Chudne Ke Liye Bhatije Ka Lund Perfect Hai
मेरा नाम मानसी तिवारी है। मैं कानपुर में रहती हूँ। मेरी उम्र 32 साल है। मैं देखने में बेहद खूबसूरत हूँ। मैं एक शादी शुदा औरत हूँ। मेरे हसबैंड स्कूल टीचर है। मेरी शादी हुए सात साल हो चुके है। मै अभी तक माँ नहीं बनी हूँ। मेरे पति का अभी बच्चे के बारे में कोई डिसीजन नहीं है। वो अभी और एक साल रूककर मेरे को प्रेग्नेंट करने की सोच रहे थे। मै तो अपनी गोद में बच्चा खिलाना चाहती थी। मेरे घर में और 2 जवान पट्ठे मर्द घूमते थे। एक मेरा भतीजा था और एक उसके पापा यानि की मेरे जेठ जी। वो देखने में मेरे हसबैंड से भी कम उम्र के लगते थे। मेरे को भतीजा बहोत अच्छा लगता हैं। मेरे हसबैंड मेरे को जल्दी संतुष्ट नहीं कर पाते थे। उनका लंड कुछ खाश बड़ा नहीं था। मेरे को बहोत टाइम लग जाता था उनका लंड खड़ा करने में। मै उनके लंड से चुदवा कर तंग हो चुकी थी। कई दिनों से अच्छे लंड को खाने को नहीं मिला था। मेरी चूत में खुजली बहोत जोर जोर से हो रही थी। Chudne Ke Liye Bhatije Ka Lund Perfect Hai.
चुदने के लिए अपने भतीजे आर्यन का लंड परफेक्ट लग रहा था। उससे सेक्स करने का मन हो रहा था। वो तो अभी अभी जवान हुआ था। मेरे को उसकी पर्सनालिटी बड़ी अच्छी लगती थी। लगभग 6 फीट का जवान मर्द लग रहा था। आर्यन की उम्र 25 साल की थी। जब भी वो अंडरबियर में घूमता था तो मैं उसके लंड को ही ताड़ती रहती थी। सुबह सुबह जब वो अपने रूम से निकलता था आर्यन का अंडरबियर फूला फूला दिखता था। उसका लंड देखने में बहोत बड़ा लग रहा था। मेरे मुह में उसे चूसने के लिए पानी आ जाता था। मै भी कुछ कम न थी। मैं भी देखने में एक दम कट्टो माल लगती थी। मेरी जवानी का मेरे पति ने अच्छे से मजा भी नहीं ले पाए थे। शादी शुदा होकर भी मैं अभी तक चुदाई का भरपूर मजा नही ले पाई थी। Bhatije Ka Lund
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मेरे को तो कभी कभी लगता था कि शादी करके मैंने कोई बहोत बड़ी भूल कर दी। शादी से पहले ही मैं कई लंड का दर्शन कर चुकी थी। मेरी जवानी को आर्यन भी बहोत ताड़ता था। मै अक्सर उसे अपने बड़े बड़े दूध का दर्शन करा देती थी। मै उसके सामने ढीली ब्लाउज पहनकर जाती थी। नीचे झुककर उसे अपने बूब्स का दर्शन करा देती थी। वो मेरे बूब्स को देखते ही अपना लंड खड़ा कर देता था। जानबूझकर मेरे को ऐसा करने में मजा आ रहा था। धीरे धीरे एक दूसरे के दिल की बात पता चलने लगी। वो भी मेरे को चोदने को तड़प रहा था। मेरे को मायके जाना था। सब लोग घर पर बिजी थे। आर्यन की उस समय कुछ दिनों की छुट्टी चल रही थी। मैंने उससे अपने मायके को जाने की बात की। मेरा मायका हैदराबाद में पड़ता था। दो शीट रिज़र्व करा के हम लोग शाम को ट्रेन का इंतजार स्टेशन पर कर रहे थे। आर्यन भी मेरे साथ बैठा था। Bhatije Ka Lund
उससे कुछ सेक्सी बात करके उसका डर दूर करना था। तभी ट्रेन आ गयी। हम लोग अपनी शीट पर जाकर बैठ गए। मैं अपनी शीट पर बैठी थी। खिड़की तरफ जाकर आर्यन बैठ गया। मेरे बगल में एक मर्द बैठा था। वो मेरे को घूर घूर कर देख रहा था। आर्यन मेरे को खिड़की के बगल की शीट देकर खुद मेरी वाली शीट पर बैठ गया। रात के लगभग 1 बज गए। सारे लोग चादर ओढ़ कर झपकी ले रहे थे। उस समय हल्की हल्की ठंडी पड़ रही थी। कही से हवा पास होकर हम लोगो को लग रही थी। मेरे पास एक ही चादर था। मै चादर ओढ़े हुए बैठी थी। आर्यन ने उस दिन हाफ जैकेट पहना हुआ था। जिससे उसके हाथ में ठण्ड लग रही थी। चादर काफी बड़ा था। मैंने उसे थोड़ा सा चादर देकर ओढ़ने को कहा। वो मेरे करीब आकर ओढ के बैठ गया। मेरा मूड तो खराब हो रहा था। मै चुदने का बहाना ढूंढने लगी। लेकिन ट्रेन में तो सिर्फ चुदने की बात फिक्स हो सकती थी। Bhatije Ka Lund
मै: आर्यन मेरे से चिपक कर बैठ जाओ?
