Car Mechanic Ne Meri Chut Ki Servicing Ki
मैं हिमानी, उम्र 32 साल, गोरी, लंबी, 36-28-38 की फीगर है। अपनी नौकरी ज्वाइन करने से पहले, मेरे पति मेरे लिए एकदम नयी मारुती इस्टीम खरीद कर लाये। यह कार मेरे लिए बहुत उपयोगी बन गयी। मेरा पति ने मुझे ड्राइविंग सिखाया। Car Mechanic Ne Meri Chut Ki Servicing Ki.
अब मैं अकेले ही कार ड्राइव करके बाजार, अपने बच्चों को स्कूल और सभी अन्य स्थानों के लिए जाती हूँ। सच बोलूं तो इस कार ने मेरी आजादी और अधिक बढ़ा दी। हमारे घर के सामने एक गेराज था। वहां गगन नाम का एक मैकेनिक, 25 साल का जवान लड़का था।
वह मेरे पति का बहुत ज्यादा सम्मान करता है क्योंकि मेरे पति ने गैरेज के लिए उसकी बहुत ज्यादा मदद की थी। जब भी मैं अपनी कार के लिए उसके गेराज में जाती हूं तो वह मेरे साथ ठीक से व्यवहार करता है।
लेकिन जब मेरे पति अपने काम के लिए चले गये तो मैंने मेरे प्रति गगन के व्यवहार में कुछ बदलाव देखा। मैं जब भी वहां जाती तो उसने मेरे साथ मजाक करना शुरू कर दिया। मैं जब भी बोनट पर झुकती तो वह मेरी मेरी पोशाक के अंदर, ब्रा के अंदर देखने की कोशिश करता। मैं उसका इरादा समझी जरूर लेकिन इस सब पर ध्यान नहीं दिया।
मैं जब उसकी तरफ देख रही होती तो अक्सर वो पैंट के ऊपर से खुले तौर पर अपने लण्ड को मसलता। मैंने सोचा कि इसमें कोइ नुकसान है और कुछ भी नहीं कहा। इससे उसकी हिम्मत और बढ़ गई और काम के दौरान वो मेरे शरीर को छूने भी लगा। मैंने निर्णय लिया कि अब मैं उसके गैरेज में नहीं जाऊंगी और एक नया गेराज तलाश करूंगी।
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तभी मेरे दोस्तों ने तय किया कि हमलोग रविवार को बाहर सैर के लिए जायेंगे। क्योंकी मेरे ग्रुप में केवल मेरे पास कार थी, इसलिये मैंने अपनी कार ले जाने की पेशकश की, यह शुक्रवार की सुबह थी। तब मुझे याद आया की कार का ए॰सी॰ काम नहीं कर रहा था और हेडलाइट कि भी समस्या थी।
अब मेरे पास कोई विकल्प नहीं था, सिवाय गगन के पास मरम्मत के लिए गाड़ी ले जाने के। मैंने उसे समस्यायें बताई और यदि आवश्यक हो तो हेडलाइट को बदलने के लिए कहा
इस समय के दौरान मैंने अपने सारे शरीर पर उसकी आंखों को महसूस किया। उसने कहा कि कार 3:00 बजे तक ठीक हो जाएगी, और मुझे उसके बाद कार ले जाने के लिए कहा। मैं सहमत होते हुए अपने घर चली गयी। मैं ठीक 3:00 बजे उसके गैरेज में पहुँच गयी।
यह एक शुक्रवार था, इसलिये वो अपने गैरेज में अकेला था। मुझे गगन कहीं भी नहीं मिला। मैंने उसे 4-5 बार आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, तो अंत में मैं उसके कार्यालय-सह-कमरे में चली गई।
वहां मैंने उसे सिर्फ एक लुंगी और टी-शर्ट में फर्श पर सोते हुये पाया। मैं उसे फिर से आवाज देने वाली थी कि मैंने देखा की उसकी लुंगी एक तरफ हट गई थी और उसका लणड बाहर निकला हुआ था, जिसने मुझे रोक दिया। मेरी आवाज मेरे गले में फँस गई और मेरी धड़कन बढ़ऩी शुरू हो गई। उसका लण्ड एक झंडे की तरह खड़ा था जो लंबा और मोटा था और उसका सुपाड़ा प्री-कम से चमक रहा था।
