Jism Ki Pyas Kahani
दोस्तो मेरा कहानी दीदी अपनी चूत में मेरा वीर्य भरना चाहती थी 3 में अब तक आपने पढ़ा कि मै अपनी छोटी बहन सानिया के साथ रूम में अभी चूमा चाटी कर ही रहा था की फातिमा दीदी बोली कि अम्मी आ रही हैं उसके बाद पूरा दीन हमे मौका नहीं मिला. अब आगे- Jism Ki Pyas Kahani
जब रात हुई सबने मिलकर खाना खाया और सोने जाने लगे तभी फातिमा दीदी बोली अम्मी जान आज मेरे सर में दर्द हो रहा है मैं आज आपके पास सो जाती हूं मेरा सर दबा देना अम्मी जान भी हामी भर दी तभी सानिया मेरी तरफ देखकर आंख मारी और मुस्कराने लगी मैं भी हंस दिया और कमरे की ओर चला गया.
करीब आधे घंटे बाद सानिया भी रूम में आई और अन्दर से कुंडी लगा दी और मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे होंठों को चूसने लगी मैं भी मजा लेने लगा और छोटी बहन सानिया को किस में साथ देने लगा सानिया मेरे होंठों को जोर जोर से काटने लगी और मेरे ऊपर धीरे धीरे कूदने लगी.
तभी मैं अपने बरमूडा को निचे कर दिया अब मेरा लंड नंगा हो गया सानिया पूरी तरह गर्मा गई थी. मै धीरे से सानिया की नाईटी को पकड़ के उपर किया और सानिया की कमर तक नाईटी उठा दिया तभी सानिया मेरे ऊपर से धीरे से उठी और मेरे लंड को पकड़ के अपनी गीली चूत में सेट की और एका एक मेरे ऊपर बैठ गई.
जिससे मेरा लंड सीधे सानिया की चूत को चीरते हुए उसकी बचेदानी तक पहुंच गया लेकिन सानिया चिलाई नही धीरे धीरे दर्द की सिसकारी भरने लगी मेरा लंड भी आज पहली बार इतना टाइट चूत में गया था मुझे ऐसा लगा कि आज जनात में आ गया हु मेरा लंड सानिया की बचेदानी में ठोकर मार रहा था.
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तभी सानिया अपनी कमर हिलाने लगी पहले धीरे धीरे हिला रही थी और कुछ देर बाद अपनी स्पीड पकड़ ली मै भी निचे से धक्का देने लगा करीब आधे घण्टे चुदाई के बाद सानिया झर गई और मेरे ऊपर लेट गई उसके मुंह मेरे मुंह से चिपका हुआ था.
सानिया झर गई थी लेकिन मेरा अभी हुआ नही था करीब पांच मिनट बाद मैने सानिया की नाईटी उतार दिया. सानिया पुरी नंगी हो गई ना वो चढ़ी पहनी थी और ना ब्रा मैं सानिया कि नंगी बदन देखते ही मेरा जोश दोगुना हो गया.
मैं सानिया को जोर से पकड़ा और बेड से नीचे उतर गया सानिया मेरे कमर मे अपनी पैर फंसा ली और झूला झूलती हुई चुदवाने लगी थोड़ी देर बाद सानिया की चूत फिर से झड़ गई लेकीन मैं सानिया को झूला झुलाते हुए जोर जोर से चोदने लगा.
सानिया फिर से जोश में आ गई दो बार झरने के बाद भी सानिया। पूरा लंड को अपने अन्दर ले रही थी ऊपर से चूत टाईट मेरा लंड भी अब सह नहीं पाया और कुछ देर बाद सानिया की चूत में झरने लगा उसी समय सानिया फिर झर गई और पूरा चिपक गई.
मै सानिया को देखा ओ भी मोरे आंखों में देखी और सरमा के मेरे होंठों को अपने मुंह में डाल ली. मैं भी सानिया को लेकर बेड पर लेट गया थोड़ी देर बाद फिर से मेरा लंड अन्दर ही टाइट होने लगा सानिया मेरे होंठों को छोड़ के धीरे से बोली भाई जान आज पहली बार मुझे कोई मर्द मिला है आज मै बहुत खुश हूं बोलो आपको क्या चाहिए.
मैं सानिया को लेकर बोला सच सच बता अभी तक कितनो से चुदाई हैं सानिया हंसने लगी और बोली भाई जान अभी तक इस चूत में एक भी लंड नही गया लेकिन फातिमा दीदी और मैं बहुत बार एक दुसरे की चूत में उंगली डाल के मंजे कि हैं और जब फातिमा दीदी सो जाती थी तब मै चुपके से मूली को अपनी चूत में डाल लिया करती थी.
