Aunty Ki Sukhi Chut Ko Apne Lund Se Chod Kar Gila Kiya.
बात आज से कुछ 7 माह पहले की हे. मेरा सर्टिफिकेट कोर्ष खत्म हुआ और पापा की पहचान के चलते मुझे यही पर जॉब भी मिल गई. फिर कुछ दिनों के बाद कंपनी वालो ने राजकोट सिटी के बहार एक्सपांड करने को सोचा. और मुझे टीम लीड के रूप में बरोडा के पास के एक टाउन पोर में भेज दिया जो बरोडा सुरत हाइवे के ऊपर हे. मैं कम्पनी में ही काम करनेवाले एक अंकल जी के घर में अपने 2 कलिग के साथ पीजी रहता था. अंकल आंटी का एक बेटा भी था जो अभी करीब 3-4 साल का ही होगा. उन्हें बहुत सालों के बाद औलाद हुई थी. मकानमालिकिन का नाम नयना पटेल था जो की एक सेक्सी हाउसवाइफ थी. Aunty Ki Sukhi Chut Ko Apne Lund Se Chod Kar Gila Kiya.
अब किस लगती थी वो आप को बताऊंगा तो आप का लंड भी खड़ा हो जाएगा दोस्तों. उसकी लम्बाई करीब साड़े पांच फिट की थी. 36 इंच के बूब्स थे जो ब्लाउज के अन्दर फिट नहीं बैठते थे और बहार आने को फडफडाते थे. कमर पतली थी चुचियों के मुकाबले में करीब 30 की. और पीछे इस हाउसवाइफ की गांड भी 36 की ही थी. पहले पहले जब मैं नया रहने आया तो कम ही बातचीत होती थी हमारी. मेरे कलिग मेरे से पहले यहाँ रहते थे और वो आंटी से अच्छी बातचीत और मस्ती मजाक करते थे. फिर कुछ दिन मुझे बीतें नयना आंटी के घर में तो हमारी भी बातचीत अब होने लगी थी. अक्सर ये हाउसवाइफ गाउन पहन के अपने घर में घुमती थी. और अंदर वो ब्रा नहीं पहनती थी. ऐसे में उसकी क्लीवेज को देखना एक स्वर्गीय अनुभव होता था. ऊपर से जब उसका गाउन पीछे गांड में फंसता था तो उसे देख के भी लंड खड़ा हो जाता था मेरा तो. मन ही मन में मैं नयना आंटी की बॉडी को देख के उसे चोदने की कल्पना करता था. पर तब तक कुछ हुआ नहीं था हम दोनों के बीच में. “Aunty Ki Sukhi Chut”
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“मैं अक्सर आंटी के नाम की ही मुठ मारता था और लंड के ऊपर बाथरूम में साबुन लगाता था और नयना आंटी के चूत को याद कर के हिला लेता था. पानी तो निकल जाता था लेकिन हवस के मिटने का कोई नामोनिशान नहीं था. नयना आंटी भी अक्सर बात बात में कहती थी और हिंट देती थी. उसकी बातों से तो लगता था की वो अपनी सेक्स लाइफ में उतनी हेप्पी नहीं थी. कभी कभी अंकल आंटी के झगड़े भी हम लोग सुनते थे. एक बार आंटी ने मुझे बोला की यार जिग्नेश देखो न मेरे कमरे में जो पीसी हे वो ख़राब हुआ हे. तुम्हारे अंकल को बोल बोल के थक गई पर वो रिपेर नहीं करवाते हे. मैंने कहा आंटी मैं चेक कर दूँ? वो बोली तुझे आती हे रिपेरिंग? मैंने कहा देख लूँ मेरे से हुआ तो कर दूंगा. वो बोली ठीक हे. मैं आंटी के कमरे में उसके पीसी को चेक करने लगा. आंटी ने उस वक्त एक सेक्सी नाइटी पहन रखी थी लाल रंग की. और उस नाइटी के अन्दर वो एकदम सेक्सी लग रही थी.मैं पीसी देख रहा था तब वो मेरे लिए चाय बनाने के लिए चली गई.”