मैंने उसे अपने लण्ड को सहलाते हुये कुछ फुसफुसाते सुना, तो मैं ध्यान लगाकर सुनने लगी की वो क्या कह रहा था और जो मैंने सुना, उसे सुनकर मैं चौंक गई।
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गगन कह रहा था- “ओह्ह्ह्ह… हिमानी, और चूस मेरा लण्ड, ज़ोर-ज़ोर से चूस इसको, बहुत दिनों से मैं, मेरा लण्ड तुझसे चुसवाना चाहता था और बाद में तेरी गुलाबी चूत चोदना चाहता था। आज तू मिली है तो पूरी भड़ास निकालूँगा इस बदन पे हिमानी…”
इसका मतलब था कि गगन सपने में मुझसे सेक्स रहा था। उसकी कार्रवाई और शब्दों ने मुझे गर्म करना शुरू कर दिया। अब मैंने समझा और महसूस किया की मेरे बारे में उसके क्या विचार थे। गगन अब अपने हाथ से अपना लण्ड सहला रहा था।
उसका खड़ा लण्ड देखकर मेरी चूत गरम होने लगी और चूचियों में खून तेज़ दौड़ने लगा। मैंने पाया की मेरे निपल्स खड़े हो गये हैं। मैंने आपने हाथों से पैंट के ऊपर से अपनी चूत सहलाई। मुझे ऐसा लगा की मैं अभी जाकर गगन का लण्ड आपने हाथों में लेकर उसको सहलाकर चूस डालूं।
लेकिन बहुत देर तक उसको घूरने के बाद मैं अपने होश में आई तो कमरे से बाहर चली गई और फिर उसे बुलाना शुरू कर दिया।
मैंने कमरे से कुछ आवाज सुनी, इसका मतलब कि गगन जाग गया है। अंत में गगन उसी पोशाक में बाहर आया, मुझे देखकर मुस्कुराया और कहा- “सारी हिमानीजी, आज छुट्टी है ना तो काम करने के बाद मुझे नींद लग गयी। लेकिन आपकी कार के ए॰सी॰ का काम मैंने कर दिया है। आपको ज़्यादा टाइम तो नहीं रुकना पड़ा ना हिमानीजी?”
उसकी लुंगी के नीचे खड़े लण्ड को देखने से अपने आपको रोकते हुये मैंने कहा- “नहीं गगन, मैंने बस 2-3 बार तुमको आवाज़ दी। अच्छा यह बताओ कि ए॰सी॰ में क्या प्राब्लम थी?”
गगन ने कहा- “ए॰सी॰ के साथ गैस की समस्या थी, और कहा कि ए॰सी॰ का एक परीक्षण करने के बाद वो हेडलाइट की जाँच करेगा…”
मैं भी कोई समस्या नहीं चाहती थी इसलिये मैं एक टेस्ट ड्राइव के लिए सहमत हो गई। वह अपने कपड़े बदलने गया, एक शार्टस और टी-शर्ट पहनकर आया और वह ड्राइवर की सीट में बैठ गया और मुझे बगल की सीट में बैठने के लिए कहा। फिर खिड़कियां बंद करके कार स्टार्ट की। उसने कार गेराज के बाहर निकाली और मुझसे पूछा कि हमलोग किधर और कहां तक ड्राइव करें।
मैंने कहा- “कहीं भी, जब तक मैं ठंडा महसूस न करूं…” मैं एक लाल टाप और नीली जींस में थी। शुक्रवार होने के नाते सड़कें खाली थीं तो शहर से बाहर आने के लिए गगन को कोई समय नहीं लगा। मैं अब अच्छी तरह से ठंडा महसूस कर रही थी। “Meri Chut Ki Servicing”
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निरुद्देश्य इधर-उधर ड्राइव करते, मेरी तरफ देखते हुये गगन ने कहा- “हिमानीजी एक बात बोलू… आपके दोनों हेडलाइटस तो मुझे एकदम अच्छे लगते हैं लेकिन मुझे उनको ज़रा खूब ध्यान से चेक करना है और खराबी ढूँढ़नी है। अभी चेक करू हेडलाइट?”