लेकिन जो मांजा आज आपने दीया वो मुझे कभी नही मिली फिर से सानिया मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे लंड को चूत में डाल ली और धीरे धीरे चुदवाने लगी दोस्तो मैं बता नहीं सकता कि कितना मजा आ रहा था सानिया भी आज पूरा साथ दे रही थी.
चुदवाते चुदवाते सानिया दो बार झड़ चुकी थी लेकिन फिर भी अपनी कमर हिलाती रही लास्ट में मैं भी झड़ गई और पूरा वीर्य सानिया की चूत में डाल दिया उस रात हम दोनों भाई बहन सोए नही और पूरा रात 5बार चोदा सुबह सानिया की चाल बदल गई थी.
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लेकिन अम्मी जान को कुछ भी पाता नही चला ऐसे ही फातिमा दीदी को और सानिया को रोज चोदने लगा रोज रात में सानिया को चोद ही देता और पूरा वीर्य भीतर निकलता सानिया भी एक नंबर की चुदाकर निकली और रोज रात में चुदने के बाद ही सोती तभी जीजा जी और अब्बू जान विदेश से फोन किए की हम लोग 1 महीना के लिए छूटी पर आ रहे हैं.
और अगले दिन सुबह वो लोग प्लेन पकड़ लिए और एक घण्टे के बाद फोन आया कि दुबई से आने वाली प्लेन दुर्घटना गरस्त हों गया मैं भागे भागे मुंबई गया जहां जीजा और अब्बू की बडी मिला हमारे घर में सभी टूट गए थे इस दुख की घड़ी को काटने के बाद 3 महीने बाद इंश्योरेंस कंपनी हमे दो करोड रूपए दीया अब कुछ हमारी परेशानी दूर हुई.
तभी कुछ दीन बाद सानिया फिर से मेरे साथ सेक्स करने लगी 6 महीने बाद सानिया बोली भाई जान एक खुशखबरी है. मै पुछा कोन सा खुशखबरी मुझे भी बताओ मेरी छोटी बहाना सानिया मुस्कुराते हुए बोली भाई जान आप अब्बू बनने वाले हो इतना सुनते मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई.
लेकीन सानिया मुस्कुरा रही थी और धीरे से बोली भाई जान अब तो आपकी दोनो बहन आपकी बीबी बन गई अब क्या चाहिए आपको मैं कुछ बोलता उससे पहले ही सानिया मेरे लंड को पकड़ के चूसने लगी और बोली भाई जान जब तक आपके वीर्य को अपने अन्दर नहीं ले लेती तब तक मुझे नींद नहीं आती और फिर से चुदवाने लगी.
दोस्तो कुछ दीन बाद सानिया की पेट बाहर निकलने लगी तभी अचानक एक दिन अम्मी की नजर सानिया के पेट पर परी और अम्मी सब समझ गई और गाली देने लगी और पूछने लगी कि किसका बच्चा है तभी मैं और दीदी दोनो अम्मी के पास गए और सब सच सच बता दिया.
अम्मी जान पहले मानने को तैयार नहीं थी लेकिन जब अम्मी को पता चला कि फातिमा दीदी भी मेरे बच्चे की अम्मी बनने वाली हैं तब जाके अम्मी जान भी दोनो बहनों को अपनी बहु मान ली और मैं बड़ी बहन फातिमा और छोटी बहन सानिया से निकाह कर लिया.
लेकीन अम्मी जान एक शर्त रखी कि जब तक दोनो अम्मी नही बनती तब तक तुम उनसे मिलोगे नही फातिमा दीदी को तो ठीक था वो 8 महीने की थी लेकिन सानिया अभी 2 महीने की पेट से थी फिर भी हम सर्त माने और दोनो बहनों को एक रूम दे दिया. हालाँकि अम्मी सबसे नहीं खुलती हैं.. पर मैंने उसे कभी किसी बात पर गुस्साते हुए नहीं देखा है।
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ये बात भी धीरे धीरे पुरानी हो रहि थी की एक दिन मेरे दुकान पर एक कार आया जो पंचर हो गया था उस कार तीन लड़के थे मैं पंचर सही करने लगा तभी तीनो दोस्तों ने अपने परिवार के साथ सेक्स की बातें आपस में करने लगें उसमे से एक ने बोला यार अल्ला कसम जो मांजा अम्मी की चूत चोदने में आया वो ना बीबी की ना ही बहनों की चुदाई से आया.
दूसरा बोला अभी तो तेरी अम्मी पहली बार चुदवाई तुझसे एक महीने बाद देखना और खुलेगी और जितना खुलेगी उतना मांजा देगी मुझे बड़ा अज़ीब लगा। मैंने अम्मी को कभी उस नज़र से नहीं देखा था.. पर इन सब बातों को सुन-सुन कर मेरे मन में भी जिज्ञासा बढ़ने लगी और मैं अपनी अम्मी को ध्यान से सोचने लगा।
चूँकि गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थीं और अम्मी हमेशा घर पर ही रहती थी। तभी तीनो कुछ दूर चले गए मैं भी पंचर बना दिया वो तीनों फिर से कार में बैठ गए और चले गए. अब मुझे दुकान पर अच्छा नहीं लग रहा था मैं भी दुकान बंद किया और घर चला गया.
