• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Devar Bhabhi
  • Bhai-Bahan
  • Girlfriend Boyfriend Ki Chudai
  • Hindi Sex Story Antarvasna
  • Submit Story – अपनी कहानी हमें भेजे

Crazy Sex Story

Antarvasna Hindi Sex Stories - हिंदी सेक्स स्टोरी

You are here: Home / JiJa Sali Ki Chudai / Meri Bur Saf Ki Jija Ji Ne Train Mein – मेरी बुर साफ की

Meri Bur Saf Ki Jija Ji Ne Train Mein – मेरी बुर साफ की

May 2, 2018 by crazy

Meri Bur Saf Ki Jija Ji Ne Train Mein

दोस्तो, मेरा नाम प्रियंका सागर है| मैं बुलंदशहर जिले के की रहने वाली हूँ पर मैं लखनऊ में रहकर पढ़ाई करती हूँ| Meri Bur Saf Ki Jija Ji Ne Train Mein.

मैं किसी से बहुत कम बोलती या मेलजोल रखती हूँ इसलिए मैं अपने दिल की बात किसी को बता नहीं पाती|

एक दिन मेरी सहेली शशि ने Crazy Sex Story के बारे में बताया और कैफ़े में ले जाकर कहानी पढ़वाई|

इस पर ढ़ेर सारी कहानियाँ पढ़कर बहुत मजा आया और सोचा कि मैं भी अपने दिल की बात इस साईट के माध्यम से आप लोगों को बताऊँ|

मैं आपको अपनी एक सच्ची घटना के बारे में बताती हूँ।                          “Meri Bur Saf Ki Jija”

जो मेरे साथ अनजाने में घटी जिसकी मैंने कभी कल्पना नहीं की थी और जिसको बताने के लिए मैं बहुत बेताब रहती थी कि मैं किसको बताऊँ?

डरती हूँ कि कोई मेरे घर वाले ना जान जायें नहीं तो मेरी पढ़ाई बंद करवा देंगे|

मैं अपने घर में अपने भाई-बहनों में तीसरे नंबर, बीस साल की हूँ।

सबसे बड़े भैया गैर-सरकारी (प्राइवेट) बैंक में हैं। उनकी शादी नहीं हुई है।

मुझसे छोटा एक भाई है। एक मुझसे बड़ी दीदी है जिसकी शादी एक आर्मी वाले लड़के से हुई है|

मैं होस्टल में रह कर पढ़ती हूँ।

एक दिन मेरे जीजू मुझसे मिलने होस्टल आये। मैं उन्हें देख कर बहुत खुश हुई।

वो सीधे आर्मी से मेरे पास ही आये थे। और अब घर जा रहे थे।

मैंने भी उनके साथ घर जाने का मन बना लिया और कॉलेज से आठ दिन की छुट्टी ले ली| मैं जीजू के साथ जीजू के घर जाना चाहती थी क्यूँकि दीदी से मिले बहुत दिन हो गए थे|

जीजू से पूछा तो उन्होंने हाँ बोल दिया| मैं और जीजू घर के लिये रवाना हो गये।

जिस ट्रेन से हम घर जा रहे थे उस ट्रेन में मेरा आरक्षण (रिज़र्वेशन) नहीं था। सिर्फ़ जीजू का था।

इसलिये बस से जाने की सोचने लगे पर जीजू बोले की मेरा तो आरक्षण (रिज़र्वेशन) है ना, एक ही बर्थ पर एडजस्ट कर लेगें| हम लोगों को एक ही बर्थ मिली।

ट्रेन में बहुत भीड़ थी। अभी रात के ग्यारह बजे थे। हम इस ट्रेन से सुबह घर पहुँचने वाले थे।

मैं और जीजू उस अकेली बर्थ पर बैठ गये। सर्दियों के दिन थे। आधी रात के बाद ठंड बहुत हो जाती थी।

मैं बहुत गर्म कपड़े नहीं पहनी थी|                                   “Meri Bur Saf Ki Jija”

 

मस्त हिंदी पोर्न स्टोरीज : Valentine Day Ki Chudai Sexy Figure Wali Didi Ki

मुझे अब ठंड लगने लगी तो मैंने ओढ़ने के लिए कुछ माँगा तो जीजू ने बेग से कम्बल निकाल कर आधा मुझे ओढ़ा दिया और आधा खुद ओढ़ लिया।

मैं मुस्कुराती हुई उनसे सट कर बैठ गयी। सारी सवारियां सोने लगी थीं। मुझे भी नींद आने लगी थी|