उसने गलत कुछ भी नहीं कहा, मुझे कुछ भी गलत नहीं लगा, लेकिन मैंने पूछा कि वो चलती कार में उन्हें कैसे जाँच करेगा?”
उसने कहा कि वो गाड़ी पार्क करेगा और जाँच करेगा, जिसके लिये मैं सहमत हो गई। उसने कार एक सूनसान सड़क पर रोकी और उतर गया, हेडलाइट की जाँच करने के लिये बोनट खोला। गलती से मेरी आँखें उसके लण्ड पर चली गईं जो शार्ट के अंदर अभी भी खड़ा था।
मेरी आँखें उस पर गड़ी थीं और मैं अपनी चूत में उत्तेजना होने का संकेत महसूस कर रही थी। हेडलाइट की जाँच के बाद गगन मेरी तरफ आया और मुझे नीचे झुकने के लिए कहा और ढीले तार को दिखाया।
ढक्कन बंद करने के बाद गगन ने कहा- “हिमानीजी ये हेडलाइटस को मैंने चेक कर दिया लेकिन अभी भी आपके दो हेडलाइटस बाकी हैं। आप कहो तो मैं उनको भी चेक करूं?” “Meri Chut Ki Servicing”
मैं कुछ समझी नहीं कि कौन सी दो और हेडलाइटस हैं जिसके बारे में वो बात कर रहा था तो मैंने उससे पूछा- “तुम कौन सी दो हेडलाइट की बात कर रहे हो गगन? तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है ना? और कौन सी दो हेडलाइट हैं मेरे पास, जो तुम चेक करना चाहते हो?”
जवाब में गगन मेरे पास आया और मेरे स्तनों की ओर इशारा करते हुये कहा- “हिमानीजी, मैं इन हेडलाइटस की बात कर रहा था। मेरी बहुत दिनों की यह तमन्ना है की मैं आपकी शर्ट उतार के और ब्रा खोलके आपको अपने हाथों से नंगा करके अच्छी तरह चेक करूं। बोलिए हिमानीजी, चेक करूं, मैं इनको अब्भी यहाँ? यहाँ तो हम दोनों के सिवा कोई नहीं है। मैं बड़े इतमीनान से इनको चेक कर सकता हूँ…”
ऐसा कहने के दौरान गगन ने मेरा हाथ उसके हाथ में कसकर पकड़ लिया था और हल्के-हल्के सहला रहा था। मैं दंग रह गयी, कुछ भी जवाब नहीं दे पाई, और इसी समय में गगन ने अपने दोनों हाथ मेरे स्तनों पर रख दिये और धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से उन्हें सहलाने लगा।
अपने होश में वापस आते ही मैं कार की ओर वापस चली गई और कहा- “गगन क्या कर रहे हो? मेरे बदन से अपने हाथ हटाओ। गगन इस सुनसान जगह पे मुझे लेकर आना और ऐसा करना यही तेरा मक़सद था क्या? चलो अब मुझे जाने दो…” असल में मैं उसके लण्ड को देखने के बाद गर्म भी थी, लेकिन मैं खुद से कह नहीं पाई।
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लेकिन इससे गगन रुका नहीं और वो आगे आया और फिर मेरे स्तनों के साथ खेलना शुरू कर दिया और कहा- “हिमानी, आज तो तूने भी मुझे नंगा देखा है तो मुझे भी तेरा नंगा बदन देखना है। कैसा था मेरा लण्ड? तुझे पसंद आया क्या? तुझे पता नहीं मैं कबसे तुझे चोदना चाहता हूँ…” “Meri Chut Ki Servicing”
तब मुझे एहसास हुआ कि गगन ने सोने का बहाना बनाया था। सिर्फ मुझे अपना लण्ड दिखाने और मुझे गर्म करने के लिए।
