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दोस्तों वो रात बड़ी काली थी इसलिए ऊपर छत पर बहुत अंधेरा था. हमें आसपास का कुछ भी नजर नहीं आ रहा था और उस मौके का फायदा उठाकर मैंने उसी समय अपने सारे कपड़े उतार दिए और झट से आयुष का एक हाथ अपने हाथ से पकड़कर अपनी छाती पर रख दिया, जिसके बाद वो मेरा इशारा समझकर तुरंत ही मेरे बूब्स को मसलने लगा. वो बहुत जोश में आ चुका था और अब मैंने उससे कहा कि वो भी अपने कपड़े उतार दे और उसने ठीक वैसा ही किया, जिसकी वजह से अब हम दोनों ही पूरे नंगे हो चुके थे और पागलों की तरह हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. अब आयुष मुझसे पूछने लगा दीदी मेरा लंड अब तन गया है, क्या अब में इसको आपकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दूँ? देखो यह कैसे तनकर झटके देकर मुझे दर्द दे रहा है जो अब मुझसे सहा नहीं जाता.
मैंने तुरंत ही उसको हाँ कह दिया और में वहीं पर नीचे अपने दोनों पैरों को पूरा खोलकर लेट गई, जिसकी वजह से उसके सामने अब मेरी गीली जोश से भरी हुई कामुक चूत पूरी तरह से खुलकर फड़फड़ाने लगी और वो मेरे ऊपर लेट गया उसने अपना लंड मेरी चूत के मुहं पर रख दिया और उसके बाद उसके अपना पूरा दम लगाकर लंड को जबरदस्ती अंदर डालना शुरू किया और वो धक्के मारने लगा. दोस्तों मेरी यह पहली चुदाई और चूत एकदम कुंवारी थी, इसलिए वो बहुत टाईट होने के साथ साथ सील बंद थी, जिसमें उसका लंड कैसे अंदर जाता? लंड को अंदर डालने के लिए उसने अपना पूरा ज़ोर लगाया और उसने बड़ा तेज धक्का मारा जिसकी वजह से उसके लंड का टोपा मेरी चूत के अंदर जा पहुंचा और मेरी चूत में बड़ा तेज अजीब सा दर्द होने लगा और में अब कुछ भी बड़बड़ा रही थी, उससे में कहने लगी कि साले बहनचोद तूने आज मेरी कुंवारी चूत की सील को तोड़ दिया, देख में कितना दर्द से तड़प रही हूँ.
अब आयुष मुझसे बोल रहा था दीदी अब तुम मुझे टोको मत, चुपचाप मेरे नीचे पड़ी रहो और आज तो में तुम्हे चोदकर तुम्हारी इस चूत की प्यास को बुझा दूंगा और चूत के बाद में आज तुम्हारी गांड को भी अपना लंड डालकर ऐसे ही धक्के मारकर मस्त मज़े दूंगा, जो तुम्हे हमेशा याद रहेगा. अब में अपनी गांड को अपने एक हाथ से सहला रही थी और उसके बाद में उससे कहने लगी कि साले बहनचोद आ जा आज तू अपनी बहन की चूत को पहले अच्छे से चोद ले, ज्यादा बातें मत कर मादारचोद, पहले तू मेरी चूत को ठंडा कर और उसके बाद तू मेरी गांड में भी अपने लंड को डालकर उसके भी मज़े ले लेना. अब उस बहनचोद आयुष ने अपनी छिनाल बहन की कुंवारी चूत में अपना सनसनाता हुआ पूरा लंड अंदर डाल दिया जिसकी वजह से अब हम दोनों को बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था. फिर करीब तीस मिनट तक वो मेरी चूत को वैसे ही धक्के देकर मेरी चुदाई करता रहा. “Meri Fuddi Ko Bhoshda”
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फिर कुछ देर वैसे ही तेज दमदार धक्के देने के बाद उसके लंड ने चूत के अंदर ही अपना वीर्य निकाल दिया और मैंने भी पेशाब कर दिया, जिसकी वजह से वीर्य और मेरा पेशाब दोनों ही बहकर बाहर आने लगे. उसके बाद हम दोनों आपस में चिपक गये और आयुष मेर्रे बूब्स के निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और थोड़ी देर बाद आयुष मुझसे कहने लगा कि साली मेरी रंडी दीदी आज मैंने तेरी चूत की चुदाई का मज़ा ले लिया है. अब हम जब भी अकेले होंगे तब हम भाई बहन नहीं पति-पत्नी होंगे.
अब मैंने आयुष से कहा कि हाँ ठीक है भैया आज से तुम मेरे पति हो तुम जैसा चाहोगे में वैसा ही करूंगी और फिर आयुष ने मेरे मुहं से यह बात सुनकर कुछ देर बाद दोबारा अपने लंड को खड़ा करके मेरी गांड मारी जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन मज़ा भी बहुत आया और सारी रात हम दोनों ने कई बार चुदाई के वैसे ही मज़े लिए, जिससे हम दोनों का जोश उस खेल को खेलने में पहले से ज्यादा बढ़ने लगा था, इसलिए हम लगातार चुदाई का खेल खेलने लगे और अब हम दोनों रोज रात को या दिन भी जब कभी हमे अकेले में मौका मिलता तो आपस में एक दूसरे को गरम करके मस्त चुदाई करते और हमने निरोध का इस्तेमाल कभी नहीं किया था, इसलिए एक महीने बाद जब मेरी महावारी अपने समय से नहीं आई तब में बड़ी घबरा गई और यह बात मैंने अपने भाई को बताई.
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फिर दूसरे दिन मेरा भाई आयुष मुझे अपने एक बहुत पक्के दोस्त की बहन के पास ले गया वो किसी हॉस्पिटल में नर्स का काम करती थी, इसलिए उसको इन काम का बहुत अच्छा अनुभव था इसलिए उसने मेरी सफाई तो कर दी, लेकिन वो अब मुझसे पूछने लगी क्यों आजकल तुम किसके लंड से अपनी चुदाई करवा रही हो? लगता वो लंड बड़ा दमदार है देखो उसने तुम्हारी चूत को चोद चोदकर इसका क्या हाल कर दिया है दिखने में यह कोई चूत कम भोसड़ा ज्यादा नजर आ रही है.