ट्रेन अपनी रफ़्तार से भागी जा रही थी।

जीजू को भी नींद आ रही थी। मैंने जीजू से उनकी गोद में सर रखकर सोने के लिए पूछा तो जीजू ने मुझे अपनी गोद में सिर रख कर सो जाने के लिये कहा।

जीजू का इशारा मिलते ही मैं उनकी गोद में सिर टिका कर, पैरों को फैला लिया। मैं उनकी गोद में आराम के लिये अच्छी तरह ऊपर को हो गई।

जीजू ने भी पैर समेट कर अच्छी तरह कम्बल में मुझे और खुद को ढांक लिया और अपना हाथ अपने सीने के पास समेट कर बैठ गये।

तब तक मैंने कभी किसी पुरूष को इतने करीब से स्पर्श (टच) नहीं किया था। वैसे मेरे जीजू बहुत हैण्डसम और जवान लड़के है|

जीजू की मोटी-मोटी जांघों ने मुझे बहुत आराम पहुँचाया। मेरा एक गाल उनकी दोनों जांघों के बीच रखा हुआ था।

और एक हाथ मैंने उनके पैरों को कौलियों में भर रखा था।

तभी मेरे सोते हुये दिमाग ने झटका सा खाया। मेरी आँखों से नींद गायब हो गई। वजह थी जीजू के जांघों के बीच का स्थान फूलता जा रहा था।

और जब मेरे गाल पर स्पर्श(टच) करने लगा तो मैं समझ गई कि वो क्या चीज़ है।

मेरी जवानी आंगड़ियाँ लेने लगी। मैं एक बार दीदी के साथ सेक्स करते हुए जीजू का लंड देख चुकी थी इसलिए मैं समझ गई कि जीजू का लंड मेरे बदन का स्पर्श पाकर उठ रहा है।                                 “Meri Bur Saf Ki Jija”

ये ख्याल मेरे मन में आते ही मेरे दिल की गति बढ़ गई। मैंने गाल को दबा कर उनके लंड का जायज़ा लिया जो ज़िप वाले स्थान पर तन गया था।

जीजू भी थोड़े कसमसाये थे और दीदी से लगभग एक साल दूर सीमा (बॉर्डर) पर थे तो शायद वो भी मेरे बदन से गरम हो गये थे।

तभी तो वो बार-बार मुझे अच्छी तरह अपनी टांगों में समेटने की कोशिश कर रहे थे।

अब उनकी क्या कहूँ, मैं खुद भी बहुत गरम होने लगी थी। और उनके लंड को छूने और दबाने को जी कर रहा था|

मैंने उनके लंड को अच्छी तरह से महसूस करने की गरज़ से करवट बदली। अब मेरा मुँह जीजू के पेट के सामने था।

मैंने सोने का नाटक करते हुए करवट लेने के बहाने अपना एक हाथ उनकी गोद में रख दिया और सरकते हुए पैंट के उभरे हुए हिस्से पर आकर रुकी।

मैंने अपने हाथ को वहाँ से हटाया नहीं बल्कि दबाव देकर उनके लंड को देखा।

उधर जीजू ने भी मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे अपने से चिपका लिया। मैंने बिना कुछ सोचे उनके लंड को उंगलियों से टटोलना शुरू कर दिया।

चूँकि मेरा एक बॉय फ्रेंड था और एक बार मैंने उसके लंड को हाथ में लेकर दबाया और ऊपर-नीचे भी किया था पर मैं सोचती थी की गैर को खुश करने से तो अच्छा है किसी अपने को खुश रखा जाये जो हमेशा काम आये|                   “Meri Bur Saf Ki Jija”

यही सोच कर जीजू को खुश करने का सोच लिया| जब कभी हम किसी पार्क में घुमने जाते, अपने बॉय फ्रेंड को मैं बस चूमती और अपनी चूचियाँ दबवा लेती थी|

वह हमेशा चाहता था मेरे साथ चुदाई करे पर मैं मना कर देती थी|

उस वक्त जीजू भी शायद मेरी हरकत को जान गये। तभी तो वो मेरी पीठ को सहलाने लगे थे। और बोल रहे थे कि कितना चिकनी शरीर है|

हिचकोले लेती ट्रेन जितनी तूफ़ानी रफ़्तार पकड़ रही थी उतना ही मेरे अंदर तूफ़ान उभरता जा रहा था।