मेरे वापस जाने के लिए कोई जगह नहीं थी इसलिये मैं अभी भी खड़ी थी। फिर गगन ने मेरे टाप के तीनों बटनों को खोलना शुरू कर दिया। उसके बाद उसे मेरी क्लीवेज़ दिखी। फिर गगन ने मेरी ब्रा में हाथ डाल दिया और मेरे स्तनों से खेलना शुरू कर दिया।
मैंने मेरी जर्सी से गगन के हाथों को दूर करने की कोशिश की लेकिन गगन ने मेरी जर्सी के अंदर एक हाथ डालकर मेरी जर्सी को ऊपर उठा दिया, जिससे मेरी ब्रा दिखने लगी। फिर मैं कुछ करूं उससे पहले ही गगन ने मेरी जर्सी को पूरी तरह से निकाल दिया।
मैंने अपने हाथों से अपनी चूचियों को ढका और कार में जाने की कोशिश की लेकिन गगन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कार के दरवाजे पे मुझे धक्का दिया और मेरे भारी स्तनों का स्पष्ट नग्न दृश्य प्राप्त करने के लिए मेरी ब्रा के सामने के हुक खोल दिये। “Meri Chut Ki Servicing”
गगन ने तब जल्दी से मेरे शरीर से मेरी जर्सी और ब्रा को निकाल दिया और कमर तक मुझे नंगा कर दिया, इतनी जल्दी कि कुछ भी करने के लिए मेरे पास समय ही नहीं था। मेरे नग्न स्तन पर उसके स्पर्श ने मुझे भी गर्म कर दिया और सेक्स के लिए उत्सुक बना दिया था।
फ़िर जब उसने मेरी चूचियों को चूसना शुरू किया, तब मैं अपने होश में आई और कहा- “गगन, प्लीज़… रास्ते में ऐसा मत करो। कई कारें यहाँ से आती जाती हैं, मुझे कितनी शरम होगी अगर क़िसी ने मुझे ऐसा देखा तो? प्लीज़… कम से कम कार में तो चलो…” यह कहने के साथ मैंने यह स्पष्ट कर दिया कि मैं उससे चुदवाने को तैयार हूँ।
लेकिन मेरी बात सुनने के बजाय उसने मेरी जीन्स और बेल्ट खोलना शुरू कर दिया और कहा- “इसका मतलब है हिमानी की तू भी मुझसे चुदना चाहती है… मेरे लण्ड ने तेरी चूत में चुदाई की इच्छा पैदा की है, है ना हिमानी?” “Meri Chut Ki Servicing”
उसका हाथ पकड़े हुए मैंने हाँ कहा।
गगन ने अपने हाथों को छुड़ाया और कहा- “हिमानी, तुझे चोदूंगा तो कार में ही लेकिन मेरी तमन्ना है की तुझे रोड पे नंगा करके जी भरके देखूं और फिर तुझे चोदूं…”
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मैंने उसका हाथ पकड़कर निवेदन करने की कोशिश की, लेकिन गगन ने मेरी एक ना सुनी और मेरी जीन्स का बेल्ट खोलकर बटन और ज़िप खोल डाला जिसकी वजह से मेरी जीन्स पूरी उतर गयी। फिर नीचे बैठकर गगन ने मेरी सैंडल और मेरी जींस को निकाल दिया। अब मैं सिर्फ अपने लाल जाँघिये के साथ सड़क के बीच में खड़ी थी।
जब मैंने अपनी नग्नता को अपने हाथों से छिपाने की कोशिश की तो गगन ने मेरे जाँघिये की इलास्टिक में अपनी उंगलियां डालकर उन्हें नीचे खींच दिया और कहा- “हिमानी, तू नंगी होने में जितना ज़्यादा टाइम लगाएगी उतना ज़्यादा टाइम तुझे रोड पे नंगी खड़ा रहना पड़ेगा। तू जल्दी-जल्दी नंगी हो जा ताकि तुझे कार में सुला के मैं चोद सकूं…” “Meri Chut Ki Servicing”
उसकी बात सुनने के अलावा मेरे पास अन्य कोई विकल्प नहीं था, इसलिये मैंने स्तन से मेरे हाथ हटा लिये। तब तक गगन ने मेरी पैंटी निकालकर मुझे पूरा नंगा कर दिया था। फिर उसने मुझे उससे थोड़ी दूर खड़ा करके मुझे छूना और मेरे नग्न शरीर पर टिप्पणी करना शुरू कर दिया।