आर्यन: ठीक है! और कितना चिपक जाऊं?
मैंने उसका हाथ पकड़ कर खीच कर खुद से चिपका लिया। वो मेरे को देखने लगा। उसका शरीर तो बहोत गर्म लग रहा था।
मै: तेरे जिस्म में तो बड़ी गर्मी है। इतनी गर्मी का एहसास तो चादर से भी नहीं हो पा रहा था।
आर्यन: तुम भी कुछ कम गर्म नही हो आंटी! तुम्हारे बदन पर तो मै हाथ रख कर सेक सकता हूँ। इतनी गर्म तुम्हारी बॉडी लग रही है।
मै: अच्छा बेटा! मस्का लगा रहे हो?
आर्यन: नहीं आंटी मैं सच कह रहा हूँ।
मै: तुम मेरे को आंटी न कहा करो? तुम मेरे को अपना फ्रेंड मान सकते हो। मेरे को नाम से बुलाया करो।
आर्यन: ठीक हैं
मै उससे चिपक कर अपना दूध स्पर्श कराने लगी। वो मेरे दूध के स्पर्श से ही मेरे को अजीब नजरो से देखने लगा।
आर्यन: आपका वो…वो…मेरे सीने में लग रहा है। Bhatije Ka Lund
मै: क्या लग रहा है?
आर्यन: आपको पता है उसे हटा ले! नहीं तो मेरे को पता नहीं क्या होने लगता है।
मै: जिससे तुम्हे प्रॉब्लम हो तुम खुद ही हटा दो।
आर्यन मेरे दोनों चुच्चो को छू कर दूर करने लगा।
मै: तुम तो इसे छूने से ऐसे डर रहे हो जैसे आज तक तुमने कभी छुआ ही नही है।
आर्यन: आंटी! सही कह रही हो! मैंने आज तक किसी को हाथ नहीं लगाया।
मै: मतलब तुम्हे कुछ नही पता है! इतने बड़े हो गए हो तेरे को अभी छूने का मौका ही नहीं मिला।
आर्यन: हमसे कोई लड़की आज तक पटी ही नही।
मै: चलो मै तुम्हारा आधा डर इन मामलो में दूर कर कर देती हूँ। बाकी का आधा घर पर पहुच के कर दूँगी।
इतना कहकर मैंने उसका हाथ पकड़ा। अपने बूब्स पर हाथ रख दिया। वो अब भी डर रहा था। मैंने पूरा चादर ओढ़कर हम दोनों ने अपना मुह बैठे बैठे ही ढक लिया। उसके होंठ पर अपना होंठ लगाकर चूसने लगी। उसे पता था कि मैं चुदासी हूँ। वो भी मेरा साथ दे रहा था। मेरे होंठो को काट काट कर पीने लगा। नाजुक नर्म होंठ को चुसाने का मजा आज मुझे मिल रहा था। मेरे हसबैंड तो आते ही लंड खड़ा करके चोदने लगते थे। मेरे को बहोत दिनों बाद किस और चुम्बन का मजा मिल रहा था। रात में सिर्फ उसने होंठो को पीकर दूध को दबाया। चुदने का सिग्नल मिल गया था। अब चुदने के लिए स्थान चाहिए था। Bhatije Ka Lund
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मैंने भी उसके लंड को हिलाया डुलाया । उसने मेरी चूत में ऊँगली करके मुझे गर्म कर दिया। उसका डर ख़त्म हो चुका था। मेरे को घर पहुचते ही चुदना था। दूसरे दिन हम सुबह पहुच गए। घर पर पहुचते ही हम दोनों जल्दी से फ्रेश हो गए। नाश्ता करके हम दोनों ने थका होने का नाटक किया। आर्यन ने सोने का नाटक किया। मैंने भी उसका साथ दिया। मैं मम्मी से कहकर रूम में चली गयी। मैंने मम्मी को बताया हम लोग सोने जा रहे हैं कोई डिस्टर्ब न करे। वैसे घर में मम्मी के अलावा भैया का छोटा लड़का था। मैंने रूम को अंदर से लॉक लिया। आर्यन तो चोदने को तैयार था। सुबह के 10 बज रहे थे। मेरा काम दिन में ही लगने जा रहा था। मैंने उस दिन लाल रंग का सलवार और कुर्ता पहना था। Bhatije Ka Lund
उस कपडे में मै कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही थी। मेरे को उसने अपनी बाहों में भर के बिस्तर पर पटक दिया। मेरे होंठो को फिर एक बार जोर जोर से चूसने लगा। मेरी सिसकारियां निकल रही थी। होंठ की जबरदस्त चुसाई से मेरे मुह से “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”, की सिसकारी निकल रही थी। वो मेरे गले को चूम कर दूध की तरफ बढ़ रहा था। मेरा कुर्ता निकाल कर ब्रा को खोलने लगा। उसे भी निकाल कर मेरे दोनों दूध को हाथ में भरकर पीने लगा। कुछ देर तक बूब्स को दबाया उसके बाद मेरे भूरे निप्पल को काट काट कर पीने लगा। उसका दांत मेरे बूब्स के निप्पलों में गड़ रहा था। मेरी साँसे तेज हो रही थी। मैंने भी कुछ देर तक उसको अपना दूध पिलाया। मेरी मुह से “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाज निकल रही थी। Bhatije Ka Lund