जीजू की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया (रिएक्शन) न होते देख मेरी हिम्मत बढ़ी और अब मैंने उनकी जांघों पर से अपना सिर थोड़ा सा पीछे खींच कर उनकी ज़िप को धीरे-धीरे खोल दिया।

 

चुदाई की इंडियन सेक्स स्टोरी : Mama Ne Meri Panty Sarkai Aur Meri Chut Dekhi

जीजू इस पर भी कुछ कहने की बजाय मेरी कमर को कस-कस कर दबा रहे थे।

पैंट के नीचे उन्होंने चड्डी नहीं पहनी थी। मेरी सारी झिझक न जाने कहां चली गई थी।

मैंने उनकी ज़िप के खुले हिस्से से हाथ अंदर डाला और अंदर हाथ डालकर उनके लंड को बाहर खींच लिया।

अंधेरे के कारण मैं उसे देख तो ना सकी मगर हाथ से पकड़ कर ही ऊपर-नीचे कर के उसकी लम्बाई-मोटाई को नापा।

सात-आठ इंच लम्बा और तीन इंच मोटा लंड था।                               “Meri Bur Saf Ki Jija”

उनका लंड बहुत गरम था ऐसा लग रहा था कि किसी लोहे की सलाख़ को आग में गरम कर के निकला गया है|

बजाय डर के, मेरे दिल के सारे तार झनझना गये। इधर मेरे हाथ में लंड था, उधर मेरी पैंट में कसी बुर बुरी तरह फड़फड़ा उठी।

इस वक्त मेरे बदन पर टाइट जींस और टी-शर्ट थी। मेरे इतना करने पर जीजू भी अपने हाथों को बे-झिझक होकर हरकत देने लगे थे।

वो मेरी शर्ट को जींस से खींचने के बाद उसे मेरे बदन से हटाना चाह रहे थे। मैं उनके दिल की बात समझते हुये थोड़ा ऊपर उठ गई।

अब जीजू ने मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेरना शुरू किया तो मेरे बदन में करेंट दौड़ने लगा।

उधर उन्होंने अपने हाथों को मेरी अनछुई चूचियों पर पहुँचाया इधर मैंने सिसकारी लेकर झटके खाते लंड को गाल के साथ सटाकर ज़ोर से दबा दिया।

जीजू मेरी चूचियों को सहलाते-सहलाते धीरे-धीरे दबाने भी लगे थे। मैंने उनके लंड को गाल से सहलाया।

जीजू ने एक बार बहुत ज़ोर से मेरी चूचियों को दबाया तो मेरे मुँह से कराह निकल गई, तो मैं जीजू से बोली कि थोडा धीरे से दबाओ न जीजू दर्द होता है जोर से दबाने पर।

हम दोनों में इस समय भले ही बातचीत नहीं हो रही थी मगर एक-दूसरे के दिलों की बातें अच्छी तरह समझ रहे थे।

जीजू एक हाथ को सरकाकर पीछे की ओर से मेरी पैंट की बेल्ट में अपना हाथ घुसा रहे थे मगर पैंट टाइट होने की वजह से उनकी थोड़ी-थोड़ी उंगलियां ही अंदर जा सकीं।                                        “Meri Bur Saf Ki Jija”

मैं उनके हाथ को सुविधा अनुसार मन चाही जगह पर पहुँचने देने के लिये अपने हाथ को नीचे लायी और पैंट की बेल्ट को खोल दिया।

उनका हाथ अंदर पहुँचा और मेरे भारी चूतड़ों को दबोचने लगा। उन्होंने मेरी गांड को भी उंगली से सहलाया।

उनका हाथ जब और नीचे यानि जांघों पर पैंट टाइट होने के कारण ना पहुँच सका तो वो हाथ को पीछे से खींच कर सामने की ओर लाये।

इस बार उन्होंने ने मेरी पैंट की ज़िप खुद खोली और मेरी बुर पर हाथ फिराया।

मैंने बहुत दिनों से बाल साफ़ नहीं किये थे इसलिए मेरी बुर पर घने बाल उग आये थे|

 

अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरीज : Bhaiyo Ne Chudai Ka Video Dikha Ke Mujhe Chod Diya

तो जीजू धीरे से बोले कि यह जंगल तो साफ कर लेतीं, मेरी जान|

बालों वाली बुर पर हाथ लगते ही मैं बेचैन हो गई। वो मेरी फूली हुई बुर को मुट्ठी में लेकर भींच रहे थे।