आप इस दृश्य की कल्पना करें कि, एक जवान खूबसूरत लेकिन नंगी शादीशुदा औरत सड़क पे कार के बगल में खड़ी है और एक जवान लड़का उस औरत के मस्त बदन को छूकर और मसलकर उसको और उत्तेजित कर रहा है।
मेरे पीछे खड़े होकर गगन ने मेरे चूतड़ों को थपथपाया और मेरी गाण्ड कि दरार में अपनी उंगली फिराई और कहा- “हाय हिमानी, यह तेरी गाण्ड कैसे उछल रही है, और यह चूचियां देख कैसे तन के खड़ी हैं, मुझसे चुसवाने और मसलवाने के लिए। हिमानी, मुझे तेरा यह जवान बदन 4 महीनों से सता रहा है। “Meri Chut Ki Servicing”
तेरा बदन देखकर तो मैं होश खो देता था। तू जब भी गेरेज में आती थी ना तो दिल करता था की तुझे वहीं पे नंगा करके चोद डालूं। तेरी चूचियां देखके तो मेरा लण्ड बेकाबू हो जाता था। आज तो मैं इतने दिनों की प्यास तुझे चोदके बुझाऊँगा…” इस समय के दौरान गगन मेरे शरीर को देख रहा था, मेरी गाण्ड, चूचियां और चूत को महसूस कर रहा था।
मैं सिर्फ इस उलझन में खड़ी थी की मैं क्या करूं?
फिर गगन ने अपनी पैंट खोली और अपने अंडरवियर को नीचे करके अपने गर्म लण्ड को नंगा कर दिया और अपने पैरों को कार के बाहर निकालकर पीछे की सीट पर बैठ गया। फिर मुझे अपने पैरों के बीच में खींच लिया और कहा- “हिमानी, यह ले मेरा लण्ड चूस पहले, बाद में मैं तेरी चूत चोदूंगा…”
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मैं जानती थी कि मेरे कहने का कोई असर होने वाला नहीं है, इसलिये मैं सड़क पर नंगी घुटनों के बल बैठ गई और उसका विशाल लण्ड अपने हाथों में लेकर सहलाने लगी और अपने मुँह से उसके लण्ड को चूमने और चाटने लगी। “Meri Chut Ki Servicing”
उसका लण्ड भी बहुत बड़ा था जो मेरे मुंह में पूरी तरह से नहीं जा रहा था। गगन ने मेरे सिर को पकड़ लिया और अब नीचे से मेरे मुँह को चोदने लगा और कहा- “हाय हिमानी, तेरा लण्ड चूसना तो तेरे बदन जैसा मादक है। लगता है बहुत लण्ड चूसे हैं तूने, ले और अंदर ले मेरा लण्ड और चूस-चूस के मेरा पानी निकाल…”
मैंने चूसना शुरू कर दिया और काफी देर तक तेज-तेज चूसती रही। तभी मैंने एक कार के आने की आवाज सुनी तो मैंने कार में जाने के लिये उठने की कोशिश की, लेकिन गगन ने मुझे कसके पकड़ लिया और कहा- “चूसती रहो, चिंता मत करो…”
कार नजदीक आई तो मैंने देखा की उसमें दो आदमी हैं और मैंने सोचा कि ये रुकेंगे, लेकिन वो चले गये तो मैंने भगवान को धन्यवाद दिया।
ये सब टेंशन से मैं इतनी गरम हो गई थी कि बिना छुये ही झड़ने लगी। “Meri Chut Ki Servicing”
गगन मुझे कार में ले गया और फिर अपनी हथेली से मेरी चूत को महसूस करते हुये कहा- “हिमानी सही में तू एक मस्त औरत है, तेरा ऐसा मस्त जिस्म और तेरा लण्ड चूसना… मज़ा आ गया। अच्छा बोल हिमानी, दोपहर को मेरा लण्ड देखके तुझे कैसा लगा?”