घर में मैं सर्त के अनुसार अम्मी जान के साथ ही सोता था और दीदी जान और छोटी बहन अपने कमरे में सोती थीं। अम्मी मुझे बहुत प्यार करती थीं। दीदी छोटी बहन और मैं आपस में खुले हुए थे.. क्यों कि दोनो बहनों को अपने लंड की सवारी करा दिया था अब रात हुआ. “Jism Ki Pyas Kahani”
सबने खाना खाया और सोने चले गए मेरे मन में उन लड़कों का बात याद आते रहता था अक्सर उत्तेजना की वजह से जब मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मेरा लंड खड़ा होने लगा मै अम्मी को पीछे से पकड़ लिया और लंड को आमी जान की गांड पर लगा दिया.
तभी अम्मी जान हमें नॉर्मल रहने को कही और खुद भी वैसे ही सोती रही 5 मिनट बाद धीरे-धीरे मैं अम्मी जान के और करीब आने की कोशिश करने लगा और हिम्मत करके अम्मी से उस वक़्त सटने की कोशिश करता.. जब मेरा लंड खड़ा होता।
मेरा खड़ा लंड कई बार अम्मी जान के बदन से टच हुआ.. पर अम्मी जान कुछ नहीं बोली और मुझे भी कब नींद आई पता नहीं चला. इसी तरह दुसरे दिन अम्मी जान रसोई में काम कर रही थीं और अम्मी जान की हिलती हुई चूतड़ देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।
मैंने ने अपनी किस्मत आज़माने की सोची और भूख लगने का बहाना करते हुए रसोई में पहुँच गया। और अम्मी जान से बोला- अम्मी जान मुझे भूख लगी है.. कुछ खाने को दो। और ये कहते हुए अम्मी जान से पीछे से चिपक गया..
मेरा लंड उस समय पूरा खड़ा था और मैंने अपनी कमर पूरी तरह अम्मी जान के चूतड़ों से सटा रखा था जिसके कारण मेरा लंड अम्मी जान के चूतड़ों के बीच थोड़ा सा घुस गया था। अम्मी जान हँसते हुए बोलीं- क्या बात है आज तो मेरे बेटे को बहुत भूख लगी है..
मैं “हाँ अम्मी जान आज.. बहुत ज्यादा.. भूख लगी है जल्दी से मुझे कुछ दो.”
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और मैंने अम्मी जान को और ज़ोर से पीछे से पकड़ लिया और उनके पेट पर अपने हाथों को कस कर दबा दिया। कस कर दबाने की वज़ह से अम्मी जान ने अपने चूतड़ थोड़ी पीछे की तरफ किए.. जिससे मेरा लंड थोड़ा और अम्मी जान के चूतड़ों के बीच में घुस गया। “Jism Ki Pyas Kahani”
उत्तेजना की वज़ह से मेरा लंड झटके लेने लगा.. पर मैं वैसे ही चिपका रहा और अम्मी जान ने हँसते हुए मेरी तरफ देखी.. पर बोलीं कुछ नहीं… फिर अम्मी जान ने जल्दी से मेरा खाना लगाया और थाली हाथ में लेकर बरामदे में आ गईं। मैं भी उनके पीछे-पीछे आ गया.. खाना खाते हुए मैंने देखा.. अम्मी जान मुझे और मेरे लंड को देख कर धीरे-धीरे हँस रही थीं।
जब मैंने खाना खा लिया तो अम्मी जान बोलीं- अब तू जाकर आराम कर.. मैं काम कर के आती हूँ।
पर मुझे आराम कहाँ था.. मैं तो कमरे में आ कर आगे का प्लान बनाने लगा कि कैसे अम्मी जान को चोदा जाए.. क्योंकि आज की घटना के बाद मुझे पूरा विश्वास था कि अगर मैं कुछ करता भी हूँ.. तो अम्मी जान नाराज़ नहीं होंगी।
फिर ये ही हरकत मैंने 5-6 बार की और अम्मी जान कुछ नहीं बोलीं.. तो मेरी हिम्मत बढ़ गई। एक रात खाना खाने के बाद मैं कमरे में आकर लाइट ऑफ करके सोने का नाटक करने लगा.. थोड़ी देर बाद अम्मी जान आईं और मुझे सोता हुआ देख कर थोड़ी देर कमरे में कपड़े और सामान ठीक कि और फिर मेरे बगल में आकर सो गईं।
करीब एक घंटे के बाद जब मुझे विश्वास हो गया कि अम्मी जान अब सो गई होगीं.. तो मैं धीरे से अम्मी जान की ओर सरक गया और धीमे-धीमे अपना हाथ अम्मी जान के चूतड़ों पर रख कर अम्मी जान को देखने लगा। जब अम्मी जान ने कोई हरकत नहीं की..