जब वो वापस आई तब तक मैंने उसके पीसी को ओन कर दिया था. मैंने पूछा तो पता चला की बार बार हेंग होता हे. मैंने चेक किया तो उसके अंदर जंक भरा हुआ था. मैंने टेम्प फाइल्स डिलीट की. और क्लीनर इंस्टाल कर के और भी सब फाइल्स को डिलीट किया. फिर रिस्टार्ट किया तो वो ठीक चल रहा था. आंटी की बनाई हुई चाय मैंने ये काम करते हुए पी ली थी. आंटी ने खाली कप उठाये और मैंने कहा, अब आप के पीसी में कुछ भी प्रॉब्लम हो तू मुझे बुला लेना. मेरी नजर उसके ऊपर पड़ी वो झुकी हुई थी और उसके बूब्स के बिच की खाई दिख रही थी. मेरे मुहं में पानी आ गया और मैं अपनी नजर वहां से हटा नहीं सका. उसने भी देखा की मेरी नजर कहा थी! वो कप ले के चली गई और मैं उसकी गांड को मटकते हुए देखने लगा. लंड ने जोर जोर से धडकना चालू कर दिया था! “Aunty Ki Sukhi Chut”
- वो वापस आके मेरे पास बैठी. और मुझे कहा तुम राजकोट के हो?
- मैं कहा हां आंटी, मेरे पापा का वहां फेक्ट्री हे चिप्स के मशीन का.
- वो बोली, तो वहां कोई गर्लफ्रेंड वगेरह हे की नहीं?
आंटी को मेरे पापा की फेक्ट्री में नहीं मेरे लंड में ही इंटरेस्ट था!
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मैंने कहा आंटी अब लडको के पास टाइम ही कहा की गर्लफ्रेंड रख सके. पहले पढाई और अब जॉब. आप देखती ही हो न की संडे के सिवा फुर्सत ही नहीं होती हे मुझे. मैंने मन ही मन खुद को कह रहा था की जिग्नेश आज आंटी को लंड देने का सही मौका हे इसे अपने हाथ से जाने मत देना. आंटी ने हंस के कहा, इसका मतलब अभी तक कोरे ही हो तुम! “Aunty Ki Sukhi Chut”
- मैंने कहा, हाँ आंटी अब क्या करूँ कोई मिले तो सब कमी को पूरा कर लूँ अपनी लाइफ की!
- आंटी ने मेरे और करीब होते हुए कहा, तो तुम्हे कोई पसंद वसंद तो होगी ही ना! मतलब यहाँ या फिर वहाँ!
- मैंने मौका संभालते हुए कहा, यहाँ तो मैं आप को ही पसंद करता हूँ आंटी!
- वो जोर से हंस पड़ी और बोली, भाई मेरी तो शादी को बरसो हो गए, मेरे से क्या मिलेगा तुम को?
- मैंने कहा, जो आप के पास हे वो अच्छी अच्छी लड़कियों में भी नहीं हे.
“वो समझ गई थी की मैं उसके सेक्सी फिगर की बात कर रहा था. वो कुछ नहीं बोली और मैंने अपने हाथ को डरते हुए उसकी कमर के ऊपर रख दिया. वो निचे देख के हंस रही थी. मैंने उसे अपनी तरफ पुल किया और उसके होंठो के ऊपर अपने होंठो को दबा के एक छोटी सी लिप किस कर ली. आंटी एकदम से मेरे से हट गई और बोली, अरे लड़के पहले दरवाजे को तो देख ले, मरवाएगा मुझे तू!”
वाऊ, आंटी को ये टेंशन नहीं थी की मैंने उसकी चुम्मी ली थी पर उसे दरवाजे की टेंशन थी. मैं भाग के दरवाजे को बंद कर के वापस उसके पास आ गया. और अपने होंठो को लगा के चूसने लगा उसके लिप्स को. आंटी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने पूछा, अंकल बड़े लकी हे आप लोगों की सेक्स लाइफ कैसी हे?आंटी बोली, पूछो ही मत, लंड देखे सदियाँ हो गई हे तुम्हारे अंकल का! वो चोदते भी हे तो पच पच पानी निकाल के पेंट पहन लेते हे! अब उनमे वो बात कहा! मैंने कहा, फिर आज मैं अपने लोडे से आप की प्यासी वजाइना की आग को शांत कर देता हूँ.