मैंने बेबसी से अपना सिर थोड़ा सा ऊपर उठा कर जीजू के लंड का सुपाड़ा चूमा और उसे मुँह में लेने की कोशिश की परंतु उसकी मोटाई के कारण मैंने उसे मुँह में लेना उचित न समझा और उसे जीभ निकाल कर चाटने लगी।

मेरी गर्म और खुरदुरी जीभ के स्पर्श से जीजू बुरी तरह आवेशित हो गये।

उन्होंने आवेश में भरकर मेरी गीली बुर को टटोलते हुये एक झटके से बुर में उंगली घुसा दी।

मैं सिसकारी भरकर उनके लंड सहित कमर से लिपट गयी।                           “Meri Bur Saf Ki Jija”

मेरा दिल कर रहा था कि जीजू फ़ौरन अपनी उंगली को निकाल कर मेरी बुर में अपना लंड ठूंस दें।

मेरी ये इच्छा भी जल्द ही पूरी हो गयी। जीजू अपने आप को रोक न सके और मेरी टांगों में हाथ डालकर अपनी तरफ खींचने लगे।

मैंने उनकी इच्छा को समझ कर अपना सिर उनकी जांघों से उतारा और कम्बल के अंदर ही अंदर घूम गयी। अब मेरी टांगें जीजू की तरफ थीं और मेरा सिर बर्थ के दूसरे तरफ था।

जीजू ने अब अपनी टांगों को मेरे बराबर में फिर मेरे कूल्हों को उठा कर अपनी टांगों पर चढ़ा लिया और धीरे-धीरे कर के पहले मेरी पैंट खींच कर उतार दी और उसके बाद मेरी पैंटी को भी खींच कर उतार दिया, अब मैं कम्बल में पूरी तरह नीचे से नंगी थी।

अब मेरी बारी थी, मैंने भी जीजू के पैंट को बहुत प्यार से उतार दिया।

अब जीजू ने थोड़ा आगे सरक कर मेरी टांगों को खींच कर अपनी कमर के इर्द-गिर्द करके पीछे की ओर लिपटवा दिया।

मेरा मन बहुत डर रहा था कि जीजू दीदी को रात में रुला देते थे पेल-पेल के मेरा क्या होगा आज?

इस समय मैं पूरी की पूरी उनकी टांगों पर बोझ बनी हुयी थी। मेरा सिर उनके पंजों पर रखा हुआ था।

मैंने ज़रा सा कम्बल हटा कर आसपास की सवारियों पर नज़र डाली सभी नींद में मस्त थे। किसी का भी ध्यान हमारी तरफ़ नहीं था।

फिर मेरी नज़र जीजू की तरफ पड़ी उनका चेहरा आवेश के कारण लाल हो रहा था। वो मेरी ओर ही देख रहे थे न जाने क्यों उनकी नज़रों से मुझे बहुत शरम आयी और मैंने वापस कम्बल के अंदर अपना मुँह छुपा लिया।                       “Meri Bur Saf Ki Jija”

जीजू ने फिर मेरी बुर को टटोला। मेरी बुर इस समय पूरी तरह रस से भरी हुई थी फिर भी जीजू ने ढ़ेर सारा थूक उस पर लगाया और अपने लंड को मेरी बुर पर रखा।

उनके गर्म सुपाड़े ने मेरे अंदर आग दहका दी।

फिर उन्होंने टटोल कर मेरी बुर के मुहानें को देखा और अपनी उंगली से मेरी बुर की फाँकों को एक-दूसरे से अलग कर अच्छी तरह सुपाड़ा बुर के मुँह पर रखने के बाद मेरी जांघें पकड़ कर हल्का सा धक्का दिया मगर लंड अंदर नहीं गया बल्कि थूक से चिकनाहट के कारण ऊपर की ओर हो गया।

उस समय मेरी साँसे थम गए थी।

जीजू ने इसी तरह एक-दो बार और कोशिश किया वो आसपास की सवारियों की वजह से बहुत सावधानी बरत रहे थे।

इस तरह जब वो लंड न डाल सके तो खीझ कर अपने लंड को मेरी बुर के आसपास मसलने लगे। मैंने अब शरम त्याग कर मुँह खोला और उन्हें सवालिया निगाहों से देखा।                                                                “Meri Bur Saf Ki Jija”

वो बड़ी बेबस निगाहों से मुझे देख रहे थे। मैंने सिर और आंखों के इशारे से पूछा, क्या हुआ?