उसके बाद मैंने उसको छुड़ाकर अपने को अलग करके उसका पैंट निकाला। मेरे को उसका लंड देखने की बड़ी बेशबरी से इन्तजार था। उसके अंडरबियर को पैंट सहित निकाल दिया। मेरे को उसका लंड देखकर बडी हैरानी होने लगी। आर्यन का लंड तो उसके चाचा के लंड से दो गुना बड़ा दिख रहा था। मैं झट से उसे पकड़कर मुठ मार कर हिलाने लगी। वो धीरे धीरे टाइट होता जा रहा था। उसका लंड खड़ा हो गया। लंड के गुलाबी टोपे को अपने मुह में रखकर चूसने लगी। मै उसके लंड को डंडी पर लगी आइसक्रीम की तरह चाट रही थी। मेरे को देख देख के आर्यन का लंड और भी ज्यादा टाइट हो गया।
उसे भी बड़ा जोश आ रहा था वो भी तेज से साँसे लेकर सूं…सूं…., सूँ….. इसस्स..की आवाज निकाल रहा था। उसने अपने लंड को मेरे से छुड़ाया। मैं खुद ही चुदने के लिए अपनी सलवार के नाड़े को खोलने लगी। नाडा खुलते ही मेरी चूत पैंटी में कैद दिखने लगी। रसभरी चूत को चटाने के लिए मैं बिस्तर पर बैठ गयी। आर्यन नीचे ही बैठ कर मेरी पैंटी को निकाल दिया। मेरी टांगो को फैलाकर उसने चूत का दर्शन किया। मेरी चूत को देखकर उसके भी मुह में पानी आ गया। मेरी चूत को वो रसमलाई की तरह चाट चाट कर मजा ले रहा था। मेरी चूत खाल को दांतो से खीच खींचकर चूस रहा था। चूत के दाने को काटते ही मेरी चूत में आग लग जाती थी। मैं अपनी चूत को “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज के साथ चटा रही थी। उसने अचानक से अपना लंड मेरी चूत पर रख कर रगड़ना शुरू किया। मेरी चूत गर्म हो चुकी थी। इतने में आर्यन ने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगा दिया। मेरी चूत में जोर से धक्का मार कर पूरा लंड अंदर घुसा दिया। मै जोर से आवाज निकाल दी.. मेरी चूत को बड़े दिनों बाद ऐसा लंड मिला था जिसने मेरी चीख निकाल दी। मेरे को आज चुदने का भरपूर मजा मिल रहा था। आर्यन मेरे को किस करते हुए चोद रहा था। Bhatije Ka Lund
मैं: और जोर से चोदो मेरे राजा बड़े दिनों के बाद ये मजा मिला है। फाड़ डालो! और जोर से चोदो! मेरे राजा “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज निकलने लगी।
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उसके लंड ने मेरे चूत को जबरदस्त रगड़ देना शुरू किया। मेरे को लगने लगा मेरा भतीजा आर्यन आज मेरी चूत घिस डालेगा। वो जड़ तक अपना लंड डालकर मेरी चुदाई कर रहा था। कुछ देर में ही वो थक कर बैठ गया। मै उसके लोहे की सलाखों जैसे लंड पर अपनी चूत रख कर बैठ गयी। मेरी चूत में उसका पूरा लंड समाहित हो गया। मैं आर्यन के लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी। मै धीरे धीरे कुछ ज्यादा ही उत्तेजित होने लगी। मेरी चूत से माल निकलने वाला था। मै जोर जोर से “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज निकालते हुए झड़ गयी। उसका लंड मेरे माल से भीग गया। उसने भी अपनी कमर उठा उठा कर मेरे को और ज्यादा स्पीड से चोदना शुरू किया। लगभग 5 मिनट बाद उसका भी लंड खाली हो गया। उसने सारा माल मेरी चूत में ही गिरा दिया। लंड के बाहर निकलते ही मेरी चूत से माल की बौछार होने लगी। कुछ दिन बाद घर पर ससुराल आने के बाद भी उसने चुदाई की और मै माँ बन गयी। मेरे पति भी मेरे बच्चे को देखकर बहोत खुश है। मेरा भतीजा भाई बनने के बजाय पापा बन गया। मै भी बहोत खुश हूँ। मौक़ा मिलये ही मैं उससे चुदने को तैयार हो जाती है। उसने मेरी चुदाई करके मेरे को माँ बनने का जो सुख दिया है। उसके लिए मै उससे जिंदगी भर चुदवा सकती हूँ। Bhatije Ka Lund