ये सुनते ही इस सेक्सी हाउसवाइफ ने अपने दोनों हाथ मेरे गले में डाल के मुझे खिंच लिया अपनी आगोश के अदर. मैंने आंटी को एक और किस दिया और फिर उसकी नाईटी को उतार फेंका. आंटी बड़ी ही सेक्सी लग रही थी. अन्दर उसने ब्रा नहीं पहनी थी, निचे सिर्फ एक पेंटी थी. उसके बड़े बूब्स बिखरे पड़े थे और जैसे मुझे कह रहे थे की आजा चूस ले हमें! “Aunty Ki Sukhi Chut”
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“मैं आंटी के बूब्स को मसलते हुए उसके होंठो को चूस रहा था. आंटी ने अपने हाथ मेरे लंड पर रख के दबाया. और फिर उसने मेरी पेंट, शर्ट, चड्डी एक ही मिनिट में उतार डाली. मेरे लंड को देख के वो बोली, गर्लफ्रेंड होती तो खूब मजे करती! मैंने आंटी की पेंटी में हाथ डाला और उसकी पहले से गीली चूत को टच कर लिया. आंटी सिहर उठी और बोली, उतार दे ना! मैंने एक झटके में उसकी पेंटी खोली. आंटी की चूत का दाना एकदम बड़ा था मैंने उसे ऊँगली से हिलाया और फिर उसे ऊपर की और उठा के चूत की फांको को खोला और उसके ऊपर दांतों को लगा के काट लिया. आंटी के बदन में तो जैसे की आग लग गई!!! फिर मैं अपनी जबान को आंटी की चूत के अन्दर घुसा के चाटने लगा. आंटी तो सातवें आसामान के ऊपर चली गई थी!”
फिर आंटी को मैंने अपना लंड मुहं में दिया और हम दोनों ने 69 पोजीशन बना ली. मैं इस सेक्सी हाउसवाइफ की चूत को चाट रहा था जिसमे से भीनी भीनी खुसबू सी आ रही थी. और वो ग्गग्ग्ग ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग कर के मेरे लोडे को सक कर रही थी. पांच मिनिट के अन्दर आंटी ने मेरे लंड का पानी अपने मुहं में ही छुडवा दिया. और वो सब स्पर्मस खा गई और बोली, अह्ह्ह बड़ा मजा आया बहुत दिनो के बाद! मैंने आंटी की चूत में डीप तक जबान को डाला और चूसने लगा. आंटी का बदन अकड गया और उसने भी अपना पानी छोड़ दिया. मैं आंटी के चूत के नमकीन पानी को साफ़ कर गया अपनी जबान से! “Aunty Ki Sukhi Chut”
फिर मैं इस सेक्सी हाउसवाइफ के बूब्स चूसने लगा. आंटी ने मेरे लंड को हाथ में पकड़ के हिलाना चालू कर दिया. दो मिनिट के अन्दर आंटी ने लंड को फिर से रेडी कर दिया. वो लंड को मुठ्ठी में बंद कर के दबाती थी और फिर उसके ऊपर ग्रिप को ढीली कर के हिलाती थी. अब मैंने नयना आंटी को बिस्तर पर लिटा दिया. उसने अपनी मोटी जांघे खोल दी. मैंने आंटी की चूत के ऊपर एक प्यार भरी चुम्मी दे दी और फिर अपने लंड को रख दिया. एक ही धक्का दिया था और मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया! आंटी के मुहं से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह निकल गया और उसने अपनी जांघो को और खोला, लंड आराम से घुस तो गया था लेकिन वो चूत उतनी ढीली नहीं थी जैसे की मैं सोच रहा था. आंटी को धक्के से लंड देने से उसकी चूत दर्द देने लगी थी. “Aunty Ki Sukhi Chut”
मैंने आंटी के बूब्स को पकड लिए और उन्हें दबाने लगा. मैं आंटी के बूब्स बहुत पसंद करता था और जब भी मुठ मारता था तो बूब्स याद करता ही था. और आज जब चूसने को मिले तो मैंने उसके ऊपर ढेर सारे लव बाईटस बना दिए और उन्हें पुरे लाल कर दिए थे. मैं आंटी की चूत के अन्दर धक्को पर धक्के लगाता जा रहा था. आंटी के मुहं से आह्ह्ह्हा ह्ह्ह ईईई अह्ह्ह्हह मर गैईईईइ अह्ह्ह्हह बाप रे ह्ह्ह्हह्ह ईईइ की सिसकियाँ निकल रही थी. और साथ में वो मुझे जोर जोर से चोदने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही थी. आंटी ने अपने दोनों हाथ को मेरे कूल्हों पर रख दिया था. और वो मुझे अपनी तरफ खिंच सा रही थी जिस से मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक घुसे!