तब वो थोड़े से नीचे झुक कर धीरे से फुसफुसाये, आस पास सवारियां मौजूद हैं, इसलिये मैं आराम से काम करना चाहता था कि तुमको दर्द न हो मगर इस तरह होगा ही नहीं, थोड़ी ताकत लगानी पड़ेगी।

 

कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : Pakistani Ladki Ki Kunwari Chut Ka Maja Liya

तो लगाओ न ताकत जीजू, मैं उखड़े स्वर में बोली।

ताकत तो मैं लगा दूंगा परंतु तुम्हे कष्ट होगा क्या बरदाश्त कर लोगी?

आप फ़िक्र न करें, कितना ही कष्ट क्यों न हो मैं एक उफ़ तक ना करूंगी। आप लंड डालने में चाहे पूरी शक्ति ही क्यों न झोंक दें।

तब ठीक है, मैं अभी अंदर करता हूँ जीजू को इतमिनान हो गया और इस बार उन्होंने दूसरी ही तरक़ीब से काम लिया।

उन्होंने उसी तरह बैठे हुये मुझे अपनी टांगों पर उठा कर बिठाया और दोनों को अच्छी तरह कम्बल से लपेटने के बाद मुझे अपने पेट से चिपका कर थोड़ा सा ऊपर किया और इस बार बिल्कुल छत की दिशा में लंड को रखकर और मेरी बुर को टटोलकर उसे अपने सुपाड़े पर टिका दिया।

मैं उनके लंड पर बैठ गयी। अभी मैंने अपना भार नीचे नहीं गिराया था। मैंने सुविधा के लिये जीजू के कंधों पर अपने हाथ रख लिये।

जीजू ने मेरे कूल्हों को कस कर पकड़ा और मुझसे बोले, अब एकदम से नीचे बैठ जाओ।

मैं मुस्कुराई और एक तेज़ झटका अपने बदन को देकर उनके लंड पर चिपक कर बैठ गयी।                      “Meri Bur Saf Ki Jija”

उधर जीजू ने भी मेरे बदन को नीचे की ओर दबाया। अचानक मुझे लगा जैसे कोई तेज़ धार का खंजर मेरी बुर में घुस गया हो।

मैं तकलीफ़ से बिलबिला गयी। क्योंकि मेरी और जीजू की मिली जुली ताकत के कारण उनका विशाल लंड मेरी बुर के बंद दरवाज़े को तोड़ता हुआ अंदर समा गया और मैं सरकती हुयी जीजू की गोद में जाकर रुकी।

मैंने तड़प कर उठना चाहा परंतु जीजू की गिरफ़्त से मैं आज़ाद न हो सकी। अगर ट्रेन में बैठी सवारियों का ख्याल न होता तो मैं बुरी तरह चीख पड़ती।

मैं मचलते हुये वापस जीजू के पैरों पर पड़ी तो बुर में लंड तनने के कारण मुझे और पीड़ा का सामना करना पड़ा।

मैं उनके पैरों पर पड़ी-पड़ी बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी।

जीजू मुझे हाथों से दिलासा देते हुये मेरी चूचियों को सहला रहे थे।

करीब दस मिनट बाद मेरा दर्द कुछ हल्का हुआ तो जीजू कूल्हों को हल्के-हल्के हिला कर अंदर बाहर करने लगे।

फिर दर्द कम होते-होते बिल्कुल ही समाप्त हो गया और मैं असीमित सुख के सागर में गोते लगाने लगी। जीजू का लंड मेरी बुर में अंदर बाहर हो रहा था तो मुझे बहुत ही ज्यादा सुख और ख़ुशी मिल रही थी|

जीजू धीरे से लंड खींच कर अंदर डाल देते थे। उनके लंड के अंदर-बाहर करने से मेरी बुर से पानी निकलने से चपक-चपक की अजीब-अजीब सी आवाज़ें पैदा हो रही थीं।                                 “Meri Bur Saf Ki Jija”

मैंने अपनी कोहनियों को बर्थ पर टेक कर बदन को ऊपर उठा रखा था और खुद थोड़ा सा आगे सरक कर अपनी बुर को वापस उनके लंड पर धकेल देती थी।

इस तरह से आधे घंटे तक धीरे-धीरे से चोदा चादी का खेल चलता रहा और अंत में मैंने जो सुख पाया उसे मैं बयान नहीं कर सकती।

जीजू ने तोलिया निकाल कर पहले मेरी बुर को पोंछा, जो खून और हम दोनों के रज और बीज से सनी हुई थी उसके बाद मैंने उनके लंड को पोंछा और फिर बारी-बारी से बाथरूम में जाकर फ़्रेश हुये और कपड़े पहने।