एक बार झड़ने के बावजूद भी मैं बहुत गर्म थी तो मैंने गगन को अपनी नंगी चूचियों पर खींचकर कहा- “गगन, दोपहर को जब मैंने तेरा लण्ड देखा तो मैं शर्मा गयी, लेकिन जब तेरी बातें सुनी की तू मुझे नींद में चोद रहा है तो मेरे बदन में गरमी भर गयी और मेरे बदन की गरमी कितनी बढ़ गयी, इसका सबूत यह है की ज़िंदगी में पहली बार खुली सड़क पे क़िसी पराये मर्द ने मुझे नंगी किया है, और मेरे जिस्म से खूब खेला है। यह सब तेरा लण्ड देखकर ही हुआ है…”
मेरे निपल्स को मसलते, चिकोटते हुये गगन ने कहा- “हिमानी, तूने मेरा लण्ड चूस के मुझे बहुत मज़ा दिया है, अब तू यह बता की मैं तुझे कहाँ और कैसे चोदूं?” “Meri Chut Ki Servicing”
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मैं नीचे झुकी और गगन का लण्ड अपने मुंह में ले लिया और उसको चूमने और चूसने के बाद कहा- “गगन, तेरा लण्ड पूरी ताकत से मेरी चूत में पेलकर और मेरी चूचियां मसलके, दबाके और चूसके इतना चोद की मुझमें चलने की ताक़त ना रहे राजा…”
मेरी दोनों चूचियों को मसलते हुये, अपने हाथ में मेरे कपड़ों को लेकर गगन ने मुझे कार के नीचे उतारा, और कार को बंद करते हुये मुझे पास की झाड़ियों, पेड़ों में ले गया। मैं उसके बगल में नंगी ही चल रही थी और वो मेरे शरीर के साथ खेल रहा था।
जब हम जंगल में एक सुनसान जगह पर पहुंच गये तो गगन ने वहाँ मुझे एक पेड़ के साथ खड़ा कर दिया और मेरे पैरों में बैठकर अपने हाथों से मेरी चूत को खोला और अपनी जीभ डालकर एक कुत्ते की तरह मेरी चूत चूसने लगा। “Meri Chut Ki Servicing”
पहले ये सब वो धीरे-धीरे कर रहा था लेकिन फिर वह पागलों की तरह मेरी चूत चूमने, चूसने, काटने लगा और मेरे चूतड़ों को दबाने लगा। मुझे खड़ा रहने में मुश्किल हो रही थी लेकिन गगन ने मुझे बैठने नहीं दिया। अब उसने पीछे से मेरी गाण्ड में एक उंगली डाल दिया और साथ-साथ ‘गाण्ड में उंगली’ करना शुरू कर दिया।
मेरे लिये ये सब असहनीय था और मैं उसके ऊपर लगभग ढह गई।
गगन ने मुझे अपने ऊपर लेते हुये एक जोरदार चुम्मा लिया और कहा- “हिमानी, तुझे चूत चुदवानी है ना… तो पकड़ मेरा लण्ड और डाल ले अपनी चूत में और चोद मुझे। मैं नीचे सोता हूँ और तू ऊपर से मुझे चोद…” “Meri Chut Ki Servicing”
मैंने गगन को कहने की कोशिश की कि वो मेरे ऊपर आकर मुझे चोदे, लेकिन उसने मेरी बात को सुना ही नहीं। तो आखीर में मैं उसके सीने पर बैठने लगी तो गगन ने अपना लण्ड हाथ में पकड़कर मेरी चूत को धीरे-धीरे अपने उछलते लण्ड पर दबा दिया और मेरी गरम चूत ने उसको जकड़ लिया। धीरे-धीरे जैसे-जैसे उसका लण्ड मेरी चूत में घुसना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।
आख़िरकार उसका पूरा लण्ड जब मेरी चूत में चला गया तो मेरी गाण्ड पकड़ के गगन बोला- “हिमानी ले अब चुदा ले अपनी चूत, चल ऊपर से चोदना शुरू कर…”
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उसके सीने पर अपने दोनों हाथ रखकर मैंने ऊपर-नीचे होना शुरू किया, इस प्रक्रिया में मेरी चूत चुदने लगी। मेरा पूरा शरीर झटके से जोर-जोर से हिल रहा था। मेरी चूचियों का हिलना नाचना देखकर गगन अपने को रोक नहीं सका और मेरे निपल्स को चुटकी से मसलते हुये मेरी दोनों चूचियों को अपनी हथेलियों में लेकर जोर से मालिश करना शुरू कर दिया और चूसने भी लगा।