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अब मैंने अपने चोदने की स्पीड को एकदम से तेज कर दी थी. आंटी भी अह्ह्ह अह्ह्ह कर के अपनी कमर हिला के लंड को भोग रही थी. कमरे के अंदर पच पच के साउंड गूंज रहे थे, मेरा कसा हुआ लंड आंटी की गीली चूत में घुस के बहार आता था. और फिर एक धक्के में वापस अन्दर चला जाता था. वो एकदम मस्तिया गई थी और मुझे अपनी चूत की सालों की प्यास को बुझाने के लिए कह रही थी. “Aunty Ki Sukhi Chut”
कुछ देर ऐसे मिशनरी पोज में मेरा लंड लेने के बाद आंटी ने कहा मुझे तेरे लंड पर चढ़ना हे जिग्नेश!
मैंने कहा आ जाओ फिर.
“मैंने बिस्तर में लेट गया. आंटी मेरे लंड के ऊपर चढ़ के जैसे घुड़सवारी करने लगी. उसने पीछे हाथ कर के मेरे घुटनों के ऊपर रखे हुए थे. और अपनी छाती को बहार की तरफ कर के अपनी चूत को वो मेरे लंड के ऊपर मार रही थी. और उछल उछल के मेरा लंड ले रही थी अपनी चूत के अंदर!”
इस पोस में आंटी की चूत से दो बार पानी झड़ गया था. और वो थक भी गई थी. तभी मुझे लगा की मेरा पानी निकलने को हे. मैंने कहा आंटी मेरे स्पर्मस निकलेंगे. तो उसने कहा मेरे अन्दर ही निकाल दे मेरे राजा! आंटी की ये बात सुनते ही मैं और भी तनतना उठा और कस कस के उसको चोदने लगा. मैं लगातार दो मिनिट तक अपने लंड के फवारे को आंटी की चूत में मारता रहा. बहुत सारा वीर्य मैंने आंटी की चूत में ही छोड़ दिया था.
फिर आंटी मेरा हाथ पकड़ के मुझे अपने हाथ बाथरूम में ले गई. वहाँ पर भी मैंने उसे चोदा नहाते हुए. बस फिर तो इस सेक्सी हाउसवाइफ को मेरा लंड लेने की लत ही लग गई. जब भी अंकल ना हो और मौका हो तो वो मेरा लंड लेने के लिए आ जाती थी या बुला लेती थी. दो महीने पहले तक मैं पोर में ही आंटी को चोद रहा था. लेकिन फिर मेरा वापस राजकोट में ट्रांसफर हो गया और आंटी की चूत मेरे हाथ से निकल गई. उसने कहा हे की मेरी एक बहन राजकोट के पास रहती हे. और उसने कहा हे की मैं राजकोट के पास आई तो बताउंगी. वो राजकोट के 100 किलोमिटर के व्यास में आई तो मैं उसे चोदने के लिए जरुर जाऊंगा! “Aunty Ki Sukhi Chut”