मेरे पूरे बदन में मीठा-मीठा दर्द हो रहा था। यहीं से हम दोनों जीजा-साली न होकर प्रेमी-प्रेमिका बन गये।

अब जब भी जीजू घर आते हैं तो मैं उनसे विनती करती हूँ कि मेरे साथ अच्छी तरह से सेक्स करके मुझे खुश करें, मुझे भी उनका इंतज़ार रहता है।

 

मस्तराम की गन्दी चुदाई की कहानी : Aunty Ke Gaand Ke Chhed Ko Apne Lund Se Khola

जब एक बार कोई लडकी अच्छी तरह किसी लड़के से चुदवा ले तो उसे हमेशा चुदवाने का बहुत मन होने लगता है|

जब ज्यादा दिन हो जाते हैं तो अपने बुआ के लड़के के साथ कभी-कभी सेक्स कर लेती हूँ|

वो एक दोस्त की तरह हमारा साथ हमेशा देता है| वह भी बहुत बेरहमी से अपना लंड मेरी बुर में बिना तेल या थूक लगाये डालता है जिसके कारण बहुत दर्द होता है|                                                  “Meri Bur Saf Ki Jija”

उसको तो लंड चुस्वाने में मजा आता है| मैं कुछ बोल नहीं पाती हूँ क्यूँकि वो मेरा सारा राज सबको बता देगा|

इसका फायदा उठा कर वह मेरी गांड भी मारता है जिसके कारण मैं दर्द से तड़प उठती हूँ|

दोस्तों आपको ये Meri Bur Saf Ki Jija Ji Ne Train Mein कहानी मस्त लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और whatsapp पर शेयर करे………………………………

सेक्सी कहानी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करे...

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Telegram (Opens in new window)

Related

Filed Under: JiJa Sali Ki Chudai Tagged With: Antarvasna, bur, chudai, Garam Sali, Hindi Sex Story, lund, Train Sex

Primary Sidebar

Hindi Sex Story

कहानी खोजे

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली कहानिया

  • शादी के पहले अजीब शर्त पूरी करनी पड़ी
  • भाभी की चूत का मूत भी पीने लगा मैं
  • Bhai Bahan Rat Me Chup Chap Sex Kar Lete
  • Aunty Ne Dara Kar Mujhse Ganda Kam Karaya
  • Boss Mere Breast Se Doodh Pine Lage
  • मम्मी साथ सेक्स चैट लॉकडाउन में कुतिया बना कर चोदा
  • Ghar Ki Chudai Ki Desi Kahani Insect Sex Story
  • कजिन ने ढीला सलवार पहना चुदवाने के लिए
  • नौकर का लम्बा लंड देखने के लिए उसके सामने नंगी हुई 3
  • डॉक्टर के बाद ताऊ जी के लंड पर कूदने लगी माँ 2

Antarvasna Hindi Chudai

Categories

  • Aunty Ki Chudai
  • Baap Beti Ki Chudai
  • Bhai Bahan Ki Chudai
  • Boss Ke Sath Chudai
  • Devar Bhabhi Ki Chudai
  • Doctor aur Nurse Ki Chudai
  • Girlfriend Boyfriend Ki Chudai
  • Group Mein Chudai
  • Hindi Sex Story Antarvasna
  • Hot Virgin Girl Ki Chudai
  • JiJa Sali Ki Chudai
  • Kunwari Ladki Ki Chudai
  • Lesbian Ladkiyo Ki Chudai
  • Maa Bete Ki Chudai
  • Meri Chut Ki Chudai
  • Pados Wali Bhabhi Aunty Ki Chudai
  • Pati Patni Ki Chudai
  • Rishto Mein Chudai
  • Student Teacher Ki Chudai
  • Uncategorized

Recent Posts

  • Boss Mere Breast Se Doodh Pine Lage
  • शादी के पहले अजीब शर्त पूरी करनी पड़ी
  • Aunty Ne Dara Kar Mujhse Ganda Kam Karaya
  • भाभी की चूत का मूत भी पीने लगा मैं
  • Extra Small Pussy Pahli Bar Chudi

सेक्स स्टोरी डायरेक्ट मेल में

यहाँ अपना ईमेल डाले और रोज नई सेक्स कहानिया अपने ईमेल में पाये



DMCA.com Protection Status

© 2021 · Crazy Sex Story