इस तरह से चुदना मुझे एक स्वर्गीय आनंद दे रहा था। “Meri Chut Ki Servicing”
उसको और जोर से चोदते हुये मैंने कहा- “गगन दोपहर को तेरा लण्ड देखा तो मुझे लगा कि उधर ही नंगी होकर तुझसे चुदवा लूं। क्योंकी पिछले 4 महीनों से मेरी चूत बहुत प्यासी हैं, जब से मेरा पति काम पे चला गया है। लेकिन अगर उधर चुदवाती तो जिस तरह से तूने मुझे रोड पे नंगा करवाया, वो मज़ा नहीं मिलता। गगन अगर वो कार रुकती तो क्या होता? मैं कितनी डर गयी थी…”
मेरे निपल्स को चिकोटते हुये गगन ने कहा- “हिमानी, मेरा सपना था की तुझे ऐसे ही नंगा करके चोदूं। इसलिए अगर तू गेरेज में चुदवाना भी चाहती ना, तो मैं तुझे नहीं चोदता। और रही बात उस कार की, तो अगर वो कार रुकती तो मैं उन दोनों मर्दों को भी तुझे चोदने के लिए इन्वाइट करता। क्योंकि तू ऐसा मस्त चूसती और चुदवाती है की तुझे एक मर्द से मज़ा नहीं मिलता…”
उसके लण्ड को चोदते हुये मैंने कहा- “गगन ऐसा मत बोल, मैं वैसी औरत नहीं हूँ समझे…”
अब मेरी दोनों चूचियों को दबाते, रगड़ते हुये गगन ने कहा- “अरे हिमानी, अगर तू वैसी औरत नहीं है तो मैं बना देता हूँ तुझे वैसी। आख़िर तुझमें इतनी गर्मी है, वो ठंडी कैसे होगी? अगर तुझे कोई मस्त लण्ड नहीं मिला तो?” “Meri Chut Ki Servicing”
मेरी चूत का प्री-कम गगन के लण्ड के ऊपर से होकर, मेरी चूत से बाहर आकर गगन की गाण्ड में जा रहा था। चुदाई के कारण मेरे पैरों में दर्द शुरू हो गया, लेकिन मैं झड़ने के करीब थी तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी और आखीर में गगन के चेहरे को मेरे निप्पल पर कसकर दबाते हुये एक जोरदार धक्का दिया और मैं झड़ने लगी। फिर मैं उसकी छाती पर गिर पड़ी।
फ़िर गगन ने कसकर मुझे गले लगाया और मुझे पलटकर मेरे ऊपर आ गया। उस समय तक गगन बहुत उत्तेजित हो गया था। मेरे ऊपर आने के बाद वो मेरी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। इस तरह 3-4 मिनट तक जोर-जोर से चोदने के बाद वो मेरी चूत में झड़ गया और मेरे शरीर पर गिर पड़ा। “Meri Chut Ki Servicing”
चुदाई के बाद खड़े होने पर, गगन ने सुझाव दिया कि- “मैं गेराज तक की यात्रा के दौरान कार में बिल्कुल नंगी बैठूं, क्योंकि कार की खिड़की में रंगीन शीशे लगे हुये थे तो कोई भी हमें देख नहीं सकता है…”
लेकिन मैंने कहा- “नहीं…”
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तो गगन ने कहा- “हिमानी, कम-से-कम कमर के नीचे कुछ मत पहनो ताकि मैं तेरी चूत से खेलते-खेलते कार चला सकूं…”
आखीर में मैं सहमत हो गई। और गगन मेरी नंगी चूत में उंगली करते हुये अपने गैरेज में आया। इस दौरान मैं बहुत गरम हो गई थी तो हमने उसके गैरेज में भी एक बार फिर चुदाई की।
उसके बाद मेरी कार सप्ताह में 2-3 दिन उसके गैरेज में खड़ी रहती थी। और जब भी मेरी कार वहां पार्क रहती थी, तब गगन मेरी चूत में अपना लण्ड पार्क करके मेरी चूत की अच्छे से चुदाई और सर्विसिंग कर देता था। “Meri Chut Ki Servicing”