तो मैं उनके चूतड़ों को सहलाने लगा और उनकी नाईटी के ऊपर से ही दोनों चूतड़ों और गाण्ड को हाथ से धीमे-धीमे दबाने लगा। जब उसके बाद भी अम्मी जान ने कोई हरकत नहीं की तो मेरी हिम्मत थोड़ा और बढ़ी और मैंने अम्मी जान की नाईटी को हल्के-हल्के ऊपर खींचना शुरू किया। “Jism Ki Pyas Kahani”
नाईटी ऊपर करते-करते जब नाईटी चूतड़ों तक पहुँच गई.. तो मैंने अपना हाथ अम्मी जान के चूतड़ों और गाण्ड के ऊपर रख कर.. थोड़ी देर अम्मी जान को देखने लगा.. पर अम्मी जान ने कोई हरकत नहीं की। फिर मैं अपना हाथ उनकी गाण्ड के छेद से धीरे-धीरे आगे की ओर करने लगा, पर अम्मी जान की दोनों जाँघें आपस में सटी हुई थीं.. जिससे मैं उन्हें खोल नहीं पा रहा था।
फिर मैंने अपनी दो ऊँगलियां आगे की ओर बढ़ाईं तो मेरी साँस ही रुक गई। मेरी ऊँगलियां अम्मी जान की चूत के ऊपर पहुँच गई थीं। फिर मैंने धीरे-धीरे अपनी ऊँगलियों से अम्मी जान की चूत सहलाने लगा.. अम्मी जान की चूत पर बाल महसूस हो रहे थे।
चूँकि मेरे लंड पर भी झांटें थीं तो मैं समझ गया कि ये अम्मी जान की झांटें हैं। इतनी हरकत के बाद भी अम्मी जान कुछ नहीं कर रही थीं.. तो मैंने धीरे से अपनी पूरी हथेली अम्मी जान की चूत पर रख दी और चूत के दोनों होंठों को एक-एक कर के छूने लगा..
तभी मुझे महसूस हुआ कि अम्मी जान की चूत से कुछ मुलायम सा चमड़े का टुकड़ा लटक रहा है। जब मैंने उसे हल्के से खींचा तो पता चला कि वो अम्मी जान की चूत की पूरी लंबाई के बराबर यानि ऊपर से नीचे तक की लंबाई में बाहर की तरफ निकला हुआ था और जबरदस्त मुलायम था।
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लेकीन सानिया और फातिमा दीदी की चूत में ऐसा कुछ नहीं था जब अम्मी जान की चूत की मुलायम चमरी को छुआ. उस समय मेरा लंड इतना टाइट हो गया था कि लगा जैसे फट जाएगा.. मैं धीरे से उठ कर बैठ गया और अपनी पैन्ट उतार कर लंड को आमी जान की चूतड़ से सटाने की कोशिश करने लगा… पर कर नहीं पाया। “Jism Ki Pyas Kahani”
तो मैं एक हाथ से अम्मी जान की चूत में ऊँगली डाल कर बाहर निकले चमरी को सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मुठ मारने लगा.. दो दिन मिनट में ही मैं झड़ गया। पर जब तक मैं अपना गाढ़ा जूस रोक पाता.. वो अम्मी जान के चूतड़ों पर पूरा गिर चुका था।
ये देख के मैं बहुत डर गया और चुपचाप पैन्ट पहन कर.. अम्मी जान को वैसा ही छोड़ दीया मेरा वीर्य अम्मी जान की चुतरो से टपकते हुए अम्मी जान की चूत के ऊपर जा रहा था मै डर गया और अम्मी जान को वैसे ही छोड़ के सो गया तो दोस्तो आगे की कहानी अगले भाग में लिखेंगे.
Sonu says
Next part please
Franklysamar says
Bilkul fake hai story tumhari
Mai Lucknow se hu jisko bhi chodai karwana ho mujhe WhatsApp kare
9984265948
Anshu Pandey says
Kisi ladki ko apni chudayi karwani ho to anshypandey524@gmail.com pr Gmail kre
Yaa ham phone sex bhi kr skte hai
Franklysamar says
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ashish sharma says
Hii dear female from bhopal
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ashish sharma says
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Chintu says
Hey me bilkul akeli hu bhilai se hu Muje kio pyar dega 63713 30126
Binay says
Hi
Rajveer says
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Aditya says
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